एक अच्छा शेयर ट्रेडिंग प्लान (Trading Plan) कैसे बनायें?
शेयर ट्रेडिंग करने से पहले एक ट्रेडिंग प्लान अवश्य बनाना चहिये क्योंकि इससे लॉस से बचा जा सकता है। ट्रेडिंग प्लान में ऐसे नियम होते हैं जो ट्रेडर को गाइड करते हैं। जब ट्रेडर प्राइस मूवमेंट, चार्ट पैटर्न, सपोर्ट एंड रेसिस्टेन्स, टेक्निकल इंडिकेटर आदि के आधार पर ट्रेड लेता है। तब trading plan ट्रेडर का मार्गदर्शन करता है, प्लान में ये भी शामिल करना चाहिए कि कब ट्रेड लेना है और कब ट्रेड से कब बाहर आना है? जानते हैं- एक अच्छा शेयर ट्रेडिंग प्लान कैसे बनायें? What is a good trading plan in Hindi
ट्रेडिंग प्लान क्या है?
आपको अपना प्लानर खुद बनना चाहिए साथ ही किसी की भी ट्रेडिंग एडवाइस का अंधनुकरण नहीं करना चाहिए। किसी दूसरे व्यक्ति का अंधानुकरण इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि वह आपको अपने तरीके से बताएगा। यह कोई जरूरी नहीं है कि उसका तरीका आपके ऊपर भी फिट बैठे। Risk management rules
सभी की परिस्थितिया अलग-अलग होती हैं, सभी का शेयर मार्केट का अनुभव और रिश्क उठाने की क्षमता अलग-अलग होती है। ज्यादातर लोगों का स्टॉक्स पर व्यू भी अलग-अलग होता है। इसलिए यह जरूरी नहीं है कि एक का ट्रेडिंग करने का तरीका दूसरे के लिए भी सही काम करे। आपको लिटिल पिग्गी नहीं बनना है, आपको एक सफल ट्रेडर बनना है। सफल ट्रेडर बनने के लिए एक रॉक सॉलिड ट्रेडिंग प्लान की आवश्यकता होगी।
ट्रेडिंग प्लान और ट्रेडिंग सिस्टम में निम्नलिखित अंतर हैं।-
ट्रेडिंग सिस्टम (Trading system)
ट्रेडिंग सिस्टम एक प्रणाली है, जो ट्रेड लेना और उससे बाहर निकलना बताता है। यह ट्रेडिंग प्लान का ही एक पार्ट है। ट्रेडिंग प्लान के और भी महत्वपूर्ण भाग हैं जैसे एनालिसिस, executions रिश्क मैनेजमेंट आदि। मार्केट की स्थितियां हमेशा बदलती रहती हैं। एक अच्छा ट्रेडर वह होता है जो अपने trading plan में दो या दो से ज्यादा ट्रेडिंग सिस्टम रखता है। ट्रेडिंग सिस्टम नियमों का एक सेट होता है, जो उसमे दर्ज रूल्स के हिसाब से भावना रहित buy और sell के सिग्नल देता है।
ट्रेडिंग प्लान (Trading Plan)
ट्रेडिंग प्लान में यह बताया जाता है कि क्या किया जाना चाहिए, कब और कैसे किया जाना चाहिए? प्लान प्लान में आपकी ट्रेडर के रूप में व्यक्तिगत एक्सपेक्टेशन को भी शामिल किया जाना चाहिए। इसमें रिश्क मैनेजमेंट और मनी मैनेजमेंट के साथ ही ट्रेडिंग सिस्टम भी होना चाहिए। Stop Loss यदि आप ट्रडिंग प्लान फॉलो करोगे तो इससे आप कम से कम गलतियाँ करोगे, जिससे लॉस भी कम होगा।
यदि आपका ट्रेडिंग प्लान फेल हो जाता है तो इसका मतलब आपका प्लान ही गलत है। ट्रेडिंग प्लान आपको heat movement में गलत निर्णय लेने से बचता है। यानि भावनाओ पर नियंत्रण करना सिखाता है। ट्रेडिंग प्लान ट्रेड लेना और ट्रेड से बाहर होना भी सिखाता है, ट्रेडिंग सिस्टम भी trading plan का ही एक भाग है। Opening and closing time of stock market ये सिग्नल ज्यादातर टेक्निकल इंडिगेटर और उनके कॉम्बिनेशन के द्वारा जेनरेट किये जाते हैं।
Trading Plan की आवश्यकता क्यों होती है?
