शेयर मार्केट और Stocks का Technical Analysis कैसे करें?

शेयर मार्केट के 417 वर्ष के इतिहास में ट्रेडर्स ने टेक्निकल एनालिसिस को सबसे ज्यादा पसंद किया है। इस मेथड  का यूज करके शेयर मार्केट से कम समय में पैसा कमाया जा सकता है। इसके बावजूद शेयर मार्केट में ऐसे लोग कम ही हैं। जिन्हें Technical analysis का ज्ञान है। 

इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि टेक्निकल एनालिसिस क्या है? इसकी शुरुआत कैसे हुई? टेक्निकल एनालिसिस की बेसिक थ्योरी क्या है तथा यह कैसे काम करता है? आइए विस्तार से जानते हैं- शेयर मार्केट और Stocks का Technical Analysis कैसे करें? Technical analysis kya hota hai. Full jankari Hindi mein.                                                                            
                                                                                   
What is technical analysis, technical analysis kya hota hai. Ful jankari Hindi mein.



अगर आप शेयर मार्केट टेक्निकल एनालिसिस के एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको मुकुल अग्रवाल द्वारा लिखित द सिम्पलेस्ट बुक फॉर टेक्निकल एनालिसिस जरूर पढ़नी चाहिए। यदि आपको बुक पसंद नहीं आती है तो आप कंपनी की रिटर्न पॉलिसी का लाभ उठा सकते हैं।  

Technical Analysis के बारे में 

यदि आप टेक्निकल एनालिसिस सीख लेते हैं, तो आप शेयर ट्रेडिंग के द्वारा पैसे कमाने में सक्षम हो जाएंगे। टेक्निकल एनालिसिस की सबसे खास बात यह है कि इसे किसी भी एसेट क्लास में इसका उपयोग किया जा सकता है। बशर्ते उस एसेट क्लास का पुराना डाटा उपलब्ध हो।
 
जब आप Stock market में ट्रेडिंग करते हैं, तब आप बस स्टॉक का प्राइस देख कर ही उसे buy या sell करते हैं।  शेयर मार्केट में ज्यादातर लोग कम समय में ही पैसा कमाना चाहते हैं। लेकिन कम समय में ज्यादातर शेयरों की प्राइस बहुत तेजी से बदलती रहती है। डोव थ्योरी

ऐसी स्थिति में आप कैसे अंदाजा लगा पाएंगे कि आपको कब शेयर खरीदने चाहिए और कब बेचने चाहिए। जिससे आपके प्रॉफिट कमाने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ सके। उसी समस्या के समाधान के लिए भी technical analysis को बनाया गया था।

Technical Analysis क्या है? 

टेक्निकल एनालिसिस, ट्रेडिंग एक्टिविटीज का स्टेटिकल ट्रेंड का एनालिसिस करने का एक तरीका है। जिसमें आमतौर पर प्राइस मूवमेंट और ट्रेडिंग वॉल्यूम शामिल होता है। इसका उपयोग trading & investing करने के लिए किया जाता है। बोलिंगर बैंड्स

इसमें stocks की पिछली प्राइस मूवमेंट हिस्ट्री को देखकर उसकी आगे की प्राइस मूवमेंट का अनुमान लगाया जा सकता है। टेक्निकल एनालिसिस की बेसिक थ्योरी मुख्यतः तीन धारणाओं पर आधारित है जो कि निम्नलिखित हैं- 

1. Market discount everything 

इसका मतलब यह है कि किसी समय पर, किसी कंपनी के शेयर के प्राइस में उस कंपनी के सभी महत्वपूर्ण निर्णयों का परिणाम शामिल होता है। इसीलिए कंपनी से रिलेटेड किसी पुरानी इंफॉर्मेशन से उस कंपनी के शेयर के प्राइस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

इस धारणा में माना जाता है कि कंपनी से संबंधित सभी फंडामेंटल फैक्टर्स जैसे कि कंपनी के बिजनेस की क्वालिटी, प्रॉफिट पोटेंशियल और अर्निग्स प्रोस्पेक्ट आदि। 

इन सब के इफेक्ट हर वक्त कंपनी के शेयर प्राइस में शामिल रहते हैं इसीलिए इन फैक्टर्स को अलग से देखने की कोई जरूरत नहीं है। अतः आपको इन फैक्टर्स को छोड़कर अपना पूरा ध्यान शेयर की प्राइस पर लगाना चाहिए। ऑप्शन ट्रेडिंग

वेसै तो टेक्निकल एनालिसिस एक बहुत बड़ा विषय है लेकिन यदि आप ट्रेंड, कैंडलेस्टिक पेटर्न और सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस भी सीख लेते हैं तो भी आप स्टॉक ट्रेडिंग करना सीख जाएंगे।

