Relative strength Index: (RSI) रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडिकेटर की फुल जानकारी
RSI एक ऐसा टेक्निकल इंडिकेटर है, जिसे फाइनेंसियल मार्केट में सबसे ज्यादा यूज़ किया जाता है। रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स द्वारा यह पता लगाया जाता है कि स्टॉक्स और स्टॉक मार्केट वर्तमान समय में ओवरबॉट कंडीशन में है या ओवरसोल्ड कंडीशन में है।
जिसके आधार पर ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स मार्केट में बाइंग और सेलिंग की पोजीशन बनाते हैं। यह एक मोमेंटम इंडिकेटर है। आइए विस्तार से जानते हैं- रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडिकेटर की फुल जानकारी हिंदी में। Relative strength Indicator (RSI) ki full jankari Hindi.
अगर आप शेयर मार्केट का टेक्निकल एनालिसिस करने में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको मुकुल अग्रवाल द्वारा लिखित बुक द सिपलेस्ट बुक फॉर टेक्निकल एनालिसिस जरूर पढ़नी चाहिए।
Relative Strength Index (RSI)
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडिकेटर (RSI) को J. Welles Wilder द्वारा बनाया गया था। वाइल्डर ने New Concepts in Technical Trading Systems नामक बुक के 1978 के अंक में Relative Strength index के कांसेप्ट को प्रकाशित किया था। इसी किताब में पैराबोलिक सार, डायरेक्शनल मूवमेंट कांसेप्ट (ADX) एवरेज ट्रू रेंज (ATR) इंडीकेटर्स के बारे में भी बताया गया था।
हालाँकि ये कम्प्यूटर्स के युग से पहले की बात है लेकिन आज भी शेयर मार्केट में इनकी जरूरत बनी हुई है। ये अपनी कसौटी पर खरे उतरे हैं और आज भी बहुत लोकप्रिय हैं।
यह प्राइस की गति में होने वाले परिवर्तन को मापता है। यानि की यह प्राइस की स्ट्रेंथ को बताता है। अगर RSI की वैल्यू बढ़ती है तो प्राइस भी बढ़ता है। इसी तरह अगर RSI की वैल्यू गिरती है तो प्राइस भी गिरता है। लेकिन यह ओवरसोल्ड और ओवरबॉट का उल्टा है। अब इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए आपको RSI को चार्ट पर देखना होगा।
Relative Strength Index को चार्ट पर कैसे देखें?
RSI को चार्ट पर देखने के लिए में इसे आपको Groww app पर समझा रही हूँ। ग्रो एप पर फ्री में अपना डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोले सबसे पहले आपको ग्रो एप में BANKNIFTY पर क्लिक करके चार्ट खोल लेना है। अब चार्ट में नीचे की तरफ ग्रीन कलर में लिखे Technical पर क्लिक करने से Groww Terminal पर एक और चार्ट खुल जायेगा।
अब इस चार्ट में लिखे Indicators पर क्लिक करके उसमे relative Strength Index को खोल लेना है। इस तरह चार्ट पर RSI इंडिकेटर नीचे की तरफ आ जायेगा। इसमें आपको आड़ी-तिरछी लाइन दिखाई देगी। यह आपको ECG के ग्राफ की तरह लगेगा। इसके दो भाग हैं, पहला एक बैंड है, दूसरा ऊपर-नीचे लाइन्स बनी हुई हैं।
आपके राइट साइड में स्केल दिया गया है जिस पर10 से लेकर 20, 40,60,70,80,90 और 100 तक RSI की रेंज को आप देख सकते हैं। वैसे 100 तक कभी जाता नहीं है। अब आप सेटिंग्स में जाकर अपने हिसाब से RSI को सेट कर सकते हैं या defaults ही रहने दे। स्टोकेस्टिक ऑसिलेटर
शार्ट-टर्म ट्रेडर्स के लिए RSI की रेंज 40 से 60 के बीच ठीक रहती है। यदि आप स्विंग ट्रेडर् हैं तो आपके लिए इसकी रेंज 30 से 70 ठीक रहेगी। आप इसकी सेटिंग में जाकर इसका कलर, टाइमफ्रेम, अपर रेंज, लोअर रेंज आदि अपने हिसाब से सेट कर सकते हैं। RSI की वैल्यू जब 50 के आसपास होती है। तब यह न्यूट्रल होता है, यानि की ना तो RSI बुलिश है ना ही बेयरिश है।
