Trading in the Zone: ट्रेडिंग इन द ज़ोन बुक समरी हिंदी में

यह आर्टिकल प्रसिद्ध स्टॉक मार्केट ट्रेडर और राइटर मार्क डगलस की बुक "ट्रेडिंग इन द ज़ोन" पर आधारित है। इस बुक में trading के सरल तरीकों के बारे में बताया गया है। साथ ही गलत ट्रेड करने से कैसे बचें? Stock market में अपने मन चाहे रिजल्ट के लिए सही एक्शन लेने के तरीके इस बुक में बताये गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं- Trading in the Zone बुक समरी हिंदी में। Trading in the Zone ( Mark Douglas ) book summary in Hindi.

                                                                                
Trading in the Zone Book


अगर आप मार्क डगलस द्वारा लिखित "ट्रेडिंग इन द ज़ोन" बुक को सम्पूर्ण रूप से पढ़ना चाहते हैं तो इस लाल रंग के लिंक पर क्लिक करें। 

इस बुक को लेखक ने कई अध्यायों में लिखा है। अतः मैं इस बुक की समरी भी अध्यायों में बांटकर ही लिखूंगी। 

1. "Trading in the Zone"किताब को लिखने का उद्देश्य 

मार्क डगलस ने "ट्रेडिंग इन द ज़ोन" बुक को निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए लिखा है- 
  1. ट्रेडर यानि आपको यह समझाने के लिए कि ट्रेडर्स का व्यवहार और मेंटल एटीट्यूड trade के रिजल्ट में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
  2. ट्रेडर्स को जीतने यानि प्रॉफिट कमाने का माइंडसेट बनाने के टिप्स देने के लिए। 
  3. ट्रेडर्स को पुरानी सोच और मान्यताओं के बारे में जागरूक करने के लिए, जिससे आप उन तरीकों को बदल सकें। जो आपको ट्रेडिंग में सफल होने से रोक रहे हैं। 

2. लगातार विजेता अलग तरह से सोचते हैं 

Consistent winners think differently अध्याय में Mark Douglas बताते हैं कि सफलतापूर्वक ट्रेडिंग करना भी गेम खलने की तरह है। जिसमें ज्यादातर लोग असफल हो जाते हैं क्योंकि वे उसे बचपन से सीखे हुए तरीकों की तरह खेलने की कोशिश करते हैं। जबकि बदलते समय के साथ stock market trading के तरीके भी बदल रहे हैं। 

अतः आपको भी ट्रेडिंग के अपने तरीके बदलने चाहिए। किसी सेमिनार या स्कूल में सीखे गए trading के तरीके शेयर मार्केट में profit कमाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए पुराने तरीके जो अब काम नहीं कर रहे उन्हें छोड़ने और मार्केट के अनुसार नए प्रॉफिटेबल तरीके अपनाने के लिए आपको तैयार रहना चाहिए। 

सफल ट्रेडर्स ऐसी ही अलग सोच को अपनाते हैं। यानि कि समय के साथ अपनी ट्रेडिंग स्किल में बदलाव करके उसे और बढ़ाते रहते हैं। इसलिए Share market की पूरी कैपिटल का 90% भी वही ट्रेडर्स कमाते हैं। जो अपनी ट्रेडिंग स्किल को लगातार इम्प्रूव करते रहते हैं। ऐसे सफल ट्रेडर्स की सोच और काम करने के उनके तरीके को Trading in the Zone बुक के अगले अध्यायों में बताया गया है। 

3. आपकी सोच ही कारण है 

Your thinking is cause इस अध्याय में  बताया गया है। ज्यादातर ट्रेडर्स नहीं जानते कि उनकी ट्रेडिंग परफॉर्मेंस उनके सोचने के तरीके पर निर्भर करती है। ट्रेडिंग के दौरान अगर आप इमोशनल होकर सोचेंगे। तो आप अचानक से मार्केट के ऊपर या नीचे जाने पर एक्साइटेड होकर stocks को खरीदेंगे या बेचेंगे। जिससे आपको trading में प्रॉफिट कम और लॉस होने की ज्यादा आशंका बनी रहेगी। 

