Trading Setup: सबसे अच्छा ट्रेडिंग सेटअप कैसे बनायें?
ट्रेडिंग सेटअप मार्केट में एक पैटर्न है, जिसका उपयोग ट्रेडर्स अपने प्रॉफिट को बढ़ाने के लिए करते हैं। लेकिन कोई भी पैटर्न 100% काम नहीं करता है। ट्रेडर्स इस पैटर्न को इसके अच्छे परिणामों की वजह से सीखना चाहते हैं। तो चलिए विस्तार से जानते हैं- सबसे अच्छा ट्रेडिंग सेटअप कैसे बनायें? How to create Trading setup/system in Hindi.
स्टॉक ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक लेपटॉप और मोबाइल जरूर होना चाहिए। स्टॉक चार्ट को आप लेपटॉप पर अच्छे से देख सकते हैं। यदि आप लेपटॉप खरीदना चाहते हैं तो आप उपर्युक्त लाल रंग के लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं।
ट्रेडिंग सेटअप क्या है?
Trading setup बनाने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आप किस तरह के ट्रेडर हैं। क्योंकि मेकेनिकल ट्रेडिंग सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है जो ट्रेडर्स के ट्रेडिंग सिग्नल जेनरेट करता है। इन्हें मैकेनिकल कहा जाता है क्योंकि इनसे ट्रेडर्स मार्केट में क्या हो रहा है? इस पर ध्यान दिए बिना मार्केट में ट्रेडिंग करता है।
यह सेटअप ट्रेडिंग से सम्बंधित आपके सभी पूर्वाग्रहों और भावनाओं को खत्म कर सकता है। इसलिए आपको अपने Stock Trading Setup से सम्बन्धित सभी नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। आप मंथली पे करके ट्रेडिंग सेटअप खरीद भी सकते हैं और यह काम भी करता है। आपको ट्रेडिंग डिसिप्लिन का जरूर पालन करना चाहिए।
वैसे खुद का ट्रेडिंग सेटअप बनाना भी कठिन नहीं है। लेकिन सेटअप के रूल्स फॉलो करना कठिन है। यदि आप आपने सेटअप में बनाये गए रूल्स को फॉलो कर पाते हैं तो आप ट्रेडिंग में जरूर सफल होंगे।
ट्रेडिंग सेटअप का मुख्य उद्देश्य
आपके ट्रेडिंग सेटअप का मुख्य उद्देश्य एक सफल ट्रेडर बनना होना चाहिए। ट्रेडिंग सेटअप को बनाते समय आपके निम्नलिखित उद्देश्य होने चाहिए-
- आपका ट्रेडिंग सिस्टम इस योग्य होना चाहिए कि वह जल्दी से जल्दी मार्केट ट्रेंड को पहचान ले।
- आपका ट्रेडिंग सेटअप इस योग्य होना चाहिए कि वह आपको Whipsaw (दोधारी तलवार) से बचा सके।
यदि आप अपने ट्रेडिंग सेटअप को ऐसा बनाते हैं कि वह ट्रेंड को जल्दी पहचान ले तो इससे आपके अक्सर फेकऑउट में फंसने का खतरा हो सकता है। अगर आप अपने ट्रेडिंग सेटअप को ऐसा बनाते हैं कि वह Whipsaw को अवॉयड करे तो आप ट्रेड में एंटर करने में लेट हो सकते हैं। जिसकी वजह से बहुत से ट्रेड आपसे छूट सकते हैं।
अतः आपको ऐसा मैकेनिकल Trading Setup बनाना चाहिए जो आपके दोनों उद्देश्यों के बीच कम्परोमाइज कर सके। जो ट्रेड को जल्दी पकड़ ले और फेक सिग्नल तथा रियल सिग्नल को भी बताये।
अपना Trading Setup/System डिजाइन करें?
