वीवैप इंडिकेटर (VWAP Indicator) का उपयोग कैसे करें?
VWAP की फुल फॉर्म है, Value Weighted-Average price यह एक टेक्निकल एनालिसिस इंडिकेटर है। VWAP स्टॉक्स के मार्केट में वॉल्यूम भारित औसत प्राइस को दर्शाता है। वीवैप इंडिकेटर का यूज केवल इंट्राडे ट्रेडिंग में किया जाता है।
इस तरह आप वीवैप इंडिकेटर के साथ मार्केट में खरीदारी और बिलवाली कर सकते हैं। उम्मीद है आपको यह वीवैप इंडिकेटर (VWAP Indicator) का उपयोग कैसे करें? आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह How to use VWAP indicator in Stock market in Hindi. आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
प्राइस के उतार-चढ़ाव को समझने के लिए डे-ट्रेडर्स उसकी डेली मीट्रिक गणना करते हैं। ट्रेडर्स ट्रेड लेने और उससे बाहर निकलने के लिए VWAP Indicator का उपयोग करते हैं। आईये विस्तार से जानते हैं- वीवैप इंडिकेटर (VWAP Indicator) का उपयोग कैसे करें? How to use VWAP indicator in Stock market in Hindi.
यदि आप शेयर मार्केट टेक्निकल एनालिसिस का एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आप जगन्नाथ पटेल द्वारा लिखित चार्ट पैटर्न्स बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
VWAP Indicator क्या है?
वीवैप मार्केट एनालिसिस के काम आने वाला एक महत्वपूर्ण और लोकप्रिय इंडिकेटर है। इसका उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किया जाता है। यह प्रत्येक नए सेशन की शुरुआत में रीसेट होता है। वीवैप एक ट्रेडिंग बेंचमार्क है, जो सिक्युरिटी के एवरेज प्राइस का वॉल्यूम और प्राइस के आधार पर प्रतिनिधत्व करता है।
VWAP Indicator एक महत्वपूर्ण टेक्निकल टूल है क्योंकि यह ट्रेडर्स को सिक्युरिटी के प्राइस और ट्रेंड के बारे में पूरा ज्ञान प्रदान करता है। वीवैप इंडिकेटर के महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं- RSI Indicator
- Value Weighted-Average price (VWAP) इंट्राडे चार्ट पर एक सिंगल लाइन के रूप में दिखाई देता है।
- यह एक स्मूद मूविंग एवरेज लाइन की तरह दिखाई देता है।
- वीवैप एक सिंगल डे में ट्रेडिंग सेशन के दौरान पूरे दिन प्राइस एक्शन को रीप्रजेन्ट करता है।
- रिटेल और प्रोफेशनल ट्रेडर्स VWAP Indicator की सहायता से मार्केट के इंट्राडे प्राइस ट्रेंड को निर्धारित कर सकते हैं। वीवैप इंडिकेटर का उपयोग केवल इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ही किया जा सकता है।
- वीवैप इंडिकेटर का प्रयोग आप हर तरह के मार्केट में कर सकते हैं। जैसे शेयर मार्केट, कमोडिटी मार्केट, फोरेक्स मार्केट आदि। यह प्रत्येक मार्केट में अच्छे से काम करता है। एमएसीडी इंडिकेटर
VWAP Indicator की गणना
वीवैप की गणना ट्रेड किये गए रूपयों (प्राइस को वॉल्यूम से गुणा करना) को ट्रेड किये गए शेयरों से भाग देकर (dividing) किया जाता है। दोस्तों वीवैप का केलकुलेशन कैसे होता है और यह कैसे काम करता है। इसके बारे में ज्यादा जानने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि आजकल प्रत्येक इंडिकेटर का केलुलेशन ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर में अपने आप ही हो जाता है।
आपको केवल यह पता होना चाहिए कि इंडीकेटर्स का पूरी सटीकता के साथ कैसे उपयोग किया जाता है? अब आप यह सोच रहे होंगे कि वीवैप के लिए कौन सी सेटिंग सही रहेगी? तो इसका जवाब यह है कि वीवैप के लिए किसी सेटिंग का कोई उपयोग ही नहीं होता है। क्योंकि इसका प्रत्येक कैंडल के साथ कैलकुलेशन ऑटोमेटिक ही हो जाता है।
VWAP Indicator कैसे काम करता है?