लेकिन अगर आप एनेलेटिकल यानि विश्लेषण करने की सोच रखते हैं। तो आप शेयर के प्राइस पर रिसर्च कर ये जानने की कोशिश करेंगे कि share price के घटने या बढ़ने के क्या कारण हैं? आप यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि कब शेयर प्राइस के बढ़ने या गिरने की संभावना हो सकती है? इस तरह एनालाइज करके आप उन स्टॉक्स में पोजीशन बनाएंगे। जिनमे नुकसान कम और प्रॉफिट ज्यादा होने की संभावना होगी। 

4. डर और अतिआत्मविश्वास 

Fear and Overconfidence अध्याय में Mark Douglas में बताया है कि कभी-कभी traders अपनी ट्रेडिंग जर्नी की शुरुआत में ही या कुछ ट्रैड करने के बाद प्रत्येक trade में नुकसान करने लगते हैं। इसके बाद आपको डर लगने लगता है। आप अपनी पहली profit वाली पोजीशन प्राप्त करने के लिए आप लूसिंग ट्रेड में इन्वेस्ट करने लगते हैं। 

एक पॉइंट पर पहुंचने के बाद आपको पता चलता है कि ना तो आपको प्रॉफिट हो पाया और ना ही आपके लॉस की रिकवरी हुई। इसके बाद आप अपने पूरे नुकसान की भरपाई करने के लिए और प्रॉफिटेबल पोजीशन में आने के उद्देश्य से मार्केट का विश्लेषण करने लगते हैं। चार्ट पैटर्न बुक्स

वहीं दूसरी तरहआपकी ट्रेडिंग जर्नी की शुरुआत में ही या कुछ दिनों बाद लगातर कई ट्रेड्स में प्रॉफिट कमाने के बाद आप ओवरकॉंफिडेंट हो जाते हैं। जिसके कारण आप अपना ट्रेडिंग अमाउंट बढ़ा देते हैं। अथवा ज्यादा रिस्क वाले ट्रेड लेने लगते हैं। आपको ऐसा लगने लगता है कि आज आप जिस डायरेक्शन में ट्रेड कर रहे हैं। मार्केट भी उसी दिशा में मूव हो रहा है। 

सफलता मिलने से आपका आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। Trading in the Zone बुक में इसके बारे में Mark Douglas कहते हैं, यह नेचुरल मानव स्वभाव है। अपनी नेचुरल टेंडेंसी के अनुसार stock trading करना कम प्रॉफिटेबल और ज्यादा रिस्की होता है। आइए जानते हैं, इन नेचुरल टेंडेंसी पर कंट्रोल करके विनर माइंडसेट कैसे बनाया जाय। FII और DII

इसके लिए आपको शेयरों का Fundamental analysis और टेक्निकल एनालिसिस करना आना चाहिए। इससे आप स्टॉक्स के प्राइस भविष्य में कैसे रहेंगे, इसका अनुमान लगा सकते हैं। फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस को सीखकर आपको अपने फाइनेंशियल टार्गेट को हांसिल करने और ट्रेडिंग में बने रहने में मदद मिलेगी। 

टेक्निकल एनालिसिस इस बात पर गौर करता है कि अपके चुने हुए शेयर का अभी बाजार में कैसा परफॉर्मेंस चल रहा है। पिछले कुछ महीनों या वर्षों में इसके प्राइस में कितनी ग्रोथ या गिरावट हुई है। ये तरीका ट्रेडर्स को इस बात पर ध्यान देने में मदद करता है। चुने हुए स्टॉक के पास्ट और प्रजेंट परफॉर्मेंस के हिसाब से अभी इसमें ट्रेड या invest करना ठीक है या नहीं। 

Mark Douglas कहते हैं कि शेयरों का Fundamental analysis और Technical analysis करने का यह तरीका लॉजिकल और अच्छा है। फंडामेंटल एनालिसिस केवल एक नजरिया देता है कि अभी कंपनी की क्या वैल्यू है और आगे चलकर इसकी वैल्यू कितनी हो सकती है?

