What is margin trading - margin trading kya hai -in Hindi. May 2024
Margin Trading का सिम्पल सा मतलब होता है, लोन लेकर ट्रेडिंग करना। आपका ब्रोकर आपको ट्रेडिंग करने के लिए अपनी तरफ से पैसे देता है, जिसे वो मार्जिन कहते हैं। अब ये ब्रोकर के ऊपर है कि वह मार्जिन कितने दिन के लिए देता है। एक दिन के लिए मार्जिन देता है अथवा महीने भर के लिए देता है।
मार्जिन कि सुविधा ब्रोकर की अपनी तरफ से होती है। जिसके लिए वह ब्याज भी लेता है। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। इस लेख में में आप Margin तथा margin trading के बारे में विस्तार से जानेगे। What is margin trading - margin trading kya hai -in Hindi.
यदि आप शेयर मार्केट एक्सपर्ट बनना चाहते हैं और उससे वेल्थ क्रिएट करना चाहते हैं तो आपको निवेश अमीरी की चाबी बुक जरूर पढ़नी चाहिए। यदि आपको बुक पसंद नहीं आती है तो आप कंपनी की रिटर्न पॉलिसी का लाभ उठा सकते हैं।
क्या आपने कभी ध्यान दिया है ? कि कुछ लोग शेयर खरीद कर अपने डीमैट अकाउंट में रख लेते है तथा कुछ लोग सुबह खरीद कर शाम को बेच देते है अथवा दिन में कई बार शेयर खरीद कर बेच देते है। जिस दिन शेयर खरीदा, उसी दिन बेच दिया इसे Intraday trading अथवा Day trading कहते हैं। चूकि आजकल आप किसी भी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म अपना खाता खोलकर अपने घर से भी ऑनलाइन शेयर खरीद बेच सकते हैं इसलिए आप आसानी से इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं।
Margin trading क्या है?
मार्जिन एक सुविधा होती है जो प्रत्येक स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट को उपलब्ध करवाता है। जिसके के द्वारा आप अपनी शेयर खरीद क्षमता से अधिक शेयर खरीद सकते हैं। जैसे कि यदि आपका Stock broker फाइव टाइम्स मार्जिन उपलब्ध करवाता है।
तो आप दस हजार रूपये में पचास हजार रूपये के शेयर खरीद सकते है। ज्यादातर ब्रोकर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ही मार्जिन उपलब्ध करवाते हैं। बहुत कम ऐसे ब्रोकर हैं, जो आपको पोजीशन या स्विंग ट्रेडिंग के लिए मार्जिन देते है।
कोई भी broker लॉन्ग टर्म के लिए मार्जिन नहीं देता। Margin को ही Leverage भी कहते हैं। प्रत्येक कम्पनी के stocks के लिए मार्जिन अलग-अलग होता है। बड़ी तथा अच्छी कम्पनी के लिए मार्जिन ज्यादा होता है और छोटी कम्पनी के शेयर में ट्रेडिंग करने के लिए कम मार्जिन मिलता है।
किस कम्पनी पर कितना मार्जिन देना है या नहीं देना है यह stock broker खुद तय करता है। किसी भी ब्रोकर के यहाँ अपना डीमैट अकाउंट खुलवाने से पहले मार्जिन के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।
अब सवाल यह भी है कि ब्रोकर मार्जिन क्यों देते हैं। इसका सीधा सा जवाब है ब्रोकरेज, क्योकि ब्रोकर क्लाइंट के शेयर खरीदने और बेचने पर ब्रोकरेज लेते हैं। यदि क्लाइंट ज्यादा शेयर खरीदेगा तथा बेचेगा तो ब्रोकर की ब्रोकरेज ज्यादा बनेगी जिससे उसकी ज्यादा कमाई होगी इसलिए ब्रोकर मार्जिन की सुविधा देते हैं।
Margin Trading के फायदे तथा नुकसान
मार्जिन ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप थोड़े पैसे से ज्यादा शेयर खरीद-बेच सकते हैं और कम पैसों से ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं। जैसे कि आपके डीमैट अकाउंट में दस हजार रूपये हैं। उस पर आपको पांच गुना यानि कि पचास हजार रूपये मार्जिन मिला है। इस तरह आप दस हजार रूपये में पचास हजार रूपये की ट्रेडिंग कर सकते हैं। आजकल ऑप्शन ट्रेडिंग ज्यादा चलन में है अतः अब ब्रोकर्स केश में ट्रेडिंग पर कम मार्जिन देते हैं।
