डबल बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न की पूरी जानकारी |Double bottom candlestick pattern
डबल बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है जो डाउनट्रेंड के बॉटम (निचले भाग) में बनता है। यह शार्ट सेलर के लिए अलर्ट होने का संकेत होता है। कि अब मार्केट ट्रेंड चेंज हो सकता है। यानि अपट्रेंड की शुरुआत होने वाली है।
डबल बॉटम पैटर्न क्लासिक टेक्निकल एनालिसिस चार्टिंग फॉर्मेशन है। चलिए विस्तार से जानते है- डबल बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में। Double bottom candlestick pattern in Hindi.
यदि आप शेयर मार्केट ट्रेडिंग में एक्सपर्ट बनाना चाहते हैं तो आपको टेक्निकल एनालिसिस और कैंडलस्टिक की पहचान बुक जरूर पढ़नी चाहिए अगर आजकल ऑडियोबुक सुनने का काफी चलन है अगर आप भी ऑडियोबुक सुनना पसंद करते हैं तो आपको अमेजन ऑडिबल का एक महीने का फ्री ट्रायल लेकर रिच डैड पुअर डैड बुक का ऑडियो-वर्जन जरूर सुनना चाहिए।
Double Bottom Candlestick Pattern क्या है?
डबल बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न लॉन्गटर्म डाउनट्रेंड के दौरान चार्ट के बॉटम पर बनता है। यह एक बुलिश रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न है। यानि डबल बॉटम बनने के बाद मार्केट में डाउनट्रेंड खत्म होकर अपट्रेंड शुरू होता है। किसी भी शेयर या मार्केट में यह पैटर्न डाउनट्रेंड के दौरान बनता है।
जब सेलर प्राइस को नीचे की तरफ खींच रहे होते हैं लेकिन सफल नहीं हो पाते हैं। इसका मतलब अब मंदी का दौर खत्म होने वाला है और मार्केट में तेजी की शुरूआत होने वाली है।
डबल बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न दो कैंडल्स से मिलकर बना होता है। इसमें पहली कैंडल लम्बी बेयरिश या छोटी बेयरिश कैंडल में से कोई भी बेयरिश कैंडल हो सकती है। यह प्राइस में गिरावट को दर्शाने वाली लाल रंग की कैंडल होती है। यह पैटर्न डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न का बिल्कुल विपरीत पैटर्न होता है।
दूसरी कैंडल भी लम्बी या छोटी बुलिश कैंडल होती है। यह मार्केट या स्टॉक्स में तेजी को दर्शाने वाली बुलिश कैंडल होती है। यह हरे रंग की बुलिश कैंडल होती है। यह पैटर्न अंग्रेजी के अक्षर W के आकार का होता है।
इस पैटर्न के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-
- Double bottom candlestick pattern एक क्लासिक टेक्निकल एनालिसिस फॉर्मेशन है। जो प्राइस में पिछली गिरावट की तुलना में trend में एक बड़े बदलाव को दर्शाता है।
- यह पैटर्न W अक्षर के समान दिखता है, जिसमे दो बार छुए गए निचले स्तर को सपोर्ट लेवल की तरह माना जाता है।
- यह हमेशा किसी भी शेयर के छोटे या बड़े डाउनट्रेंड के दौरान बनता है। जो ट्रेंड रिवर्सल का संकेत देता है।
- डबल बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न चार्ट पर अलग-अलग समय सीमा (time frame) में बनते हैं। जैसे-इंट्राडे में फाइव मिनट, फिफ्टीन मिनट और आवरली चार्ट पर भी आपको यह पैटर्न मिल जायेंगा। शार्ट टाइम फ्रेम में डबल बॉटम पैटर्न को आप केवल डे-ट्रेडिंग के लिए ही यूज कर सकते है। इससे शेयर के ओवर ऑल ट्रेंड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- इसी तरह डेली, और वीकली चार्ट पर भी आप डबल बॉटम पैटर्न देख सकते हैं। इसके आधार पर आप शेयर को लम्बे समय के लिए खरीदकर होल्ड कर सकते हैं। ट्रेंड रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न लॉन्गटर्म में अच्छा काम करते हैं।
Double bottom candlestick pattern चार्ट पर कैसे बनता है?
