Double Top Candlestick Pattern: डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न क्या होता है?

डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न अत्यधिक मंदी (Downtrend) वाला रिवर्सल पैटर्न है। यह पैटर्न दो कैंडल्स से मिलकर बनता है। जब शेयर का प्राइस लगातार दो बार हाई प्राइस तक पहुंचकर। वापस दोनों हाई प्राइस से थोड़ा नीचे आ जाता है। तब डबल टॉप कैंडलस्टिक रिवर्सल पैटर्न बनता है। 

इसकी पुष्टि तब होती है जब शेयर का प्राइस दोनों हाई के लोअर सपोर्ट लेवल से नीचे गिर जाता है। चलिए विस्तार से जानते हैं- डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न (Double Top Candlestick Reversal Pattern) क्या होता है? Double Top Candlestick Reversal Pattern in Hindi.
                                                                                 
Double Top Candlestick Pattern


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Double Top Candlestick Pattern क्या है? 

डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न एक टेक्निकल बेयरिश रिवर्सल पैटर्न है। इसे पहचानना काफी मुश्किल काम है क्योंकि इसमें स्टॉक्स के प्राइस का सपोर्ट लेवल के नीचे  टूटने की पुष्टि करना जरूरी होता है। डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न एक बेयरिश सिग्नल रिवर्सल पैटर्न है। जबकि डबल बॉटम एक बुलिश सिग्नल कैंडलस्टिक रिवर्सल पैटर्न है। 

किसी भी स्टॉक का टॉप तब बनता है। जब सामान्यतः स्टॉक्स के प्राइस में चढ़ाव (upswing) यानि पहली चोटी (टॉप) के बनने के बाद प्राइस नीचे आकर। वापस दोबारा ऊपर चढ़कर दूसरी चोटी (टॉप) बनाकर फिर से नेकलाइन यानि सपोर्ट लेवल को तोड़कर वापस नीचे आ जाता है। तब Double Top Candlestick Pattern बनता है।  

ट्रेडर्स नेकलाइन टूटने के बाद स्टॉक में शार्ट-सेल की पोजीशन बना सकते हैं। इस पोजीशन में आपको नेकलाइन के हाई प्राइस का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए। 

नेकलाइन से अगले रेजिस्टेंस लेवल का टार्गेट रखना चाहिए। इस तरह आप डबल टॉप  पैटर्न बनने पर शार्ट-टर्म ट्रेडिंग कर सकते हैं। डबल टॉप पैटर्न मीडियम और लॉन्ग-टर्म में स्टॉक्स के ट्रेंड बदलने का सिग्नल देता है। 

Double Top Candlestick Pattern कैसे बनता है? 

डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न की चार्ट पर बनने वाली पहली कैंडल लॉन्ग या शार्ट बुलिश, कोई भी बुलिश हरे रंग की सिंगल कैंडल होती है। उसके बाद बनने वाली दूसरी कैंडल लॉन्ग या स्मॉल बेयरिश सिंगल लाल रंग की कैंडल होती है। दूसरी कैंडल पहली कैंडल के क्लोजिंग प्राइस या उससे थोड़ा ऊपर खुल सकती है। 

दूसरी कैंडल, पहली कैंडल के बराबर या उसके आसपास का हाई प्राइस बनाती है। उदाहरण स्वरूप मान लीजिये पहली कैंडल 70 रूपये का हाई बनाती है तो दूसरी कैंडल भी 70 रूपये का या इससे थोड़ा ज्यादा प्राइस का हाई बनाएगी। क्रिप्टोकरेंसी

डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न की दूसरी कैंडल कहीं भी क्लोज हो सकती है। पहली कैंडल के लो प्राइस पर या उसके आसपास ही दूसरी कैंडल भी बंद होती है। लेकिन इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि पहली कैंडल हरे रंग की बुलिश कैंडल और दूसरी कैंडल लाल रंग की यानि बेयरिश कैंडल ही होती है। 

