Rounding Bottom Chart patten: राउंडिंग बॉटम चार्ट पैटर्न बनने के बाद शेयरों में इन्वेस्टमेंट कब करें।
राउंडिंग बॉटम चार्ट पैटर्न उपयोग टेक्निकल चार्ट पैटर्न में किया जाता है। इसे शेयर प्राइस मूवमेंट की एक सीरीज के द्वारा पहचाना जाता है। यह पैटर्न ग्राफिक रूप से U अक्षर का आकर का होता है।
राउंडिंग बॉटम प्राइस के डाउनट्रेंड के आखिर में पाया जाता है और लॉन्ग-टर्म प्राइस मूवमेंट में रिवर्सल का संकेत देता है। आइए विस्तार से जानते हैं-राउंडिंग बॉटम चार्ट पैटर्न बनने के बाद शेयरों में इन्वेस्टमेंट कब करें? Rounding Bottom Chart patten in Hindi.
अगर आप शेयर मार्केट टेक्निकल एनालिसिस के एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको टेक्निकल एनालिसिस की पहचान और कैंडलस्टिक पैटर्न जरूर पढ़नी चाहिए।
राउंडिंग बॉटम चार्ट पैटर्न क्या है?
शेयर मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। विभिन्न चार्ट पैटर्न मार्केट ट्रेंड (Trends) को समझने और संभावित प्राइस मूवमेंट का अनुमान करने में मदद करते हैं। उनमें से एक महत्वपूर्ण और भरोसेमंद पैटर्न "राउंडिंग बॉटम चार्ट पैटर्न" (Rounding Bottom Chart Pattern) है।
यह पैटर्न एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न (Bullish Reversal Pattern) होता है। जो लॉन्ग टर्म में किसी स्टॉक या एसेट के प्राइस में गिरावट के बाद एक स्थिरता और फिर बढ़त के संकेत देता है। इस आर्टिकल में, हम इस चार्ट पैटर्न की विशेषताओं, पहचान, ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी और उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
राउंडिंग बॉटम चार्ट पैटर्न एक दीर्घकालिक (Long-term) पैटर्न है। जो किसी स्टॉक, कमोडिटी, क्रिप्टोकरेंसी या अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट के प्राइस के धीरे-धीरे नीचे जाने और फिर ऊपर जाने के ट्रेंड को दर्शाता है। यह पैटर्न राउंडिंग टॉप चार्ट पैटर्न के ठीक विपरीत होता है। क्योंकि राउंडिंग टॉप के बाद शेयर के प्राइस गिरने लगते हैं और राउंडिंग बॉटम के बाद शेयर के प्राइस बढ़ने लगते हैं।
इसका आकार एक "U" अक्षर की तरह होता है। इसे सॉसर बॉटम (Saucer Bottom) भी कहा जाता है। यह दर्शाता है कि बिकवाली (Selling Pressure) खत्म हो रहा है और खरीदार (Buyers) धीरे-धीरे शेयर प्राइस को नियंत्रण में ले रहे हैं।
Rounding Bottom Chart patten कुछ-कुछ कप एंड हैंडल पैटर्न के समान होता है। जैसे कि में "हैंडल" नहीं होता, जबकि कप एंड हैंडल में ब्रेकआउट से पहले एक छोटा हैंडल बनता है। राउंडिंग बॉटम पैटर्न बनने की एक धीमी और लंबी प्रक्रिया होती है। जबकि कप एंड हैंडल तुलनात्मक रूप से तेज़ी से बन सकता है।
Rounding Bottom Chart patten की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
- टाइम पीरियड: यह पैटर्न बनने में आमतौर पर कई सप्ताह या महीनों का समय लग सकता है।
- ट्रेडिंग वॉल्यूम पैटर्न: शुरू में वॉल्यूम कम होता है, फिर प्राइस बढ़ने के साथ-साथ यह धीरे-धीरे बढ़ता है।
- आकार: U-आकार का होता है, जो शेयर प्राइस में धीरे-धीरे गिरावट और फिर सुधार को दर्शाता है।
- ब्रेकआउट लेवल: जब स्टॉक अपने प्रतिरोध (Resistance) स्तर को तोड़ता है। तब बुलिश ट्रेंड की पुष्टि होती है।
- सपोर्ट लेवल: इस पैटर्न के दौरान एक निचले लेवल पर मजबूत सपोर्ट होता है। जहां से स्टॉक का प्राइस में रिवर्सल आता है। यानि शेयर के प्राइस बढ़ने शुरू होते हैं। सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल के ऊपर लिखे आर्टिकल को भी पढ़ें।
राउंडिंग चार्ट पैटर्न को कैसे पहचाने?