ट्रेडिंग प्लान शेयर ट्रेडिंग को सरल बनता है, यदि आप ट्रेडिंग प्लान के बिना ट्रेडिंग करते हैं। तो आपके नुकसान उठाने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ट्रेडिंग प्लान को फॉलो करके आप लगातार प्रॉफिट कमा सकते हैं। शुरुआत में यदि आप ट्रडिंग में सफल नहीं होते हैं। तो इसका मतलब आपके ट्रेडिंग प्लान में समस्या है या आप अपने trading plan को सख्ती से फॉलो नहीं कर रहे हैं।
यदि आप बिना प्लान के ट्रेडिंग करोगे तो आपको सही और गलत का पता भी नहीं चलेगा। आप यह भी नहीं समझ पाओगे कि नुकसान को कैसे रोकें। make money from money एक ट्रेडिंग प्लान आपको सफलता भले न दिलाये लेकिन यह आपकी लम्बे समय तक मार्केट में बने रहने में मदद जरूर कर सकता है।
यदि आपके ट्रेडिंग प्लान में गलतियाँ हैं, तो आपको ट्रेडिंग में सफलता जल्दी नहीं मिलेगी। आपको ट्रेडिंग से लगातार प्रॉफिट कमाने के लिए अपने चार्ट और प्लान में बदलाव करना पड़ेगा। Trading plan को लिखकर आप सीख सकते हैं कि यह कैसे काम करता है। आप ट्रेडिंग के दौरान होने वाली ऐसी गलतियों से कैसे बच सकते हैं। जिनकी वजह से बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है।
आपदा से बचाव
ट्रेडिंग एक बिजनेस है, इसलिए यदि आपको इसमें सफल होना है। तो इसे बिजनेस की तरह ही मानना होगा, आपको इसके लिए एक गंभीर प्लान बनना चाहिए। कोई भी दो ट्रेडर एक जैसे नहीं होते हैं, इसी तरह दो ट्रेडिंग प्लान भी एक जैसे नहीं होते हैं। आर्थिक स्थिति अलग होने के कारण, प्रत्येक ट्रेडर की मार्केट में जोखिम उठाने की क्षमता भी अलग-अलग होती है। प्रत्येक ट्रेडर का मार्केट को लेकर अलग दृष्टिकोण होता है। एक अच्छा ट्रेडिंग प्लान बनाने के निम्नलिखित तरीके बताये गए हैं।
मानसिक तैयारी
क्या आप ट्रेडिंग के दौरान आने वाली परेशानियों को झेलने के लिए तैयार हैं। यदि आप Stock market के उतार-चढ़ाव (Volatility) को मानसिक और भावात्मक रूप से तैयार नहीं हैं। कुछ दिन और इंतजार करें, अगर आप व्यस्त हैं, गुस्से में हैं या आपका ध्यान किसी और काम में ज्यादा है। तो आपको नुकसान हो सकता है। एल्गो ट्रेडिंग ऐसी स्थिति में आपको ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। बहुत से ट्रेडर ट्रेडिंग करने से पहले बहुत सोच विचार करते हैं। आपका ट्रेडिंग जोन में डिस्ट्रक्शंस नहीं होने चाहिए क्योंकि यह एक बिजनेस है। इसमें डिस्ट्रक्शंस महगें पड़ सकते हैं।
अपने ट्रेडिंग कौशल का मूल्याँकन
क्या आप मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए तैयार हैं, क्या आपने पेपर ट्रेडिंग करके अपने ट्रेडिंग सिस्टम का परीक्षण किया है। क्या आपको विश्वास है कि आपका ट्रेडिंग सिस्टम लाइव मार्केट में काम करेगा। क्या आप अपने ट्रेडिंग सिस्टम के सिग्नल का सख्ती से पालन कर सकते हैं? शेयर मार्केट ट्रेडिंग give & take की लड़ाई है, प्रोफेशनल ट्रेडर रिटेल से ही मुनाफा कमाते हैं। ट्रेडिंग प्लान के अभाव में होने वाली गलतियां बहुत महंगी पड़ती हैं।
रिश्क लेवल पहले निर्धारित कर लें
एक शेयर ट्रेडर अपने पोर्टफोलियो का कितने प्रतिशत रिस्क उठा सकता है। यह उसके ट्रेडिंग स्टाइल और रिस्क उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है। सभी की जोखिम उठाने की क्षमता अलग-अलग हो सकती है। ऑप्शन ट्रेडिंग आपको अपने पोर्टफोलियो का 1-5 प्रतिशत से ज्यादा का रिश्क नहीं उठाना चाहिए।
