Stocks Market Index: भारतीय शेयर मार्केट के कौन-कौन इंडेक्स से हैं?
स्टॉक मार्केट इंडेक्स जिसे संक्षेप में स्टॉक इंडेक्स कहा जाता है। यह एक इंडिकेटर है, जो भारत के शेयर बाजार के सभी बड़े बदलावों को दर्शाता है। एक इंडेक्स बनाने करने के लिए एक ग्रुप या सेक्टर के समान शेयरों को समूहीकृत किया जाता जाता है। इन्हें स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध stocks में से चुना जाता है। भारतीय शेयर मार्केट के सेंसेक्स, निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी मुख्य इंडेक्स हैं। आइए विस्तार से जानते हैं- भारतीय शेयर मार्केट के इंडेक्स कौन से हैं? Stock Market Index India in Hindi.
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भारत में दो मुख्य इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी हैं। Indices का उपयोग सूचना, बेंचमार्किंग, ट्रेडिंग और हेजिंग के लिए भी किया जाता है। इंडेक्स का सबसे आम उपयोग Options trading के लिए होता है। भारत में इंडेक्स का निर्माण फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन पद्धति का उपयोग करके किया जाता है।
Stock Market Index क्या है?
स्टॉक मार्केट इंडेक्स विशिष्ट विशेषताओं वाले stocks ( जैसे ट्रेडिंग फ्रीक्वेंसी, स्टॉक का साइज ) होते हैं। स्टॉक मार्केट में सैंपलिंग टेक्निक का उपयोग शेयर बाजार में इंडेक्स के माध्यम से मार्केट के ट्रेंड और प्राइस में परिवर्तन को दर्शाता है। Stock market indices एक सांख्यिकीय स्रोत है, जो फाइनेंशियल मार्केट के उतार-चढ़ाव को मापता है।
एक शेयर बाजार इंडेक्स ( सूचकांक ) का निर्माण समान कंपनियों या उन कंपनियों से इक्विटी चुनकर किया जाता है। जो मानदंडों के पूर्व निर्धारित सेट से मेल खाते हैं। ये शेयर पहले से ही एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होते हैं और ट्रेड कर रहे होते हैं। शेयर मार्केट इंडेक्स मार्केट केपेटलाइजेशन सहित इंडस्ट्री, सेगमेंट कई प्रकार के अन्य वेरिबल्स का उपयोग करके बनाया जाता है।
प्रत्येक शेयर मार्केट इंडेक्स में शामिल शेयरों के price movement और प्रदर्शन को ट्रैक करता है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि किसी भी शेयर बाजार इंडेक्स की सफलता इंडेक्स के घटक शेयरों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। सरल शब्दों में, यदि किसी इंडेक्स में शामिल शेयरों की price बढ़ती हैं, तो समग्र इंडेक्स का प्राइस भी बढ़ता है।
Stock market index के प्रकार
यूँ तो स्टॉक मार्केट इंडेक्स के कई प्रकार होते हैं, लेकिन कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं-
- बेंचमार्क इंडेक्स: ( Benchmerk Index ) Nifty 50 Index, जिसमें टॉप 50 सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनियों के शेयर शामिल हैं। और BSE Sensex Index, जिसमें टॉप 30 सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनियों के स्टॉक शामिल हैं। ये दोनों क्रमशः एनएसई और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स हैं। इक्विटी के इस समूह को बेंचमार्क इंडेक्स के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे अपने द्वारा चुनी गई कंपनियों को विनियमित करने के लिए सर्वोत्तम मानकों का उपयोग करते हैं। अतः NSE & BSE इस बारे में जानकारी का सबसे विश्वसनीय स्रोत माना जाता है कि बाज़ार सामान्य रूप से कैसे काम करते हैं?
