कम पैसे और रिस्क में ऑप्शन सेलिंग ( Option Selling margin ) कैसे करें?

ऑप्शन बायर को लगता है कि उनकी पूरी दुनिया ऑप्शन बाइंग के इर्दगिर्द ही है। वे ऑप्शन सेलिंग को एक अलग ही दुनिया की चीज समझते हैं। ऑप्शन सेलिंग के बारे में सबसे बड़ी गलतफहमी है। यह है कि ऑप्शन traders को लगता है कि इसमें अनलिमिटेड लॉस हो सकता है। 

साथ ही ऑप्शन सेलिंग के लिए बहुत ज्यादा पैसों ( margin ) की जरूरत पड़ती है। जबकि ऐसा नहीं है, यह आर्टिकल इसी गलतफहमी को दूर करने के लिए है। आइए जानते हैं- कम पैसों में ऑप्शन सेलिंग ( Option Selling margin ) कैसे करें? Margin required for Option Selling in Hindi.  

                                                                                        
Low margin Option Selling


अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसों का पेड़ कैसे लगाएं बुक पढ़ सकते हैं। 

कम margin (पैसों ) में ऑप्शन सेलिंग करने का सबसे आसान तरीका है। पहले आप एक सस्ता ऑप्शन buy कर ले, उसके बाद आप जिस भी ऑप्शन को सेल करना चाहते हो सेल करें। तो आप नैकेड पोजीशन सेल करने के लिए लगने वाले मार्जिन का करीब 70% ही आपको मार्जिन देना पड़ेगा क्योकि इससे यह हेजिंग का सौदा बन जाता है। इस तरह आप कम पैसों में options selling कर पाएंगे। 

ऑप्शन सेलिंग और ऑप्शन बाइंग दोनों ही अलग-अलग चीज हैं। ऑप्शन सेलिंग, ऑप्शन बाइंग से कहीं ज्यादा प्रॉफिटेबल हैं। सेबी के अनुसार 89% options buyer लॉस में रहते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग को जीरो सम गेम भी कहा जाता है। यानि कि एक ऑप्शन ट्रेडर की जेब से पैसा जाता है तब दूसरे ऑप्शन ट्रेडर की जेब में आता है। 

यह भी हो सकता है कि ऑप्शन बायर जो नुकसान कर रहे हैं, उससे ऑप्शन सेलर कमा रहे हों। क्या इसका मतलब यह है कि 89 % option seller प्रॉफिट कमा रहे हैं? आप बीस से पच्चीस हजार रूपये में भी ऑप्शन सेलिंग शुरू कर सकते हैं। 

Option Selling कैसे करें? 

सबसे पहले जानते हैं कि ऑप्शन सेलिंग क्या होतीं है और आप इससे कैसे कमाई कर सकते हैं। Stock market में ऑप्शन में दो तरह के ऑप्शंस होते हैं। Call & Put options, अगर आप ऑप्शन बायर हैं। आपको लगता है कि मार्केट बढ़ेगा तो आप कॉल ऑप्शन खरीदते हैं। अगर आपको लगता है कि मार्केट गिरेगा तो आप पुट ऑप्शन खरीदते हैं। 

अगर आप कॉल ऑप्शन या पुट ऑप्शन खरीदना चाह रहे हैं। तो कोई ना कोई व्यक्ति उन्हें बेचना भी जरूर चाह रहा होगा। एक प्रसिद्ध कहावत भी है "जहाँ चाह वहाँ राह"तभी तो आप कॉल या पुट ऑप्शन को खरीद पा रहे हैं। यानि कि कोई सेल कर रहा है तभी आप buy कर रहे हैं। जो व्यक्ति ऑप्शन सेल करता है, उसे ऑप्शन सेलर या ऑप्शन राइटर कहा जाता है।