यदि आपको ट्रेडिंग के दौरान नुकसान हो जाता है तो उस दिन के लिए आपको मार्केट से बाहर हो जाना चाहिए। यानि उस दिन के लिए ट्रेडिंग से ब्रेक लेना चाहिए। अगर कोई और दिक्क्त नहीं आ रही है तो दूसरे दिन फिर से कोशिश करनी चाहिए।
लक्ष्य निर्धारित करें
एक अच्छे trading plan में आपको ट्रेड लेने से पहले अपना टार्गेट और स्टॉपलॉस (Risk) यानि रिस्क/रिवार्ड रेश्यो निर्धारित कर लेना चाहिए। आपका टार्गेट यथार्तवादी होना चाहिए। बहुत से ट्रेडर जब तक ट्रेड नहीं लेते, जब तक उनका प्रॉफिट रिस्क के तीन गुना तक नहीं बैठता है। जैसे आपका स्टॉपलॉस एक रूपये है तो आपका टार्गेट (रिस्क) तीन रूपये होना चाहिए। एसजीएक्स निफ़्टी
आपको अपने प्रॉफिट/लॉस का साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक मूल्यांकन करना चाहिए। शेयर मार्केट खुलने से पहले हमेशा अपना होमवर्क करें। साथ ही मार्केट खुलने से पहले दुनिया भर की महत्वपूर्ण खबरों को भी देख लेना चाहिए। जैसे डॉव जोंस, नैस्डेक, SGX NIFTY आदि। मार्केट खुलने से पहले इंडेक्स फ्यूचर्स मार्केट के मूड को भांपने का अच्छा माध्यम है क्योंकि फ्यूचर्स कॉट्रेक्ट में दिन-रात कारोबार होता है।
यदि कोई आर्थिक, ब्याज दर या अर्निग्स आदि के आंकड़े आने वाले हो तो उन पर भी नजर बनाये रखें। इस दौरान मार्केट बहुत वोलेटाइल रहता है।अतः ट्रेड लेने से पहले ही तय करें कि आंकड़े आने से पहले आप ट्रेड करना पसंद करेंगे या नहीं। ज्यादातर ट्रडर्स आंकड़े जारी होने का इंतजार करते हैं क्योंकि वे अनावश्यक जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। डॉव थ्योरी महत्वपूर्ण आंकड़े आने से पहले ट्रेड रना एक तरह से जुआ खेलना ही है।
ट्रेड की तैयारी
आपका चाहे कोई भी trading plan हो आप कोई भी ट्रेडिंग सिस्टम यूज़ करते हो, अपने चार्ट पर भी मेजर और हल्की सपोर्ट एंड रेसिस्टेन्स लाइन मार्क करके रखते हैं। फिर भी आपको एंट्री और एग्जिट सिग्नल का अलर्ट लगाना चाहिए। सभी सिग्नल आसानी से दिखने वाले और सुनने वाले होने चाहिए।
ट्रेड से एग्जिट होने के नियम
ज्यादातर ट्रेडर अपना ध्यान ट्रेडिंग के लिए buy सिग्नल खोजने में लगाते हैं। लेकिन ट्रेड से कब और किस प्राइस बाहर होना है इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। अतः उनके ट्रेड में फंसने के चांस ज्यादा होते हैं और ज्यादातर ट्रेडर के एंट्री लेवल से नीचे जाने पर उससे एग्जिट नहीं हो पाते हैं। क्योंकि वे नुकसान नहीं उठना चाहते हैं, Price Action आपको नुकसान स्वीकार करना भी सीखना चाहिए।
यदि आपका स्टॉपलॉस हिट हो जाता है तो आपको यह मनना चाहिए कि आपने गलत ट्रेड लिया था। इसे आपको पर्सनली नहीं लेना चाहिए क्योंकि प्रोफेसनल ट्रेडर जितने विनिंग ट्रेड लेते हैं। उससे ज्यादा उनके स्टॉपलॉस हिट होते हैं। लेकिन वह मनी मैनेजमेंट करते हैं और अपने लॉस को भी लिमिट में रखते हैं। ऐसे ट्रेडर हमेशा लाभ में रहते हैं।
किसी भी ट्रेड में एंटर करने से पहले ही एग्जिट प्लान कर लेना चाहिए। किसी भी ट्रेड से निकलने के दो संभावित पॉइंट होने चाहिए। पहला एग्जिट पॉइंट आपका स्टॉपलॉस होना चाहिए और दूसरा एग्जिट पॉइंट आपक टार्गेट होना चाइये। यानि आप उस ट्रेड से जितना प्रॉफिट चाहते हैं वह होना चाहिए। जब आपका ट्रेड अपने टार्गेट को एचीव कर ले तब आपको हिस्सा बेचकर उस ट्रेड से बाहर हो जाना चाहिए। आप चाहें तो ट्रेलिंग स्टॉपलॉस का भी पालन कर सकते हैं।
ट्रेड (position बनाने) लेने के नियम बनायें