Double top candlestick pattern में ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत अधिक मायने रखता है। मार्केट का टॉप बनने के दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत हाई होता है। और पहली कैंडल से दूसरी कैंडल का ट्रेडिंग वॉल्यूम और भी हाई होता है। यानि ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ते क्रम में होता है। डबल टॉप बनने के दौरान कभी-कभी पहली कैंडल बुलिश मारुबाज़ू तथा दूसरी कैंडल बेयरिश मारुबाज़ू कैंडल भी बन सकती है। 

डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न इंट्राडे, डेली, वीकली और मंथली चार्ट पर बहुत अच्छा रिजल्ट देता है। यदि इस पैटर्न के बनने के बाद अगले दिन स्टॉक्स के प्राइस गैपडाउन ओपन होते हैं। तो इसे ट्रेंड रिवर्सल का कन्फर्मेशन समझना चाहिए। इस पैटर्न के बनने के बाद स्टॉक पर शार्ट-सेलर (मंदड़ियों) की पकड़ मजबूत हो जाती है। जिससे शेयर डाउनट्रेंड में चला जाता है। 

डबल टॉप पैटर्न बनने के बाद आपको स्टॉक मार्केट में शार्ट-सेलिंग की पोजीशन बनानी चाहिए। अगर आप इंट्राडे ट्रेडर हैं तो अच्छे परिणाम के लिए, आपको डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न को फाइव मिनट, फिफ्टीन मिनट और आवरली चार्ट पर देखना चाहिए। 

इस तरह आप इंट्राडे ट्रेडिंग से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, साथ ही आपको पहली ग्रीन कैंडल के हाई प्राइस का स्टॉपलॉस भी जरूर लगाना चाहिए। अगर आप एक पोजिशनल या लॉन्गटर्म ट्रेडर हैं तो आपको Double top candlestick pattern को अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए डेली और वीकली चार्ट पर देखना चाहिए। ट्रेडिंग के दौरान रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो और स्टॉपलॉस का ध्यान जरूर रखना चाहिए। अन्यथा आपको शेयर बाजार में बड़ा नुकसान हो सकता है। 

Double Top Candlestick Pattern की पहचान कैसे करें? 

डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान आप कई तरह से कर सकते हैं। इसमें यह बात ध्यान रखने योग्य है कि सभी डबल टॉप पैटर्न एक दूसरे से थोड़े अलग होते हैं। इसलिए false सिग्नल को भी डबल टॉप पैटर्न समझा जा सकता है। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता है। 

