स्कैलपिंग ट्रेडिंग सीखकर शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बनें? Scalping trading |
ट्रेड में जल्दी दे एंट्री करना और जल्दी ही एग्जिट करना स्कैलपिंग ट्रेडिंग कहलाता है। यानि कि स्कैलपिंग में ट्रेड लेने के 4 से 5 मिनट बाद ही ट्रेड से एग्जिट करना होता है। स्कैलपिंग करना आसान नहीं होता है क्योंकि एक रिटेल ट्रेडर पूरे दिन स्क्रीन के सामने बैठकर भी stock market से पैसा नहीं कमा पाता है।
तो एक या दो मिनट में पैसे कैसे कमा पायेगा। स्कैलपिंग कैसे करें और स्कैल्पर या स्कैलपिंग ट्रेडिंग में ट्रेडर्स को कौन सा चार्ट यूज करना चाहिए? आइए विस्तार से जानते हैं- स्कैलपिंग ट्रेडिंग से शेयर मार्केट से पैसों का ढेर लगाना सीखें। Which chart time frame is best for scalping trading
अगर आप शेयर मार्केट में सफल होना चाहते हैं तो आपको महेश चंद्र कौशिक द्वारा लिखित स्टॉक मार्केट में सफल होने के 41 टिप्स बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
Scalping trading क्या है?
यदि आपने शेयर मार्केट में शुरुआत कर रहे हैं तो आपको पहले इंट्राडे ट्रेडिंग सीखनी चाहिए। क्योंकि स्कैलपिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग से बहुत ज्यादा मुश्किल है। स्कैल्पर का उद्देश्य share price में होने वाले छोटे-छोटे प्राइस चेंज से प्रॉफिट कमाना होता है। इसमें ट्रेडर्स बहुत कम समय के लिए अपनी पोजीशन को होल्ड रखते हैं।
जिससे छोटा-छोटा प्रॉफिट बार-बार कमाया जा सके। Scalping को चार्ट पर बहुत छोटे टाइम फ्रेम पर किया जाता है क्योंकि बड़े टाइम फ्रेम का यूज करने से रिस्क भी बढ़ जाता है। स्कैलपिंग ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स एक दिन में 10 से लेकर सौ से भी ज्यादा ट्रेड करते हैं। इस उम्मीद के साथ की stock में प्राइस में बड़े बदलावों से ज्यादा छोटे बदलावों को पकड़ना आसान है।
Scalping Trading के आधारभूत सिद्धांत
स्कैलपिंग ट्रेडिंग के आधारभूत सिद्धांत निम्नलिखित हैं-
- तेज इंटरनेट कनेक्शन: स्कैल्पिंग में तेजी से निर्णय लेना पड़ता है, इसलिए तेज और विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्शन होना जरूरी है। जिससे ट्रेडिंग के बीच कोई रुकावट नहीं आये।
- प्रभावी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म: ऐसा trading प्लेटफॉर्म चुनें जो तेज़ हो और जिसमें ग्लिच तो बिल्कुल भी नहीं आते हों। इसके अलावा, प्लेटफार्म पर चार्टिंग और ऑर्डर एग्जीक्यूशन की अच्छी सुविधाएं होनी चाहिए।
- मार्केट वॉच: आपको share market की लगातार निगरानी करनी होगी, इसलिए आपको एक या दो स्क्रीन वाले ट्रेडिंग सेटअप की व्यवस्था करनी चाहिए।
- धैर्य: ट्रेडिंग के दौरान धैर्य बनाए रखें। हर समय trade लेने की आवश्यकता नहीं होती है। सही अवसरों का इंतजार करें।
- अनुशासन: अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी पर अडिग रहें और भावनात्मक निर्णय लेने से बचें। लॉस होने पर अपने लिए बनाये ट्रेडिंग रूल्स का पालन करें और बिना तैयारी के कभी ट्रेडिंग न करें। क्योंकि इसमें पैसों का बहुत नुकसान हो सकता है।
- पेपर ट्रेडिंग: पहले पेपर ट्रेडिंग से शुरुआत करें। इससे आपको वास्तविक धन जोखिम में डाले बिना अपनी क्षमताओं का परीक्षण करने का मौका मिलेगा।
- ट्रेडिंग जर्नल बनायें: अपना ट्रेडिंग जर्नल बनायें, जिसमे आप अपने प्रत्येक ट्रेड का हिसाब रखें। उसमें ट्रेडिंग से होने वाले नफे-नुकसान को लिखें और उनका कारण भी लिखें। इससे आप scalping के दौरान होने वाली पिछली गलतियों से बच सकते हैं।