 2. कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Pattern) 

Technical Analysis करते समय कैंडलस्टिक पैटर्न का प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। कैंडलस्टिक पैटर्न का अविष्कार जापान के व्यापारियों ने किया था। इसे जैपनीज़ कैंडलस्टिक भी कहा जाता है। यह वर्तमान समय के प्राइस एक्शन को दर्शाता है। इसके साथ आप लैगिंग इंडिगेटर का करके शेयर ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। RSI, MACD, SMA आदि Lagging Indicators हैं।

3. Stock price move in trends

प्रत्येक शेयर की प्राइस ट्रेन्ड्स में मूव करती है, इसका सीधा सा मतलब यह है कि प्रत्येक शेयर की प्राइस एक ट्रेंड में घटती और बढ़ती है। इस धारणा में यह माना जाता है कि शेयर की प्राइस, अभी जिस ट्रेंड में मूव कर रही है।

आगे भी उसी पैटर्न में मूव करने की संभावना सबसे ज्यादा है। मार्केट ट्रेंड्स को समझने के लिए ट्रेंड लाइन का इस्तेमाल लिया जाता है, ये ट्रेन्ड्स लाइन तीन प्रकार की होती हैं- 
  1. अपट्रेंड् लाइन  
  2. डाउनट्रेंड् लाइन 
  3. साइडवे ट्रेंड् लाइन 
  • अपट्रेंड लाइन  (Uptrend Line): अपट्रेंड में शेयर की प्राइस एक पैटर्न में बढ़ती रहती है। इसमें शेयर प्राइस हायर हाई और हायर लो बनता है। यानि की शेयर का प्राइस अपने पिछले लो (low) प्राइस से नीचे नहीं जाता है। अपट्रेंड में नेक्स्ट बॉटम पिछले बॉटम से ऊपर होता है। फ्यूचर रोलओवर
  • डाउनट्रेंड लाइन (Downtrend Line): डाउनट्रेंड में भी शेयर की प्राइस एक पैटर्न में घटती रहती है। इसमें शेयर प्राइस लोअर लो बनाता है। यानि शेयर का प्रत्येक अगला बॉटम, पिछले बॉटम से नीचे होता है।
  • साइडवेट्रेंड लाइन (Sideways trend Line)  साइडवे ट्रेंड में शेयर की प्राइस एक फिक्स रेंज में मूव करती रहती है। शेयर की प्राइस उस रेंज से ना ही ऊपर जाती है और ना ही नीचे आती है। 

Support and Resistance

जब आप stock market में कोई पोजीशन बनाते हैं, तब टार्गेट सेट करने का सबसे अच्छा तरीका है। सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल को पहचान कर उसके अनुसार टार्गेट तय करना क्योंकि S&R स्पेसिफिक प्राइस पॉइंट होते हैं। कॉफी कैन इन्वेस्टिंग

जहाँ पर ज्यादातर ट्रेडर शेयर खरीदना और बेचना पसंद करते हैं, सपोर्ट प्राइस पर ज्यादातर लोग शेयर खरीदना चाहते हैं और रेजिस्टेंस लेवल पर ज्यादातर लोग शेयर बेचना चाहते हैं।

History trends to Repeat Itself 

टेक्निकल एनालिसिस में यह माना जाता है कि हिस्ट्री हमेशा रिपीट होती है।  इसका सीधा सा मतलब यह है कि stock price पास्ट में जैसा चेंज हुआ था। आगे भी अगर वैसी ही कंडीशन आती है तो प्राइस पास्ट की तरह ही चेंज होगा।

इस धारणा में माना जाता है कि प्राइस हमेशा इन्वेस्टर्स के इमोशंस और बिहेवियर से चेंज होते हैं।  पास्ट में इन्वेस्टर्स ने जैसा व्यवहार किया था। आगे भी वही कंडीशन आने पर इन्वेस्टर्स वैसा ही व्यवहार करेंगे। उपर्युक्त धारणा के आधार पर ही टेक्निकल एनालिसिस आधारित है। फिबोनाची रिट्रेसमेंट

अगर आप Technical Analysis को यूज करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको इन तीनों धारणाओं को मानना और समझना पड़ेगा। 

Technical analysis की उत्पत्ति 

टेक्निकल एनालिसिस का जिक्र सबसे पहले जोसेफ दे ला वेगा नाम के स्पेनिश बिजनेसमैन की 1688 में प्रकाशित बुक ''कन्फ्यूजन ऑफ कन्फ्यूजन' में हुआ था। परंतु टेक्निकल एनालिसिस की असली शुरुआत जापान के चावल के व्यापारी होमां मुण्डिका की 1755 में प्रकाशित बुक 'द फंक्शन ऑफ गोल्ड और द थ्री मंकी ऑफ रिकॉर्ड, से औपचारिक शुरुआत हुई थी।
 
