Risk management rules and risk reward ratio kya hota hai 2024

रिस्क/रिवार्ड रेश्यो एक फार्मूला है, जिसका उपयोग नुकसान के विरुद्ध, संभावित लाभ को मापने के लिए किया जाता है। रिस्क/रिवार्ड रेश्यो आमतौर पर संभावित जोखिम के लिए एक आकड़े के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। आप पैसा कमाने के लिए बिजनेस करते हो या शेयर मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग करते हैं।

आप शेयर मार्केट में जो पैसा लगाते वह डूबेना, इसके लिए आपको risk/reward ratio का ध्यान रखना चाहिए और रिस्क मैनेजमेंट सीखना चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं-  रिस्क मैनेजमेंट रूल्स और रिस्क रिवार्ड रेश्यो क्या होता है? Stock market me risk management rules and risk reward retio kya hota hai?                                                                                                                                                                                                                                                      
Stock m kya hota hai arket me risk management tatha risk reward ratio

यदि आप कम समय में शेयर मार्केट एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको स्ट्रेटेजिक वेल्थ सीरीज की बुक्स ज्यादा से ज्यादा पढ़ना चाहिए। 

Risk management rules and risk reward ratio के बारे में 

Risk/reward ratio उपयोग ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के द्वारा पूँजी के रिस्क को मैनेज करने के लिए किया जाता है। रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो किसी ट्रेड या इन्वेस्टमेंट से अपेक्षित प्रॉफिट और जोखिम का आंकलन करने में मदद करता  है। आमतौर पर जोखिम जितना ज्यादा होता है, संभावित रिटर्न भी उतना ही अधिक होता है। 

एक सही risk reward ratio 1:3 के आसपास होता है। रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो, रिस्क मैनेजमेंट के अंतर्गत आता है। फाइनेंशियल मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपकी पूँजी का एक हिस्सा जोखिम में होता है। Risk management यह सुनिश्चित करता है कि आप अपने टार्गेट को हिट करने के लिए उचित रिस्क उठाएं। 

आप रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो टेक्निक्स का यूज करके पॉजिटिव परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। जिससे लॉन्ग-टर्म में आप बहुत अच्छी सफलता प्राप्त करेंगे। बहुत से ट्रेडर अपने अकाउंट साइज को देखे बिना ट्रेडिंग को उत्सुक रहते हैं। ऐसे traders एकही  ट्रेड में बहुत ज्यादा पैसा कमाने की कामना करते हैं। इस प्रकार के ट्रेड को ट्रेडिंग नहीं Gambling कहते हैं।  

यदि आप risk  management rules के बिना ट्रेड करते हैं तो आप Gambling करते हैं। आप long-term return कमाने में विश्वास नहीं करते हैं। आप अपने निवेश पर jackpot के चक्कर में रहते हैं। मनी मैनेजमेंट रूल्स केवल आपके मनी को प्रोटेक्ट ही नहीं करते बल्कि आपको लॉन्ग-टर्म में काफी प्रॉफिट भी देते हैं। 

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग करने के लिए आपको बहुत ही अच्छा statistician होना चाहिए gambler नहीं। तभी आप लम्बे समय में विनर बन सकते हैं। आपको मनी मैनेजमेंट रूल्स का सख्ती से पालन करना चाहिए।         

Risk/Reward ratio क्या है?          

रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो एक संभावित इनाम को दर्शाता है जो एक इन्वेस्टर्स अपने इन्वेस्टमेंट पर जोखिम वाले प्रत्येक रूपये के लिए कमा सकता है। कई investors रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो की तुलना इन्वेस्ट की गयी राशि से मिलने वाले अपेक्षित रिटर्न से करते हैं। कम रिस्क और अधिक रिटर्न रेश्यो अच्छा रहता है। क्योंकि यह समतुल्य संभावित पटोफिट के लिए कम जोखिम का संकेत देता है। 