- सेक्टोरल इंडेक्स: ( Sectoral Index ) बीएसई और एनएसई दोनों के पास कुछ मजबूत indices हैं। जो किसी दिए गए सेक्टर में कंपनियों का आकलन करते हैं। एसएंडपी BSE Healthcare और NSE Pharma जैसे इंडेक्स फार्मास्युटिकल sector में बदलाव के अच्छे इंडिकेटर माने जाते हैं। एक और उल्लेखनीय उदाहरण एसएंडपी बीएसई पीएसयू और Nifty PSU Bank Indices हैं। जो सभी सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के indices हैं। हालाँकि, किसी भी एक्सचेंज के लिए सभी उद्योगों के लिए समान इंडेक्स की आवश्यकता नहीं है, फिर भी यह सामान्य रूप से एक प्रमुख कारण है।
- मार्केट कैप इंडेक्स: ( market Cap Index ) कुछ इंडेक्स अपने लिए मार्केट केपेटलाइजेशन के आधार पर अपने लिए stocks सलेक्ट करते हैं। इसके लिए कंपनियों का चयन उनके बाजार पूंजीकरण ( Market Capitalization ) के आधार पर करते हैं। बाजार पूंजीकरण किसी भी सार्वजनिक रूप से स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाले कॉर्पोरेशन के स्टॉक की मार्केट वैल्यू को दर्शाता है। S&P BSE और NSE small cap 50 जैसे इंडेक्स भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड ( SEBI ) द्वारा परिभाषित कम बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियां होती हैं।
- अन्य प्रकार के इंडेक्स: ( Other types of indices ) कई अतिरिक्त इंडेक्स, जैसे S&P BSE 500,NSE 100, और एसएंडपी बीएसई 100, थोड़े बड़े INDICES भी हैं और उन पर बड़ी संख्या में स्टॉक सूचीबद्ध हैं। आपकी जोखिम लेने की क्षमता कम हो सकती है। लेकिन सेंसेक्स शेयरों में जोखिम लेने की क्षमता अधिक होती है। Investment portfolio सभी मांगों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन नहीं किए जाते हैं। अतः निवेशकों को अपना ध्यान केंद्रित रखना चाहिए और उन सेक्टर्स में invest करना चाहिए जहां वे सुरक्षित महसूस करते हैं।
Indices कैसे बनाये जाते हैं?
एक शेयर बाजार इंडेक्स समान मार्केट केपेटलाइजेशन, बिजनेस साइज या इंडस्ट्रीज के साथ इक्विटी को मिलाकर बनाया जाता है। इसके बाद stocks चयन के आधार पर इंडेक्स की गणना की जाती है। हालाँकि, प्रत्येक स्टॉक की एक अलग कीमत होती है, और एक स्टॉक की प्राइस रेंज दूसरे स्टॉक के प्राइस रेंज के समान नहीं होती है। अतः सभी शेयरों की कीमतों को जोड़कर इंडेक्स मूल्य निर्धारित नहीं किया जा सकता है।
शेयरों को वेटेज ( weights ) आवंटित कर इंडेक्स में शामिल कर लिया जाता है। इंडेक्स में प्रत्येक स्टॉक को उसके मौजूदा market price या मार्केट केपेटलाइजेशन के आधार पर एक निश्चित वेटेज दिया जाता है। वेटेज इंडेक्स प्राइस पर स्टॉक प्राइस में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को परिभाषित करता है। दो सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले शेयर बाजार इंडेक्स निम्नलिखित हैं-
1. मार्केट कैप वेटेज ( Market Cap Weightage )
मार्केट केपेटलाइजरशन स्टॉक एक्सचेंज पर किसी कंपनी के ओवरऑल market value को दर्शाता है। इसकी गणना company द्वारा जारी किए गए बकाया स्टॉक की कुल संख्या को स्टॉक प्राइस से गुणा करके की जाती है। हालाँकि, मार्केट-कैप-वेटेज इंडेक्स के लिए, शेयरों को इंडेक्स के ओवरऑल मार्केट केपेटलाइजेशन के सापेक्ष उनके मार्केट केपेटलाइजेशन के आधार पर चुना जाता है।
उदाहरणस्वरूप यदि किसी stock का मार्केट केपेटलाइजेशन 100,000 रूपये और अंडरलाइंग इंडेक्स का कुल मार्केट केपेटलाइजेशन 200,000 रूपये है। तो इस स्टॉक को 50% वेटेज दिया जायेगा। एक इन्वेस्टर को यह ध्यान में रखना चाहिए कि किसी कंपनी का मार्केट केपेटलाइजेशन हर दिन उसकी कीमत में बदलाव के साथ बदलता रहता है। जिसके परिणामस्वरूप स्टॉक का वेटेज रोजाना बदलता रहता है।
India में कई Indices फ्री-फ्लोट मार्केट केपेटलाइजेशन का उपयोग करते हैं। इस मामले में मार्केट केपेटलाइजेशन निर्धारित करने के लिए कंपनियों द्वारा सूचीबद्ध शेयरों की कुल संख्या का उपयोग नहीं किया जाता है। इसके बजाय, वे पब्लिकली ट्रेडेड शेयरों की संख्या का उपयोग करते हैं।
2. प्राइस वेटेज ( price Weightage )
इस टेक्निक में कंपनी के शेयर प्राइस के बजाय केपेटलाइजेशन का उपयोग करके इंडेक्स प्राइस की गणना की जाती है। इसलिए high price वाले शेयरों को low price वाले शेयरों की तुलना में इंडेक्स में अधिक वेटेज मिलता है।
Stock market index के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs
शेयर मार्केट इंडेक्स क्या होते हैं?