होम्मा ने इस बुक  में बताया कि किस तरह राइस की प्राइस मौसम और राइस की उपलब्धता (Volume) से प्रभावित होती है? कैसे इसके पैटर्न को समझ कर, राइस की फ्यूचर ट्रेडिंग में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है? आज आप जिस मॉडर्न  की थ्योरी को जानते Technical analysis हैं और यूज करते हैं। वह डॉव थ्योरी पर आधारित है। 

डॉव थ्योरी, वॉल स्ट्रीट जर्नल और डाउ जॉन्स इंडस्ट्रियल एवरेज के फाउंडर चार्ल्स डॉ की लिखी 255 वॉल स्ट्रीट जर्नल एडिटोरियल आर्टिकल पर आधारित है। Dow Theory को चार्ल्स डॉ की मृत्यु के बाद विलियम पीटर हैमिल्टन, रॉबर्ट रिया और जॉर्ज सेफर ने ऑर्गेनाइज्ड करके पब्लिश किया था। आज इस थ्योरी को टेक्निकल एनालिसिस में बहुत अधिक महत्व दिया जाता है।  

Technicalanalysis को कैसे यूज करें? 

अब तक आप जान गए होंगे कि Technical Analysis  से स्टॉक के प्राइस के मूवमेंट को प्रिडिक्ट किया जाता है।  अब यहां पर यह सवाल उठता है कि यह कैसे किया जाता है? शेयर का प्राइस अब और कैसे move करेगा? ऐसा बहुत सारे हिस्टोरिकल डाटा की वजह से होता है, टेक्निकल एनालिसिस में शेयर के अलग-अलग तरह के हिस्टोरिकल डाटा पॉइंट को देखा जाता है। सीक्रेट जानकारी

इसके द्वारा शेयर के फ्यूचर प्राइस के मूवमेंट का अनुमान लगाने की कोशिश की जाती है। डेटा पोइंट में सामान्यतः हिस्टोरिकल ट्रेंड्स, कैंडलेस्टिक चार्ट और बहुत सारे अलग-अलग indicators का यूज़ किया जाता है। यह सभी डाटा प्वाइट यह बताते हैं कि किसी डाटा में चेंज से शेयर प्राइस में क्या चेंज आया था। 

अगर आपको किसी शेयर के डाटा में पास्ट जैसा चेंज दिखता है, तब आप यह बोल सकते हैं कि इसके प्राइस में भी पास्ट की ही तरह चेंज हो सकता है। 

इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि शेयर मार्केट में एक स्ट्रेटजी हमेशा कामयाब नहीं होती है। Technical Analysis में भी आपको हमेशा सही price movement नहीं मिलती है। इस वजह से यह महत्वपूर्ण है कि आपको टेक्निकल एनालिसिस की योग्यता के साथ-साथ इसकी सीमा को भी समझना चाहिए। EMA ट्रेडिंग स्ट्रेटजी

Technic alanalysis की सीमाएं 

टेक्निकल एनालिसिस आपको केवल शेयर प्राइस के संभावित मूवमेंट को बताता है। वास्तविक मूवमेंट को नहीं बताता। इसका मतलब यह है कि इसकी सहायता से आप केवल यह पता लगा सकते हैं कि किसी शेयर का प्राइस किधर घूम कर सकता है। 

लेकिन इससे शेयर की प्राइस की सही मूवमेंट का पता नहीं चलता है। ऐसे बहुत सारे Stock market traders हैं जिन्होंने टेक्निकल एनालिसिस कि इस लिमिटेशन को नहीं समझा और शेयर मार्केट में बहुत लॉस उठाया है।  
 
साथ ही ऐसे ही बहुत सारे ट्रेडर्स है, जिन्होंने इसे समझ कर शेयर मार्केट से करोड़ों रुपए कमाए हैं। अब यह आपके ऊपर निर्भर पता है कि आप टेक्निकल एनालिसिस को कैसे यूज करते है? Stock market trading में आपकी सफलता और असफलता को यही बात तय करती है कि आप इसे एक गाइड की तरह यूज करें या इसे पैसे बनाने का शॉर्टकट समझते हैं। कॉमन स्टॉक्स एंड अनकॉमन प्रॉफ़िट्स

इस आर्टिकल में आपने जाना कि टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? इसकी बेसिक थ्योरी क्या है? इसकी हिस्ट्री क्या है और यह कैसे काम करता है? शेयर मार्केट और Stocks का Technical Analysis कैसे करें? Technical analysis kya hota hai. Full jankari Hindi mein. यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आये तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। 

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