इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छे स्टॉक्स कैसे चुनें? Best Intraday Trading Stocks |

इंट्राडे ट्रेडिंग की सफलता का सबसे बड़ा सीक्रेट लेवरेज और मार्जिन हैं। जिससे traders इसे इन्जॉय करते हैं। Leverage और margins दोनों प्रॉफिट (लॉस भी) को बढ़ाने में मदद भी करते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग की सबसे बड़ी ट्रिक यह है कि एक बार टार्गेट हिट होने के बाद आपको ज्यादा लालची (greedy) नहीं होना चाहिए। 

यानि शेयर के प्राइस के आपके द्वारा सेट किये गए टार्गेट तक पहुंचने के बाद, आपको प्राइस के और बढ़ने का इंतजार नहीं करना चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं- इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छे स्टॉक्स कैसे चुनें? Best Intraday Trading Stocks in Hindi

                                                                                            
Best Intraday Trading Stocks in Hindi.


यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको द आर्ट ऑफ़ इंट्राडे ट्रेडिंग बुक जरूर पढ़नी चाहिए।

Intraday Trading के बारे में 

इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट कमाने के लिए stocks को उसी दिन खरीदा और बेचा जाता है। यह एक तरह का मार्केट ऑर्डर है। जिसकी आप डिलीवरी नहीं लेना चाहते है या उसे पूरा नहीं करना चाहते हैं। आसान शब्दों में कहें तो अगर आप शेयर खरीदने का intraday order देते हैं। 

आप उन्हें खरीदना नहीं चाहते बल्कि उसी दिन शेयर का प्राइस बढ़ने की उम्मीद में उसे खरीदते हैं और थोड़ा सा प्राइस बढ़ने पर उस शेयर को बेचकर profit book कर लेते हैं। ऑर्डर आपको पहले शेयर बेचने की भी अनुमति देते हैं, भले ही आपके पास वे शेयर न हों, और दिन के दौरान उन्हें वापस खरीदकर लेन-देन को पूरा कर सकते हैं। इसे शार्ट सेलिंग कहते हैं। 

Intraday trading में सफलता काफी हद तक सही stock चुनने पर निर्भर करती है। आपके पास अपनी पोजीशन को पूरा करने से पहले केवल कुछ घंटे होते हैं। इसलिए, सही स्टॉक चुनना बहुत ज़रूरी है। Share market में काम करने वाले प्रत्येक इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स का अपना प्रोफाइल और उद्देश्य होते हैं। 

यह तो सभी को मालूम है कि शेयर मार्केट जोखिमों के अधीन है। अतः अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार अपने लिए सही ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी विकसित करनी चाहिए। मार्केट में चाहे कितनी ही तेजी क्यों ना हो लेकिन आप पाएंगे कि कुछ मुठ्ठी भर stocks की होते हैं, जिनमें पैसा बनता है। 

बाकी के स्टॉक्स में ट्रेडर्स को नुकसान ही होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में Profit देने वाले कुछ best stocks का पता कैसे लगायें? यही Intraday trading की सबसे बड़ी चुनौती होती है। 

Intraday trading के लिए Best stocks कैसे चुनें? 

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको पिछले दिन ही तैयारी कर लेनी चाहिए। इससे ट्रेड में आपकी सफलता की दर काफी बढ़ जाएगी। बहुत से ट्रेडर्स ऐसे होते हैं, वे इंट्राडे trade करने से पहले कोई भी तैयारी करके नहीं आते हैं। जिसके परिणामस्वरूप ये ट्रेडर्स मार्केट में हर दिन लॉस करते हैं। 

अगर आप intraday trading में पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको ट्रेड लेने से एक दिन पहले ही इसकी तैयारी करनी पड़ेगी। शेयर मार्केट में सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है, जो हार्डवर्क और अपना होमवर्क जरूर करते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए टॉप डाउन अप्रोच रखना चाहिए, बॉटम अप अप्रोच वाले traders इंट्राडे में सफल नहीं होती है। 

यदि आप ट्रेडिंग के लिए सीधे शेयर का चुनाव करते हैं तो इसे Bottom Up कहा जाता है। अगर आप पहले सेक्टर का चुनाव करते हैं और बाद में शेयर का तो इसे Top Down अप्रोच कहते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए आपको टॉप डाउन अप्रोच का इस्तेमाल करना चाहिए। इसीलिए ट्रेड लेने से एक दिन पहले ट्रेड की तैयारी करनी चाहिए। 