उदाहरण के लिए 1:3 का रेश्यो बताता है कि एक इन्वेस्टर तीन रूपये कमाने के लिए एक रूपये का जोखिम उठाने को तैयार है। इसके अलटर्नेटिव के रूप में 1:5 का रेश्यो यह संकेत देता है कि इन्वेस्टर पांच रूपये कमाने के लिए एक रुपया खोने को तैयार है।    

ट्रेडर्स अक्सर इस अप्रोच का प्रयोग trade की यजना बनाने के लिए करते हैं? Riskre/ward ratio की इन्वेस्ट की जाने वाली राशि को जोखिम से विभाजित करके की जाती है। Stock market trading के समय जब शेयर का प्राइस ट्रेडर की अपेक्षित दिशा में मूव नहीं करता है। तो उस स्थिती में नुकसान को सीमित करने के लिए रिस्क/रिवॉर्ड रेश्यो के हिसाब से स्टॉप-लॉस लगाया जाता है। यदि शेयर का प्राइस ट्रेडर के ट्रेड की अपेक्षित दिशा में मूव करता है। तो टार्गेट हिट होने पर प्रॉफिट बुक किया जाता है।                                                              

Risk Reward Ratio कैसे काम करता है?

रिस्क रिवार्ड रेश्यो वह पैरामीटर है जो ट्रेडर ट्रेड करते समय रिवर्ड के अनुपात में रिस्क भी उठता है। जैसे -कि यदि आप दो सौ  रूपये का रिस्क उठाते हैं और चार सौ रूपये कमाना चाहते हैं तो इसे 1:2 का रिवार्ड रेश्यो कहते हैं। इसी प्रकार यदि आप पाँच सौ रूपये का रिस्क उठाते हैं तथा पन्द्रह सौ रूपये का रिवार्ड चाहते हैं तो इसे 1:3 का रिवार्ड रेश्यो कहते हैं। फॉरवर्ड कॉन्ट्रेक्ट                                                                                                                                                                                                                                                                                    
मान लीजिये आप दस ट्रेड करते हैं तथा पाँच ट्रेड में प्रत्येक में एक हजार रूपये का नुकसान करते हैं तथा पाँच ट्रेड में प्रत्येक में तीन हजार रूपये का प्रॉफिट करते हैं प्रकार आप 50 % विनर रहते हैं तथा कुल मिलाकर पाँच ट्रेड में पांच हजार रूपये का नुकसान तथा 1500 हजार रूपये का प्रॉफिट कमाते हैं। इस प्रकार पॉँच हजार के लॉस को निकलकर भी आप दस हजार रूपये का प्रॉफिट कमाते हैं। इसमें 1:3 का रिस्क रिवार्ड रेश्यो है। Stocks Buy and Sell                                                                                                                                                                            
ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर को रिस्क कम और रिवार्ड ज्यादा का रेश्यो रखना चहिये तथा1:3 का रिवार्ड रेश्यो अच्छा रहता है, ज्यादा रिस्की ट्रेड को अवॉयड करना चाहिए। बहुत से अनुभवी ट्रेडर तभी ट्रेड करते हैं जब रिवार्ड रेश्यो 1:5 या इससे अधिक हो। हाई अच्छे रिस्क रिवार्ड रेश्यो के लिए ट्रेडर को इंतजार करना चाहिए तथ जब risk reward ratio अपने अनुकूल हो तभी ट्रेड करना चाहिए। इसी को risk management rules को फॉलो करना कहते हैं                                                                                                                                                                         
 यह सही है कि पैसे से पैसा बनता है, लेकिन आपको  ट्रेडिंग स्टार्ट करने से पहले उस पर अच्छी तरह पकड़ बना लेनी चाहिए यानि कि अच्छी तरह सीख कर शुरुआत करनी चाहिए। आपको वो सभी कोशिश करनी चाहिए जिनसे आप अपने अकाउंट को प्रोटेक्ट कर सकते हैं।

Risk Management Rules क्या हैं?                                                                                                            