ट्रेडिंग सेटअप डिजाइन करने के लिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं। स्टॉक मार्केट, क्रिप्टोकरेंसी, Forex market या Commodity market आदि। दिन के चौबीस घंटे दुनिया का कोई ना कोई मार्केट खुला ही रहता है।
जो ट्रेडर्स को ट्रेडिंग के अवसर प्रदान करता है। इंटरनेट के ज़माने में आप घर बैठे दुनिया के किसी भी मार्केट में इन्वेस्ट या ट्रेडिंग कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो Twinster (5 का पैक) ट्विनस्टर चार्ट पैटर्न पोस्टर खुद चिपकने वाला। ट्रेडिंग चार्ट पोस्टर ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के लिए ट्रेडिंग सेटअप एसेसरीज, कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न वॉल पोस्टर (साइज- 45× 33) खरीद सकते हैं।
स्कैम 1992 फिल्म में एक प्रसिद्ध डायलॉग है कि "शेयर मार्केट एक ऐसा कुआँ है जो पूरे देश की प्यास बुझा सकता है" अतः बस जरूरत है तो इस अनंत संभावनाओं वाले इस कुँए से पानी (धन) खींचने की। इसके लिए आपको ट्रेड लेने के लिए, अपने ट्रेडिंग सेटअप में सिक्स-स्टेप परीक्षण शामिल करने चाहिए। आप जिस ट्रेड को लेना चाहते हैं, वह इन सिक्स-स्टेप परीक्षण में खरा उतरना चाहिए। तभी आपको उस ट्रेड में पोजीशन बनानी चाहिए। ये सिक्स-स्टेप निम्नलिखित हैं।
Step-1: टाइमफ्रेम: ट्रेडिंग सेटअप बनाते वक्त सबसे पहले आपको यह पता करना चाहिए कि आप किस प्रकार के ट्रेडर हैं। Day trader, Swing trader, positional trader आदि। इससे आप यह जान पाएंगे की आपको ट्रेड कब लेना चाहिए।
Step-2: मार्केट ट्रेंड को पहचानने वाले इंडीकेटर्स खोजें: आपका दूसरा स्टेप यह होना चाहिए कि आप जितना जल्दी हो सके न्यू ट्रेंड (trend) को पकड़ ले। जिससे आपका ट्रेड में पोजीशन बनाते ही वह प्रॉफिट में आ जाये। न्यू ट्रेंड को पहचानने का सबसे प्रसिद्ध इंडिकेटर मूविंग एवरेज है।
इसकी मदद से आप नए ट्रेंड को जल्दी पकड़ सकते हैं। विशेषकर दो स्लो और फ़ास्ट मूविंग एवरेज का उपयोग करके, इसे मूविंग एवरेज क्रॉसओवर कहते हैं। वैसे तो नए ट्रेंड को पहचानने के कई तरीके हैं लेकिन मूविंग एवरेज इसे पहचानने का सबसे प्रसिद्ध तरीका है।
Step-3: ट्रेंड की पुष्टि करने के लिए इंडीकेटर्स खोजें: नए ट्रेंड को पहचानने के बाद आपको यह कन्फर्म जरूर करना चाहिए कि ट्रेंड फॉल्स है या ट्रू, Whipsaw से बचने के लिए आपको ट्रेंड चैक करने वाले इंडीकेटर्स का उपयोग अवश्य करना चाहिए। मार्केट ट्रेंड को कन्फर्म करने के लिए कई अच्छे टेक्निकल इंडीकेटर्स हैं। जैसे- RSI, ADX, MACD आदि। आपको ट्रेंड कन्फर्म करने वाला जो भी इंडिकेटर सबसे ज्यादा पसंद है, उसका उपयोग करना चाहिए।
Step-4: स्टॉपलॉस तय करें: ट्रेड लेने से पहले ही आपको स्टॉपलॉस एंट्री पॉइंट से कितने दूर लगाना है। यह तय कर लेना चाहिए। स्टॉपलॉस हमेशा रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो के हिसाब से ही लगाना चाहिए। आप प्रतिशत के हिसाब से भी स्टॉपलॉस लगा सकते हैं। प्रतिशत स्टॉपलॉस आपके टोटल अमाउंट का दो प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