जबकि टेक्निकल एनालिसिस उपलब्ध डेटा के आधार पर ये जानने में मदद करता है कि कितने रूपये invest करने से कितने रूपये का प्रॉफिट हो सकता है? अतः यह अपने आप में प्रक्टिकल तरीका भी है। Technical analysis फेक्ट पर आधारित होता है। कुछ वर्षों के गैप जैसे 5, 10, 15, 20 वर्ष में मार्केट या stocks करीब-करीब एक जैसा व्यवहार करते हैं।

यानि कि पिछले दस वर्षों में किसी शेयर का प्राइस अपट्रेंड में रहा है। तो उसके प्राइस के अगले दस वर्षों तक या जब तक उसके फंडामेंटल में कोई नेगेटिव बड़ा बदलाव ना हो। तब तक बढ़ने की संभावना रहती है। अतः ऐसे शेयर में निवेश और ट्रेडिंग करना प्रॉफिटेबल और कम जोखिम भरा रहता है। 

5. जोखिम को गले लगाना 

Embracing Risk अध्याय में बताया गया है कि ये बात तो Share market के बारे में सभी जानते हैं। कि Stock trading और investing में रिस्क जुड़ा होता है। इसलिए कोई भी ट्रेड 100% सुरक्षित और प्रॉफिटेबल नहीं होता है। अतः शेयर मार्केट में रिस्क लेने और नुकसान होने पर उसे स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर आप नुकसान को लेने के लिए तैयार रहेंगे तो बिना डरे ट्रेड कर सकेंगे। आप रिस्क को कम से कम पर मेंटेन करके ज्यादा प्रॉफिट की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बनाएंगे। इसके लिए आपको अच्छे traders की आदतों को अपनाना पड़ेगा।  

अच्छे ट्रेडर की आदतें 

Good Trader Habits, अच्छे ट्रेडर्स में निम्नलिखित अच्छी आदतें होनी चाहिए- 
  1. अच्छे ट्रेडर्स पैसे खोने के डर के बिना trade करते हैं।
  2. वे ट्रेडिंग के किसी एक तरीके पर अड़े नहीं रहते हैं। बल्कि उस तरीके को छोड़ देते हैं, जो काम नहीं करता है। अच्छे ट्रेडर्स नए बेहतर तरीके की खोज करते हैं। 
  3. अगर अच्छे ट्रेडर को किसी ट्रेड में नुकसान हो रहा होता है। तो वे उस ट्रेड से लॉस बुक करके, उससे बिना किसी भावात्मक लगाव के बाहर निकल जाते हैं। यानि वे ट्रेड से भावात्मक जुड़ाव के चक्कर में अपना फाइनेंशियल नुकसान नहीं होने देते हैं। 
  4. Mark Douglas कहते हैं की अगर आप risk लेकर trade करने से डरते हैं। इसका मतलब अभी आप ट्रेडर बनने के लिए तैयार नहीं है। जितना आप रिस्क लेकर ट्रेड करने से बचने की कोशिश करेंगे। उतना ही आप profitable ट्रेड से दूर रहेंगे। क्योंकि प्रॉफिटेबल इन्वेस्टमेंट में भी रिस्क होता है। अतः Stock market में रिस्क लेने से डरना नहीं चाहिए। बल्कि रिस्क को कम करके प्रॉफिट को बढ़ने के तरीके सीखनें चाहियें। 
  5. इसके लिए स्टॉक मार्केट का ठीक से विश्लेषण करना चाहिए। इस समय आपके पास दो ऑप्शन होते हैं-
  6. पहला मार्केट वेरिएबल्स; जितना हो सके market variables को सीखकर रिस्क को कम से कम रखने की कोशिश करें। मार्केट वेरिएबल्स वे फेक्टर्स होते हैं, जिनसे पता चलता है कि कोई ट्रेड कैसा परफॉर्म कर रहा है और आगे कैसा करने वाला है। इसके लिए आपको उस stock की मार्केट वैल्यू, डिमांड और सप्लाई, P/E रेश्यो, कंपनी सेल्स, कंपनी प्रॉफिट, लोन और रिजर्व अमाउंट आदि के बारे में जानकारी करनी चाहिए। इसका मतलब आपको कंपनी के फंडामेंटल भी देखने चाहिए। 
  7. दूसरा ऑप्शन: अपना ट्रैड प्लान ऐसे बनायें, जिसमें जीतने के साथ हारने की आशंका भी शामिल हो। उदाहरणस्वरूप मार्केट रिसर्च से आपको पता चलता है कि एक ट्रेड में दस बार इन्वेस्ट करने से कम से कम एक बार प्रॉफिट जरूर होता है। तो अपने पैसों को दस बार इन्वेस्ट करने के लिए ऐसे प्लान करें कि आप नौ बार के नुकसान को झेल सकें। और एक बार के प्रॉफिट में ही उस लॉस को कवर करते हुए प्रॉफिट भी कमा सकें।  
  8. इस तरह का trading माइंडसेट बनाने से आप मार्केट अनसर्टेनिटी ( अचानक मार्केट का चढ़ना या गिरना ) का सामना करने में सक्षम हो जायेंगे। यानि आप वोलेटिलिटी को मैनेज करने में पारंगत हो जाते हैं। इस तरह आपके लिए ट्रेडिंग करना आसान होने लगेगा। 

