What is do not exercise option- in hindi एनएसई ने खत्म की डु नॉट एक्सरसाइज की सुविधा

Do not exercise option (DNE) ट्रेडर्स को अधिकार देता है कि वे अपने ब्रोकर को डिलीवरी लेने या देने के अधिकार का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं। ऐसा निर्देश दे सकते हैं। जिससे ट्रेडर्स का फिजिकल सेटलमेंट के जोखिम से बचाव करेगा। 

ब्रोकर को क्लाइंट्स के बिहाफ पर Close to money (CTM) ऑप्शन स्ट्राइक्स के इस्तेमाल पर रोक लगता है। चलिए जानते हैं- डू नॉट एक्सरसाइज ऑप्शन (do not exercise option) की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में। What is do not exercise option- in Hindi                                                                                                                                                                
Do Not Exerxise Option


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Do not Exercise Option (DNE)

डू नॉट एक्सरसाइज ऑप्शन ट्रेडर्स को अधिकार देता है कि वे अपने ब्रोकर को उसके बिहाफ पर सिक्युरिटी की डिलीवरी लेने या देने के अधिकार का उपयोग नहीं करने देना चाहते हैं। इससे ट्रेडर्स का फिजिकल सेटलमेंट के जोखिम से बचाव होता है। अगर आप आपकी पोजीशन बंद नहीं होने देना चाहते तो आप Do not Exercise ऑप्शन का उपयोग कर सकते हैं। 

इस तरह एक्सपायरी की प्रीमियम वैल्यू से सिक्युरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स ( STT ) ज्यादा होने पर भी स्टॉक ब्रोकर आपके बिहाफ पर In The Money ऑप्शन को एक्सचेंज की तरफ से नहीं काटेगा। इस ऑप्शन का प्रयोग एक्सपायरी डे के दिन होता है। 

इसमें आपको आपके सौदे अपने आप नहीं कटने का ऑप्शन मिलता है। यह ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इससे आप नुकसान से बच सकते हैं। डू नॉट एक्सरसाइज ऑप्शन को डिलीवरी ऑप्शन भी कहा जाता है। जिसका मतलब है कि ट्रेडर्स अपने ब्रोकर को डिलीवरी लेने या देने के अधिकार का उपयोग नहीं करना चाहते हैं। 

स्टॉक एक्सचेंज (BSE, NSE) ने ऑप्शन ट्रेडिंग को एक बहुत अच्छा विकल्प दिया है। स्ट्राइक प्राइस यदि आप चाहते हैं कि आपकी पोजीशन बंद न हो तो आप DNE ऑप्शन का प्रयोग कर सकते हैं। 

इस तरह  एक्सपायरी की प्रीमियम वैल्यू से STT ज्यादा होने पर भी ब्रोकर In The Money (ITM) Option में सौदे को आपके behalf पर क्लोज नहीं कर पायेगा DNE स्ट्राइक जिसमे आपको एक्सपायरी के दिन "In the money" option को एक्सचेंज की ओर से ना काटने का विकल्प मिलेगा। जिसके तहत options trading में Do Not Exercise option का विकल्प मिलेगा।

आपको साढ़े चार से पॉंच बजे के बीच में ये विकल्प चुनना होगा। Out  of the  Money (OTM) सौदे एक्सचेंज पहले की तरह खुद काटेगा। Do not exercise का विकल्प सितम्बर सीरीज से  शुरू हुआ  है। Do not  exercise का मतलब आपको काम-काज करने से रोकना नहीं है, ये ट्रेडर्स को STT से बचाने के लिए सरकार ने नया फीचर दिया है। 
                                           
Do not exercise option  का उपयोग एक्सपायरी वाले दिन के लिए है। जो भी आपके ऑप्शन के सौदे खड़े हुए है, अगर आप चाहते है कि आपके सौदे अपने आप नहीं कटे, तो आप Do not  exercise विकल्प का इस्तेमाल  कर सकते है। आपको 'N' नाम के बटन पर क्लिक करना ह। ये आपको फीचर के अंदर मिल जायेगा। 

ये सभी तरह के सॉफ्टवेयर जो आप इस्तेमाल करते है, उनमें मिल जायेगा। उसके बाद आपका सौदा साढ़े तीन बजे अपने आप नहीं कटेगा। टाइम डिके या थीटा एक्सपायरी के  दिन call तथा put-options के भाव एकदम से shout up हो जाते है। उससे  छोटे निवेशकों को बचने के लिए  Do  Not  Exercise का ऑप्शन दिया गया है सरकार इस पर STT भी नहीं चार्ज कर रही है।                                                                                                                                                                                       