स्टॉपलॉस एंट्री पॉइंट के ज्यादा पास भी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि पास के ज्यादातर स्टॉपलॉस हिट होते हैं। इससे आप Whipsaw का शिकार भी हो सकते हैं। साथ ही स्टॉपलॉस एंट्री पॉइंट से ज्यादा दूर भी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे प्रॉफिट कम हो जाता है क्योंकि स्टॉपलॉस हिट होने पर ज्यादा नुकसान होता है।
Step-5: ट्रेड में एंट्री और एग्जिट को परिभाषित करें: एक बार ये तय करने के बाद कि आप किस ट्रेड में कितना जोखिम ले सकते हैं? आपका अगला स्टेप यह होना चाहिए कि आप ट्रेड में कब एंटर करें यानि कि ट्रेड में कब पोजीशन बनायें।
साथ ही आपको पहले ही प्रॉफिट टार्गेट भी तय कर लेना चाहिए, कि ट्रेड से किस पॉइंट पर एग्जिट करना है? यानि कि पोजीशन को बंद कब करना है? आप लिमिट ऑर्डर भी लगा सकते हैं। जिससे आप ट्रेड से ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट कमा सकें।
कुछ ट्रेडर्स ऐसे होते हैं जो कुछ इंडीकेटर्स के पॉजिटिव सिग्नल देने पर ही ट्रेड में एंटर कर लेते हैं और कैंडल बंद होने का इंतजार भी नहीं करते हैं। लेकिन कुछ ट्रेडर्स ऐसे भी होते हैं जो कैंडल के बंद होने का इंतजार करते हैं।
ट्रेड से एग्जिट करने के अपने-अपने तरीके होते हैं। आपके पास भी ट्रेड से एग्जिट करने के कुछ तरीके होने चाहिए जो कि निम्नलिखित हैं-
- जैसे ही ट्रेड आपके फेवर में मूव कर जाता है, वैसे ही आपको अपने स्टॉपलॉस को भी बढ़ाते रहना चाहिए। यानि कि आपको ट्रेलिंग स्टॉपलॉस का पालन करना चाहिए।
- ट्रेड से एग्जिट करने का दूसरा तरीका यह है कि आपको ट्रेड लेने से पहले ही अपना टार्गेट तय कर लेना चाहिए। और जैसे ही आपका टार्गेट हिट ही आपको ट्रेड से एग्जिट कर लेना चाहिए। एमएसीडी इंडिकेटर
- कुछ ट्रेडर्स ट्रेड में एंट्री के लिए सपोर्ट लेवल का यूज करते हैं तथा एग्जिट के लिए रेजिस्टेंस का यूज करते हैं।
- कुछ ट्रेडर्स शेयर के प्राइस में थोड़े से अमाउंट की बढ़ोतरी होने पर ही प्रॉफिट बुक कर लेते हैं।
ट्रेडिंग में सफल होने के लिए आपको अपने Trading Setup के रूल्स का सख्ती से पालन करना चाहिए। Stick to your trading system क्योंकि आपको इसी से प्रॉफिट मिलेगा। ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग सीखें?
Step-6: अपने Trading Setup के नियम लिखें और उनको फॉलो भी करें
- यह आपके ट्रेडिंग सेटअप का सबसे महत्वपूर्ण स्टेप है
- आपको अपने ट्रेडिंग सेटअप के नियम लिख लेने चाहिए तथा हमेशा इन नियमों का आपको पालन करना चाहिए।
- डिसिप्लिन ट्रेडर्स का सबसे बड़ा गुण होता है। आपको हमेशा अपने Trading Setup से चिपके रहना चाहिए।
- कोई भी सिस्टम आपके लिए काम नहीं करेगा यदि आप इसके रूल्स का सख्ती से पालन नहीं करेंगे।
- अतः ट्रेडिंग डिसिप्लिन का हमेशा सख्ती से पालन करना चाहिए।
अपने Trading Setup को टेस्ट करें?