6. स्वतंत्रता बनाम नियम 

Freedom vs Rules अध्याय में "Trading in the Zone" बुक में लेखक ने बताया है। ट्रेडिंग हममें से कई लोगों को आकर्षित करती है क्योंकि यह हमें अपने समय पर अपनी मर्जी के काम करने की आज़ादी देती है। आप जो भी करते हैं, उस पर आपका पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन इसमें चुनौती यह है कि आपके व्यवहार को जाँचने के कोई नियम या सीमाएं नहीं हैं। 

जिससे गलत ट्रेड लेने की आशंका बनी रहती है। इसलिए शांत दिमाग के साथ trede करना और अपने ऊपर कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। ताकि आप अपने नियम बनाकर उन्हें अपने ट्रेडिंग प्लान में लागू कर सकें। अपने व्यवहार पर कंट्रोल करने के लिए आपको सबसे पहले अपने दिमाग में चल रहे विचारों को कंट्रोल करें। 

इसके लिए नियम बनाये। जिससे आप अपने विचारों और व्यवहार को कामयाबी की दिशा में मोड़ सकें। इससे आपको ट्रेडिंग करने के लिए साफ दृश्टिकोण मिलेगा और आपके अंदर से डर की भावना धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी। साथ ही आपका अपने ऊपर कंट्रोल बढ़ेगा। अपने आप पर नजर रखने से जब आप ज्यादा प्रॉफिट कमाएंगे। तो आप लापरवाह होकर ट्रेड लेने से बचेंगे। इस तरह आप market पर ज्यादा ध्यान देने के बजाय एक trader की तरह सोचेंगे। 