Option seller के नजरिये से कॉल और पुट बेचने का मतलब अलग-अलग होता है। ऑप्शन सेलर कॉल तब सेल करता है ? जब उसे लगता है कि अंडरलाइंग एसेट का प्राइस गिरेगा। इसी तरह ऑप्शन सेलर पुट ऑप्शन तब सेल करता है जब उसे लगता है कि market या स्टॉक का प्राइस बढ़ेगा।

Option Buying और Option Selling में अंतर 

ऑप्शन बाइंग: को जो बात सबसे आकर्षक बनाती है वह है, बहुत कम पैसो में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू होना। आप एक या दो हजार रूपये या पांच हजार में भी ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं। हजार रूपये लगाकर आप लाख रूपये भी कमा सकते हैं आदि। Option buying में बहुत पैसा है आदि बातें ऑप्शन सेलिंग को बहुत आकर्षक बनाती हैं।

यदि हजारों में कोई एक दो ऑप्शन ट्रेडर  बहुत कम पैसे ऑप्शन बाइंग में लगाकर लाखों रूपये कमा भी ले। तो इसका मतलब यह है कि ज्यादातर लोग ऑप्शन बाइंग में नुकसान कर रहे हैं। Options  buying के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि इसमें दस हजार रूपये लगाकर एक लाख कमाने की क्षमता है। लेकिन इतने रूपये कमाने वाले हजारों लाखों एक या दो ट्रेडर ही होते हैं।  जो ऐसा कारनामा करने में सफल हो पाते हैं। 

ऑप्शन सेलिंग: ऑप्शन सेलिंग के बारे में कहा जाता है। इसमें एक लाख रूपये लगाकर दस हजार रूपये कमाने की संभावना होती है। लेकिन यदि कोई जेनुइन बिजनेसमैन होगा तो उसे दो प्रतिशत मंथली प्रॉफिट भी बहुत अच्छा लगेगा। क्योंकि वह हिसाब लगाएगा कि एक लाख पर दो प्रतिशत महीनें का प्रॉफिट मतलब एक साल में 24000 हजार रूपये हो जायँगे। और यदि इसका कम्पाउंडिंग लगाया जाय तो यह बहुत ज्यादा हो जायेगा। 

लेकिन ज्यादातर लोग एक ही दिन में धनवान बनना चाहते हैं। इसलिए वे ऑप्शन ट्रेडिंग से एक दिन में ही बम्पर कमाई करना चाहते हैं। फिर चाहे इसके चक्कर में उनकी जमा पूँजी भी क्यों न डूब जाय। लॉन्ग टर्म प्रॉफिट के बारे में तो ऐसे लोग सोचना भी नहीं चाहते हैं। लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग कोई दिहाड़ी नहीं है, जो रोज कमाएंगे और रोज खाएंगे के बारे में सोचा जाय।

लोग सोचते हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग जुआ है लेकिन यह कोई जुआ नहीं है। यह जुआ उनके लिए है, जो जुए की तरह ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं। यदिऑप्शन ट्रेडिंग को सीखकर किया जाया तो यह एक प्योर बिजनेस है। बिजनेस में दस हजार रूपये लगाकर एक लाख रूपये कमाने वाली सोच बहुत गलत है। स्टॉक मार्केट इंडेक्स 

इतने रूपये बन भी सकते हैं लेकिन इससे जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। यदि आप एक दिन दस हजार रूपये लगाकर एक लाख रूपये कमा भी लेते हैं। तो इसके बहुत ज्यादा चांस हैं कि अगले बीस दिन आप थोड़ा-थोड़ा नुकसान करके सारा प्रॉफिट गवां भी सकते हैं। ऑप्शन बाइंग में 20% प्रॉफिट कमाने के चांस होते हैं और option selling में 80% प्रॉफिट कमाने के चांस होते हैं। 

यदि आप दस हजार रूपये का कोई ऑप्शन ( निफ्टी या बैंक निफ्टी का कॉल या पुट आदि ) खरीदते है। औरआप का भाग्य आपका साथ देता है, तो उसमे आप अनलिमिटेड प्रॉफिट कमा सकते हैं। यानि पचास हजार या एक लाख रूपये आदि। यदि आपने एक लाख रूपये का कोई ऑप्शन सेल ( निफ्टी या बैंक निफ्टी का कॉल या पुट आदि ) किया। इस पर आप एक लाख रूपये तभी कमा सकते हैं, जब बायर को भी एक लाख रूपये का लॉस हो। 

Options Selling कैसे  करते हैं?