वीवैप इंडिकेटर का काम करने का तरीका बड़ा ही सिम्पल है लेकिन ट्रेडर्स इसका अलग-अलग तरीके से उपयोग करते हैं। ट्रेडर्स इसे ट्रेंड (trend) कन्फर्मेशन के लिए यूज कर सकते हैं और इसके चारों ओर ट्रेडिंग रूल्स भी बना सकते हैं। VWAP Indicator में एक सिंगल बैंड (लाइन) होती है, जो प्राइस के ऊपर और नीचे घूमती रहती है। जिसके आधार पर इंट्राडे ट्रेडर्स बाइंग और सेलिंग के निर्णय लेते हैं।
उदाहरण के लिए VWAP के नीचे के प्राइस को अंडरवैल्यू मान सकते हैं और इसके ऊपर के प्राइस को ओवरवैल्यू मान सकते हैं। यदि सिक्युरिटी का प्राइस वीवैप के नीचे से ऊपर की तरफ चलता है, तो इंट्राडे ट्रेडर्स लॉन्ग पोजीशन बना सकते हैं। इसी तरह यदि प्राइस ऊपर से नीचे की तरफ चलते हैं तो शार्ट सेलिंग की पोजीशन बना सकते हैं।
VWAP Indicator के अनुसार ट्रेड लेने से पहले आपको ट्रेंड चेंज का कन्फर्मेशन कर लेना चाहिए। अन्यथा आपका स्टॉपलॉस हिट हो सकता है और आप Wipshaw में फंस सकते हैं। फाल्स ब्रेकआउट
वीवैप के अनुसार ट्रेडिंग कैसे करें?
जब प्राइस वीवैप के बैंड को क्लोज करके, उसके ऊपर क्लोजिंग दे देता है। तो यह मार्केट में बाइंग का संकेत होता है। यानि अब मार्केट में तेजी की शुरुआत होने वाली है, इसे बुलिश क्रॉसओवर कहते हैं। बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न
इसके विपरीत जब सिक्युरिटी का प्राइस वीवैप बैंड को क्रॉस करके इसके नीचे बंद होता है। तो यह मार्केट में सेलिंग का संकेत होता है। यानि अब मार्केट में मंदी की शुरुआत होने वाली है, इसे बेयरिश क्रॉसओवर कहते हैं।
VWAP Indicator का उपयोग करने में टाइमफ्रेम का बहुत महत्वपूर्ण रोल होता है। इसका उपयोग केवल इंट्राडे ट्रेडिंग में ही किया जा सकता है। इसलिए इसका उपयोग आप इंट्राडे में 5, 10 और 15 मिनट टाइमफ्रेम के चार्ट पर करें। जिससे की आपको वीवैप से अच्छे रिजल्ट मिल सकें। अब आप समझ गए होंगे कि VWAP Indicator कैसे काम करता है। ट्रेडिंग डिसीप्लिन
VWAP Indicator के साथ मार्केट में खरीदारी कैसे करें?
जब आपको चार्ट पर वीवैप इंडिकेटर में बुलिश क्रॉसओवर दिखाई दे, तो इसमें बाइंग करने के लिए आपको यह देखना है कि जिस कैंडल में क्रॉसओवर हो रहा है। उसके बाद वाली कैंडल क्रॉसओवर वाली कैंडल के हाई से ऊपर बंद होती है।
तो उसके बाद वाली कैंडल में आपको खरीदारी करनी चाहिए। इसके बाद जिस कैंडल ने क्रॉसओवर दिया उसके लो प्राइस का आपको स्टॉपलॉस लगाना चाहिए। ट्रेड लेने से पहले आपको एक बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।
अगर आपके बाइंग करने और स्टॉपलॉस लगाने का जो पॉइंट है। उसके बीच का अन्तर रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो के दो प्रतिशत के नियम के अनुसार हो तभी आपको ट्रेड लेना चाहिए। अगर रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो दो प्रतिशत से ज्यादा है तो आपको यह ट्रेड नहीं लेना चाहिए। सुपरट्रेंड इंडिकेटर
ट्रेड लेने के बाद आपको ट्रेलिंग स्टॉपलॉस का प्रयोग करना चाहिए। VWAP Indicator के साथ मुनाफा वसूली करने के दो तरीके हैं और दोनों ही तरीके अच्छे हैं। आप जिसका चाहे उसका उपयोग कर सकते हैं-
- पहला तरीका यह है जब वीवैप बेयरिश क्रॉसओवर दे तब आपको मुनाफा वसूली कर लेना चाहिए।
- दूसरा तरीका यह है कि आप रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो के 1: 3 का मुनाफा वसूली करने का टार्गेट रख सकते हैं।
VWAP Indicator के साथ मार्केट में बिकवाली कैसे करें?