फाल्स सिग्नल से बचने के लिए ही डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान करने के निम्नलिखित तरीके बताये गए हैं- 
  1. उछाल (Upswing) की तलाश करें: डबल टॉप पैटर्न बनने के दौरान स्टॉक्स का प्राइस स्पष्ट रूप से अपट्रेंड में होना चाहिए। अपट्रेंड के दौरान स्टॉक्स का प्राइस लगातार हायर हाई और लोअर हाई बनाता है।
  2.  पहला टॉप (peak) खोजें: अपट्रेंड का पहला पीक (top) खोजकर निर्धारित करें। टॉप वह होता है, जब प्राइस गिरने से पहले अपने उच्चतम लेवल पर पहुँच जाते हैं। ईएमए
  3. उतार (Trough) का पता लगाएँ: पहला टॉप बनने के बाद प्राइस कुछ समय के लिए गिरते हैं, उस वेळी का पता लगाएं। जहाँ पर स्टॉक्स के प्राइस को सपोर्ट मिलता है। डबल टॉप पैटर्न में उस सपोर्ट लेवल को नेकलाइन कहते हैं। 
  4. दूसरा टॉप (peak) खोजे: पहला टॉप बनाने के बाद जब स्टॉक का प्राइस नीचे सपोर्ट लेवल पर आ जाता है। तब प्राइस दूसरी बार नया टॉप बनाने का प्रयास करता है लेकिन इस दूसरी रैली में शेयर का प्राइस पहले टॉप (peak) के प्राइस से थोड़ा कम रह जाता है। यानि शेयर का प्राइस पहले टॉप को क्रॉस नहीं कर पाता है बल्कि उससे थोड़ा पहले ही स्टॉक का प्राइस गिरने लगता है। 
  5. पैटर्न को सत्यापित करें: Double top candlestick pattern को कन्फर्म करने के लिए यह देखें कि दूसरी टॉप के बाद होने वाली गिरावट, पहले टॉप के बाद होने वाली गिरावट से लोअर (ज्यादा नीचे) है। अगर ऐसा है तो यह दर्शाता है कि निचला रेसिस्टेन्स लेवल प्राइस को सफलतापूर्वक रोक नहीं पाया। अब स्टॉक के प्राइस और भी नीचे जा सकते हैं। स्विंग ट्रेडिंग
  6. Neckline (नेकलाइन) बनाएं: डबल टॉप बनाने के दौरान जब स्टॉक का प्राइस नीचे गिरता है। प्राइस के उन लो पॉइंट्स को जोड़कर जो लाइन खींची जाती है उसे नेकलाइन कहते हैं। नेकलाइन वह लाइन होती है जो सपोर्ट लेवल को दर्शाती है और यह नेकलाइन Double top candlestick pattern के कन्फर्मेशन के लिए बहुत जरूरी है। 
  7. दोबारा कन्फर्म करें: आप फाल्स सिग्नल में ना फसें इसके लिए जरूरी है की इस पैटर्न को दोबारा कन्फर्म करें। इसके लिए आपको यह देखना चाहिए कि क्या स्टॉक का प्राइस नेकलाइन को तोड़कर उसके नीचे चला गया है। यदि प्राइस नेकलाइन को तोड़ देता है तो आपको स्टॉक में शार्ट-सेल की पोजीशन बनानी चाहिए। क्योंकि यह एक शक्तिशाली ट्रेंड रिवर्सल का संकेत होता है।  

Double Top Candlestick Pattern के मुख्य बिंदु  

आपको डबल  टॉप पैटर्न के मुख्य निम्नलिखित सिद्धांतों का ट्रेडिंग के दौरान सावधानीपूर्वक पालन करना चाहिए। 
  1. अपट्रेंड: डबल टॉप पैटर्न बनने से पहले स्टॉक का प्राइस क्लियर अपट्रेंड में होना चाहिए। यानि स्टॉक का प्राइस हायर हाई और हायर लो बना रहा होना चाहिए। स्टॉक अपने सभी लॉन्ग-टर्म और शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज से ऊपर होना चाहिए। 
  2. दो टॉप (peak): इस पैटर्न का नाम ही डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न है। अतः इसके दोनों पीक पर पहली कैंडल हरे रंग की बुलिश कैंडल होती है और दूसरी कैंडल लाल रंग की बेयरिश कैंडल होती है। दोनों पीक एक दूसरे से मेल खाते हुए होते हैं। दोनों पीक रेजिस्टेंस का काम करते हैं, जहाँ से टकराकर प्राइस नीचे आता है। और गिरना शुरू हो जाता है।  
  3. गर्त या घाटी: दोनों पीक के बीच में एक गर्त यानि घाटी बन जाती है जिसे वैली भी कहते हैं। यह स्टॉक के प्राइस में गिरावट को दर्शाती है। 
  4. नेकलाइन (Neckline): नेकलाइन एक हॉरिजॉन्टल रेखा होती है। जब स्टॉक का प्राइस टॉप बनाकर नीचे आता है। तब प्राइस के दोनों लो पॉइंट को मिलकर जो रेखा खींची जाती है उसे नेकलाइन कहते हैं। नेकलाइन पर स्टॉक का प्राइस सपोर्ट लेता है। अतः यह भी डबल टॉप पैटर्न की पुष्टि के लिए आवश्यक है।
  5.  नेकलाइन का टूटना: इसका टूटना भी Double top candlestick pattern का एक मुख्य घटक है। जब नेकलाइन टूटती है तो इसे ट्रेंड रिवर्सल कन्फर्मेशन का एक शक्तिशाली सिग्नल माना जाता है। इसके बाद आपको स्टॉक में शार्ट-सेल की पोजीशन बनानी चाहिए। ट्रेडिंग सेटअप
  6. वॉल्यूम (volume): डबल टॉप पैटर्न में वॉल्यूम का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि पहली कैंडल के समय जितना वॉल्यूम होता है उससे दोगुना वॉल्यूम दूसरी कैंडल के समय होना चाहिए। जब नेकलाइन टूटती है तब भी वॉल्यूम बढ़ जाता है इसलिए आप वॉल्यूम देखकर पैटर्न को कन्फर्म कर सकते हैं। 
  7. टार्गेट (प्रॉफिट बुकिंग): मुख्य उद्देश्य तो आपका पैसा कामना ही है। अतः प्रॉफिट बुक करने के लिए आपको तब तक इंतजार करना चाहिए। जब तक चार्ट पर कोई दूसरा ट्रेंड रिवर्सल का सिग्नल आपको न दिख जायेऔर सिग्नल दीखते ही आपको तुरंत प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए। ट्रेडिंग प्लान
डबल टॉप बनने के बीच की समय-अवधि अलग-अलग हो सकती है। एक डबल टॉप की दोनों पीक बनने के बीच महीनों का समय लग सकता है। जबकि किसी अन्य डबल टॉप की दोनों पीक बनने के बीच सप्ताह का समय लग  सकता है। 