Mark Douglas ने Trading in the Zone बुक में बताया है कि अगर आप अपने लिए नियम नहीं बनायेगे तो आपको ट्रेडिंग में निम्नलिखित प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं- 
  1. नियम बनाने की इच्छा खत्म हो जाना: इससे आप यह नहीं जान पाएंगे कि trading के अपने मनचाहे रिजल्ट को पाने के लिए किस काम में कितनी मेहनत और फोकस की जरूरत है। ट्रेडिंग में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए आप जरूरी स्किल्स नहीं जान पाएंगे और सीख पाएंगे। जिससे छोटी सी असफलता से ही नेगेटिविटी आपके अंदर घर कर सकती है। 
  2. जिम्मेदारी लेने में फेल होना: यदि आप किसी और की बताई ट्रेडिंग टिप्स के आधार पर ट्रेड लेंगे। जो हो सकता है कि उनके हिसाब से ठीक हों लेकिन आपको उसकी सही जानकारी ना होने की वजह से प्रॉफिट ना हो पाए। 
  3. रेंडम रिवॉर्ड की लत: बिना नियम और प्लानिंग के ट्रेडिंग करने से ऐसी आशंका रहेगी। कि आप कोई भी ट्रेडिंग बना लेंगे। जिसमे आपको शायद कभी-कभी ही profit हो लेकिन ज्यादातर लॉस ही सहना पड़े। इसके अलावा long-term में ये तरीका किसी काम का नहीं है। जब तक आपको Share market की समझ ही नहीं होगी। तब तक आप एक निश्चित प्रॉफिट कैसे कमा पाएंगे। इसलिए अगर आप ट्रेडिंग में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं या लम्बे समय तक मार्केट से प्रॉफिट कमाना चाहते हैं। तो तुक्के से ट्रेड ना चुनें, बल्कि ट्रेड प्लानिंग करके ट्रेडिंग करें।
  4. अंदरूनी और बाहरी कंट्रोल नहीं होगा: बिना नियम बनाये आप मार्केट के अनुसार इधर से उधर भटकते रहेंगे। ट्रेडिंग नियम बनाकर उन्हें लगातार फॉलो करने से आपके अंदर सेल्फ कंट्रोल की आदत बन जाएगी। आप अन्य लोगों की बातों को सुनने और मानने की बजाय केवल उन्हीं लोगों की बातों को प्राथमिकता देंगे ,जिनसे आपके ट्रेडिंग परिणाम बेहतर होने में मदद मिल सकती है। आप अपने दिमाग को इस तरह कंट्रोल कर सकेंगे कि इसमें ट्रेडिंग के लिए ज्यादा फायदेमंद विचार आएं। 

7. जिम्मेदारी उठाना 

Taking responsibility इस अध्याय में लेखक ने विनर और लूज़र ट्रेडर के बीच का अंतर् बताते हैं। और कहते हैं कि stock market traders चार प्रकार के होते हैं-
  1. WINNER TRADES  ( विनर ट्रेडर्स )
  2. LOOSER TRADERS ( लूज़र ट्रेडर्स )
  3. BOOMER TRADERS बूमर ट्रेडर्स )
  4. BUSTER TRADERS ( बस्टर ट्रेडर्स )
ट्रेडर के चारों प्रकार के बारे में विस्तार से जानते हैं-
  1. विनर ट्रेडर: 10% traders इस कैटेगरी में आते हैं, जो लोग ज्यादातर समय प्रॉफिट कमाते हैं। उनका इक्विटी का ग्राफ मामूली सी गिरावट के बाद तेजी से बढ़ता है। Winner traders बात का ध्यान रखते हैं कि ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाएं? यानि Stock market से कम से कम नुकसान में ज्यादा से ज्यादा पैसे कैसे कमाएं? 
  2. लूसर ट्रेडर: इस कैटेगरी में ट्रेडर्स ग्रुप के 30-40% ट्रेडर्स आते हैं। ये कभी-कभी तो विनर ट्रेडर्स की तरह प्रॉफिट कमा लेते हैं लेकिन ज्यादातर समय ये नुकसान में ही रहते हैं। ये सीखने और मार्केट एनालाइज करने के बजाय अपने अनुमान या किसी और की दी हुई टिप्स के आधार पर ट्रेडिंग करते हैं। 
  3. बूमर & बस्टर ट्रेडर्स: ट्रेडर्स कम्युनिटी के 40-50% लोग इस तरह के होते हैं। ये पैसा कमाना तो सीख जाते हैं लेकिन ट्रेडिंग के लिए जरूरी स्किल्स नहीं सीखते। इसलिए ये एक बार तो profit कमा लेते हैं लेकिन ये long-term में लॉस की करते हैं। 