Do Not Exercise option का फायदा 

STT शब्द सुनने में बहुत छोटा लगता है, किन्तु इससे ट्रेडर्स को काफी नुकसान होता है। उदाहरण के रूप में मान लीजिये अपने किसी ट्रेड में चार रूपये कमाए और उस ऑप्शन पर STT आपके प्रॉफिट से ज्यादा बन गया। हालांकि आपको  लगेगा कि आपने चार रूपये कमाए लेकिन असल में आपको घाटा हो  गया। आपको इसी घाटे से बचाने के लिए do not exercise option लाया गया है। इस केस के अंदर आप इस नए ऑप्शन का उपयोग करके नुकसान से बच सकते है                                                                                                                                 
Do not  exercise का मतलब आप सौदे को खुला छोड़ दीजिये। साढ़े चार से पाँच बजे की विंडो में सेटल कीजिये। यदि नहीं करोगे तो पूरा प्रॉफिट चला जायेगा। इस विंडो  का  पूरा बहुत  महत्व  है। क्योकि एक्सपायरी के जो लास्ट दो तीन दिन होते है। उनके अंदर लोग सबसे ज्यादा at the money call option या putt option पर पोजीशन बनाते है। 

इसे एक उदाहरण के द्वारा ऐसे समझते है मान लीजिये, किसी ट्रेडर ने 24000 के बैंक निफ़्टी  का call  option लिया और बैंक निफ़्टी बंद हुआ 24004 पर ऐसे में ट्रेडर को लगेगा कि उसे चार रुपए का फायदा हुआ है, और यह बात सही भी है, परन्तु उस ट्रेडर को 24004 के निफ़्टी पर चौबीस रूपये STT देना पड़ता था। इसलिए प्रॉफिट के बावजूद ट्रेडर को  नुकसान हो जाता था।                                                                                                                                                         
ट्रेडर की इस समस्या को समझा गया, वैसे इससे सरकार को कोई खास भी रवेन्यू भी नहीं मिल रहा था। इसलिए यह तय किय गया कि इस तरह के In the money (ITM) option को do not exercise का विकल्प दिया जाए।आप साढ़े चार से पाँच बजे के बीच में अपने ब्रोकर को सूचना दे सकते है तथा वह एक्सचेंज को सूचित कर देगा। ओपन इंटरेस्ट 

इस पोजीशन में आपको उस ऑप्शन पर आपको कोई क्रेडिट नहीं मिलेगा तथा ना ही आपको STT चुकाना पड़ेगा। आपको जो बड़ा नुकसान STT की वजह से हो रहा था, वह अब नहीं होगा। उसके लिए आपको जो do not exercise का विकल्प  है, उस पर क्लिक करना होगा  

Do Not Exercise Option खत्म? 

30-04-2023 से डु नॉट एक्सरसाइज का ऑप्शन खत्म हो रहा है। जो ट्रेडर्स स्टॉक्स ऑप्शन में ट्रेड करते हैं, उनके लिए इस ऑप्शन का खत्म होना काफी महत्वपूर्ण है। यदि आप इंडेक्स ऑप्शन में ट्रेड करते हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इंडेक्स ऑप्शन में पुराने रूल्स ही लागु हैं।

पहले सुविधा यह थी कि यदि आप स्टॉक्स ऑप्शन में ट्रेड कर रहे हैं और तीन इन-द-मनी स्ट्राइक प्राइस के ऑप्शन आप के पास हैं। यदि आप Do not exercise option वाला ऑप्शन एक्सरसाइज करते हैं तो आपको डिलीवरी लेने या देने की जरूरत नहीं होगी। जिस प्राइस पर एक्सपायरी होगी उसी प्राइस पर 3:30 pm पर केश में ही सेटलमेंट हो जायेगा।  

आमतौर पर कोई भी ट्रेडर ऑप्शन खरीदता है तो वह केवल ऑप्शन प्रीमियम का ही भुगतान करता है। एक्सपायरी डेट पर इस ऑप्शन का स्ट्राइक प्राइस और प्रीमियम का अंतर ट्रेडर्स को मिल जाता था। उसे डिलीवरी लेने की कोई जरूरत नहीं थी। इसी तरह कोई ट्रेडर स्टॉक ऑप्शन बेचता है तो वह ये सोचकर बेचता है कि जो भी भाव सेटल होगा, उसके हिसाब से मेरा केश में सेटलमेंट हो जायेगा। मुझे डिलीवरी देनी नहीं है। 

उदाहरण के तौर पर किसी इंस्टीट्यूशन के पास पाँच हजार रिलायंस के शेयर पड़े हैं और वह रिलायंस के शेयर ऑप्शन सीरीज की शुरुआत में 2200 स्ट्राइक प्राइस का शेयर 15 ये सोचकर बेच देता है।  कि यदि प्राइस मेरे अनुकूल नहीं भी रहा तो कोई बात नहीं मैं डिलीवरी दे दूँगा।