यह नियम ट्रेड से बाहर निकलने के नियम के बाद आता है क्योंकि ट्रेड लेने से ज्यादा महत्वपूर्ण है ट्रेड से प्रॉफिट लेकर बाहर आना। ट्रेड में एंट्री लेने का सबसे अच्छा नियम है, जिसमें एक प्रतिशत जोखिम और तीन प्रतिशत प्रॉफिट हो। स्टॉक चार्ट को कैसे समझें? आपका trading plan कठिन और प्रभावी होना चाहिए। साथ ही फटाफट निर्णय लेने के लिए सरल भी होना चाहिए।
कम्प्यूटर लोगों की तुलना में अच्छे ट्रेड बनाते हैं क्योंकि उसमें भावनाएँ नहीं होती हैं। जब ट्रेड की शर्तें पूरी होती हैं, तब कम्प्यूटर ट्रेड लेता है। जब प्राइस, टार्गेट अथवा स्टॉपलॉस को छूता है, तब कम्प्यूटर ट्रेड से बाहर हो जाते हैं। ऐसे इसे अल्गो ट्रेडिंग कहते हैं।
अपनी ट्रेडिंग का रिकॉर्ड रखें (Trading Journal)
अनुभवी और सफल ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग का रिकॉर्ड भी रखते हैं। जिसे ट्रेडिंग जर्नल कहते हैं, जब वे सफल ट्रेड करते हैं तो वह जानना चाहते हैं कि इस ट्रेड में क्यों और कैसे सफल हुए। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस ट्रेड में उन्हें नुकसान होता है, वे उसका भी विश्लेषण करके यह जानना चाहते हैं। do not exercise option इस इस ट्रेड में क्या गलतियाँ हुई। जिससे यह आगे न दोहराई जा सकें।
ट्रेडिंग जर्नल में प्रत्येक ट्रेड का टार्गेट, एग्जिट पॉइंट, एंट्री पॉइंट, स्टॉपलॉस, समय, सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल लिखें। साथ ही प्रत्येक ट्रेड के बारे में अपनी टिप्पणी भी अवश्य लिखनी चाहिए। आपको अपना ट्रेडिंग रिकॉर्ड सहेजकर रखना चाहिए। ताकि समय-समय पर आप अपनी ट्रेडिंग का विश्लेषण कर सकें।
ड्रॉडाउन (ट्रेडिंग के दौरान लगातार होने वाला नुकसान) और प्रत्येक ट्रेड में लगने वाले समय (जो ट्रेड की दक्षता के जरूरी है) आदि का विश्लेषण कर सकें। ट्रेडिंग भी एक बिजनेस है, अतः इसका भी बिजनेस की तरह ही रिकॉर्ड रखना आवश्यक है। आपको अपने ट्रेडिंग बिजनेस को सफल और प्रॉफिटेबल बनाने के हर संभव प्रयास करने चाहियें।
Trading Plan लगातार प्रॉफिट कमाने की कुंजी कैसे है?
यदि आप बिना ट्रेडिंग प्लान के भी प्रॉफिट कमाने में सफल होते हैं तो आप सोचेंगे कि आपको ट्रेडिंग प्लान की क्या जरूरत है? इस तरह आप कभी-कभार प्रॉफिट कमा सकते हैं, यदि आप अपने ट्रेडिंग प्लान को छोड़ देते हैं या काम में ना लें तो आपको ट्रेडिंग में नुकसान होने के बहुत ज्यादा चांस रहते हैं। आपको लम्बे समय तक प्रॉफिट कामने के लिए ट्रेडिंग प्लान को काम में लेना ही पड़ेगा। Trading is a Marathon, not a sprint.
जब आप अपने ट्रेडिंग प्लान को फॉलो करना बंद कर देते हैं और यह मैंने लगते हैं कि ट्रेडिंग प्लान को फॉलो करना जरूरी नहीं है। जब आप बिना trading plan के भी प्रॉफिट कमाने लगते हैं, तो बिना ट्रेडिंग प्लान के ट्रेड ट्रेड करने की आपकी टेन्डेन्सी बन जाती है। Groww app se पैसे कैसे कमाएं? जिसकी वजह से लम्बे समय में आपको नुकसान ही उठाना पड़ेगा। ट्रेडिंग प्लान से डिसिप्लिन आता है।
उम्मीद है, अब आप अपने लिए एक अच्छा trading plan बना पाएंगे। अगर आपको यह एक अच्छा शेयर ट्रेडिंग प्लान कैसे बनायें? What is a good trading plan in Hindi आर्टिकल पसंद आये तो आप इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। शेयर मार्केट से सम्बन्धित ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए इस साइट को जरूर सब्स्क्राइब करें। आप मुझे facebook पर भी फॉलो कर सकते हैं। यदि आप शेयर मार्केट से सम्बन्धित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
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