Stock Analysis kya hai tatha Stock Analysis kaise kren in Hindi
स्टॉक्स प्राइस की भविष्यवाणी करने वाले कुछ सामान्य इंडीकेटर्स में मूविंग एवरेज (MA), रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडिकेटर (RSI) बोलिंगर बैंड्स और MACD प्रमुख हैं। इन टेक्निकल इंडीकेटर्स की सहायता से स्टॉक मार्केट ट्रेडर्स ट्रेंड, मोमेंटम, पोटेंशियल रिवर्सल आदि का अनुमान लगाते हैं।
यदि आप stock market में investment करने के लिए बढ़िया शेयर चुनने में सफल हो जाते हैं। तो आप अपने investment पर कई गुना रिटर्न पा सकते है। इसके लिए हमें stock analysis करना आना चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं- स्टॉक मार्केट विश्लेषण कैसे करें और स्टॉक्स एनालिसिस कैसे करें? Stock market Analysis tatha stocks analysis kaise?
यदि आप टेक्निकल एनालिसिस के एक्सपर्ट बनना चाहते है तो आपको टेक्निकल एनालिसिस और कैंडलस्टिक की पहचान बुक को जरूर पढ़ना चाहिए।
StockAnalysis के बारे में
फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग अक्सर स्टॉक्स और मार्केट में लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के उद्देश्य से किया जाता है। जिसका मकसद स्टॉक्स के प्राइस आने वाले समय में कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं? इसका अनुमान लगाने के लिए किया जाता है। जबकि टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग ट्रेडर्स अक्सर शार्ट-टर्म ट्रेडिंग के उद्देश्य से stocks के प्राइस का अनुमान लगाने के लिए करते हैं।
जिन स्टॉक्स को इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स खरीदना या बेचना चाहते हैं। उनके बारे में दो कीमतें जानना महत्वपूर्ण होता है। उन स्टॉक्स का वर्तमान प्राइस जिस पर वे स्टॉक को खरीदना चाहते हैं। साथ ही स्टॉक्स के भविष्य के प्राइस का भी traders & investors अनुमान लगाना चाहते हैं। जिस पर वे स्टॉक्स को बेच सकते हैं।
अतः इन्वेस्टर्स share के पिछले प्राइस चार्ट की लगातार समीक्षा करते रहते हैं। जिससे वे स्टॉक्स के फ्यूचर प्राइस का अनुमान लगा सकें। कुछ इन्वेस्टर्स बहुत तेजी से बढ़े हुए स्टॉक्स और इंडेक्स को buy नहीं करते हैं। क्योंकि उन्हें अनुमान रहता है कि इनके प्राइस में करेक्शन होगा। जबकि कुछ ट्रेडर्स करेक्शन वाले स्टॉक्स और इंडेक्स में खरीददारी करने से डरते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इनमें अभी और गिरावट होगी।
जब stock market में गिरावट होती है तब ज्यादातर ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स शेयर खरीदने से डरते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि मार्केट में गिरावट का डोर आगे भी जारी रहेगा जबकि अक्सर ऐसा होता नहीं है। गिरावट का दौर जल्दी ही थम जाता है। इसलिए Warren Buffett ने कहा भी है कि "जब मार्केट में सब भयभीत हों, तब आपको लालची हो जाना चाहिए और जब मार्केट में सब लालची हों तब आपको भयभीत होना चाहिए"।
Stock Analysis करने के तरीके
Stock analysis करने के कई तरीके होते हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित हैं। जिनमें से ज्यादातर शेयर ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स टेक्निकल तथा फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करते हैं।
