भारतीय इंडेक्स फंड्स ( Index Funds India ) क्या हैं?

इंडेक्स फंड एक प्रकार का इक्विटी इन्वेस्टमेंट है, क्योंकि वे मुख्य रूप से stock market में सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में invest करते हैं। इस इन्वेस्टमेंट को Stock market index के आधार पर म्यूचुअल फंड द्वारा चुना जाता है। इंडेक्स फंड पोर्टफोलियो तभी बदलता है, इनका जब बेंचमार्क इंडेक्स बदलता है। आइए विस्तार से जानते हैं- भारतीय इंडेक्स फंड्स ( Index Funds India ) क्या हैं? What is Index Funds  in India in Hindi. 

                                                                               
Indian Index Funds


यदि आप भी शेयर मार्केट से अथाह धन कमाने के रहस्य जानना चाहते हैं तो आपको भारत के वारेन बफेट, राकेश झुनझुनवाला के ऊपर लिखी बुक को जरूर पढ़ना चाहिए। 

Index Funds India के बारे में 

Diversification एक अच्छे निवेश पोर्टफोलियो का एक प्रमुख तत्व है। Investors अपने फंड को इक्विटी, ऋण, रियल एस्टेट, सोना इत्यादि जैसे विभिन्न एसेट क्लास में फैलाने का प्रयास करते हैं। यहां तक कि प्रत्येक asset class के भीतर भी, वे risk को कम करने के लिए और अधिक पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन करने का प्रयास करते हैं। 

इंडेक्स फंड्स Stock market इन्वेस्टमेंट में, जोखिम कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। इसमें विभिन्न सेक्टर्स और मार्केट कैपेटलाइजेशन वाली कंपनियों के stocks में इन्वेस्ट किया जाता है। जिसका उद्देश्य इक्विटी इन्वेस्टर्स के पोर्टफोलियो में विविधता लाना होता है। इसलिए index funds को बनाया जाता है। 

इंडेक्स फंड स्टॉक या बॉन्ड का एक पोर्टफोलियो होता है। जिसे फाइनेंयशिल मार्केट इंडेक्स की संरचना और प्रदर्शन की नकल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड ( ETF ) में कम लागत वाले इंडेक्स फंड की कई अलग-अलग किस्में होती हैं। 

एक्टिवली मैनेज किये जाने वाले फंडों की तुलना में index funds कम खर्च और शुल्क कम लेते हैं। इंडेक्स फंड में पैसिव इन्वेस्टमेंट शामिल होता है। जिसमें एक्टिव रूप से स्टॉकस को चुनने या बाजार को समयबद्ध किए बिना Long-term strategies का उपयोग किया जाता है। वारेन बफेट के इन्वेस्टिंग नियम 

Index Funds किसे कहते हैं? 

जैसा कि नाम से पता चलता है, एक इंडेक्स म्यूचुअल फंड उन stocks में इन्वेस्ट करता है। जो NSE Nifty, BSE Sensex और Bank Nifty आदि जैसे स्टॉक मार्केट इंडेक्स की नकल करते हैं। ये पैसिव मैनेजेड फंड हैं, जिसका मतलब है कि फंड मैनेजर उन्हीं स्टॉक्स में invest करता है। जो अंडरलाइंग इंडेक्स में मौजूद होते हैं। 

उसी अनुपात में और पोर्टफोलियो संरचना में परिवर्तन नहीं होता है। ये फंड उस इंडेक्स के बराबर रिटर्न देने का प्रयास करते हैं, जिसे वे ट्रैक करते हैं। फाइनेंशियल मार्केट के लगभग सभी हिस्सों के लिए इंडेक्स फंड्स मौजूद हैं। इंडेक्स फंड्स जिस फंड के समान वेटेज की नकल करते है। उसके समान स्टॉक्स में इन्वेस्ट करके अपना इंडेक्स फंड बनाते हैं।

यदि आप किसी सेक्टर के stocks के या पूरे स्टॉक मार्केट में इंट्रेस्ट रखते हैं। तो आप उस सेक्टर के बेंचमार्क इंडेक्स से सम्बन्धित पैसिव इंडेक्स फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इन्वेस्टिंग लागत कम रखने के लिए जितना सम्भव हो ट्रेडिंग कम से कम करें। 

Index Funds कैसे काम करते हैं? 