Margin Trading के फायदे तथा नुकसान
मार्जिन ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप थोड़े पैसे से ज्यादा शेयर खरीद-बेच सकते हैं और कम पैसों से ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं। जैसे कि आपके डीमैट अकाउंट में दस हजार रूपये हैं। उस पर आपको पांच गुना यानि कि पचास हजार रूपये मार्जिन मिला है। इस तरह आप दस हजार रूपये में पचास हजार रूपये की ट्रेडिंग कर सकते हैं। आजकल ऑप्शन ट्रेडिंग ज्यादा चलन में है अतः अब ब्रोकर्स केश में ट्रेडिंग पर कम मार्जिन देते हैं। इस पर यदि आप दो प्रतिशत प्रॉफिट कमाते हैं। तो आप एक हजार रूपये प्रॉफिट कमायेंगे। जोकि आपके दस हजार रुपयों का दस प्रतिशत होता है। दस प्रतिशत प्रॉफिट बहुत जयदा होता है, यह मार्जिन ट्रेडिंग की वजह से ही संभव है। लेकिन यदि किसी वजह से आपको दो प्रतिशत का नुकसान होता है। तो आपको एक हजार रूपये का नुकसान होगा। ऑनलाइन ट्रेडिंग
इस तरह margin trading के फायदे के साथ-साथ इसका नुकसान भी हैं। मार्जिन ट्रेडिंग का सबसे बड़ा नुकसान यह है। कि इससे नुकसान भी बहुत ज्यादा होता है तथा जरा सी लापरवाही की वजह से आपका पूरा बेलेंस wipeout हो सकता है। इसमें जो भी नुकसान अथवा फायदा होता है वह आपके Demat Account के मूलधन में दिखायी देता है।
इस तरह margin trading के फायदे के साथ-साथ इसका नुकसान भी हैं। मार्जिन ट्रेडिंग का सबसे बड़ा नुकसान यह है। कि इससे नुकसान भी बहुत ज्यादा होता है तथा जरा सी लापरवाही की वजह से आपका पूरा बेलेंस wipeout हो सकता है। इसमें जो भी नुकसान अथवा फायदा होता है वह आपके Demat Account के मूलधन में दिखायी देता है।
इसलिए वह बड़ा होता है, यदि आपके अकाउंट में दस हजार रूपये हैं। तो दो हजार रूपये का प्रॉफिट होने पर आपके अकाउंट में बारह हजार रूपये हो जायगे। दस हजार रूपये पर दो हजार के प्रॉफिट का मतलब आपने बीस प्रतिशत प्रॉफिट कमाया। ऐसी तरह दो हजार का नुकसान होने पर आपको बीस प्रतिशत का नुकसान होगा। जोकि मार्जिन ट्रेडिंग की वजह से होगा। Rakesh Jhunjhunwala' biogaraphy
Margin trading करें या ना करें?
यदि आप एक अनुभवी ट्रेडर हैं तथा आपको टेक्निकल एनालिसिस का अच्छा ज्ञान है। आप stock market के ट्रेंड को अच्छे से समझते हो। आपको Day trading का भी ज्ञान है, तो आप मार्जिन ट्रेडिंग कर सकते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए पूरे दिन स्क्रीन के सामने रहना पड़ता है।
यदि आप पूरे दिन स्क्रीन के सामने बैठ सकते हैं। आप फुल टाइम ट्रेडर हैं, तो ही आपको मार्जिन ट्रेडिंग करना चाहिए। यदि आप शेयर बाजार में शुरुआत कर रहे हैं तो मार्जिन ट्रेडिंग ना ही करे तो बेहतर है। जहाँ तक मेरा विचार है लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के द्वारा ही स्टॉक मार्केट से अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।
आशा है, कि आपको Margin तथा margin trading के बारे में विस्तार से जानेगे। के बारे में काफी जानकारी प्राप्त हो गयी होगी। अगर आपको ये लेख What is margin trading - margin trading kya hai -in Hindi. जरूर पसंद आया हो। तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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