शेयर बाजार से करोड़पति बनने के दस सबसे अच्छे तरीके | Make money from stock market |

यूँ तो शेयर बाजार से पैसे कमाने के हजारों तरीके हैं लेकिन शेयरों में पैसा कमाना आमतौर पर एक लम्बे समय का खेल है। बहुत कम लोग रातोंरात शेयरों में ढेर सारा पैसा कमा पाते हैं। इस आर्टिकल में शेयर मार्केट से पैसे कमाने के टॉप टेन (दस) तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है। 

शेयर बाजार से पैसे कमाने के दो मुख्य तरीके हैं-
  1. निवेश (Investing) 
  2. ट्रेडिंग (trading)।
आइए विस्तार से जानते हैं- शेयर बाजार से पैसे कमान के दस सबसे अच्छे तरीके क्या हैं? Top ten idea make money from stock market in Hindi.    
                                                               
Share market se paise kamane ke das sabse achhe tarike

यदि आप शेयर मार्केट के फंडामेंटल और टेक्नीकल एनालिसिस कैसे सीखें एक्सपर्ट बनना कहते हैं तो आप सुनील गुर्जर, अंकित गाला और खुशबू गाला द्वारा लिखित इन बुक्स को पढ़ सकते हैं।

Stock market से पैसे कमाने के टॉप 10 तरीके 

आप एक डीमैट अकाउंट खोलकर फिर stock या म्यूच्यूअल फंड्स खरीदकर buy & hold स्ट्रेटेजी का यूज करके डिविडेंड देने वाली कंपनियों में इन्वेस्ट करके या नई इंडस्ट्रीज के बारे में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इस तरह आप शेयर मार्केट से पैसे कमा सकते हैं। 

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करने के लिए आपके लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिए। आपको यह भी साफ-साफ पता होना चाहिए की आप मार्केट में कितना पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं। आपको अपने ट्रेडिंग स्टाइल से मेल खाने वाले stockbroker के यहाँ डीमैट अकाउंट खुलवाना चाहिए। इसके बाद स्टॉक ट्रेडिंग शुरू करें। यह एक शक्तिशाली make money from stock market तरीका है। 

स्टॉक मार्किट से पैसे कमाने के निम्नलिखित टॉप 10 तरीके हैं। जिन्हें जानकर आप भी शेयर मार्केट से wealth create कर सकते हैं। 

Investing

एक कहावत है कि पैसा ही पैसे को खींचता है। आप भी शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करके पैसा कमा सकते हैं। जब किसी शेयर को खरीदकर उसे लॉन्ग-टर्म के लिए होल्ड किया जाता है। तो उसे इन्वेस्टिंग कहा जाता है। Stock market में इन्वेस्टिंग कम्पनी के फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर की जाती है। शेयर बाजार में फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर इन्वेस्ट करने के तीन मुख्य तरीके हैं। 
  1. Value Investing   
  2. Income Investing  
  3. Growth Investing 

Value Investing 

वैल्यू इन्वेस्टिंग में अंडरवैल्यू Stocks में इन्वेस्ट किया जाता है और स्टॉक को तब तक होल्ड किया जाता है। जब तक स्टॉक का प्राइस उसकी true value तक नहीं पहुँचता है। 

वैल्यू स्टॉक को लेने वाले इन्वेस्टर भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं। कुछ इन्वेस्टर स्टॉक के पास्ट तथा प्रेजेंट फंडामेंटल देखते है। वे कम्पनी की फ्यूचर ग्रोथ नहीं देखते। कुछ इन्वेस्टर केवल फ्यूचर ग्रोथ को देखते है। 

वैल्यू इन्वेस्टिंग के दौरान ऐसे स्टॉक्स को ढूढ़ना चाहिए। जो अपनी कीमत से कम पर  चल रहे हों। इसके स्टॉक्स की P/E तथा  P/B रेश्यो को देखना चाहिए। फंडामेंटल एनालिसिस V/S टेक्निकल एनालिसिस

Growth Investing

ग्रोथ इन्वेस्टिंग के समय आपको ऐसे Stocks में इन्वेस्ट करना चाहिए। जिनकी कमाई पिछले कुछ साल से उस सेक्टर की अन्य कंपनियों की औसत कमाई से ज्यादा चल रही हो तथा भविष्य में बरकार रहने की संभावना हो।  

ग्रोथ स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना अन्य स्टॉक्स के मुकाबले जोखिम भरा हो सकता है। क्योंकि एक तो इनका P/E हाई होता है तथा ये डिविडेंट भी नहीं देते। यदि आपको  एक अच्छा ग्रोथ Stock मिल भी जाता है तो उसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है। इसलिए ऐसे शेयरों में इन्वेस्ट करते समय उनकी भविष्य की ग्रोथ की सामर्थ्य को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। स्टॉक एनालिसिस