मान लीजिए कि एक इंडेक्स फंड एनएसई निफ्टी इंडेक्स को ट्रैक कर रहा है। इसलिए इस फंड के पोर्टफोलियो में समान अनुपात में 50 स्टॉक होंगे। इसी तरह, BSE Sensex मार्केट इंडेक्स फंड में सेंसेक्स इंडेक्स में शामिल 30 शेयर होंगे।

एक Index fund  में बांड के साथ-साथ स्टॉक्स और इक्विटी-रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट शामिल हो सकते हैं। इंडेक्स फंड यह सुनिश्चित करता है। वह उन सभी stocks में निवेश करें, जिन्हें इंडेक्स ट्रैक करता है।
 
जबकि एक एक्टिवली मैनेज किया गया फंड अपने अंडरलाइंग बेंचमार्क इंडेक्स से अच्छे रिटर्न देने का प्रयास करता है। पैसिव रूप से मैनेज किया गया फंड underlying index fund द्वारा दिए गए रिटर्न से मैच करते हुए रिटर्न देने की कोशिश करता है। P/E रेश्यो

Indian Index Funds में इन्वेस्ट करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें 

निम्नलिखित कुछ पहलू हैं, जिन पर आपको भारत में इंडेक्स फंड में निवेश करने से पहले विचार करना चाहिए-
  1. जोखिम और रिटर्न: इंडेक्स फंड्स मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और निष्क्रिय रूप से मैनेज किये जाते हैं। ये एक्टिवली मैनेज funds की तुलना में कम वोलेटाइल होते हैं इसलिए इनमें कम जोखिम होता है। Bull market में दौरान इंडेक्स फंड का रिटर्न आमतौर पर अच्छा होता है। आमतौर पर Bear market के दौरान एक्टिवली मैनेज फंड्स में बदलने की सलाह दी जाती है। आपको अपने पोर्टफोलियो में इंडेक्स फंड्स और एक्टिवली मैनेज फंड्स का एक स्वस्थ मिश्रण रखना चाहिए। चूंकि इंडेक्स फंड इंडेक्स के प्रदर्शन को दोहराने का प्रयास करते हैं। इसलिए इनके रिटर्न इंडेक्स के समान होते हैं। हालाँकि, एक घटक जिस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है। वह है इंडेक्स की ट्रैकिंग में मिस्टेक नहीं होनी चाहिए। इसलिए, किसी इंडेक्स फंड में निवेश करने से पहले, आपको सबसे कम ट्रैकिंग मिस्टेक वाले फंड की तलाश करनी चाहिए।
  2. इंडेक्स फंड्स की लागत: फंड हाउस द्वारा फंड की कुल एसेट का बहुत छोटा प्रतिशत फंड मैनेजमेंट द्वारा सर्विस चार्ज के रूप में लिया जाता है। इंडेक्स फंड्स की सबसे बड़ी विशेषता इसकी बहुत मामूली परिचालन लागत है। चूंकि फंड को निष्क्रिय रूप से मैनेज किया जाता है। इसलिए इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजीज बनाने या रिसर्च करने और निवेश के लिए स्टॉक ढूंढने की कोई आवश्यकता नहीं है। इससे फंड मैनेज लागत कम हो जाती है। 
  3. अपनी योजना के अनुसार invest करें: सात वर्ष या इससे अधिक के इन्वेस्टमेंट प्लान वाले इन्वेस्टर्स को पैसिव फंड्स में इन्वेस्ट करने की सलाह दी जाती है। इन funds पर short term वोलेटिलिटी का प्रभाव पड़ता है। लेकिन लॉन्ग टर्म में वोलेटिलिटी एवरेज आउट हो जाती है। कम से कम सात वर्ष के इन्वेस्ट पीरियड के साथ, आप 10-12% की सीमा में रिटर्न अर्जित करने की उम्मीद कर सकते हैं। आप अपने लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट टार्गेट को index funds इन्वेस्टमेंट के साथ जोड़ सकते हैं। और जब तक संभव हो निवेशित रह सकते हैं। 
  4. टैक्स: इक्विटी फंड होने के नाते इंडेक्स फंड्स को कंपनियों के द्वारा दिए जाने वाले डिविडेंड का लाभ मिलता है। जब कोई फंड हॉउस डिविडेंड का भुगतान करता है। तो भुगतान करने से पहले 10% DDT काटा जाता है। इंडेक्स फंड की इकाइयों को भुनाने पर, आप पूंजीगत लाभ अर्जित करते हैं। जो tex योग्य होता है। tex की दर होल्डिंग अवधि पर निर्भर करती है। वह अवधि जिसके लिए आपने फंड में इन्वेस्ट किया था। स्टॉक मार्केट इंडेक्स

