सेंसेक्स का निर्धारण कैसे किया जाता है? How is a sensex decided?

बीएसई सेंसेक्स की गणना फ्री-फ्लोट कैपिटलाइजेशन नामक विधि का उपयोग करके की जाती है। इस विधि में, कंपनियों को इंडेक्स के कुल बाजार पूंजीकरण में उनके हिस्से के आधार पर भारित किया जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं- सेंसेक्स का निर्धारण कैसे किया जाता है? How is a sensex decided? in Hindi. 
                                                                     
How is a sensex decided?

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Sensex Index क्या है? 

सेंसेक्स भारत में बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स है। सेंसेक्स में बीएसई पर सबसे बड़े और सबसे अधिक सक्रिय रूप से कारोबार किए जाने वाले 30 स्टॉक शामिल हैं। यह भारत की अर्थव्यवस्था को एक पैमाना प्रदान करता है। यह फ्लोट-एडजस्टेड और मार्केट कैपिटलाइज़ेशन-वेटेड इंडेक्स है। 

सेंसेक्स इंडेक्स भारतीय अर्थव्यवस्था का बेंचमार्क इंडेक्स है। यह BSE Stock Exchange पर लिस्टेड देश की सबसे बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी गणना भारतीय रूपये और अमेरिकी डॉलर में की जाती है। 

सेंसेक्स की हर साल जून और दिसंबर में अर्धवार्षिक समीक्षा की जाती है। इसे 1986 में बनाया गया, सेंसेक्स भारत के Stock market को दर्शाने वाला सबसे पुराना स्टॉक इंडेक्स है। इसे स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) द्वारा संचालित किया जाता है। 

Share market के विश्लेषक और निवेशक Sensex index उपयोग भारत की अर्थव्यवस्था के चक्रों और विशेष सेक्टर्स की ग्रोथ और गिरावट का निरीक्षण करने के लिए करते हैं। यह भारत का सबसे अधिक ट्रैक किया जाने वाला इंडेक्स हैं। 

सेंसेक्स में शामिल करने ले लिए Stocks को निम्नलिखित मानदंडों पर खरा उतरना पड़ता है- 
  • लिक्विडिटी: हाई ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले स्टॉक को इसमें शामिल लिया जाता है। 
  • सेक्टर का प्रतिनिधित्व: इसमें अलग-अलग सेक्टर्स की महत्वपूर्ण Large-cap companies के स्टॉक्स को शामिल किया जाता है। 
  • मार्केट कैपेटलाइजेशन: मार्केट में महत्वपूर्ण उपस्थिति वाली लार्ज-कैप कंपनियाँ के स्टॉक्स को सेंसेक्स में शामिल किया जाता है। 
  • रेपुटेशन एंड स्टेबिल्टी: अच्छी तरह से स्थापित और प्रतिष्ठित कंपनियों को सेंसेक्स में शामिल किया जाता है। 
  • कंपनी की हिस्ट्री; इसमें स्टॉक एक्सचेंज BSE पर लिस्ट मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनियों को शामिल किया जाता है। 

Sensex में शामिल कंपनियों के नाम 

BSE stock exchange के बैंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स में शामिल कंपनियों के नाम निम्नलिखित हैं- 
  1. एशियन पेंट्स (Asian Pants)
  2. अडानी पोर्ट (Adani Ports)
  3. अल्ट्राटैक सीमेंट (UltraTechCement)
  4. एक्सिस बैंक (Axix Bank)
  5. बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance)
  6. बजाज फिनसर्व Bajaj Finserv)
  7. एचसीएल टैक HCL Tech)
  8. एचयूएल (HUL)
  9. एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
  10. भारती एयरटेल (Bharti Airtel)
  11. इंफोसिस (Infosys)
  12. आईटीसी (ITC)
  13. आईसीआईसी बैंक (ICICI Bank)
  14. इंडसंड बैंक (Indusand Bank)
  15. जे.एसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel)
  16. कोटक महेंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)
  17. लार्सन एंड टुब्रो (Larsen &Tubro)
  18. महेंद्रा & महेंद्रा (M&M
  19. मारुति सुजूकी (Maruti Suzuki
  20. एनटीपीसी (NTPC)
  21. नेस्ले (Nestle)
  22. पावर ग्रिड कॉर्प (Power Grid Corp)
  23. रिलायंस इंडस्ट्री (Reliance Industry)
  24. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 
  25. सन फार्मा (Sun Pharma)
  26. टाटा मोटर्स (Tata Motors)
  27. टाटा स्टील (Tata Steel)
  28. टीसीएस (TCS)
  29. टाइटन कंपनी (Titan Company)
  30. टैक महेंद्रा (Tech Mahindra) 
सेंसेक्स इंडेक्स में शामिल स्टॉक्स का समय-समय पर रिव्यू किया जाता है। जिससे इसकी समयानुरूप प्रसंगिकता बनी रहे। 