8. स्थिरता मन की एक अवस्था 

Cnsistency A State of Mind विनर ट्रेडर बनने के लिए आपको लगातार सही कामों को करते रहना चाहिए। Trading को एक खेल की तरह देखें और उसके साथ एक खिलाड़ी की तरह बिहेवियर करें। ट्रेडिंग को अपने लिए आसान बनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों को अपनाएँ- 
  1. Stock market trading में उन टेक्नीकल्स को यूज करें जिनके साथ आप कम्फर्टेबल महसूस करते हों। 
  2. ट्रेडिंग के प्रति अपने विश्वास और नजरिये को पॉजिटिव बनाये रखें ताकि सही अवसरों को देखकर आप उनका फायदा उठा सकें। 
  3. शेयर मार्केट में रिस्क लेना सीखें, इसके बारे में एक प्रसिद्ध कहावत भी है कि "रिस्क है तो इश्क है" Trading in the Zone बुक में लेखक कहते हैं, Risk लेने का मतलब यह नहीं है कि आप किसी रिस्की trade में इन्वेस्ट करें। बल्कि अपने ट्रेड के रिजल्ट को बिना डरे और बिना इमोशन के अपनाना सीखें। ट्रेड के दौरान गलत ट्रेड को चुनने, नुकसान होने और ट्रेडिंग का अच्छा अवसर चुक जाने के बावजूद मानसिक रूप से खेल में बने रहने के लिए तैयार रहें। 

9. ट्रेडर्स की विशेषता-भावनात्मक जोखिम को खत्म करना

The Trader's edge- Eliminating the Emotional risk इस अध्याय में Mark Douglas ने बताया है। ट्रेडिंग के इमोशनल रिस्क को खत्म करने के लिए अपने आपको मार्केट वोलेटिलिटी के लिए पहले से तैयार रखें। ऐसा आप एक मार्केट बिहेवियर के के नजरिये से सोचकर कर सकते हैं। हमेशा याद रखें कि मार्केट हमेशा संभावनाओं के अनुसार चलती है। इसलिए संभावित मानसिकता को अपनाना बेहद जरूरी है। अतः निम्नलिखित तीन सच्चाईयों को ट्रेड करने से पहले मान लें- 
  1. Stock market में कभी भी कुछ भी हो सकता है। 
  2. पैसे कमाने के लिए आपको इस पल मार्केट में जो कुछ हो रहा है उस पर ध्यान देने की जरूरत है। ये देखने की जरूरत नहीं नहीं है कि आगे क्या होने वाला है। 
  3. आपको पता होना चाहिए कि मार्केट की हर मूवमेंट यूनिक है। 

10. अपने विश्वासों के साथ काम करना 

Working with Your Beliefs, इस अध्याय में लेखक ने अपने विश्वास के साथ trading करने के तरीके सिखाते हैं। ताकि आप मजबूत विश्वास के साथ काम कर सकें। इसलिए निम्नलिखित बातों के बारे में आपको क्लियर रहना चाहिए- 
  • आपका ट्रेडिंग करने का उद्देश्य क्या है? ट्रेड शुरू करने से पहले उसमें अपना target price सेट कर लें। यानि ये डिसाइड कर लें कि कितने प्रॉफिट पर आप इसे बेच देंगे? इसी तरह ट्रेडिंग से सम्बन्धित हर स्किल स्टॉक खरीदना, बेचना, स्टॉप-लॉस लगाना आदि आपको आना चाहिए। ट्रेडिंग सीखने का अपना उद्देश्य डिसाइड कर लें कि आप इसे क्यूँ सीखना चाहते हैं? इससे आपको स्किल सीखने में मजा भी आएगा और आप जल्दी से जल्दी सीखकर उसे अपने काम में अपना भी पाएंगे। 
  • स्किल्स क्या हैं? अपने आप को जांचें और पता लगाएं कि अभी आपको trading से सम्बन्धित कौन-कौन सी स्किल आती हैं। और कौन से स्किल आपको सीखने की जरूरत है? आपको अपने प्राइमरी लक्ष्य को पूरा करने में सहायक स्किल को पहले सीखना चाहिए। उसके बाद कम महत्वपूर्ण स्किल को सीखना चाहिए। इसे लगातार करते रहें, ऐसा करने से आप चिंतामुक्त रहेंगे। 
  • चिंतामुक्त माइंडसेट क्या है? चिंतामुक्त का मतलब है, आत्मविश्वास जब आप चिंतामुक्त होते हैं। तब आप किसी भी प्रकार के डर या हिचकिचाहट को महसूस नहीं करते क्योंकि आप अपने आपको market को समझनें के काबिल बना रहे होते हैं। इसलिए आपको मार्केट की वोलेटिलिटी का डर नहीं होता है। आप सीख जाते हैं कि गिरती और चढ़ती मार्केट में आप पैसा कैसे कमा सकते हैं?
  • ऑब्जेक्टिविटी क्या है? ऑब्जेक्टिविटी वह मानसिक स्थिती है, जिसमें आप मार्केट मूवमेंट के बारे में जो भी सीख रहे होते हैं। उसे जानते हैं, सरल शब्दों में कहें तो आप एक ओपन माइंडेड व्यक्ति बनने लगते हैं।
  • अपने आपको उपस्थित रखने का क्या मतलब है? इसका मतलब है कि आप बिना किसी उद्देश्य के मार्केट में चले गए। आपके मन में ये क्लियर नहीं है कि कौन सा ट्रेड खरीदना है या शार्ट-सेल करना है? आप बिना किसी विश्लेषण के जो भी आपको मार्केट में मिल जाये। उस ट्रेड में अपना पैसा इन्वेस्ट कर रहे हैं।