आप अपने ट्रेडिंग सेटअप को अपने चार्टिंग सॉफ्टवेयर जैसे tradingview.com और मनीकंट्रोल आदि पर अप्लाई कर सकते हैं। यानि कि अपने ट्रेडिंग सेटअप को इनके चार्टिंग सॉफ्टवेयर पर अप्लाई करके ट्रेडिंग की प्रक्टिस कर सकते है।
आपको अपने ट्रेड्स को ट्रेडिंग जर्नल में लिखकर रखना चाहिए। जिससे आप अपने प्रॉफिटेबल ट्रैड, एवरेज ट्रेड और लूसिंग (नुकसान वाले ट्रेड) ट्रेड का हिसाब रख सकें। आपको अपने ट्रेडिंग सिस्टम के साथ कॉन्फिडेंट और कम्फर्टेबल होना चाहिए। साथ ही बिना किसी हिचकिचाहट के ट्रेड करना चाहिए क्योंकि आखिर आपने इसे बजाय है।
Trading setup को यूज करने का तरीका
एक अच्छे ट्रेडिंग सिस्टम में सभी कम्पोनेंट होते हैं। अब एक स्विंग ट्रेडिंग सेटअप बनाने का उदाहरण लेते हैं। इसके लिए आपको डेली चार्ट पर ट्रेड करना चाहिए। साथ ही सिंपल मूविंग एवरेज का यूज करना चाहिए क्योंकि यह न्यू Trend को बहुत जल्दी पकड़ने में मदद करता है।
आपको ट्रेड में एंटर मूविंग एवरेज क्रॉसओवर के बाद ही करना चाहिए। ट्रेड लेने से पहले RSI इंडिकेटर का उपयोग शेयर के ओवरबोट या ओवरसोल्ड एरिया को जानने के लिए करना चाहिए। ट्रेड का सेटअप तैयार करने के बाद आपको यह तय करना चाहिए कि आप प्रत्येक ट्रेड के लिए कितना जोखिम ले सकते हैं।
अब आपको ट्रेड में एंट्री तथा एग्जिट पॉइंट साफ-साफ तय कर लेना चाहिए। जब 5 डे SMA, 10 डे SMA को नीचे से ऊपर की तरफ क्रॉस करे तथा RSI, ADX आदि इंडिकेटर ट्रेड के फेवर में सिग्नल दें। तब आपको लॉन्ग ट्रेड लेना चाहिए, यानि की मार्केट में खरीदारी की पोजीशन बनानी चाहिए। साथ ही रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो आपके फेवर में रहे, आपको उस हिसाब से स्टॉपलॉस भी अवश्य ही लगाना चाहिए।
इसी तरह जब 5 डे SMA 10 डे SMA ऊपर से नीचे की तरफ क्रॉस करे तथा RSI 50 के नीचे होना चाहिए। साथ ही RSI, ADX आदि इंडिकेटर ट्रेड के फेवर में सिग्नल दें। तब आपको शेयर में शार्ट सेल की पोजीशन बनानी चाहिए। यानि मार्केट में बिकवाली करनी चाहिए। साथ ही रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो आपके फेवर में रहे। उसके हिसाब से आपको स्टॉपलॉस भी अवश्य लगाना चाहिए।
यदि आपको यह लगता है कि आपका मूविंग एवरेज क्रॉसओवर विपरीत दिशा में घूम रहा है। तो आपको अपने ट्रेड से एग्जिट कर लेना चाहिए। इस स्थिति में यदि आपने स्टॉपलॉस लगाया होगा तो आपका हिट हो जायेगा और आप बड़े नुकसान से बच जायेंगे। आपको हमेशा ये याद रखना चाहिए कि आपको अपने Trading Setup के रूल्स एंड रेग्युलेशन्स का सख्ती से पालन करना है।
सारांश: स्टॉक मार्केट में काम करने के बहुत सारे सिस्टम हैं लेकिन बहुत से ट्रेडर्स द्वारा डिसिप्लिन और रूल्स का पालन सही से नहीं करने के कारण ट्रेडिंग में प्रॉफिट नहीं कमा पाते हैं। अतः ट्रेडिंग डिसिप्लिन और रूल्स का पालन करके आप अपने धन के नुकसान को रोक ही नहीं सकते बल्कि मार्केट से धन कमा भी सकते हैं।
आपके ट्रेडिंग सेटअप (Trading Setup) के दो मुख्य गोल होने चाहिए-
- जितनी जल्दी हो सके मार्केट/स्टॉक्स के ट्रेंड (trend) को पहचानने में एक्सपर्ट बनें।
- Whipsaw से बचने के एक्सपर्ट बनें यानि ट्रेंड को कन्फर्म करके ही ट्रेड लें।
जब आपके डेमो अकाउंट में प्रॉफिट दिखने लगे, तब आपको रियल ट्रेडिंग करना चाहिए। साथ ही अपने ट्रेडिंग डिसिप्लिन एंड रूल्स का सख्ती से पालन करना चाहिए क्योंकि यही शेयर मार्केट ट्रेडिंग की सफलता की कुँजी है।
उम्मीद है, आपको यह सबसे अच्छा ट्रेडिंग सेटअप कैसे बनायें? आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह How to create Trading setup/system in Hindi. आर्टिकल पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें।
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