जब आपको चार्ट पर वीवैप का बेयरिश क्रॉसओवर दिखाई दे। तो उसके बाद वाली जो भी कैंडल बेयरिश क्रॉसओवर देने वाली कैंडल के लो प्राइस के नीचे जाकर क्लोजिंग दे दे। आपको उसके बाद वाली कैंडल में बिकवाली (शार्ट सेलिंग) करना चाहिए। इस तरह कन्फर्मेशन करने से आप wipshaw in trading से बच सकते हैं।
जिस कैंडल में वीवैप का बेयरिश क्रॉसओवर हुआ है उसके हाई का आपको स्टॉपलॉस लगाना चाहिए। ट्रेड लेने से पहले आपको एक बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए। आपके बिकवाली करने के पॉइंट से स्टॉपलॉस लगाने के पॉइंट के बीच का जो अंतर है। वह रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो के दो प्रतिशत के नियम के अंतर्गत हो तभी आपको ट्रेड लेना चाहिए अन्यथा ट्रेड नहीं लें। ब्रेकआउट ट्रेडिंग
ट्रेड लेने के बाद आपको ट्रेलिंग स्टॉपलॉस का प्रयोग करना चाहिए। अब इसमें आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट यह है कि आप मुनाफा वसूली कहाँ या किस पॉइंट पर करें। VWAP Indicator के साथ मुनाफा वसूली करने के दो तरीके हैं। आप जिसका चाहे उसका उपयोग कर सकते हैं।
- पहला तरीका यह है जब वीवैप बुलिश क्रॉसओवर दे, तो उसके बाद आपको मुनाफा वसूली कर लेना चाहिए।
- दूसरा तरीका यह है कि आप मुनाफा वसूली के लिए रिष्क-रिवॉर्ड रेश्यो के 1:3 का टार्गेट रख सकते हैं। अगर इससे पहले ही आपका ट्रेलिंग स्टॉपलॉस हिट हो जाये तो इसे ही आप अपनी मुनाफा वसूली समझ लें। प्राइस एक्शन
आप वीवैप इंडिकेटर का उपयोग कैसे करते हैं?
हम जिस भी शेयर में इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं। उस शेयर के चार्ट पर वीवैप इंडिकेटर लगाकर देखते हैं। उसके बाद यदि हमें वीवैप इंडिकेटर में बेयरिश क्रॉसओवर दिखाई देता है तो हम उस स्टॉक में बिकवाली की पोजीशन बनाते हैं। इसी तरह यदि हमे वीवैप इंडिकेटर में बुलिश क्रॉसओवर दिखाई देता है, तब हम शेयर में खरीदारी की पोजीशन बनाते हैं।
वीवैप इंडिकेटर बुलिश है या बेयरिश?
यह एक न्यूट्रल इंडिकेटर है, मार्केट जैसे संकेत देता है यह चार्ट पर वैसे ही संकेत बताता है। जब प्राइस वीवैप लाइन से ऊपर होता है तो इसका मतलब मार्केट बुलिश है। इसी तरह जब प्राइस वीवैप लाइन से नीचे होता है तो इसका मतलब मार्केट बेयरिश है। अतः हम यह कह सकते हैं कि VWAP Indicator मार्केट के सेंटीमेंट के अनुसार बुलिश और बेयरिश दोनों तरह के संकेत देता है।
इस तरह आप वीवैप इंडिकेटर के साथ मार्केट में खरीदारी और बिलवाली कर सकते हैं। उम्मीद है आपको यह वीवैप इंडिकेटर (VWAP Indicator) का उपयोग कैसे करें? आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह How to use VWAP indicator in Stock market in Hindi. आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
VWAP का उपयोग करने के लिए सामान्य ट्रेडिंग स्ट्रेटजी क्या है?
वीवैप इंडिकेटर इंट्राडे में स्टॉक्स के प्राइस को वॉल्यूम और उसके करंट प्राइस के आधार। इंट्राडे ट्रेडर्स की मदद करने के लिए मापता है। इसके आधार पर ट्रेडिंग का कोई एक पर्टिकुलर तरीका नहीं है। अतः ट्रेडर्स वीवैप इंडिकेटर के द्वारा दिए जा रहे सिग्नल का अनलिस करके। स्टॉक्स में बाइंग और सेलिंग के निर्णय खुद अपने एनालिसिस के आधार पर लेते हैं।
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