- फंडामेंटल एनालिसिस
- टेक्निकल एनालिसिस
- क्वालिटेटिव एनालिसिस
Stocks का फंडामेंटल एनालिसिस
Stock Analysis करते समय फंडामेंटल एनालिसिस के द्वारा शेयर की सही कीमत पता करने की कोशिश की जाती है शेयर की कीमत पता करने के लिए, कम्पनी वर्तमान में जो कारोबार रही है। वह अगले दो, पांच या दस सालों में कितना बढ़ सकता है।
मान लीजिये, आज कम्पनी को 500 करोड़ का प्रॉफिट हो रहा है, तो अगले साल कितना प्रॉफिट हो सकता है। इस तरह हम जितने साल के लिए कम्पनी में इन्वेस्ट करना चाहते है। उतने साल तक का अनुमान Fundamental Analysis में लगाया जाता है।
फंडामेंटल एनालिसिस में ये भी देखा है कि अगले दो , पांच या दस साल में कंपनी के कैशफ्लो कैसे रह सकते है। कैशफ्लो की आज की तरीख में नेट प्रजेंट वैल्यू निकलने की कोशिश की जाती है। ऐसी आधार पर कम्पनी के प्रत्येक शेयर की प्रजेंट वैल्यु निकली जाती है।
दूसरा तरीका है कि कम्पनी की इंट्रिनसिक वैल्यू क्या है? यानि की कम्पनी की सभी सम्पत्तियो तथा देनदारियों को निकालकर कम्पनी की नेट वैल्यू निकली जाती है। P/E रेश्यो
कई बार लोग stock Analysis करते समय ये भी देखते है कि कम्पनी की डिविडेंट पॉलिसी क्या है ? यदि कम्पनी साल दर साल अच्छा डिविडेंड दे रही है। इसका मतलब कम्पनी कैश जेनरेशन भी कर रही है तथा Investor friendly भी है। ये सब मुददे स्टॉक एनालिसिस में देखे जाते है। उपर्यक्त सभी तरीको के द्वारा आप यह पता लगा सकते है कि कोई शेयर फंडामेंटली अच्छा है या बेकार।
Stocks का टेक्नीकल एनालिसिस
इसमें शेयर का चार्ट देखकर भविष्य बताने की कोशिश की जाती है। पुराने डेटा के आधार पर अब तक शेयर ने कितना वॉल्यूम किया तथा किस तरह का प्राइस एक्शन शेयर ने किया। शेयर कब कितना ऊपर-नीचे हुआ तथा कितन कितने वॉल्यूम पर हुआ, कितने समय में हुआ। इस तरह Technical Analysis चार्ट पर पुराने डेटा को देखकर Stock Analysis करके किसी शेयर के भविष्य में होने वाले उतर-चढ़ाव को जानने की कोशिश को कहते है।यदि आप शेयर ट्रडिंग और इन्वेस्टिंग में होने वाली गलतियों के कारण होने वाले नुकसान से बचना चाहते हैं तो आप Stock Market में बर्बाद होने से कैसे बचें? बुक पढ़ सकते हैं। बहुत से लोग टेक्निकल एनालिसिस को शेयर का पोस्टमार्टम कहते है, डायग्नोसिस नहीं क्योंकि इसमें पुराने डेटा से भविष्य का अनुमान लगते है। ये भी एक stock analysis का तरीका है इसलिए लोग ऐसा करते है अतः ये गलत नहीं है।
इसमें इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि कम्पनी फंडामेंटल कैसे है, कम्पनी अच्छी है या बुरी क्योंकि इसमें सिर्फ price और volume एक्शन देखा जाता है technical analysis उन लोगों के लिए अच्छा है जो ट्रेडर हैं, intraday या short term trade करते है।
टेक्निकल एनालिसिस उन लोगो के लिए भी अच्छा है ,जो किसी शेयर में लम्बे समय तक निवेशित रहना चाहते है। वो चार्ट के आधार पर उस लेवल का पता लगा सकते है जिस पर शेयर में लम्बे समय के लिए निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है। ब्रेकआउट ट्रेडिंग
इसमें इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि कम्पनी फंडामेंटल कैसे है, कम्पनी अच्छी है या बुरी क्योंकि इसमें सिर्फ price और volume एक्शन देखा जाता है technical analysis उन लोगों के लिए अच्छा है जो ट्रेडर हैं, intraday या short term trade करते है।