- गिरावट (Decline Phase): इस पैटर्न की शुरुआत में शेयर के प्राइस धीरे-धीरे गिरते हैं क्योंकि मार्केट में मंदी (Bearish Trend) का प्रभाव रहता है। इस दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हो जाता है।
- कंसोलिडेशन पीरियड (Consolidation Phase): इस चरण में शेयर प्राइस लोअर लेवल पर स्थिर हो जाते हैं। इस समय शेयर प्राइस ज्यादा ऊपर-नीचे नहीं होते हैं। मार्केट एक्सपर्ट, ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स इस दौरान शेयर प्राइस पर गहरी नजर बनाये रखते हैं।
- प्राइस का उभरना (Recovery Phase): इस चरण में बढ़े हुए ट्रेडिंग वॉल्यूम के साथ धीरे-धीरे शेयर प्राइस बढ़ना शुरू करते हैं। यह दर्शाता है कि बायर्स फिर से शेयर में खरीदारी शुरू कर रहे हैं।
- ब्रेकआउट (Breakout Phase): इसके दौरान स्टॉक प्राइस अपने पिछले प्रतिरोध स्तर (Resistance Level) को पार कर जाता है और नए अपट्रेंड (Uptrend) की शुरुआत करता है। वॉल्यूम में तेजी से बढ़ोतरी होती है।
- लॉन्ग-टर्म बुलिश सिग्नल: यह पैटर्न लंबी अवधि के निवेशकों के लिए भरोसेमंद संकेत प्रदान करता है।
- कम रिस्क: सही तरीके से पहचाने जाने पर यह पैटर्न अन्य चार्ट पैटर्न्स की तुलना में अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला होता है।
- अच्छा रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो: अगर ब्रेकआउट सफल रहता है, तो यह एक अच्छा रिवॉर्ड प्रदान कर सकता है।
राउंडिंग बॉटम चार्ट पैटर्न ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी
Rounding Bottom Chart patten के लिए आपको निम्नलिखित तरीके से खरीदारी की ट्रेडिंग पोजीशन बनानी चाहिए-
- एंट्री पॉइंट (Entry Point): जब स्टॉक प्राइस आने रेजिस्टेंस लेवल को तोड़कर ऊपर की तरफ बढ़ता है। तब यह एक आदर्श एंट्री पॉइंट होता है, ब्रेकआउट के ट्रेडिंग के दौरान वॉल्यूम अधिक होना चाहिए। जिससे पैटर्न की पुष्टि हो जाए।
- ट्रेडर्स को स्टॉप-लॉस (Stop-Loss) लगाने की सलाह दी जाती है। ताकि संभावित नुकसान से बचा जा सके। स्टॉप-लॉस लेवल को हालिया निचले स्तर के थोड़ा नीचे सेट किया जा सकता है।
- प्राइस टार्गेट (Target Price): प्राइस टार्गेट की गणना इस पैटर्न की गहराई (Depth) के आधार पर की जा सकती है। यानी, ब्रेकआउट पॉइंट से पैटर्न की गहराई जोड़कर टारगेट प्राइस निकाला जा सकता है।
- वॉल्यूम विश्लेषण (Volume Analysis): अगर ब्रेकआउट के समय वॉल्यूम में बढ़ोतरी होती है, तो यह संकेत देता है कि आगे बुलिश ट्रेंड मजबूत होगा।
हालांकि, इसे अकेले उपयोग करने के बजाय अन्य संकेतकों (Indicators) जैसे मूविंग एवरेज, वॉल्यूम एनालिसिस और सपोर्ट-रेसिस्टेंस लेवल्स के साथ मिलाकर उपयोग करना अधिक प्रॉफिटेबल हो सकता है।
यदि आप टेक्निकल एनालिसिस सीख रहे हैं और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में रुचि रखते हैं तो राउंडिंग बॉटम पैटर्न का अध्ययन आपके लिए लाभदायक हो सकता है।
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