- लगातार सीखते रहें: बाजार लगातार बदलता रहता है, इसलिए नए ट्रेंड और रणनीतियों के बारे में सीखते रहें। ट्रेडिंग प्लान के साथ ट्रेडिंग करनी चाहिए।
- लॉग बुक: प्रत्येक ट्रेड का रिकॉर्ड रखें। इससे आप अपने प्रदर्शन का विश्लेषण कर सकते हैं और अपनी गलतियों से सीख सकते हैं। ट्रेडिंग की प्रैक्टिस और शेयर मार्केट के बारे में सीखना जारी रखें।
- स्टॉप लॉस: प्रत्येक ट्रेड के लिए स्टॉप लॉस जरूर सेट करें। यह एक प्री-डिफाइंड प्राइस होता है, जिस पर आपको नुकसान को रोकने के लिए अपनी ट्रेडिंग पोजीशन बंद करनी होती है।
- टेक प्रॉफिट: एक निश्चित प्रॉफिट के स्तर पर अपनी पोजीशन जरूर बंद करें। स्कैल्पिंग में छोटे प्रॉफिट का महत्व है, इसलिए Small profits को बार-बार बढ़ाना ही सफल स्ट्रेटेजी है।
- रिस्क-रिवर्ड रेशियो: सुनिश्चित करें कि प्रत्येक ट्रेड का risk reword ratio कम से कम 1:2 हो। इसका मतलब यह है कि अगर आप 50 रूपये का जोखिम ले रहे हैं तो आपका प्रॉफिट 100 रूपये जरूर होना चाहिए।
स्कैलपिंग के लिए बेस्ट Chart time frame
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग की एक टेक्निक है, जो ट्रेडर को बहुत कम समय के लिए सुविधा प्रदान करती है। अक्सर सेकंड या मिनटों के लिए, इसके लिए सही चार्ट टाइम फ्रेम का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। स्कैल्पिंग के लिए सबसे अच्छा टाइम फ्रेम 1-मिनट और 5-मिनट के चार्ट माने जाते हैं।
यह ट्रेडर की स्ट्रेटेजी और stock market कंडीशंस पर निर्भर करता है कि कौन सा चार्ट बेहतर काम करेगा। निम्नलिखित चार्ट टाइम फ्रेम स्कैल्पिंग के लिए उपयोगी हो सकते हैं-
1. एक मिनट का चार्ट (1-Minute Chart): एक मिनट के चार्ट पर प्रत्येक कैंडलस्टिक एक मिनट की अवधि को दर्शाती है। यह समय सीमा स्कैल्पर्स को त्वरित एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स प्रदान करती है।
2. पाँच मिनट का चार्ट (5-Minute Chart): पाँच मिनट के चार्ट पर प्रत्येक कैंडलस्टिक पाँच मिनट की अवधि को दर्शाती है। यह टाइम फ्रेम थोड़ा लंबा है, लेकिन यह स्कैल्पिंग के लिए भी उपयुक्त है, खासकर यदि आप थोड़ा अधिक डेटा देखना चाहते हैं।
3. पंद्रह मिनट का चार्ट (15-Minute Chart): पंद्रह मिनट के चार्ट पर प्रत्येक कैंडलस्टिक पंद्रह मिनट की अवधि को दर्शाती है। यह स्कैल्पिंग के लिए कम उपयोग किया जाता है, लेकिन कुछ ट्रेडर्स इसे छोटे स्विंग्स को कैप्चर करने के लिए उपयोग करते हैं।
Scalping के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
स्काल्पिंग के दौरान आपको निम्नलिखित बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए-
- वॉल्यूम: हमेशा उन स्टॉक्स में ट्रेड करें जहाँ ट्रेडिंग वॉल्यूम हाई हो।
- वोलैटिलिटी: वोलेटाइल मार्केट्स में स्कैल्पिंग अधिक प्रॉफिटेबल हो सकती है।
- स्प्रेड: लो स्प्रेड वाली stocks चुनें, ताकि ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम हो।
स्कैल्पिंग के लिए सही चार्ट टाइम फ्रेम का चयन करने के बाद, बैकटेस्टिंग और पेपर ट्रेडिंग से अपनी स्ट्रेटेजी का परीक्षण करना बहुत जरूरी होता है। इससे आप लाइव मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने से पहले अपनी अप्रोच को बेहतर बना सकते हैं।
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