फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (Futures & Options) में एक्सपायरी (Expiry Date) क्या है?
महीने का वह दिन जिस दिन Futures & Options के सौदे समाप्त होते हैं, उसे Expiry date कहते हैं। F&O की साप्ताहिक एक्सपायरी प्रत्येक बृहस्पतिवार को होती है। इसी तरह मंथली एक्सपाइरी प्रत्येक महीने के आखिरी बृहस्पतिवार को होती है। जिस भी ऑप्शंस ट्रेडर्स के पास ये कॉन्ट्रेक्ट होते हैं।
यदि वह उन्हें एक्सपायरी के बाद भी बनाये रखता है तो एक्सपायरी डेट निकलने के बाद वे कॉन्ट्रेक्ट बेकार हो जाते हैं। विस्तार से जानते हैं- फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (Futures & Options) में एक्सपायरी क्या है? Expiry date in Futures & Options (F&O) in Hindi.
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डेरिवेटिव मार्केट का आज, शेयर मार्केट निवेश में बड़ा हिस्सा है। F&O मार्केट में ट्रेड किये जाने वाले स्टॉक्स डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट होते हैं। डेरिवेटिव एक कॉन्ट्रेक्ट है, जिसमे अंडरलेइंग एसेट को भविष्य की एक निश्चित तारीख और प्राइस पर खरीदा और बेचा जाता है।
दूसरी तरफ ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट में एक ट्रेडर को अंडरलेइंग एसेट को खरीदने और बेचने का अधिकार तो होता है। लेकिन ऑप्शन ट्रेडर ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं है। लेकिन फ्यूचर्स में ट्रेडिंग करते समय ट्रेडर्स निर्दिष्ट तारीख पर अपनी पोजीशन को एक्सरसाइज करने के लिए बाध्य होता है। फॉरवर्ड कॉन्ट्रेक्ट लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है।
Expiry Date क्या होती है?
शेयर मार्केट में एक्सपायरी डेट उन कॉन्ट्रैक्ट्स से जुडी होती है, जो डेरिवेटिव मार्केट (Futures & Options) से जुड़े होते हैं। सरल शब्दों में एक्सपायरी डेट वह होती है जिस पर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायर होते हैं। प्रत्येक फ्यूचर एंड ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट किसी अंडरलेइंग एसेट को खरीदने और बेचने के कॉन्ट्रैक्ट पर आधारित होते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग
अंडरलेइंग एसेट में स्टॉक, कमोडिटी और करेंसी आदि हो सकती हैं। जिस कॉन्ट्रैक्ट में निवेशक शामिल होते हैं या सहमत होते हैं। उनकी समाप्ति की तारीख होती है जिसे एक्सपायरी डेट कहते हैं। जिसके पहले अंडरलेइंग एसेट को लाभ-हानि को बुक करने के लिए खरीदी या बेचीं जाती है। ऑप्शन स्ट्रेटजी या कॉन्ट्रैक्ट को समाप्त होने दिया जाता है।
Expiry Date के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-
- डेरिवेटिव के लिए एक्सपायरी डेट अंतिम तिथि है, जिस तक कॉन्ट्रैक्ट वैध होते हैं। उसके बाद F&O कॉन्ट्रेक्ट एक्सपायर हो जाते हैं। इंडिया में Futures & Options की साप्तहिक एक्सपायरी महीने के प्रत्येक ब्रहस्पतिवर को और मंथली एक्सपायरी महीने के आखिरी बृहस्पतिवार को होती है। यदि महीने के आखिरी बृहस्पतिवार को मार्केट की छुट्टी होती है, तो एक्सपायरी पहले ही दिन हो जाती है। फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट
- डेरिवेटिव के प्रकार के आधार पर Expiry Date के अलग-अलग परिणाम हो सकते हैं।
- ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट ओनर अपने ऑप्शन कॉट्रैक्ट का प्रयोग (exercise) कर सकते हैं। यानि अपने प्रॉफिट और लॉस को बुक कर सकते हैं या चाहें तो उसे बेकार ही एक्सपायर होने दे सकते हैं।
- फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट का मालिक को एक्सपायरी डेट तक अपने अंडरलेइंग एसेट की पोजीशन को चाहें तो बंद कर सकते हैं। या डिलीवरी भी ले सकते है। अगर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के मालिक यदि चाहें तो अपनी पोजीशन को रोलओवर भी कर सकते हैं।
- एक बार एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट expiry हो जाता है, उसके बाद वह ऑप्शन इनवेलिड हो जाता है।
- इक्विटी ऑप्शंस में ट्रेड करने का आखिरी दिन एक्सपायरी का दिन, एक्सपायरी से पहले तक होता है। इसके लिए ऑप्शंस ट्रेडर्स को तय करना होता है कि उन्हें अपने ऑप्शंस के साथ क्या करना है।