इसके लिए आपको एक कॉपी में सभी सेक्टर्स की एक  लिस्ट बना लेनी चाहिए। जैसे आईटी, टेलीकॉम, FMCG , सीमेंट, Finance, Banking मीडिया आदि। सभी सेक्टर्स को इस लिस्ट में शामिल करें। सभी सेक्टर्स के सामने लिखिए कि उस सेक्टर के किस स्टॉक का डेली चार्ट सबसे बढ़िया है। कैंडलस्टिक चार्ट पर पैटर्न्स  बहुत अच्छे से समझ आते हैं। 

मार्केट बंद होने के बाद डेली चार्ट देखें। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए 15 और 30 मिनट के चार्ट सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। लेकिन trade लेने से एक दिन पहले होमवर्क डेली चार्ट के जरिये किया जाता है। आपको बहुत सारे स्टॉक्स के डेली चार्ट को देखना चाहिए। जिस स्टॉक का डेली चार्ट सबसे बढ़िया हो, उसे उस सेक्टर की सर्वश्रेष्ठ स्टॉक की लिस्ट में लिख लेना चाहिए। 

यदि आप इस तरह इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक चुनेगें तो वे intraday trading के लिए Best stocks होंगे। आपको इंट्राडे में जिस सेक्टर में मूव आता हुआ दिखाई दे। उस सेक्टर का जो स्टॉक आपकी लिस्ट में शामिल हो उसी में आपको intraday trade लेना चाहिए। इस तरह इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयर का चुनाव सही तरीके से होता है। 

इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस सेक्टर में उस दिन ब्रेकआउट नहीं आ रहा है। आपको उसके स्टॉक में उस दिन ट्रेड नहीं लेना है। उदाहरणस्वरूप यदि आप देख रहे हैं कि आज आईटी सेक्टर में तेजी है। यानि आज आईटी सेक्टर से शेयर चल रहे हैं। तो उस दिन आपको आईटी सेक्टर के उस स्टॉक में इंट्राडे ट्रेड लेना चाहिए। जो आईटी सेक्टर स्टॉक आपकी लिस्ट में शामिल है। उसमें आपको ट्रेड लेना चाहिए। 

इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता का यही मूल मंत्र है। यानि daily chart पर जिस स्टॉक का प्रदर्शन सबसे अच्छा होता है। उस सेक्टर से इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए उसी स्टॉक का आपको चयन करना चाहिए। उसके बाद intrday में इंतजार करें और ध्यान से देखें  सेक्टर में सबसे ज्यादा मोमेंटम आ रहा है। 

अगर आप market खुलने के 20-25 मिनट बाद देखते हैं। कि आज सबसे ज्यादा तेजी पेट्रोकेमिकल सेक्टर में आ रही है तो रिलायंस और बीपीसीएल और अन्य स्टॉक्स के चार्ट को देखना शुरू करें। आपने जो पिछले दिन इस सेक्टर के स्टॉक का चार्ट चुना हुआ है। आपको आज उसमे ट्रेड लेना चाहिए। इसी तरह किसी और दिन आपने देखा की आज बैंकिंग सेक्टर में बहुत अच्छा उछाल है। मार्केट तो जोखिमों के अधीन है

सबसे अच्छा momentum बैंकिंग स्टॉक्स में बन रहा है। पिछले दिन आपने होमवर्क किया है और आपने बैंकिंग सेक्टर का सबसे अच्छा stock खोज रखा है। जैसे ही आपके स्टॉक में ब्रेकआउट आता है आपको उसमें intraday trade लेना चाहिए। यदि आप इस तरह इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए best stock सलेक्ट करेगें तो आप देखेंगे कि सबसे तेज बढ़ने वाला स्टॉक आपके हाथ में होगा। 

Share market खुलने से पहले पिछले दिन के चार्ट्स जरूर देखें। उनमें बन रहे पैटर्न्स के अनुसार अगले दिन का विनर स्टॉक खोजने का प्रयास जरूर करिये। इस तरह धीरे-धीरे प्रक्टिस करने से आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक का चुनाव करने में सफल बन जायेंगे। पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन

Best day trading Stocks की विशेषताएँ 

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छे स्टॉक का चयन करते समय स्टॉक्स में निम्नलिखित विशेषताएँ भी देखनी चाहिए।

