Best Dividend Yield Stocks: सबसे अधिक डिविडेंड यील्ड वाले भारतीय शेयर
डिविडेंड यील्ड (Dividend Yield) एक महत्वपूर्ण फाइनेंशियल इंडिकेटर है। जो इन्वेस्टर्स को यह समझने में मदद करता है कि XYZ कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने पर उन्हें डिविडेंड के रूप में कितना प्रतिफल मिलेगा।
डिविडेंड इन्वेस्टर्स के लिए विशेष रूप से उपयोगी होता है क्योंकि यह उन्हें उनके इन्वेस्टमेंट पर संभावित रिटर्न का अनुमान करने में सहायता करता है। आइए विस्तार से जानते हैं- सबसे अधिक डिविडेंड यील्ड वाले भारतीय शेयर Best Dividend Yield Stocks in India. in Hindi
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डिविडेंड यील्ड क्या है?
Dividend Yield वह रेश्यो है, जो किसी कंपनी द्वारा दिए गए वार्षिक डिविडेंड और उसके शेयर के वर्तमान मार्केट प्राइस के बीच का संबंध दर्शाता है। इसे आमतौर पर प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। डिविडेंड यील्ड यह बताती है कि इन्वेस्टर्स को कंपनी में इन्वेस्ट करने पर प्रति रुपये के हिसाब से कितना डिविडेंड मिलेगा।
डिविडेंड यील्ड वह राशि है, जो कंपनी अपने स्टॉक के शेयरधारकों को भुगतान करती है। जिसे उसके करंट मार्केट प्राइस (CMP) से विभाजित किया जाता है। मैच्योर कंपनियों द्वारा डिविडेंड का भुगतान करने की संभावना सबसे अधिक होती है।
High Dividend Stocks हमेशा आकर्षक इन्वेस्टमेंट के अवसरों का संकेत नहीं देते हैं क्योंकि स्टॉक के प्राइस गिरने के परिणामस्वरूप स्टॉक की डिविडेंड यील्ड बढ़ सकती है। इन्वेस्टर्स को डिविडेंड आमतौर पर कंपनी के प्रॉफिट से दिया जाता है।
ये भुगतान कंपनी की इनकम के एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। जो उसके इन्वेस्टर्स को उनके स्वामित्व के लिए पुरस्कार के रूप में वितरित किया जाता है। डिविडेंड का भुगतान कंपनी द्वारा विभिन्न रूपों में किया जा सकता है। जिसमें नकद भुगतान, बोनस शेयर या अन्य संपत्ति शामिल हैं। डिविडेंड का सबसे आमरूप नकद डिविडेंड है। जिस पर यह आर्टिकल केंद्रित है। इंडेक्सबोम सेंसेक्स
जो कंपनियाँ लगातार और स्टेबल प्रॉफिट कमाती हैं। उनके नियमित डिविडेन्ड का भुगतान करने की अधिक संभावना रखती हैं। जबकि इसके विपरीत High groth compnies शरहोल्डर्स को डिविडेंड देने के बजाय उसे कंपनी के बिजनेस में रीइन्वेस्ट करना पसंद करती हैं।
आप कंपनी की डिविडेंड पॉलिसी से उसकी फाइनेंशियल हेल्थ और भविष्य की अर्निंग्स के मैनेजमेंट के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। चूँकि डिविडेंड पॉलिसी उसके शेयर प्राइस के सापेक्ष बदलती रहती है। इसलिए यह अक्सर उन शेयरों के लिए असामान्य रूप से हाई लग सकता है। जिनके शेयरों का प्राइस तेज़ी से गिर रहा होता है। मनीनेस
नई कंपनियाँ जो अपेक्षाकृत छोटी होती हैं, लेकिन फिर भी तेज़ी से बढ़ रही होती हैं। वे समान सेक्टर की मैच्योर कंपनियों की तुलना में कम औसत डिविडेंड दे सकती हैं। सामान्यतौर पर, मैच्योर कंपनियाँ जो बहुत तेज़ी से नहीं बढ़ रही हैं। उनके शेयर most dividend paying stocks होते हैं।
डिविडेंड यील्ड का महत्व
- Dividend Yield: यह कई कारणों से महत्वपूर्ण होता है। यह इन्वेस्टर्स को कंपनी के न केवल संभावित कैश फ्लो का अनुमान देता है। बल्कि यह भी संकेत करता है कि कंपनी अपने प्रॉफिट का कितना हिस्सा शेयरधारकों को लौटाती है।
- कैश फ्लो का स्रोत: हाई डिविडेंड यील्ड वाले शेयर, इन्वेस्टर्स को नियमित इनकम प्रदान कर सकते हैं। यह विशेष रूप से रिटायरमेंट योजना वाले इन्वेस्टर्स के लिए लाभकारी होते हैं।
- कंपनी की स्थिरता का संकेत: डिविडेंड भुगतान कंपनियों की फाइनेंश्याल स्टेबिल्टी और उनके प्रोफिटेबिल्टी स्तर को दर्शाते हैं। मॉर्निंग स्टार कैंडलस्टिक
- वैल्युएशन टूल: डिविडेंड यील्ड का उपयोग करके इन्वेस्टर्स यह आंकलन कर सकते हैं कि किसी शेयर का मूल्यांकन उचित है या नहीं।
- लो-रिस्क स्ट्रेटेजी: डिविडेंड यील्ड इन्वेस्टर्स को शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव से बचाने में मदद करता है।
डिविडेंड यील्ड को प्रभावित करने वाले कारक
डिविडेंड यील्ड कई कारकों पर निर्भर करता है, जो निम्नलिखित हैं-