ग्रोथ स्टॉक्स में इन्वेस्ट करते समय उसके PEG रेश्यो को भी देखना चाहिए। PEG रेश्यो से आप कंपनियों की कमाई तथा ग्रोथ की संभावनाओं को अच्छे से समझा जा सकता है।

क्योंकि कंपनियां अपने बारे में ज्यादा जानकारियाँ नहीं देती इसलिए विभिन्न रेश्यो के द्वारा आप जिस सेक्टर में इन्वेस्ट करना चाहते हैं। उस सेक्टर की कंपनियों का तुलनात्मक अध्ययन कर सकते हैं । आपको तुलनात्मक रूप से अंडरवैल्यू शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिए। IRFC 

Income Investing

इनकम इन्वेस्टिंग के लिए आपको उन स्टॉक्स को देखना चाहिए। जो अपने शरहोल्डर्स को लम्बे समय से लगातार और ऊँचा Dividend (लाभांश) देते आये हैं। Dividend ये हाई क्वालिटी इनकम स्टॉक्स होते हैं तथा ये मेच्योर कंपनियां होती हैं। 

Income stocks में इन्वेस्टमेंट का उद्देश्य लगातार इनकम तथा कैपिटल गेन (हायर शेयर प्राइस) होता है। डिविडेंट पेइंग शेयर को लेने से पहले उसकी डिविडेंट यील्ड (Dividend Yields) को अवश्य देख लेना चाहिए। अच्छी डिविडेंट यील्ड पांच या छः प्रतिशत या इससे भी ज्यादा होती है। टाटा पावर

DPS (dividend per share) EPS (earnings per share) से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यदि DPS, EPS से ज्यादा है तो इसका मतलब कंपनी अपनी ग्रोथ को बढ़ाने के लिए रीइन्वेस्ट नहीं कर रही है। 

इन्वेस्टर को dividend paying stocks में इन्वेस्ट करने के बाद Share Bazaar के short-term उतार-चढ़ाव की चिंता नहीं करना चाहिए। अविरल डिविडेंड का आनंद लेना चाहिए। 

Options trading 

ऑप्शन ट्रेडिंग एक प्रकार की फाइनेंशियल ट्रेडिंग होती है। जो ऑप्शंस ट्रेडर्स को भविष्य की एक निश्चित तारीख पर अंडरलाइंग एसेट को खरीदने या बेचने का अधिकार देती है। ऑप्शन ट्रेडिंग इस आधार पर होती है कि ऑप्शन बायर के पास एक्सपायरी तक अपने ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट को प्रयोग करने का अधिकार होगा। लेकिन वह उपयोग करने के लिए बाध्य नहीं होगा। 

ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स आपको तब लाभ कमाने का मौका देते हैं। जब अंडरलेइंग स्टॉक का प्राइस बढ़ता है और तब भी जब अंडरलेइंग स्टॉक का प्राइस गिरता है। ऑप्शन ट्रेडिंग के द्वारा आप दोनों साइड पैसा कमा सकते हैं।  भारत में ऑप्शन ट्रेडिंग ने हाल के वर्षों में काफी लोकप्रियता हासिल की है। 

Stock Trading  

Stock Trading, investing की ही एक फॉर्म है जिसमे लॉन्ग-टर्म गेन के बजाय शार्ट-टर्म प्रॉफिट को महत्व दिया जाता है। लेकिन इसमें इन्वेस्टिंग के मुकाबले रिस्क ज्यादा होता है। 

जो लोग शेयरों को जल्दी-जल्दी खरीदते और बेचते हैं उन्हें स्टॉक ट्रेडर कहा जाता है। ये लोग stocks की कीमतों में रोज होने वाले उतार-चढ़ाव के बीच के अंतर से लाभ कमाने की कोशिश करते हैं


 ट्रेडर स्टॉक्स को खरीदकर सालों तक होल्ड करने के बजाय कुछ महीने, कुछ दिन, कुछ घंटे या मिनट के लिए शेयरों की खरीदफरोख्त करके कुछ रूपये कमा सकते हैं। Stock Exchange 

Stock trader को मार्जिन ट्रेडिंग में ज्यादा प्रॉफिट की संभावना रहती है, तो नुकसान भी ज्यादा हो सकता है। जिससे इनके अकाउंट में money समाप्त हो सकता है। इसलिए इंट्राडे ट्रेड में ज्यादा मार्जिन ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। 