Double top candlestick Pattern बनने पर ट्रेड कैसे करें? 

डबल टॉप पैटर्न के अनुसार ट्रेडिंग करने के निम्नलिखित विभिन्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं-
 
आप प्राइस का नेकलाइन को तोड़कर नीचे आने का इंतजार कर सकते हैं। इससे डबल टॉप पैटर्न कन्फर्म हो जायेगा और ट्रेंड रिवर्सल का भी सिग्नल मिल जायेगा। इसके बाद आप शार्ट-सेलिग का ट्रेड बना सकते हैं और आपने होल्ड किये हुए स्टॉक्स को भी बेच सकते हैं। 

जोखिम को कम करने के लिए आपको स्टॉपलॉस आर्डर प्लेस करना चाहिए। आपको हालिया स्विंग हाई का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए या आप नेकलाइन के ऊपर भी अपना स्टॉपलॉस रख सकते हैं। आपको टार्गेट नेकलाइन से नीचे जो भी पहला स्ट्रांग सपोर्ट लेवल हो वहाँ तक का रखना चाहिए। वीवैप इंडिकेटर    
 
नेकलाइन के पहली बार टूटने के बाद, प्राइस डाउनट्रेंड को जारी रखते हुए। कभी-कभी नेकलाइन को दोबारा भी टच कर सकते हैं। आप Double top candlestick pattern के अनुसार ट्रेड लेने के लिए टेक्निकल एनालिसिस भी कर सकते हैं। 

जैसे आप नेकलाइन के टूटने का इंतजार कर सकते हैं और नेकलाइन को रीटेस्ट करने का इंतजार भी कर सकते हैं। आप शार्ट-सेलिंग करने के लिए बेयरिश ट्रेंड रिवर्सल सिग्नल खोज सकते हैं। जैसे बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न, ट्रेंडलाइन का टूटना और लोअर हाई और लोअर लो प्राइस एक्शन आदि। 

विभिन्न टेक्निकल टेक्निक का उपयोग आप प्रॉफिट टार्गेट तय करने के लिए कर सकते हैं। जैसे कि किसी हालिया रेजिस्टेंस लेवल का स्टॉपलॉस और नीचे किसी स्ट्रांग सपोर्ट लेवल का टार्गेट शार्ट-सेलिंग की पोजीशन में रख सकते हैं। आप डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न को अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए एक्स्ट्रा टेक्निकल इंडीकेटर्स का उपयोग भी कर सकते हैं। 