- कंपनी का लाभ: यदि कंपनी का प्रॉफिट बढ़ता है, तो वह high dividend देने में सक्षम हो सकती है।
- डिविडेंड भुगतान की नीति: कुछ कंपनियां अपने प्रॉफिट का बड़ा हिस्सा डिविडेंड के रूप में देती हैं। जबकि अन्य कंपनियां इसे अपने बिजनेस विस्तार में रीइन्वेस्ट करती हैं।
- शेयर का प्राइस: यदि किसी शेयर की मार्केट प्राइस गिरती है और डिविडेंड स्थिर रहता है। तो उसकी डिविडेंड यील्ड बढ़ जाएगी।
- आर्थिक परिस्थितियां: आर्थिक मंदी के दौरान कंपनियां डिविडेंड कम कर सकती हैं। जिससे डिविडेंड यील्ड पर असर पड़ता है।
- निवेश का सीमित अवसर: हाई डिविडेंड देने वाली कंपनियां अपने बिजनेस के विस्तार में इन्वेस्ट करने के बजाय प्रॉफिट का बड़ा हिस्सा शेयरहोल्डर्स को लौटा सकती हैं।
- शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट: कुछ कंपनियां इन्वेस्टर् को आकर्षित करने के लिए अस्थायी रूप से अधिक डिविडेंड दे सकती हैं। लेकिन यह लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण से नुकसानदायक हो सकता है।
ज्यादा डिविडेंड देने वाले शेयरों में इन्वेस्टमेंट के सुझाव
- विविधता बनाए रखें: केवल डिविडेंड यील्ड पर आधारित इन्वेस्ट करने के बजाय, अलग-अलग सेक्टर्स की कंपनियों में इन्वेस्ट करना चाहिए। यानि पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन अपनाना चाहिए।
- कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन पर ध्यान दें: हाई डिविडेंड यील्ड के बावजूद, कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन और लॉन्ग टर्म प्रोफिटेबिल्टी का विश्लेषण जरूर करना चाहिए।
- लॉन्ग टर्म का दृष्टिकोण अपनाएं: डिविडेंड यील्ड को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के रूप में अपनाना चाहिए।
- फंडामेंटल एनालिसिस करें: किसी भी कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने से पहले उसका फंडामेंटल एनालिसिस जरूर करना चाहिए।
सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाले भारतीय शेयर
डिविडेंड देने वाले शेयरों में इन्वेस्ट करने से संभावित पूंजी वृद्धि (wealth creation) के साथ-साथ लगातार स्टेबल इनकम भी मिल सकती है। 22 जनवरी 2025 तक Best dividend yield stocks in India निम्नलिखित हैं-
- वीएसटी इंडस्ट्री - डिविडेंड यील्ड = 46.65%
- कॉल इंडिया - डिविडेंड यील्ड = 6.73%
- पीटीसी इंडिया - डिविडेंड यील्ड = 5.26%
- उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक - डिविडेंड यील्ड = 4.36%
- रुचिरा पेपर - डिविडेंड यील्ड = 4.16%
- मवाना शुगर - डिविडेंड यील्ड = 4.14%
- जागरण प्रकाशन - डिविडेंड यील्ड = 3.64%
हाई डिविडेंड यील्ड वाले स्टॉक्स इन्वेस्टर्स को नियमित इनकम प्रदान करते हैं। लेकिन शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट से पहले कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन और भविष्य के ग्रोथ पोटेंशियल संभावनाओं का मूल्यांकन जरूर करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, शेयर के प्राइस और कंपनी की नीतियों में बदलाव के आधार पर डिविडेंड यील्ड में उतार-चढ़ाव हो सकता है। इसलिए, निवेश विकल्प चुनने से पहले गहन रिसर्च जरूर करना चाहिए अथवा अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए।
निष्कर्ष: डिविडेंड यील्ड एक पावरफुल टूल है, जो इन्वेस्टर्स को उनके इन्वेस्टमेंट पर संभावित रिटर्न का अनुमान लगाने में मदद देता है। हालांकि, इसे अन्य फाइनेंशियल टूल्स और कंपनी की समग्र स्थिति के साथ मिलाकर उपयोग करना चाहिए।
Investors को डिविडेंड यील्ड के साथ-साथ कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन, उसकी ग्रोथ की संभावनाओं और शेयर मार्केट की मौजूदा स्थितियों का भी विश्लेषण करना चाहिए। सही दृष्टिकोण और योजना के साथ, डिविडेंड यील्ड इन्वेस्टर्स के लिए एक मूल्यवान इंडिकेटर बन सकता है।
उम्मीद है, आपको यह भारत में सबसे अधिक डिविडेंड देने वाले स्टॉक कौन से हैं? आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको भी यह Best Dividend Yield Stocks in India. in Hindi आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।
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