यदि यह 50 से ऊपर 60 की तरफ बढ़ रहा है। इसका मतलब इसमें मूमेंटम (strength) बढ़ रहा है। इसका मतलब शेयर का प्राइस को भी बढ़ना चाहिए। आप चार्ट पर देख सकते हैं कि जब-जब RSI बढ़ता है, तब-तबशेयर का प्राइस बढ़ता है।
जहाँ-जहाँ Relative Strength Index गिरता है, वहाँ-वहाँ प्राइस भी गिरता है। मेरे कहने का मतलब है कि जब RSI 50 से 60-70 की तरफ बढ़ता है। तब आपको मार्केट में खरीदारी करनी चाहिए। फॉरवर्ड कॉन्ट्रेक्ट
इसी तरह आरएसआई जब 50 से नीचे 30-40 की तरफ ब्रेक करे। तब आपको मार्केट में बिकवाली (Short-sell) करनी चाहिए। अगर RSI 50 से ऊपर की तरफ बढ़ रहा है तो मूमेंटम बढ़ रहा है। अगर मूमेंटम बढ़ेगा तो प्राइस भी बढ़ेगा। इसी तरह यदि RSI 50 से नीचे 30-40 की तरफ गिर रहा है। सका मतलब मार्केट में मूमेंटम कम हो रहा है। यहाँ से प्राइस भी गिरना चाहिए।
यानि प्राइस की स्ट्रेंथ कम हो रही है, इस समय मार्केट में बिकवाली करनी चाहिए। लेकिन जब प्राइस भी RSI के अनुसार चले। तब आपको मार्केट में पोजीशन बनानी चाहिए। जब प्राइस 60 या 40 को ब्रेक करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को भी तोड़ दे। तब आपको मार्केट में पोजीशन बनानी चाहिए।
Relative Strength index (RSI) का केलकुलेशन
RSI को पिछले चौदह दिनों के लाभ और हानि के आंकड़े के आधार पर निकला जाता है। औसत लाभ और औसत हानि की गणना चौदह RSI पीरियड का औसत होता है, इसे दो स्टेप से निकला जाता है -
- RS=100 - [100 / 1+RS]
- यहाँ RS-= Average Gain/Average Loss
- फर्स्ट औसत लाभ= पिछले चौदह पीरियड में हुए लाभ का योग/14
- फर्स्ट औसत नुकसान= पिछले चौदह पीरियड में हुए नुकसान का योग/14
- Average Gain = [(Previous Average Gain) × 13 + Current Gain] / 14
- Average Loss = [(Previous Average Loss) × 13 + Current loss] / 14
यानि यहां से मार्केट में गिरावट और आने की आशंका बहुत ही कम है। इसी तरह यदि Relative Strength Index 40 से ऊपर है तो इसका मतलब मार्केट बुलिश है। यहाँ से मार्केट में लॉन्ग पोजीशन बनानी चाहिए। यदि यह 60 से ऊपर है तो मार्केट बुलिश है।
यहाँ पर मार्केट में लॉन्ग पोजीशन बनानी चाहिए। अगर RSI सत्तर से ऊपर है तो इसका मतलब मार्केट ओवरबॉट है। अब मार्केट में गिरावट आ सकती है।
शेयर खरीदने के लिए बेस्ट RSI कितना होना चाहिए? रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स शार्ट-टर्म के लिए बाइंग और सेलिंग सिग्नल देता है। 30 से कम RSI मार्केट में खरीदारी का सिग्नल देता है। इसी तरह 70 से ज्यादा RSI मार्केट में बिकवाली का सिग्नल देता है। फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट
क्या RSI एक अच्छा इंडिकेटर है? यदि आप चार्ट पर RSI को देखकर सही निर्णय लेना जानते हैं तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग में अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं। यह एक विश्वसनीय इंडिकेटर है, यह इंट्राडे में अच्छा काम करता है। RSI द्वारा समय-समय जेनरेट किये जाने वाले ट्रेड करके आप अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
उम्मीद है, अब आप रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स की फुल जानकारी हिंदी में आर्टिकल पसंद आया होगा।अच्छे के बारे जान गए होंगे। अगर आपको यह Relative strength Index (RSI) ki full jankari Hindi me. आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।
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