जैसे आप बेयरिश डाइवर्जेन्स के लिए MACD या RSI हिस्टोग्राम का उपयोग कर सकते हैं। जैसे ही स्टॉक का प्राइस लोअर हाई बनाएगा दोनों पीक डवलप हो जाएगी। आपको ट्रेड तब लेना चाहिए जब प्राइस नेकलाइन को तोड़ दे और इंडीकेटर्स बेयरिश ट्रेंड रिवर्सल की पुष्टि कर दें। 

Double Top Candlestick Pattern के फायदे और नुकसान 

डबल टॉप पैटर्न के फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं-

डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न फायदे  

यह पैटर्न मार्केट के अपट्रेंड से डाउनट्रेंड की ओर मार्केट के रुझान को दर्शाता है। ऐसे ट्रेडर्स जो मार्केट trend में होने वाले बदलाव से प्रॉफिट कामना चाहते हैं, उनके लिए इससे ट्रेडिंग के नये मौके बनते हैं। 

इस पैटर्न में बनने वाले दोनों पीक रेजिस्टेंस का काम करते हैं। जिसका ट्रेडर्स प्रॉफिट कमाने, स्टॉप-लॉस लगाने, रिस्क मैनेजमेंट और ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। मार्केट ट्रेंड (trend) को कन्फर्म करने के लिए आप सुपरट्रेंड इंडिकेटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

डबल टॉप फॉर्मेशन बनने पर यदि नेकलाइन टूट जाती है, तो ट्रेडर्स के लिए शार्ट पोजीशन लेने का यह बहुत अच्छा समय होता है। यदि नेकलाइन नहीं टूटती है तो डबल टॉप फॉर्मेशन अवैध हो जाती है फिर ट्रेडर्स नेकलाइन के नीचे स्टॉप-लॉस लगाकर मार्केट में खरीदारी कर सकते हैं। जिसका टार्गेट तीसरा नया टॉप होना चाहिए जहाँ पर आपको ट्रेड से एग्जिट होंना चाहिए।   

ट्रेडिंग वॉल्यूम Double top candlestick pattern की विश्वसनीयता को और बढ़ा सकता है क्योंकि यदि पैटर्न फॉर्मेशन के दौरान वॉल्यूम बढ़ जाता है। तो इसे कन्फर्मेशन माना जाता है क्योंकि इस पैटर्न में पहली बुलिश कैंडल के दौरान जितना वॉल्यूम होता है। उससे ज्यादा वॉल्यूम दूसरी बेयरिश कैंडल के दौरान होता है। बेयरिश एंगल्फिंग पैटर्न जब नेकलाइन टूटती है तब भी वॉल्यूम बढ़ जाता है और टॉप तथा नेकलाइन के बीच में वॉल्यूम कम हो जाता है। 

डबल टॉप पैटर्न को देखकर ट्रेडर्स अपने प्रॉफिट टार्गेट तय कर सकते हैं। और पैटर्न की ऊँचाई के आधार पर शार्ट साइड टार्गेट तय कर सकते हैं। इस पैटर्न में इन तथ्यों के कारण संभावित प्रॉफिट संभावित जोखिम से कम होता है। यानि रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो ट्रेडर्स के पक्ष में होता है। 

डबल टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न के नुकसान 

यह पैटर्न बिलकुल अचूक नहीं है, अन्य पैटर्न्स की तरह ही यह भी कभी-कभी फॉल्स सिग्नल देता है। यदि किसी स्टॉक का प्राइस अपवर्ड मूवमेंट से पहले डबल टॉप बनकर फिर से ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है। तब असफल डबल टॉप पैटर्न बनता है, जिससे ट्रेडर्स को भरी नुकसान हो सकता है। 

इसलिए मार्केट में पोजीशन बनाने से पहले आपको कन्फर्मेशन के लिए नेकलाइन का टूटना और टेक्निकल इंडीकेटर्स का उपयोग अवश्य करना चाहिए। इस पैटर्न में बनने वाली पीक और वैली का विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट अलग-अलग तरीके से करते हैं। इस वजह से भी ट्रेड लेन में दुविधा की  स्थिति बन जाती है। बुल और बेयर

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