इंडेक्स, stocks, डेरिवेटिव या फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट का संग्रह होते हैं। इसमें स्टॉक मार्केट में लिस्ट शेयरों को सेक्टर, एसेट क्लास और मार्केट केपेटलाइजेशन के हिसाब से इंडेक्स में डिवाइड करते हैं। और उनके प्रदर्शन को मापते हैं। इंडेक्स के आधार पर F & O और इंडेक्स फंड्स में इन्वेस्टमेंट व ट्रेडिंग स्ट्रैटेजीज का बनायीं जाती हैं।
स्टॉक मार्केट इंडेक्स को कैसे पढ़ें?
स्टॉक मार्केट इंडेक्स को एक उदाहरण के द्वारा पढ़ना सीख सकते हैं। जैसे आधार मूल्य को 100 पर सेट करें और कल्पना करें कि स्टॉक अब 260 पर ट्रेड कर रहा है। यदि कल स्टॉक की प्राइस 200 थी तो प्राइस में वृद्धि 30% हुई है। इसलिए इंडेक्स 100 से बढ़कर 130 हो जाएगा, जो 30% की वृद्धि दर्शाता है। यदि शेयर की प्राइस 220 तक गिरता है, तो यह 260 से 20% की गिरावट होगी। और इंडेक्स घटकर 120 हो जायेगा।
Share market index क्या मापते हैं?
स्टॉक मार्केट इंडेक्स, जिसे अक्सर स्टॉक इंडेक्स के रूप में भी जाना जाता है। एक सांख्यिकीय मीट्रिक है, जो बाजार के उतार-चढ़ाव ( Volatility ) को मापता है। इंडेक्स को एक्सचेंज पर लिस्ट share में से कुछ समान स्टॉक एकत्र करके बनाये जाते है। इनका चयन मानदंड कंपनी का आकार, बाजार पूंजीकरण या उद्योग का सेक्टर हो सकता है।
Indian स्टॉक मार्केट में कितने इंडेक्स हैं?
भारत के तीन प्रमुख स्टॉक इंडेक्स हैं, बेंचमार्क इंडेक्स - बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी भारत में दो प्रमुख इंडेक्स हैं। बीएसई बैंकेक्स और सीएनएक्स आईटी जैसे सेक्टोरल इंडेक्स हैं। मार्केट केपेटलाइजेशन पर आधारित इंडेक्स जैसे बीएसई स्मॉलकैप और बीएसई मिडकैपभी हैं
भारत के तीन प्रमुख स्टॉक सूचकांक कौन से हैं?
भारत के तीन प्रमुख स्टॉक इंडेक्स हैं- बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी भारत में दो प्रमुख इंडेक्स हैं। बीएसई बैंकेक्स और सीएनएक्स आईटी जैसे सेक्टोरल इंडेक्स हैं। बाजार पूंजीकरण पर आधारित इंडेक्स, जैसे बीएसई स्मॉलकैप और बीएसई मिडकैप भी हैं।
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