टेक्निकल एनालिसिस उन लोगो के लिए भी अच्छा है ,जो किसी शेयर में लम्बे समय तक निवेशित रहना चाहते है। वो चार्ट के आधार पर उस लेवल का पता लगा सकते है जिस पर शेयर में लम्बे समय के लिए निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है। ब्रेकआउट ट्रेडिंग
इन्वेस्टर के लिए टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा किसी शेयर में एंट्री तथा एग्जिट के थोड़े संकेत मिलते है।ट्रेडर के लिए technical analysis सीखना आवश्यक है क्योंकि ट्रेडर को ट्रेड करने से पहले ही तय करना होता है, कि शेयर किस कीमत पर खरीदना तथा बेचना है। इसके लिए ट्रेडर को चार्ट पढ़ना आना चाहिए ,ये बात भी सही है कि जिन लोगों को चार्ट पढ़ना आता है वो शेयर बाजार में काफी पैसे कमाते है।
टेक्निकल एनालिसिस में stop loss लगाना बहुत जरूरी होता है। कई बार यह ट्रिगर भी हो जाता है। स्टॉप लॉस ट्रेडर को बड़े नुकसान से बचता है। इसमें एक बात साफ होती है कि आपको शेयर एक निश्चित कीमत पर खरीदना होता है तथा निश्चित टार्गेट के लिए खरीदना होता है। आप टार्गेट को revise कर सकते है, टार्गेट के साथ-साथ स्टॉप लॉस को भी रीवाइज करना चाहिए।
क़्वालीटेटिव एनालिसिस (Qualitative analysis)
Stock analysis करने का तीसरा तरीका Qualitative analysis है इसमें ये देखा जाता है कि जो लोग चला रहे हैं ( कम्पनी के प्रमोटर) उनका बैकग्राउंड कैसा है ? मान लेते हैं कि टाटा, अंबानी, वाडिया ये लोग बिज़नेस चला रहे है इन लोगों ने बड़ा एम्पायर खड़ा किया है।
आपको ये जानने का प्रयास करना चाहिए कि इनका कम्पनी खड़ी करने का पुराना रिकॉर्ड कैसा है? गवर्नेंस तथा लेन-देन को लेकर कम्पनी के मेनेजमेंट का रिकॉर्ड कैसा है? कोई गलत काम तो नहीं किये। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोले फ्री मेनेजमैंट के खिलाफ रेगुलेटर के कोई एक्शन तो नहीं हुए।
यह भी जरूर जानना चाहिए कि कम्पनी का बिज़नेस मॉडल कैसा है ? क्या उसमें कुछ बेरियर ? कॉम्पिटिशन कितना आ सकता है ? उस बिज़नेस में रेवेन्यू विसिबिल्टी कैसी रह सकती है ? ये भी देखना चाहिए कि इसकी इंडस्ट्री कितना ग्रोथ कर रही है क्योंकि यदि इसकी इंडस्ट्री में ही ग्रोथ नहीं होगी, तो ये कम्पनी भी कहाँ ग्रोथ कर पायेगी ? ये कुछ फैक्टर है जिनसे qualitative analysis किया जाता है।
उम्मीद है आपको यह Stock Analysis kya hai tatha Stock Analysis kaise kren in Hindi. आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा। अगर आपको यह स्टॉक मार्केट विश्लेषण कैसे करें और स्टॉक्स एनालिसिस कैसे करें? आर्टिकल पसंद आये तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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nice
जवाब देंहटाएंDigital Marketing (Stock Market और Crypto Market) में Technical Analysis उतनी ही जरुरी है जितनी हमे जीवन जीने के लिए जीवन जीने का तरीका होना चाहिए जैसे :- हम क्या खायेगे , क्या पियेंगे ,क्या पहनेंगे इत्यादि |
टेक्निकल एनालिसिस में भी इसी तरह जानकारी होनी चाहिए जैसे:- हमे कब स्टॉक को Buy करना है और कब Sell करना है ,किस स्टॉक में Invest करना है और किस में नहीं करना है |
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