यदि आप इसे डेली या वीकली चार्ट पर देखेंगे। तो आपको यह पैटर्न चार्ट पर हमेशा लम्बे डाउनट्रेंड के दौरान दिखाई देगा। इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर में डाउनट्रेंड खत्म हो जाता है और अपट्रेंड की शुरुआत होती है। कन्फर्मेशन मिलने पर शेयर में खरीदारी करने से आपको प्रॉफिट अवश्य होगा।
डबल बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न में पहली कैंडल लॉन्ग बेयरिश या शार्ट बेयरिश में से कोई भी कैंडल हो सकती है। यह लाल रंग की सिंगल बेयरिश कैंडल होती है। दूसरी कैंडल लॉन्ग बुलिश या शार्ट बुलिश में से कोई भी कैंडल हो सकती है। दूसरी हरे रंग की सिंगल बुलिश कैंडल होती है। जो मार्केट में तेजी का संकेत देती है। बेयरिश फ्लैग पैटर्न
दूसरी कैंडल पहली कैंडल के क्लोजिंग प्राइस पर या उससे भी नीचे Gap down ओपन हो सकती है। दूसरी कैंडल, पहली कैंडल के लो प्राइस के बराबर या उससे थोड़ा कम का लो प्राइस बनाती है। जैसे पहली कैंडल 70 रूपये का लो प्राइस बनाती है। तो दूसरी कैंडल भी 70 रूपये या 70.50 के आसपास लो प्राइस बनाएगी।
इसमें यह बात ध्यान देने योग्य है, दूसरी कैंडल का लो पहली कैंडल के लो प्राइस से नीचे नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा है तो यह डबल बॉटम अवैध है। दूसरी कैंडल कहीं भी क्लोज हो सकती है। पहली कैंडल के हाई प्राइस के बराबर या उससे भी ऊपर या नीचे लेकिन दूसरी कैंडल बुलिश कैंडल होनी चाहिए। हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न चार्ट के बॉटम पर बनता है।
Double bottom candlestick pattern दो कैंडल्स से मिलकर बनता हैं। जिनमे पहली कैंडल बेयरिश लाल रंग की होती है। दूसरी कैंडल हरे रंग की बुलिश कैंडल होती है। डबल बॉटम पैटर्न में वॉल्यूम का बहुत अधिक महत्व है। पहली कैंडल के समय जितना वॉल्यूम होता है। उससे ज्यादा वॉल्यूम दूसरी कैंडल के समय होता है। यानि कि ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ते क्रम में होता है।
Double top candlestick pattern कैसे काम करता है?
जब चार्ट पर डबल टॉप पैटर्न बन जाता है और उसके अगले दिन शेयर का Gap up ओपन होता है। तो आपको उस शेयर में बाइंग करनी चाहिए। कन्फर्मेशन के लिए आपको यह देखना चाहिए। कि दोनों में से किस कैंडल का हाई प्राइस ऊपर है। फॉलिंग वेज चार्ट पैटर्न
अगर तीसरे दिन की कैंडल हाई के ऊपर बंद हो तो आपको शेयर में बाइंग करनी चाहिए। अगर दोनों कैंडल्स का हाई प्राइस एक समान है तो आपको यह देखना चाहिए कि तीसरे दिन का हाई दोनों कैंडल्स के हाई प्राइस से ऊपर है या नहीं। अगर तीसरे दिन की कैंडल का हाई प्राइस पहली दोनों कैंडल्स के हाई से ज्यादा है। तभी आपको शेयर में बाइंग करनी चाहिए अन्यथा नहीं।
Double Bottom Candlestick pattern आपको क्या बताता है?
स्टॉक मार्केट के टेक्निकल एनालिसिस में डबल बॉटम पैटर्न महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। यह संकेत देता है कि गिरावट के बाद स्टॉक का प्राइस स्ट्रांग सपोर्ट लेवल पर पहुँच गया है। जबकि प्राइस अभी भी लो लेवल पर बना हुआ है। राइजिंग वेज पैटर्न
यह स्टॉक में खरीदारी करने का अच्छा मौका हो सकता है क्योंकि यह एक नए अपट्रेंड की शुरुआत का संकेत होता है। यहाँ पर शेयर में खरीदारी करने के लिए आपको डबल बॉटम के लो प्राइस का स्टॉपलॉस अवश्य लगाना चाहिए। अगर प्राइस इस लो लेवल को तोड़ देता है तो डाउनट्रेंड फिर से कंटीन्यू करेगा। शेयर में फिर से सेलिंग का प्रेशर बढ़ जायेगा।
अन्य कई चार्ट पैटर्न की तरह double bottom candlestick pattern. स्टॉक्स का मीडियम टर्म और लॉन्ग-टर्म आउटलुक सबसे अच्छा बताता है। दोनों lows के बीच जितना अधिक गैप होगा उतना की डबल बॉटम पैटर्न सटीक होगा। दोनों lows के बीच कम से कम सात-आठ कैंडल का गैप जरूर होना चाहिए।
डबल बॉटम पैटर्न हमेशा मार्केट/स्टॉक्स में छोटी या बड़ी गिरावट (downtrend) के बाद बनता है। इस पैटर्न के बाद प्राइस में ट्रेंड रिवर्सल आता है। जो एक संभावित अपट्रेंड का संकेत होता है। पैटर्न के कन्फर्मेशन के लिए मार्केट या स्टॉक के फंडामेंटल में भी बदलाव नजर आये। तो यह ट्रेंड रिवर्सल का सबसे अच्छा संकेत माना जायेगा।