जब आप अपने डीमैट अकाउंट को ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए ओपन करते हैं। आपके अकाउंट में ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए किसी stock या index के नाम पर क्लिक करके उसकी ऑप्शन चैन ओपन करनी पड़ेगी। अब आप ऑप्शन चैन में जिस भो स्ट्राइक प्राइस की कॉल या पुट को सेल करना चाहते हैं। उस पर क्लिक करें।

इसके बाद आपको साइड में Select a contract लिखा हुआ दिखाई देगा। वहां पर क्लिक करने पर आपको BUY और SELL के दो बटन होते हैं। आप BUY के बटन पर क्लिक करके ऑप्शन खरीद सकते हैं और SELL के बटन पर क्लिक करके ऑप्शन सेल कर सकते हैं। 

आपको ऑप्शन सेल करने के लिए SELL के बटन पर क्लिक करना चाहिए। आपको वहाँ पर आपके चुने हुए स्टॉक या इंडेक्स के एक लॉट में कितनी यूनिट हैं उनकी संख्या लिखी हुई दिखाई देगी। साथ ही उनकी कीमत भी वही नीचे लिखी होती है। यदि आप एक से ज्यादा lot सेल करना चाहते हैं तो आप प्लस के चिह्न पर क्लिक करके लॉट की संख्या बढ़ सकते हैं। लॉट की संख्या के नीचे ही अमाउंट लिखा होता है। जो आपको लॉट sell करने के लिए चुकाना होगा। इस तरह आप options sell कर सकते हैं। 

Option Selling में 80% टाइम प्रॉफिट क्यों हो सकता है? 

स्टॉक मार्केट में तीन तरह के ट्रेंड होते हैं-
  1. अपट्रेंड 
  2. डाउनट्रेंड 
  3. साइडवे ट्रेंड 
                                                                                   
market ternd

अगर आप ऑप्शन बायर हैं तो आप अपट्रेंड और डाउनट्रेंड में पैसा कमा भी सकते हैं और गवां भी सकते हैं। लेकिन ऑप्शन बायर साइडवेज़ मार्केट में 100% पैसा गवांते ही हैं। ऑप्शन बायर की साइडवेज मार्केट में पैसे कमाने को कोई भी संभावना नहीं होती है। 

Option seller के प्रोस्पेक्टिव से देखें तो वह  ट्रेंडिंग मार्केट में पैसा कमा भी सकता है और गवां भी सकता है। लेकिन साइडवेज मार्केट में ऑप्शन सेलर 100% प्रॉफिट कमायेगा। साइडवेज मार्केट में थीटा डिके या टाइम डिके की वजह से धीरे-धीरे ऑप्शन प्रीमियम कम होने लगता है। 

जिससे ऑप्शन बायर को नुकसान होता है और ऑप्शन सेलर को प्रॉफिट होता है। सबसे मजे की बात यह है कि 70 - 80% टाइम स्टॉक मार्केट साइडवेज ही रहता है। ट्रेंडिंग मार्केट करीब 30% टाइम ही रहता है। इसलिए ऑप्शन बायर से ऑप्शन सेलर के चांस profit कमाने के बहुत ज्यादा रहते हैं।   

Option Selling ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी         

ऑप्शन सेलर बनने का सबसे बड़ा उद्देश्य थीटा डिके से प्रॉफिट कामना होना चाहिए क्योंकि सबसे ज्यादा पैसा इसी में है। इसमें प्रॉफिट कमाने के लिए सबसे ज्यादा समय भी मिलेगा। थीटा खाकर पैसा कमाने के लिए सबसे पहले ऑप्शन चैन देखनी चाहिए। 