ये तो आप सभी जानते हैं कि पैसे से पैसा बनता है लेकिन ट्रेडिंग स्टार्ट करने से पहले आपको stock market के व्यवहार के बारे मे जरूर सीखना चाहिए। साथ ही आपको Risk management rules का सख्ती से पालन करना चाहिए। मान लेते हैं, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में 20,000 रूपये हैं। अगर आप एक ट्रेड में 2% का रिस्क लेते हैं। तो एक ट्रेड में लॉस होने पर आपके अकाउंट से चार सौ रूपये कम होगे। 

अगर आप 10% का रिस्क लेते हैं तब नुकसान होने पर 2000 रूपये कम होंगे। इस प्रकार आप  2% और 10% क रिस्क का अंतर समझ सकते हैं। स्टॉक ब्रोकर रिटेल ट्रेडर को फंड भी उपलब्ध करवाते हैं। जिसे मार्जिन मनी (margin money) कहते हैं। लेकिन आपको इससे जल्दबाजी में ट्रेडिंग स्टार्ट नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इसमें रिस्क बहुत ज्यादा होता है। 

लॉस में जाने पर इसमें आपको अपनी पोजीशन ना चाहते हुए भी कटनी पड़ सकती है। यदि आपके पास फिलहाल money नहीं है। तो आपको मनी save करके, उसके बाद ही ट्रेडिंग शुरू करनी चाहिए। आपको अपने बैलेंस के कम पर्सेंटेज का ही रिस्क उठाना चाहिए। जिससे आप लम्बे समय तक मार्केट में सर्वाइव कर सकें। 

Risk management शेयर मार्केट trading एंड इन्वेस्टिंग की एक महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजी है। इसमें संभावित नुकसान को कम करने और पूंजी की सुरक्षा के लिए रूल्स और स्ट्रेटेजीज को लागू करना शामिल है। Risk/reward Ratio के कॉन्सेप्ट के साथ-साथ निम्नलिखित कुछ रिस्क मैनेजमेंट रूल्स हैं। जिनका आपको शेयर मार्केट ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के दौरान पालन करना चाहिए।- 
  1. डायवर्सिफिकेशन: प्रसिद्ध शेयर मार्केट इन्वेस्टर्स वारेन बफेट भी कहते हैं कि अपने सभी अंडे एक ही टोकरी में भी रखने चाहिए। यहाँ टोकरी का मतलब स्टॉक्स से है। अतः अलग-अलग सेक्टर्स की अच्छी कंपनियों में इन्वेस्ट करना चाहिए। 
  2. पोजीशन साइजिंग: Position Sizing का मतलब,आपको प्रत्येक ट्रेड और इन्वेस्टमेंट के लिए रिस्क उठाने की क्षमता, डीमैट अकाउंट के साइज के हिसाब से अमाउंट निर्धारित करना चाहिए। आप मार्किट वोलेटिलिटी, इकनोमिक इंडीकेटर्स और कंपनियों के फंडामेंटल्स के आधार पर आप ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के साथ जुड़े रिस्क का आंकलन कर सकते हैं। आपको मार्केट में अत्यधिक रिस्की पोजीशन लेने से बचना चाहिए क्योंकि यह आपके अकाउंट को वाइपआउट कर सकता है। 
  3. लगातार मॉनिटरिंग: मार्केट से जुड़े रिस्क को कम रखने के लिए आपको आपको अपनी पोजिशंस की लगातार मॉनिटरिंग करनी चाहिए। साथ ही बदलती हुई मार्केट कंडीशंस के अनुसार अपनी पोजिशंस को एडजस्ट करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। 
  4. इमोशनल डिसिप्लिन: शेयर मार्केट में fear & greed जैसी भावनाएँ आपके ट्रेडिंग डिसीजन्स को प्रभावित कर सकती है। अतः अपने रिस्क मैनेजमेंट प्लान का सख्ती से पालन करना चाहिए जिससे इमोशनल ट्रैड लेने से बचा जा सके। 
  5. जोखिम का मूल्यांकन: Share market वोलेटिलिटी, इकोनॉमिक इंडीकेटर्स जैसे मॅहगाई और बेरोजगारी के आंकड़े, रूपी/डॉलर रेश्यो, कमोडिटी प्राइस जैसे क्रूड ऑइल,गैस आदि पर भी निगाह बनाये रखनी चाहिए। साथ ही इनके अनुसार जरूरत पढ़ने पर अपनी ट्रेडिंग पोजिशंस को भी एडजस्ट करते रहना चाहिए। 
  6. स्टॉप-लॉस आर्डर: गलत ट्रेड में नुकसान को बढ़ने से पहले सीमित करने के लिए एग्जिट पॉइंट्स (stoploss) पहले ही निर्धारित कर लेना चाहिए। यदि आपकी पोजीशन प्रॉफिट में चल रही है तो प्रॉफिट को प्रोटेक्ट करने के लिए ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस भी जरूर लगाना चाहिए। 
  7. लेवरेज का बुद्धिमानी से उपयोग करें: यदि आप leverage का उपयोग कर रहे हैं, तो सावधान रहें। क्योंकि यदि लेवरेज प्रॉफिट को बढ़ा सकता है तो नुकसान को भी बढ़ा सकता है। लीवरेज का उपयोग केवल तभी करना चाहिए। यदि आप इसमें शामिल जोखिमों को पूरी तरह से समझते हैं और इसकी वजह से संभावित ज्यादा नुकसान का सामना कर सकते हैं।
  8. रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो: Risk Reward Ratio संभावित प्रॉफिट की तुलना संभावित नुकसान से करता है। एक फेवरेबल रिस्क/रिवॉर्ड रेश्यो सुनिश्चित करता है। कि नुकसान की जोखिम की तुलना में रिवॉर्ड यानि इनाम का रेश्यो ज्यादा है। उदाहरण के लिए 1:3 रिस्क/रिवॉर्ड रेश्यो का मतलब है कि अगर ट्रेड सफल रहता है तो आपको प्रत्येक एक रूपये के जोखिम पर आपको तीन रूपये का प्रॉफिट हो सकता है।
उपर्युक्त रिस्क/रिवॉर्ड रेश्यो रूल्स का पालन करके आप शेयर मार्केट trading एंड investing में होने वाले संभावित नुकसान को सीमित कर सकते हैं। साथ ही आप फाइनेंशियल मार्केट की अनिश्चितता को भी अच्छे से मैनेज कर सकते हैं। एक बात हमेशा याद रखें, जितना अधिक मेहनत आप प्रॉफिट कमाने के मौके तलाश करने के लिए करते हैं। उतनी ही मेहनत आपको संभावित नुकसान को सीमित रखने के लिए भी करनी चाहिए।  