Indian Index Funds लिस्ट 

कुछ सबसे अच्छे इंडेक्स फंड्स के उदाहरण निम्नलिखित हैं- 
  • आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल Nifty Next 50 Index Fund
  • मोतीलाल ओसवाल S&P 500 Index Fund
  • यूटीआई Nifty Next 50 Index Fund
  • Navi Nifty 50 Index Fund - Direct Plan - Growth 

Index Funda के फायदे 

चूँकि इंडेक्स फंड्स के मैनेजर केवल बेंचमार्क इंडेक्स के प्रदर्शन की नकल कर रहे होते हैं। अतः उन्हें स्टॉक ट्रेड टाइमिंग चुनने के लिए रिसर्च एनालिस्ट की जरूरत नहीं होती है। जिससे उसकी फीस भी बचती है। वे अपनी होल्डिंग्स की खरीद-बिक्री ( trade ) भी कम करते हैं। जिससे उनका ब्रोकरेज फीस का खर्च भी कम रहता है।

इसके विपरीत एक्टिवली ट्रेडेड फंड्स को वॉल्यूम के साथ ट्रेड कंडक्ट करने के लिए बड़े स्टाफ की जरूरत होती है। जिससे उनकी लागत बढ़ जाती है। इस प्रकार पैसिव इंडेक्स फंड्स अपने एक्टिव ट्रेडिंग साथियों की तुलना में कम फीस लेते हैं। जैसे 0.05% आदि, जबकि एक्टिव मैनेज फंड्स सम्पत्ति के आधार पर 0.44% या कभी-कभी 1.00% से अधिक फीस भी लेते हैं। इंडेक्स ऑप्शंस

इंडेक्स फंड्स के निम्नलिखित कुछ अन्य फायदे भी हैं- 
  1. कम लागत: इंडेक्स फंड में आम तौर पर कम व्यय अनुपात होता है क्योंकि वे निष्क्रिय रूप से मैनेज होते हैं। 
  2. मार्केट प्रतिनिधित्व: इंडेक्स फंड का लक्ष्य विशेष इंडेक्स के प्रदर्शन को प्रतिबिंबित करना होता है। जिससे share market का जोखिम भी जुड़ा होता है। ये फंड्स उन लोगों के लिए सही रहते हैं, जो डायवर्सिफाइड इन्वेस्टमेंट की तलाश में रहते हैं। 
  3. ट्रांसपेरेंसी: चूंकि वे एक बाजार इंडेक्स की नकल करते हैं, इसलिए इन इंडेक्स फंड की होल्डिंग्स सर्वविदित होती हैं। 
  4. ऐतिहासिक प्रदर्शन: लंबी अवधि में, कई इंडेक्स फंडों ने एक्टिव रूप से मैनेज फंडों से बेहतर प्रदर्शन किया ह। खासकर फीस और खर्चों के हिसाब के बाद। 
  5. टैक्स एफिसिएंसी: इंडेक्स फंड में कम टर्नओवर दर के परिणामस्वरूप आमतौर पर कम पूंजीगत लाभ वितरण होता है। जो उन्हें एक्टिव रूप से मैनेज फंड की तुलना में अधिक कर-कुशल बनाता है।
इन फंडों में कई विशेषतायें हैं जो इन्हे सामान्य लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए उपयुक्त बनाती हैं। आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प एक्टिव या पैसिव, या कोई भी फंड - इन सामान्य विशेषताओं की तुलना में आपके वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और आपकी स्थिति के बारे में अन्य विशिष्टताओं पर अधिक निर्भर करेगा। 