ऑप्शन चैन को आप एनएसई इंडिया की वेबसाइट पर बड़ी आसानी से देख सकते हैं। इसके लिए आप nse option chain लिखकर गूगल कर सकते हैं। इसके बाद आपको पुट-कॉल रेश्यो देखकर ट्रेंड समझना चाहिए। कि मार्केट अपट्रेंड, डाउनट्रेंड या साइडवेज ट्रेंड में है। 

इसके बाद आपको सेल करने के लिए OTM ( आउट ऑफ़ द मनी ) ऑप्शन का प्रीमियम चुनना चाहिए। OTM प्रीमियम चुनने के पीछे वजह इसमें केवल टाइम वैल्यू होती है और instrict value नहीं होती। अगर आपने OTM सेल किया है जिसकी इंस्ट्रीक्ट वैल्यू नहीं है केवल टाइम वैल्यू है। इसे जिस बायर ने खरीदा है, सारी परेशानी उसकी है। 

क्योंकि जैसे-जैसे समय बीतेगा, ऑप्शन बायर का पैसा Option selles की जेब में जाने लगेगा। नए ऑप्शन सेलर को दूर का OTM सेल करना चाहिए। क्योंकि इसमें रिस्क कम और प्रोफिटेबिल्टी के चांस बहुत ज्यादा होते हैं। जब आप एक्सपर्ट बनने लग जाओ तो धीरे-धीरे ATM ऑप्शन सेल करना शुरू करो।  

आप जिस इंडेक्स या स्टॉक की Put या Call सेल करना चाहते हैं। उसे सेल करने से पहले आपको उसकी ऑप्शन चैन का एनालिसिस करना चाहिए। इसके लिए आप NSE option chain लिखकर गूगल करें। फिर इसकी ऑप्शन चैन का विश्लेषण करें। एनएसई की साइट पर आपको एक सर्च के कॉलम में NIFTY और दूसरे में SELECT लिखा हुआ मिलेगा। साथ ही आपने हिसाब से स्ट्राइक प्राइस भी सलेक्ट कर सकते हैं। 

इसमें आप अपने हिसाब से निफ्टी, बैंक निफ्टी, या फिननिफ़्टी सलेक्ट कर सकते हैं। साथ ही SELECT के कॉलम में दिए गए स्टॉक्स में से किसी स्टॉक का चयन करके उसकी एक्सपायरी डेट भी अपने हिसाब से सेट कर सकते हैं। ऑप्शन चैन का विश्लेषण करने के लिए आपको ओपन इंट्रेस्ट ( OI ) देखना चाहिए। यदि CALLS में ओपन इंट्रेस्ट ज्यादा है तो इसका मतलब Option seller कॉल ऑप्शन ज्यादा सेल कर रहे हैं। इसका मतलब यहाँ से इंडेक्स या स्टॉक का प्राइस गिर सकता है। 

इसके विपरीत यदि PUTS में ओपन इंट्रेस्ट ज्यादा है। इसका सीधा सा मतलब है, यहाँ से मार्केट बढ़ सकता है। जिस ऑप्शन ( PUT या CALL ) में ओपन इंट्रेस्ट ज्यादा है। आपको वही ऑप्शन sell करना चाहिए। आपको ऑप्शन चैन एनालिसिस जरूर सीखना चाहिए क्योंकि इसमें रियल डेटा होता है। जो आपकी ऑप्शन ट्रेडिंग के सही निर्णय लेने में बहुत मदद कर सकता है। मार्केट ट्रेंड समझने का ऑप्शन चैन सबसे बढ़िया जरिया है। 

अगर आपको लगता है कि यहाँ से मार्केट ऊपर जायेगा तो आप बेझिझक पुट ऑप्शन सेल कर सकते हैं। इसके विपरीत यदि आपको लगता है कि यहाँ से मार्केट गिरेगा तो आप कॉल ऑप्शन सेल करना चाहिए। अब जो भी आपके बेचे हुए पुट या कॉल को खरीदेगा लॉस उसी का होगा। 

