Open Interest ( OI ) क्या है और इसे कैसे यूज करें?

फ्यूचर्स एंड ऑप्शन में ओपन इंट्रेस्ट से तात्पर्य खुले हुए सौदों की संख्या से है। जिन्हें बंद नहीं किया गया है। मान लीजिये मार्केट में केवल दो ही ट्रेडर्स हैं, मैं और आप। किसी और ट्रेडर्स ने अभी तक कोई ट्रेड नहीं किया है। आप बैंक निफ्टी का 45,000 स्ट्राइक प्राइस की कॉल ऑप्शन का एक लॉट खरीदना चाहते हैं और मैं आपको बैंक निफ्टी का 45,000 का कॉल ऑप्शन का एक लॉट शार्ट सेल देती हूँ।  

इस तरह हम दोनों के बीच में 45,000 के स्ट्राइक प्राइस का  एक (1) ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट बनता है। इस तरह बैंक निफ्टी का 45,000 के स्ट्राइक प्राइस का ओपन इंट्रेस्ट एक  (1) हो जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं-  Open Interest क्या है और इसे कैसे यूज करें? Options Open Interest OI data in Hindi. 

                                                                                      
Open Interest


अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसों का पेड़ कैसे लगाएं जरूर पढ़नी चाहिए। 

Open Interest के बारे में

ओपन इंट्रेस्ट की मदद से आप फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस मार्केट के ट्रेंड का अनुमान लगा सकते हैं। इसे आसान शब्दों में इस तरह समझ सकते हैं। F&O मार्केट के किसी अंडरलाइंग एसेट में किसी वक्त पर जितने ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट्स ओपन होते हैं। जिन्हें बंद नहीं किया गया है, उन्हें ओपन इंट्रेस्ट कहा जाता हैं। प्रत्येक trading day के अंत में मार्केट पार्टिसिपेंट द्वारा होल्ड किये गए ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट्स की संख्या का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। 

Open Interest का उपयोग शेयर मार्केट ट्रेडर्स और एनालिस्ट द्वारा डेरिवेटिव मार्केट की समग्र गतिविधियों को और लिक्विडिटी को जानने के लिए किया जाता है। इसके द्वारा आप मार्केट सेंटीमेंट और संभावित प्राइस ट्रेंड का का सटीक अनुमान लगा सकते हैं। 

Open Interest Data का उपयोग 

हाई ओपन इंट्रेस्ट सामन्यतः हाई लेवल ट्रेडिंग एक्टिविटी और लिक्विडिटी का संकेत देता है। जिससे पता चलता है कि ट्रेडर्स किस अंडरलाइंग एसेट में किस स्ट्राइक प्राइस पर एक्टिवली ट्रेड ले रहे हैं। जबकि इसके विपरीत लो ओपन इंट्रेस्ट अंडरलाइंग एसेट ट्रेडर्स की कम रूचि और लिक्विडिटी की कमी का संकेत देता है। 

कम लिक्विड  अंडरलाइंग एसेट का बिड-आस्क स्प्रेड ज्यादा हो जाता है। जिसके कारण उसकी ट्रेडिंग कॉस्ट भी बढ़ सकती है। ट्रेडिंग के दौरान लाइव मार्केट में ट्रेडर्स को open interest में होने वाले बदलाव पर नजर रखनी चाहिए और उसके अनुसार ही ऑप्शन ट्रेडिंग के डिसीजन लेने चाहिए। 

अपनी पसंद के अंडरलाइंग एसेट के ओपन इंट्रेस्ट में होने वाले बदलाव को आप NSE की वेबसाइट पर Option Chain में बड़ी आसानी से देख सकते हैं। वैसे आजकल सभी ट्रेडिंग एप भी अपने टर्मिनल पर ओपन इंट्रेस्ट में होने वाले परिवर्तन को लाइव दिखाते हैं। 

ओपन इंट्रेस्ट की संख्या में होने वाले परिवर्तन को जानकर आप डेरिवेटिव मार्केट सेंटीमेंट में होने वाले परिवर्तन का अनुमान लगा सकते हैं। यदि किसी अंडरलाइंग एसेट का प्राइस हाई open interest के साथ बढ़ रहा है। इसका मतलब उस ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट में नया पैसा आ रहा है। जो उस अंडरलाइंग एसेट के बुलिश सेंटीमेंट को दर्शाता है। जिसके कारण प्राइस के ऊपर जाने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। 

इसके विपरीत जब किसी अंडरलाइंग एसेट का प्राइस गिरता है और साथ ही उसके ओपन इंट्रेस्ट में भी गिरावट होती है। तो इसका मतलब ट्रेडर्स अपनी पोजीशन बंद कर रहे हैं। यह प्राइस के और गिरने और बेयरिश सेंटीमेंट का संकेत होता है। 

कुल मिलाकर फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस मार्केट traders और एनालिस्ट के लिए Open Interest एक जरूरी मैट्रिक है। जो डेरिवेटिव मार्केट के वर्तमान ट्रेंड और सेंटीमेंट को समझने और सही अनुमान लगाने में बड़ी मदद करता है। 

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ओपन इंट्रेस्ट के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs 

भारतीय शेयर मार्केट में ओपन इंट्रेस्ट क्या है?

ओपन इंटरेस्ट (ओआई) एक संख्या है जो आपको बताती है कि बाजार में वर्तमान में कितने ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट्स  बकाया (खुले) हैं। नए कॉन्ट्रेक्ट्स जुड़ने पर OI बढ़ जाता है। जब कॉन्ट्रेक्ट बंद हो जाते हैं, तो OI घट जाता है। जब ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट्स का एक पक्ष से दूसरे पक्ष में स्थानांतरण होता है तो OI नहीं बदलता है। वॉल्यूम के विपरीत, OI डेटा लाइव मार्केट में लगातार और प्रतिदिन बदलता रहता है।

F&O में ओपन इंट्रेस्ट क्या है?

ओपन इंटरेस्ट अक्सर फ्यूचर एंड ऑप्शंस बाजारों से जुड़ा होता है। जहां ओपन कॉन्ट्रेक्ट्स की संख्या प्रतिदिन बदलती रहती है। ओपन इंटरेस्ट  ट्रेडर्स द्वारा नए ओपन किये गए और होल्ड किये  गए फ्यूचर्स एंड ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट्स की संख्या होती है। 

ओपन इंट्रेस्ट अच्छा है या बुरा?

सामान्यतः किसी भी अंडरलाइंग एसेट के स्ट्राइक प्राइस का  हाई ओपन इंट्रेस्ट अच्छा माना जाता है। क्योंकि वह उस स्ट्राइक प्राइस में ट्रेडर्स की ज्यादा रूचि को दर्शाता है। इससे आप उसके trend का भी अनुमान लगा सकते हैं। अधिक ओपन इंट्रेस्ट का दूसरा फायदा यह है कि स्ट्राइक प्राइस में आप आसानी से पोजीशन बना सकते हैं और आसानी से बंद भी कर सकते हैं। क्योंकि उनमें ज्यादा लिक्विडिटी होती है। 

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