लिक्विडिटी या ट्रेडिंग वॉल्यूम 

जिस स्टॉक को आप day trading के लिए चुन रहे हैं उसमें लिक्विडिटी यानि ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा होना चाहिए। जिससे किसी भी समय स्टॉक को सही प्राइस पर buy & sell किया जा सके। हाई लिक्विड स्टॉक की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि उसके प्राइस को प्रभावित किये बिना, उसे बड़ी मात्रा में खरीदा और बेचा जा सकता है।

लिक्विड स्टॉक चुनते समय यह देखें कि उसके विभिन्न प्राइस लेवल्स भी लिक्विड होने चाहिए। कुछ स्टॉक्स में कम प्राइस पर हाई लिक्विडिटी होती है। ऐसे स्टॉक का प्राइस का बहुत ज्यादा गिर सकता है। इसे समझकर आप सही समय पर स्टॉक को खरीद सकते हैं। 

वोलैटिलिटी 

Day traders को तब प्रॉफिट होता है, जब स्टॉक्स के प्राइस Up & Down होते हैं। जब कभी शेयर के प्राइस ट्रेडर्स के अनुमान के विपरीत चलते हैं। तब उन्हें नुकसान होता है। जिस स्टॉक के प्राइस Volatile होते हैं, उसमें वे ज्यादा ऑर्डर लगा सकते हैं और अपने अनुकूल मोमेंटम का लाभ उठा सकते हैं। 

हालाँकि बहुत ज्यादा वोलाटाइल स्टॉक में intraday trading करना बहुत रिस्की हो सकता है। हालांकि कोई नियम नहीं है, लेकिन अधिकांश इंट्राडे ट्रेडर्स ऐसे स्टॉक पसंद करते हैं। जिनमें 3-5% के बीच वोलैटिलिटी रहती है।

मार्केट ट्रेंड्स 

बहुत सारे कारणों की वजह से Share market में अपवर्ड और डाउनवर्ड trends आते रहते हैं। शेयरों का मार्केट के साथ नेगेटिव और पॉसिटिव कोरिलेशन होता है। इसका मतलब है कि अगर मार्केट बढ़ता है तो शेयरों के प्राइस भी बढ़ते हैं, इसी तरह यदि मार्केट में गिरावट होती है तो share के प्राइस भी गिरते हैं। 

सेक्टर ट्रेंड्स
 
यह तो आप जानते ही होंगे कि Stock market को कई सेक्टर्स में डिवाइड किया गया है। जैसे फार्मास्युटिकल्स, FMCG, आईटी, बैंकिंग आदि। एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में आपको सभी सेक्टर्स के प्रदर्शन से अवगत रहना चाहिए। यदि आपकी निगाह में कोई ऐसा सेक्टर है, जो महीनों से कंसोलिडेट हो रहा है और अब ब्रेकआउट के तैयार है। तो आप शार्ट टर्म इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के लिए उस sector के stocks की पहचान कर सकते हैं। 

इसके अतिरिक्त,  अगर  आप को ऐसे स्टॉक को दिखते हैं, जिसमें अच्छा प्रॉफिट कमाया जा सकता था। किन्तु आप चूक गए तो उस सेक्टर के दूसरे स्टॉक देख सकते हैं। जिनके price में अभी ज्यादा बढ़त नहीं हुई है और उनमें ब्रेकआउट आ सकता है। आप उनमें लॉन्ग पोजीशन बना सकते हैं। 

Stocks का मोमेंटम 

समय के साथ स्टॉक के प्राइस में बदलाव की स्पीड को स्टॉक के मोमेंटम के रूप में जाना जाता है। यह आपको स्टॉक के प्राइस में Up or Down trend की ताकत निर्धारित करने में मदद कर सकता है। यदि किसी स्टॉक के प्राइस मोमेंटम की स्ट्रेंथ के साथ चलता है। तो उस स्टॉक को मोमेंटम स्टॉक कहा जाता है। ऐसे  intraday traders लॉन्ग या शार्ट पोजीशन बनाने के लिए करते हैं।  

टेक्निकल एनालिसिस 

मोमेंटम के आलावा ऐसे कई ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज है, जिन्हें आप किसी भी स्टॉक्स का technical analysis करके पहचान सकते हैं कि किस स्टॉक को खरीदना है और किसे शार्ट सेल करना है। आप टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग स्टॉक्स को चुनने के लिए कर सकते हैं। जो support & resistance को तोड़कर ब्रेकआउट दे रहे हैं। 
 
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