  Draw down क्या है?                                                                                                                  

यदि आप लगातार अठारह-उन्नीस ट्रेड में पैसे का नुकसान करेंगे तो आप अपने अकाउंट का 85% तक मनी का नुकसान कर लेंगे। इसे ही draw down कहते हैं। इससे बचने के लिए risk management rules का सख्ती से पालन करना चाहिए। बुफेट पोर्टफोलियो कहते हैं कि नुकसान से बचने के लिए आपका एक trading system होना चाहिए तथा यह कम से कम 70% प्रोफिटेबल होना चाहिए। 

यानि कि आपके दस में से सात ट्रेड प्रोफिटेबल होने चाहिए। आपका एक ट्रेडिंग प्लान होना चाहिए। जिसे आपको रिस्क मेनेजमैंट रूल्स के साथ काम में लेना चाहिए। Draw down ट्रेडिंग का एक पार्ट है लेकिन आपको अपने पैसे के बहुत कम प्रतिशत का ही रिस्क लेना चाहिए। आखिर आप यहाँ पैसे कमाने आये हैं, गवांने नहीं। यदि आप Risk management rules का पालन करेंगे तो आप हमेशा विनर रहेंगे।                                                                                                                                                                                                                       

आशा है कि अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि Risk management rules and reward ratio kya hota hai. उम्मीद है, आज का प्रेरणादायी आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही प्रेरणादायी आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी साइट को सब्सक्राइब जरूर कीजिये। 

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