कैसे फंडामेंटल सच्चाईययों का ट्रेडिंग स्किल से जुड़ाव 

शेयर मार्किट में एक अनजान फ़ोर्स काम करती है, जिसे डिमांड और सप्लाई के नाम से जाना जाता है। इसलिए market में कभी भी कुछ भी हो सकता है। अतः आपको काफी विश्लेषण करके ट्रेड लेंना चाहिए। लेकिन डिमांड और सप्लाई की वजह से शेयर प्राइस की मूवमेंट किधर भी हो सकती है। आपको आपको किसी भी स्थिती के लिए मानसिक रूप से तैयार रखना चाहिए। स्ट्रैडल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी

पैसे कमाने के लिए आपको ट्रेडिंग के दौरान शेयर के प्राइस movement पर ध्यान देना चाहिए। आपको ये देखने की जरूरत नहीं कि आगे क्या होने वाला है? इसका मतलब ये है कि आप अपने सभी ट्रेडस में से किस ट्रेड में ज्यादा पैसा कमाएंगे? और किस ट्रेड में आपके पैसे डूब सकते हैं? क्योंकि मार्केट निश्चितता यानि आगे क्या होने वाला है, इस पर नहीं बल्कि संभावनाओं पर यानि अपने पिछले अनुभव से चलता है। 

आप ये अनुमान जरूर लगा सकते हैं कि आप 20 में से 12 ट्रेड में प्रॉफिट करेंगे और आठ में नुकसान उठा सकते हैं। ये नहीं कि इन 20 ट्रेड में से किस नंबर के ट्रेड में profit करेंगे और किस में loss होगा। ये मार्केट की संभावना पर निर्भर करता है, जब आप यह विश्वास कर लेते हैं कि stock trading संभावनाओं का खेल है। कभी  सही तो कभी गलत ट्रेड चुनने का, कभी जीत तो कभी हार का खेल है। तभी आप समझ सकेंगे कि इसमें उतार-चढ़ाव होता ही रहता है। इस तरह आपकी उम्मीदें हमेशा संभावनाओं से जुडी रहेंगी। 

Share market की हर मूवमेंट यूनिक होती है। Trading in the Zone बुक में लेखक ने बताया है कि आप एक पल के लिए रुकें और सोचें कि यूनिक का क्या मतलब है? यूनिक का मतलब होता है "सबसे अलग" जैसा ना अभी कोई है और ना पहले कभी कोई हुआ। इसी तरह शेयर मार्केट की प्रत्येक मूवमेंट भी यूनिक होती है। 