लेकिन कोई भी रिटेल ट्रेडर यह सोचकर ऑप्शन नहीं खरीदता कि मैं इसकी डिलीवरी ले लूँगा। वो इसलिए खरीदता है कि उसे केवल प्राइस प्ले करना है। अभी तक ये सुविधा थी लेकिन अब ये सुविधा हट गई है। इसका मतलब क्या है? इसका मतलब अब यह है कि कई स्टॉक्स ऑप्शंस में कम ट्रेडिंग वॉल्यूम होते हैं। उनमें बयार और सेलर कम होते हैं जिसके कारण आप अपनी पोजीशन को एक्सपायरी पर खत्म करने असफल हो सकते हैं। फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट 

यदि अब आपके पास इन-द-मनी कॉल ऑप्शंस हैं और आपने अपनी पोजीशन को एक्सपायरी से पहले खत्म नहीं किया तो आपको डिलीवरी लेनी पड़ सकती है। इसी तरह यदि आपके पास इन-द-मनी पुट ऑप्शंस हैं और आपको कोई खरीदार नहीं मिला तो आपको डिलीवरी देनी पड़ेगी। 

कहने का मतलब यह है कि अगर आप किसी भी तरह के इन-द-मनी ऑप्शंस में ट्रेड कर रहे हैं। और सामने वाले ने उसे एक्सरसाइज कर दिया तो आपको डिलीवरी देनी पड़ेगी या लेनी पड़ेगी। फॉरवर्ड कॉन्ट्रेक्ट

आप इस स्थिति से बचने के लिए क्या करें? 

अगर आप स्टॉक्स ऑप्शन ट्रेड कर रहे हैं तो एक्सपायरी डेट तक अपनी पोजीशन में बने नहीं रहना चाहिए। उसे एक्सपायरी से पहले ही खत्म कर लेना चाहिए। अगर आपने ऐसा स्टॉक्स ऑप्शन के रखा है जिसमे वॉल्यूम कम है तो उसे एक्सपायरी डेट से पहले ही खत्म कर दे। ताकि आपको डिलीवरी ना देनी पड़े और ना डिलीवरी लेनी पड़े। स्टॉक ऑप्शन रिटेल ट्रेडर को उपयुक्त बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। 

ऑप्शन ट्रेडिंग में एक लॉट में बहुत ज्यादा स्टॉक्स होते हैं अतः उनकी डिलीवरी लेने और देने के लिए कई लाख रुपयों की जरूरत होगी जो कि एक रिटेल ट्रेडर के लिए संभव नहीं है। रिवर्स ऑप्शन स्ट्रेटजी वैसे भी रिटेल ट्रेडर्स प्राइस में उतार-चढ़ाव के कारण होने वाले परिवर्तन से प्रॉफिट कमाने के लिए option trading करते हैं। ना कि स्टॉक्स की डिलीवरी लेने और देने के लिए। 

Do not exercise option खत्म होने के कारण होने वाले नुकसान के खतरे से बचने के लिए आप अपनी स्टॉक्स ऑप्शंस की इन-द-मनी पोजीशन को एक्सपायरी के लास्ट तक बनाये ना रखें उस ऑप्शन को पहले ही समय रहते बंद कर दे। पहले एक केस ऐसा हो चूका है, जिसमे हिंडाल्को के ऑप्शन की पोजीशन ना काट पाने के कारण एक रिटेल ट्रेडर को बड़ी चपत लगी थी। फ्यूचर रोलओवर

एक-एक स्टॉक ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट की वैल्यू आठ-दस लाख होती है। इतना पैसा जुटाना भी रिटेल ट्रेडर्स के लिए मुश्किल होता है। अगर ट्रेडर के पास पर्याप्त पैसे भी हैं तो भी यदि ट्रेडर के पास पुट ऑप्शन है। तब तो स्थिति और भी विकट होती है क्योंकि डिलीवरी देने के लिए एक्सपायरी के दिन स्टॉक्स मिलना भी बहुत ही मुश्किल है। 

अतः stock option में ट्रेड करते समय सतर्क रहें, इससे बचने के लिए वीकली ऑप्शन ट्रेडिंग तो ना ही करें। यदि आप स्टॉक्स ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट हेजिंग के हिसाब से खरीद रहे हैं तो आपको ये सब सावधानी रखने की कोई जरूरत नहीं है। ऑप्शन ट्रेडिंग पर इसका प्रभाव जरूर पड़ेगा, इससे स्टॉक ऑप्शन ट्रेडिंग में वॉल्यूम और कम हो जायेंगे।   
                                                                                                       
उम्मीद है, आपको इस यह डू नॉट एक्सरसाइज ऑप्शन  (do not exercise option) की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में। What is do not exercise option- in Hindi आर्टिकल पसंद आया होगा। इससे आपको Do Not Exercise option के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। यदि आप इस आर्टिकल के सम्बन्ध में कोई सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके बता सकते हैं।

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