शेयर ट्रेडिंग निम्नलिखित प्रकार की होती है- 
  • Day trading: डे ट्रेडर एक ट्रेड को एक ही दिन के लिए रखते हैं तथा  पोजीशन को उसी दिन क्लोज कर देते है। फिर चाहे उसमे नुकसान हो या फायदा। इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर दिन की शुरुआत से ही शेयर बाजार का विश्लेषण कर लेते हैं और उस पर पूरे दिन नजर रखते हैं। लेटेस्ट फंडामेंटल इवेंट पर नजर रखकर मार्केट और स्टॉक्स दिशा का अंदाजा लगाया जाता है। 
  • Trending trading: ट्रेंड ट्रेडिंग में लॉन्गर टाइम फ्रेम चार्ट देखकर ओवरऑल  ट्रेंड का पता लगाया जाता है। इसके बाद स्मॉलर टाइम फ्रेम चार्ट की मदद से ट्रेंड की दिशा में ट्रेडिंग की संभावनाओं को तलाशा जाता है। शॉर्टर टाइम फ्रेम चार्ट पर Indigator का प्रयोग करके एंट्री पॉइंट को ढूढ़ा जाता है। 
  • Counter trend trading: काउंटर ट्रेंड ट्रेडिंग Trending trading के ही समान है। लेकिन इसमें एक बार ओवरऑल ट्रेन्ड देखने के बाद विपरीत दिशा में ट्रेड लिया जाता है। यानि पहले शेयर को बेचा जाता है बाद में खरीदा जाता है। इसे शॉर्ट सेलिंग इसे कहते हैं। ये आईडिया आपको वर्तमान ट्रेन्ड के अंत में तथा नए ट्रेन्ड के रिवर्स होने से पहले execute करना चाहिए। ये काफी रिस्की होता है, लेकिन इसे सावधानी पूर्वक execute करने पर बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। 
  • Breakout trading: जब कोई शेयर एक रेंज में होता है तथा जब वह रेंज तोड़कर एक डायरेक्शन में चलने लगता है। उसे breakout कहते हैं। ब्रेकआउट की दिशा में ट्रेड लेने को ब्रेकआउट ट्रेडिंग कहा जाता है। ब्रेकआउट के दौरान शेयर, उस साइड में बड़ा move दे सकता है। ब्रेकआउट की साइड में ट्रेड लेकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। ब्रेकआउट ट्रेडिंग के लिए Support & resistance level को देखाकर उसके ऊपर और नीचे ब्रेकआउट को देखते है। 
  • Scalping: स्कैलपिंग ट्रेडिंग के कुछ सैकेंड में ही कम्प्लीट हो जाती है। इसके लिए बहुत ज्यादा फोकस और क्विक डिसीजन जरूरत होती है। इसमें छोटे-छोटे प्रॉफिट को मिलकर दिन के अंत में अच्छा खासा प्रॉफिट हो जाता है। Scalper के गुण- स्कैलपर को फ़ास्ट ट्रेडिंग करना पसंद होता है तथा ये impatient Persion होते हैं। स्कैलपर तेजी से सोचते हैं तथा ट्रेड की दिशा भी बहुत जल्दी बदल लेते हैंयदि आप भी स्कैलपिंग करना चाहते हैं तो आपको यह पक्का करना चाहिए कि आपका मनी मेनेजमेंट अच्छा हो। आपको मार्केट न्यूज रिलीज तथा सेंटीमेंट का भी ध्यान रखना चाहिए। 
  • Swing trading: स्विंग ट्रेडिंग लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग की तरह होती है। इसमें ट्रेड को कई दिनों तक होल्ड किया जाता है। Swing trading उनके लिए है,जो पूरे दिन चार्ट  मॉनिटर नहीं करते। परन्तु ओवर नाईट शेयर बाजार का विश्लेषण करते हैं। स्विंग ट्रेडिंग उनके लिए है जो लोग फुल टाइम जॉब करते हैं। इसमें स्टॉप लॉस धोड़ा डीप लगाया जाता है। आप को अपने Stock analysis पर विश्वास होना चाहिए। Swing trader के गुण- स्विंग ट्रेडर में बहुत दिनों तक अपनी position को होल्ड करने का धैर्य होना चाहिए। ट्रेडर को बड़े स्टॉप लॉस से घबराना नहीं चाहिए।
  • Positional trading:पोज़िशनल ट्रेडिंग एक लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग (Investing) होती है। इसमें अपनी पोजीशन को कई महीनों से लेकर सालों तक होल्ड किया जाता है। इसके लिए फंडामेंटल एनालिसिस का आना जरूरी है। जिससे आप शेयर बाजार तथा शेयर के फंडामेंटल को समझकर सही निर्णय ले सकें। पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए बड़े अमाउंट की जरूरत होती है। साथ ही पोजीशन को लम्बे समय तक होल्ड करने के लिए धैर्य भी होना चाहिए। 


इस आर्टिकल में आपने
शेयर बाजार से पैसे कमाने के (Make Money Form Stock Market) दस सबसे अच्छे तरीके सीखे। Value investing, Income investing, Growth investing, Scalping trading, day trading, Trending trading, Countertrend trading, Breakout trading, Swing trading, Positional trading करना सीखा । Top ten idea for make money from stock market in Hindi. 

उम्मीद है, आपने इस आर्टिकल शेयर बाजार से पैसे कमाने के दस सबसे अच्छे तरीके से कुछ ना कुछ ज्ञानवर्धक जरूर सीखा होगा। अगर आपको यह 
Top ten idea make money from stock market in Hindi.
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