IndexFunds की कमियां 

इंडेक्स फंडों में लचीलेपन की कमी होती है। क्योंकि वे एक विशिष्ट बाजार को प्रतिबिंबित करने के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं। जब बाजार में गिरावट आती है, तो उनके मूल्य में गिरावट आती है। ये इंडेक्स फंड्स प्रतिकूल वातावरण में दूर नहीं जा सकते हैं। 

इसी तरह सभी stocks  को एक index में स्वचालित रूप से शामिल करने के लिए भी इनकी आलोचना की जाती है। इसका मतलब यह है कि ये फंड्स उन कंपनियों में इन्वेस्ट कर सकते हैं। जिनके share price अधिक और वे फंडामेंटली कमजोर कंपनियां होती हैं।  

अधिक वजन या परिसंपत्तियों में निवेश को छोड़कर जिन्हें फंड मैनेजर द्वारा चुना जा सकता है और बेहतर रिटर्न प्रदान किया जा सकता है। बेशक, इस स्वचालित रणनीति ने अक्सर सक्रिय प्रबंधन से बेहतर प्रदर्शन किया है, शायद आंशिक रूप से उन परिसंपत्तियों पर पकड़ बनाकर जिनके बारे में सक्रिय फंड प्रबंधकों ने गलत आकलन किया है।

एक और नुकसान मार्केट-कैप वेटिंग से संबंधित है। जिसे कई इंडेक्स फंड उपयोग करते हैं। ऐसे फंडों में उच्च बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों का फंड के प्रदर्शन पर अधिक प्रभाव पड़ता है। यह एकाग्रता कुछ बड़ी कंपनियों के भाग्य से बहुत अधिक जुड़ी हुई हो सकती है, यदि ये कंपनियां खराब प्रदर्शन करती हैं तो आपके जोखिम बढ़ सकते हैं। 

IndexFunds में invest कैसे करें? 

नए और अनुभवी दोनों तरह के इन्वेस्टर्स के लिए इंडेक्स फंडों में इन्वेस्ट करना बेहद आसान और निम्नलिखित प्रकार हैं- 
  • अपने लिये ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर चुनकर Demat Account खोलें। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए व्यक्तिगत जनकारी देनी होती है। लॉगिन क्रेडिटेरियन सेट करना होता है। KYC करनी होती है। अपने बैंक अकाउंट से डीमैट अकाउंट को जॉइंट करना होता है जिसे पैसे वितड्रॉल और मनी एड कर सकें। 
  • डीमैट अकाउंट खोलने के बाद उसमें अपने बैंक अकाउंट से धनराशि ट्रांसफर करें। 
  • इन्वेस्टमेंट के लिए फंडस चुनें और फंड चुनने के लिए विभिन्न फंडों पर रिसर्च करें। कई फंडों में इन्वेस्ट करके अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता लेन की कोशिश करें। 
  • आप अपने चुने हुए फंड्स के share भी buy कर सकते हैं। अधिकांश ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म आपको कुछ ही क्लिक के साथ सीधे उनकी वेबसाइट या ऐप के माध्यम से stocks खरीदारी करने की अनुमति देते हैं।
  • इंडेक्स फंड आम तौर पर long-term investment होते हैं, समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करना बुद्धिमानी है। ताकि यह आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सकें। 
इंडेक्स फंड्स के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs 

क्या इंडेक्स फंड्स, स्टॉक्स से बेहतर हैं?