11. विश्वासों की प्रकृति

The nature of beliefs, इस अध्याय में Mark Douglas ने बताया है। जैसा कि आप जानते हैं विश्वास हमें उसके अनुसार एक्शन लेने के लिए प्रेरित करते हैं। और एक्शन लेने से रिजल्ट मिलते हैं इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि विश्वास बनते कैसे हैं और बदलते कैसे हैं? ताकि आपको इसके बारे में क्लेरिटी मिल सके कि trade के बारे में आप विश्वास कैसे करें? हेजिंग

विश्वास बनते कैसे और बदलते हैं?
  • विश्वास कैसे बनते हैं? वो यादें जिन्हे हम बार-बार याद करते हैं।और वो घटनाएं जिन्हें हम ज्यादा महत्व देते हैं, उनसे विश्वास बनते हैं। 
  • विश्वास बनने के कारण और प्रभाव: जिन विचारों को आप ठीक मानते हैं और लम्बे समय तक ठीक मानते रहते हैं। वो विश्वास बन जाते हैं। 
  • विश्वास कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं? विचार हमारा नजरिया बनाते हैं, ट्रेडिंग के बारे में आप जैसा विश्वास करते हैं। उसे सच बनाने के लिए कोशिश करते हैं। 
  • विचार ही हमारी उम्मीदें बनाते हैं। आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि विश्वास, उम्मीद का वो रूप है। जो आपके वर्तमान और भविष्य बनाने में भूमिका निभाते हैं। 
  • जो काम करने के बारे में आप सोचते हैं और कह रहे होते हैं। वो हमारे पिछले विश्वास से प्रेरित हो रहे होते हैं। ऑप्शंस ट्रेडिंग के अच्छे स्टॉक्स
  • आखिर में हमारे विचार ही निर्धारित करते हैं कि ट्रेडिंग के रिजल्ट के बारे में हम कैसे सोचें? आप अपने मन चाहे रिजल्ट को पाने में जितना मजबूती से विश्वास करेंगे। उसके  बारे में उतना ही पॉजिटिव रहेंगे। 

विश्वास का ट्रेडिंग पर प्रभाव 

विश्वास की ट्रेडिंग की फंडामेंटल सच्चाइयों के साथ इस्तेमाल करने के लिए इन दो कन्सेप्टों को समझना चाहिए-
  1. सभी सक्रिय विश्वास सच होने की डिमांड करते हैं। आप अपने विश्वास के बारे में जितना ज्यादा सोचेंगे। Trading में उसके रियल बनने की संभावना उतनी ही ज्यादा बन जाएगी। 
  2. विश्वास काम करते रहते हैं बिना इस बात का ध्यान रखे कि आप उस बारे में जागरूक हैं या नहीं। क्या आपने ध्यान दिया है? आपने पिछले trade में कैसा परफॉर्मेंस किया। इसका काफी सम्बन्ध उस ट्रेड के बारे में आपके पिछले विश्वासों से था। इसी तरह विश्वास हमेशा काम करते रहते हैं। चाहे आप उन पर ध्यान दें अथवा नहीं। वॉरेन बफेट के इन्वेस्टिंग नियम
संक्षेप में: आपकी सोच हर काम की वजह होती है इसलिए व्यवहारिक होकर मार्केट को एनालाइज करें। मार्केट में कभी अतिआत्मविश्वासी ना बनें। ट्रेडिंग करते समय अपने अनुसार नियम बनायें और उनका पालन भी जरूर करें। Trading Position बनाने से पहले, उसका टार्गेट प्राइस तय करें। अच्छा ट्रेडर बनने के लिए अपनी ट्रेडिंग स्किल को डवलप करें। 

उम्मीद है, आपको ट्रेडिंग इन द ज़ोन ( Trading in the Zone ) बुक समरी हिंदी में आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा। अगर आपको यह Trading in the Zone ( Mark Douglas ) book summary in Hindi. आर्टिकल पसंद आया हो तो। इसे  दोस्तों  दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए इस साइट को जरूर सब्स्क्राइब करें। इस आर्टिकल के सम्बन्ध में आपके कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। आप मुझे फेसबुक पर भी फॉलो कर सकते हैं।


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