- OTM ऑप्शन में ऑटोमेटिक एक्सरसाइज होने का प्रावधान होता है। यदि expiry के समय ऑप्शन आउट-ऑफ-द-मनी होता है। यदि कोई F&O trader अपने ऑप्शन का प्रयोग नहीं करना चाहता है तो उसे expiry date तक अपनी पोजीशन को बंद करना चाहिए या उसे रोलओवर करना चाहिए। ITM, ATM, OTM
Expiry Date और ऑप्शन वैल्यू
जिस शेयर (ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट) के एक्सपायर होने में जितना अधिक समय होता है। उतना ही अधिक समय उसे अपने स्ट्राइक प्राइस तक पहुंचने में लगता है। उसके पास ज्यादा टाइम वैल्यू होती है। ऑप्शंस दो प्रकार के होते हैं- पुट ऑप्शन और कॉल ऑप्शन। स्ट्राइक प्राइस
कॉल ऑप्शन के धारक को अंडरलिंग स्टॉक्स को खरीदने का अधिकार होता है लेकिन दायित्व नहीं। इसी तरह पुट ऑप्शन के धारक को अंडरलेइंग स्टॉक्स को बेचने का अधिकार होता है लेकिन दायित्व नहीं। यदि वह expiry date तक एक निश्चित स्ट्राइक प्राइस तक पहुँच जाता है। यही कारण है कि ऑप्शन ट्रेडर्स के लिए expiry date बहुत महत्वपूर्ण है। ऑप्शन प्रीमियम
टाइम का कॉन्सेप्ट ही ऑप्शंस को उसकी वैल्यू देता है। पुट या कॉल ऑप्शन के एक्सपायर होने के साथ ही उसकी टाइम वैल्यू भी खत्म हो जाती है। साधारण शब्दों में एक बार डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट के एक्सपायर हो जाने के बाद ट्रेडर्स के पास कॉल या पुट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का मालिक होने के बाद के सारे अधिकार भी एक्सपायर हो जाते हैं।
Expiry Date और फ्यूचर्स वैल्यू
फ्यूचर्स ऑप्शंस से अलग होते हैं, यहाँ तक कि एक आउट-ऑफ-द-मनी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट की expiry के बाद भी वैल्यू होती है। क्योंकि यदि कोई ट्रेडर एक्सपायरी डेट तक कॉन्ट्रैक्ट को होल्ड रखता है। तो इसका मतलब वह फ्यूचर के स्टॉक्स को खरीदना चाहता है इसलिए फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बेकार एक्सपायर नहीं होते हैं। Lot Size
इसमें शामिल सभी ट्रेडर्स इन कॉन्ट्रैक्ट को पूरा करने के लिए उत्तरदायी होते हैं। जो ट्रेडर्स इस कॉन्ट्रैक्ट को पूरा नहीं करना चाहते, वे expiry date के दिन या उससे पहले अपनी पोजीशन को क्लोज या रोलओवर कर लेते हैं।
फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट को होल्ड करने वाले ट्रेडर्स अपने प्रॉफिट या लॉस को एक्सपायरी के दिन या उससे पहले बुक कर सकते हैं। फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट होल्डर अपनी पोजीशन को एक्सपायरी के दिन रोलओवर भी कर सकते हैं। एक्सपायरी डेट को अंतिम ट्रेडिंग डे भी कहा जाता है। प्रॉफिटेबल ट्रेडिंग स्ट्रेटजी
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FOQs)
F&O एक्सपायरी टाइम क्या है?
F&O contract की एक्सपायरी प्रत्येक महीने के आखिरी गुरुवार को सेशन के अंत में होती है। यदि कभी Expiry Date वाले गुरुवार को अवकाश होता है तब उस महीने के एफ एंड ओ कॉन्ट्रैक्ट अवकाश से एक दिन पहले ही समाप्त हो जाते है।
इसी तरह Futures & Options के साप्ताहिक कॉन्ट्रैक्ट प्रत्येक गुरुवार को सेशन के अंत में एक्सपायर होते हैं। अगर किसी गुरुवार को अवकाश होता है तो साप्ताहिक कॉन्ट्रैक्ट भी एक दिन पहले expiry हो जाते हैं। टाइम डिके या थीटा
मैं अपना F&O लाभ कब निकाल सकता हूँ?
यदि स्टॉक्स को होल्डिंग से बेचा जाता है या F&O की पोजीशन शुक्रवार को बंद की जाती है। तो आप सोमवार की शाम को अपनी इनकम वापस ले सकते हैं।
क्या हम Expiry date से पहले एफ एंड ओ बेच सकते हैं?
अगर आपको लगता है कि आपके कॉन्ट्रैक्ट के एक्सपायर होने से पहले मार्केट में तेजी आएगी। आप इसके एक्सपायर होने से पहले हाई प्राइस प्राप्त करेंगे। तो आप एक्सपायर होने अपने फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट से बाहर निकल सकते हैं। किसी भी F&O कॉन्ट्रैक्ट को होल्ड करने के लिए ट्रेडर्स बाध्य नहीं होते हैं। वह जब चाहें कॉन्ट्रैक्ट खरीदऔर बेच सकते हैं। एडवांस/डिक्लाइन रेश्यो
क्या में Expiry Date के दिन ऑप्शन खरीद सकता हूँ?
एक्सपायरी डेट वाले दिन ऑप्शन खरीदना, सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली ऑप्शन स्ट्रेटजी है। इस स्ट्रैटजी में कई स्ट्राइक प्राइस के साथ ऑप्शंस को खरीदा जाता है। जो ट्रेडर्स इस स्ट्रेटजी को चुनते हैं उन्हें प्राइस के अपने पक्ष में आने की संभावना रहती है। वे एक्सपायरी से पहले अपनी पोजीशन को बंद कर देते हैं। ऑप्शन चैन
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