इंडेक्स फंड्स कई स्टॉक्स या बांड से बने पोर्टफोलियो को ट्रैक करते हैं। जिसके परिणामस्वरूप इन्वेस्टर्स को डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है। पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन से इंडेक्स फंड्स इन्वेस्टर्स के पोर्टफोलियो का जोखिम कम होकर संभावित रिटर्न बढ़ सकता है। जबकि किसी इंडिविजुअल स्टॉक के प्राइस में गिरावट होने पर इन्वेस्टर का सम्पूर्ण पोर्फोलियो प्रभावित होता है। अगर स्टॉक किसी बड़े इंडेक्स फंड का छोटा हिस्सा है। तो इससे पोर्टफोलियो ज्यादा प्रभावित नहीं होता है। 

रिटायरमेन्ट के लिए सबसे अच्छे इंडेक्स फंड्स कौन से हैं? 

रिटायरमेंट के लिए सबसे अच्छे फंड्स ग्रोथ फंड्स होते हैं। जो सॉलिड रिस्क मैनेजमेंट प्रदान करते हैं। जो आपके रिटायरमेंट के समय और जोखिम सहनशीलता के हिसाब से होते हैं। 

क्या इंडेक्स फंड्स शुरूआती लोगों के लिए अच्छे हैं?

इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कदम रखने वाले शुरूआती लोगों के लिए इंडेक्स फंड्स एक बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं। इंडेक्स फंड्स स्टॉक्स या बांडस की एक विस्तृत श्रंखला में इन्वेस्ट करने का एक बहुत अच्छा तरीका है। क्योंकि ये एक विशिष्ट बैंचमार्क इंडेक्स ( जैसे निफ्टी 50, सेंसेक्स ) की नकल करते हैं। जिसका मतलब ये डायवर्सिफाइड होते हैं। प्रसिद्ध अमेरिकी निवेशक वारेन बफेट ने भी कहा है कि "कभी भी अपने सारे अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखने चाहिए"। एक्टिव फंडों की तुलना में इनका खर्च भी कम होता है। जो इन्हें किफायती बनाता है। नए इन्वेस्टर्स के साथ ये फंड अनुभवी इन्वेस्टर्स के लिए भी अच्छे हैं। 

इंडेक्स फंड्स में इन्वेस्टमेंट के लिए कितनी फीस देनी चाहिए? 

इंडेक्स फंड्स में आमतौर पर कम एनुअल फीस लगती है। ये फीस प्रत्येक वर्ष कम हो रही है और 2023 में इंडेक्स फंड्स की औसत फीस 0.04% रहा है। कुछ फंड्स इससे ज्यादा और कुछ इससे कम फीस ऑफर करते हैं। आप अपने विवेक से अपने लिए सही फीस वाले इंडेक्स फंड का चयन कर सकते हैं। 

अंत में Index Funds कम लागत, डायवर्सिफाइड इन्वेस्टमेंट और पैसिव इन्वेस्टमेंट चाहने वाले इन्वेस्टर्स के लिए एक लोकप्रिय ऑप्शन है। जो कई हाई फीस और एक्टिव रूप से ट्रेड करने वाले फंडों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इन्हें Nifty 50 और Sensex जैसे फाइनेंस मार्केट इंडेक्स के प्रदर्शन को दोहराने के लिए डिजाइन किया गया है। इंडेक्स फंड्स रिटायरमेंट वाले व्यक्तियों के लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए भी सही हैं। 

इंडेक्स फंड्स पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन, कम जोखिम और ठोस लॉन्ग टर्म रिटर्न देने में सक्षम रहते हैं। ये फंड्स भी मार्केट रिस्क के अधीन होते हैं और इनमे एक्टिव फंड्स की तरह लचीलापन भी नहीं होता है। इसके बावजूद इंडेक्स फंड्स को इनके लगातार अच्छे प्रदर्शन की वजह इन्वेस्टर्स के द्वारा पसंद किया जाता है। 

इंडेक्स फंड्स चुनते समय अपने इन्वेस्टमेंट टार्गेट और जोखिम सहनशीलता को ध्यान में रखना चाहिए। व्यक्तिगत सलाह के लिए किसी फाइनेंशियल सलाहकार की राय जरूर लेनी चाहिए। 

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