आप साइडवेज मार्केट ट्रेंड का पता कैसे लगाएंगे? क्योंकि साइडवेज मार्केट में ही ऑप्शन सेलर को ही हमेशा लाभ होता है। यदि पुट और कॉल दोनों का ओपन इंट्रेस्ट लगभग बराबर है। इसका मतलब इस समय दोनों तरफ के ऑप्शन सेलर की ताकत लगभग बराबर है। तो इसका मतलब मार्केट साइडवेज रहेगा। इस समय आप कॉल या पुट किसी भी option को sell करें, profit आपको ही को होगा। साइडवेज मार्केट में option seller थीटा डिके का पूरा फायदा मितला है। सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादातर समय Stock market साइडवेज ही रहता है। 

ऑप्शन सेलिंग के लिए आपको स्लो मोमेंटम स्टॉक या इंडेक्स (चुनना चाहिए। जैसे रिलायंस, HDFC Bank, TCS, Nifty आदि। जिसके प्राइस में बहुत कम या धीमा परिवर्तन होता हो। ऐसे स्टॉक में ऑप्शन सेलर को बहुत अच्छा प्रॉफिट होता है। 

कम पैसों में Option Selling कैसे करें? 

मान लो आप निफ़्टी इंडेक्स में ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं। अगर आप ऑप्शन बायर हैं तो आपको निफ्टी एक लॉट करीब आठ - दस हजार रूपये में मिल जायेगा। लेकिन अगर आप ऑप्शन सेलर हैं तो आपको सेल करने के लिए निफ्टी इंडेक्स का एक लॉट कमसे कम एक लाख रूपये या इससे भी ज्यादा में पड़ेगा। आप आप सोच रहे होंगे कि आपके पास तो इतने पैसे भी नहीं हैं। इससे तो ऑप्शन बायर बनना ज्यादा अच्छा है क्योंकि इसमें पांच, दस हजार रूपये में ऑप्शन ट्रेडिंग हो जाती है। 

यदि आप बहुत कम पैसों में निफ्टी ऑप्शन सेल करना चाहते हैं। तो इसके लिए एक तरीका है, मान लो अभी निफ्टी का स्पॉट प्राइस 20,000 पर है। आपको को लगता है कि निफ्टी ऊपर जायेगा। तो कम पैसों में ऑप्शन सेलिंग की पोजीशन बनाने के लिए आपको निफ्टी की दूर की OTM ( 20400 ) कॉल buy करनी चाहिए। 

जोकि आपको बहुत सस्ती मिल जाएगी एक या दो हजार रूपये में भी मिल सकती है। उसके बाद ही आपको निफ्टी की पुट सेल करनी चाहिए। जब आप ऑप्शन buy करने के बाद ऑप्शन सेल करते हैं। इसे हेजिंग करना कहा जाता है। इससे आपका 70% margin कम हो जायेगा। तब आप केवल बीस -पच्चीस हजार रूपये में ही निफ्टी का एक लॉट सेल कर पाएंगे। 

आप इस पोजीशन में ऑप्शन बायर भी बन जाते हैं और ऑप्शन सेलर भी बन जाते हैं लेकिन यहाँ पर आपने ऑप्शन buy केवल औपचारिकता के लिए किया है। आपने जो ऑप्शन खरीदा है हो सकता है, उसमे आप लॉस में ही रहें। लेकिन लॉस बहुत छोटा होगा। लेकिन इसकी वजह से आपको ऑप्शन सेल करने के लिए बहुत margin देना पड़ेगा। 

दूर की OTM ( आउट ऑफ़ द मनी ) पोजीशन में प्रॉफिट नहीं होता है। ऑप्शन बायर के लिए ITM ( इन द मनी ) ऑप्शन अच्छा रहता है। जबकि option seller के लिए OTM ऑप्शन अच्छा रहता है। इस तरह आप बहुत कम मार्जिन में option selling कर सकते हैं।  

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