Sensex Index के मार्केट कैपेटलाइजेशन की गणना

सेंसेक्स के फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन की गणना की जाती है। इसमें केवल ट्रेडिंग के लिए आसानी से उपलब्ध शेयरों को ही शामिल किया जाता है। इसमें प्रमोटर, सरकार या स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टर्स द्वारा रखे गए stocks को शामिल नहीं किया जाता है। 

सेंसेक्स की कैपेटलाइजेशन की गणना करने का फार्मूला निम्नलिखित है-

फ्री-फ्लोट मार्केट कैप = मार्केट प्राइस × कुल शेयर बकाया × फ्री-फ्लोट फैक्टर
फ्री-फ्लोट फैक्टर एक प्रतिशत रहता है जो ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध शेयरों के अनुपात को दर्शाता है। 

सेंसेक्स इंडेक्स की वैल्यू का केलकुलेशन: सेंसेक्स मूल्य एक बेस ईयर और बेस इंडेक्स वैल्यू (आमतौर पर सुविधा के लिए 100 पर सेट) का उपयोग करके निर्धारित किया जाता है। पेटीएम

सेंसेक्स = 30 कंपनियों के फ्री फ्लोट मार्केट कैप का योग ÷ इंडेक्स डिवाइजर 

इंडेक्स डिवाइजर स्टॉक स्प्लिट, बोनस इश्यू या इंडेक्स कंपोजिशन में बदलाव जैसी घटनाओं के लिए एडजस्ट करने के लिए एक स्केलिंग फैक्टर है। यह सुनिश्चित करता है कि इंडेक्स कॉरपोरेट एक्शन के बजाय प्योर मार्केट मूवमेंट को दर्शाता है। 

Sensex का डेली अपडेट: शेयर के प्राइस में उतार-चढ़ाव के कारण ट्रेडिंग घंटों के दौरान सेंसेक्स के प्राइस को वास्तविक समय में अपडेट किया जाता है। सेंसेक्स के 30 घटक स्टॉक के सामूहिक price movements के आधार पर इसका प्राइस बढ़ता या घटता है। ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम

Sensex Index को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक: 30 कंपनियों की कॉर्पोरेट आय और उनका प्रदर्शन। जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति, ब्याज दरों जैसे मैक्रोइकॉनोमिक कारकइसको प्रभावित करते हैं। विश्व के प्रमुख शेयर मार्केट सेंटीमेंट वैश्विक और भू-राजनीतिक घटनाक्रम। एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) की Indian Share market में बिकवाली और खरीदारी। 

सेंसेक्स इंडेक्स का इतिहास 

भारत द्वारा 1991 में अपनी अर्थव्यवस्था को खोलने के बाद से Sensex Index में भारी वृद्धि देखी गई। 21वीं सदी में इसमें बहुत ज़्यादा वृद्धि हुई है। जब यह 2000 की शुरुआत में लगभग 5,000 से बढ़कर जनवरी 2020 में लगभग 42,000 हो गया था। यह भारत की अर्थव्यवस्था के तेजी से ग्रोथ करने का परिणाम है। जो इस वक्त से दुनिया में सबसे तेज़ गति से ग्रोथ कर रही है।

2020 की शुरुआत में वैश्विक कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप की वजह से होने वाली आर्थिक मंदी के भारत की अर्थव्यवस्था को धीमा कर दिया था। जैसा कि इसने दुनिया भर की सभी अर्थव्यवस्थाओं को किया था। जिसके परिणामस्वरूप 2020 में सेंसेक्स 30,000 से भी निचले स्तर तक गिर गया।

हालांकि, ज़्यादातर अर्थव्यवस्थाओं की तरह, भारत ने भी कोरोनावायरस महामारी के बाद से वापसी की है। यह सेंसेक्स में महामारी से पहले के समय से काफ़ी ऊपर के स्तरों पर मज़बूत बढ़त में परिलक्षित होता है। 2021 में, सूचकांक 50,000 को पार कर गया, और 2022 में यह 60,000 को पार कर गया। 2023 में, यह 65,000 अंक को पार कर गया। फ़िलहाल (04-12-2024) Sensex 80,000 के करीब चल रहा है।

भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का श्रेय देश के मध्यम वर्ग के उत्थान को जाता है और इसके विपरीत भी। एक अध्ययन के अनुसार, 2030 तक देश के लगभग 80% परिवार मध्यम आयवर्ग में शामिल हो जायेंगे। जो 2019 में लगभग 50% था। मध्यम वर्ग उपभोक्ता मांग का एक महत्वपूर्ण चालक है। सीपीआर ट्रेडिंग

संक्षेप में, सेंसेक्स Indian Stock Market में विभिन्न क्सेक्टर्स की 30 महत्वपूर्ण कंपनियों के प्रदर्शन और इन्वेस्टर्स एंड ट्रेडर्स के मार्केट सेंटीमेंट का प्रतिबिंब है।

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