इसके अलावा डबल बॉटम के निर्माण के दौरन वॉल्यूम का भी बारीकी से निरीक्षण किया जाना चाहिए। क्योंकि इस पैटर्न में अपवर्ड प्राइस मूवमेंट के दौरान वॉल्यूम में बढ़ोतरी होती है। अपवर्ड प्राइस मूवमेंट के दौरान वॉल्यूम में बढ़ोतरी बाइंग प्रेशर का संकेत देती है।
डबल बॉटम पैटर्न बनने के बाद इसकी आकृति अंग्रेजी के अक्षर W की तरह हो जाती है। यह भी डबल बॉटम पैटर्न बनने का एक कन्फर्मेशन ही है। अब मार्केट में खरीदारी की पोजीशन (long-position) बनानी चाहिए। जिसके लिए आपको डबल बॉटम के दूसरे लो प्राइस का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए। ट्राईएंगल पैटर्न
प्रॉफिट टार्गेट आपको दोनों बॉटम के low points से, दोनों पैटर्न्स के बीच हाई पॉइंट्स की दूरी के बराबर का रखना चाहिए। अगर आप बहुत ज्यादा अग्रेसिव ट्रेडर है। तो आप अपने प्रॉफिट बुकिंग टार्गेट में इस दूरी को डबल भी कर सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें
Double bottom candlestick pattern दोनों कैंडल्स का लो प्राइस एक समान होना चाहिए। इस पैटर्न की पहली कैंडल सिंगल बेयरिश कैंडल होती है, यह बेयरिश मारुबाज़ू कैंडल भी हो सकती है। दूसरी कैंडल सिंगल बुलिश कैंडल होनी चाहिए, यह बुलिश मारुबाज़ू कैंडल भी हो सकती है।
दोनों कैंडल्स का हाई प्राइस एक समान या आसपास होना चाहिए। डबल बॉटम पैटर्न बनने के बाद जब स्टॉक का प्राइस गैप अप ओपन हो। तब आपको स्टॉक में खरीदारी करनी चाहिए। दोनों कैंडल्स के लो प्राइस के आसपास आपको स्टॉपलॉस लगाना चाहिए। जब आपको चार्ट पर ऐसा कोई सिग्नल मिल जाय। जो शेयर का ट्रेंड बदल सकता है, तब आपको प्रॉफिट बुक करना चाहिए।
अंत में किसी भी सिक्युरिटी के लॉन्ग-टर्म ट्रेंड की पहचान करने के लिए। डबल बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न सबसे महत्वपूर्ण चार्ट पैटर्न है। जो यह संकेत देता है कि अब शेयर का प्राइस अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। आमतौर पर दूसरा बॉटम बनने के बाद प्राइस में 10% to 20% का उछाल आ सकता है।
अगर शेयर के फंडामेंटल में भी कुछ अच्छे बदलाव होते हैं। तो ये उछाल और भी ज्यादा बढ़ हो सकता है। शेयर का लॉन्ग-टर्म ट्रेंड भी बदल सकता है। जैसे किसी शेयर का फ्यूचर अर्निग्स का आउटलुक पॉजिटिव होता है। तो उस शेयर में नया अपट्रेंड स्टार्ट हो सकता है। सुपरट्रेंड इंडिकेटर
Double bottom candlestick pattern को आप डेली और वीकली चार्ट पर बहुत आसानी से पहचान सकते हैं। दोनों lows का एक समान होना कोई जरूरी नहीं है। यदि lows एक दूसरे के 3% to 4% के दायरे में हों, तो भी इन्हें अच्छा माना जाता है। अपसाइड का टार्गेट कम से कम पहले रीबाउंड के हाई पॉइंट (करीब 10%) तक होना चाहिए।
एक बार डबल बॉटम बन जाने के बाद, ट्रेडर्स की निगाहें अपसाइड मूव पर होनी चाहिए। यदि सैकेंड लो बनने के बाद प्राइस पहले बॉटम के हाई पॉइंट को तोड़ता है। तो यह स्टॉक के प्राइस के ऊपर की तरफ बढ़ने का संकेत होता है। यह नए अपट्रेंड के स्टार्ट होने का भी एक शक्तिशाली संकेत होता है। क्रिप्टोकरेंसी
उम्मीद है, आपको यह डबल बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न (Double bottom candlestick pattern) की पूरी जानकारी आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह Double bottom candlestick pattern in Hindi. आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।
ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आप इस साइट को जरूर सब्स्क्राइब करें। आप किस टॉपिक पर आर्टिकल पढ़ना चाहते हैं कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। और आपको यह आर्टिकल कैसा भी बताएं। आप मुझे फेसबुक पर भी फॉलो कर सकते हैं।
Hellow Mam,
जवाब देंहटाएंAap Mujhe Apne Kisi V post Par dofollow backling dijiye Badle me aapko Dofollow backling Dunga ...
Please Reply ❤️
Okk, Ye hm dono ke blog ke liye achha hai. Bataye iske liye mujhe kya krna hoga. Mujhe kaise pata chlega ki aapne mujhe bhi dofollow backlink diya hai.
जवाब देंहटाएं