Options Trading In India: भारत में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे होती है?
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग करने वाले लोगों के मन में अक्सर यह प्रश्न उठता है। कि ऑप्शन ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करे? इंडिया में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे होती है? अब इंडिया में ऑप्शन ट्रेडिंग पहले से कहीं अधिक लोकप्रिय हो गई है क्योंकि यह ट्रेडर्स को ट्रेडिंग के अन्य रूपों की तुलना में अधिक पैसा बनाने का अवसर प्रदान करता है। ट्रेडर्स स्टॉक खरीद सकते हैं और उस पर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स बेच सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं- भारत में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे होती है? Options Trading In India in Hindi.
यदि आप पहले से ही शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर रहे हैं। और आप जानते हैं कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग कैसे की जाती है। तो आप भारत में Options trading के लिए जा सकते हैं। कारण सरल है - स्टॉक, बॉन्ड या रियल एस्टेट जैसे अन्य निवेशों की तुलना में ट्रेडिंग करना आसान, सुरक्षित और सस्ता है।
यहाँ कुछ ऑप्शन ब्रोकर की लिस्ट दी गयी है, जिनके बारे में आप और अधिक जानकारी प्राप्त करके अपने लिए सही Options Broker का चुनाव कर सकते हैं-
यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं, तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसों का पेड़ कैसे लगाएं बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
Options Trading क्या है?
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स आपको तब लाभ कमाने का मौका देते हैं। जब अंडरलेइंग स्टॉक का प्राइस बढ़ता है और तब भी जब अंडरलेइंग स्टॉक का प्राइस गिरता है। ऑप्शन ट्रेडिंग के द्वारा आप दोनों साइड पैसा कमा सकते हैं। भारत में ऑप्शन ट्रेडिंग ने हाल के वर्षों में काफी लोकप्रियता हासिल की है।
यह निवेशकों को स्टॉक, इंडेक्स , कमोडिटी और करेंसी जैसे विभिन्न वित्तीय साधनों के प्राइस मूवमेंट पर अनुमान लगाने और उससे पैसा कामने की अनुमति देता है। ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए जिन स्टॉक्स, इंडेक्स, कमोडिटी और करेंसी को अनुमति होती है। उन्हें अंडरलेइंग एसेट कहा जाता है। इंडिया में ऑप्शन ट्रेडिंग के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-
Options Trading in India
भारत में ऑप्शन ट्रेडिंग के दो मुख्य के प्रकार हैं-
- कॉल ऑप्शन
- पुट ऑप्शन
2. पुट ऑप्शन: पुट ऑप्शन एक कॉन्ट्रैक्ट है, जो अपने खरीदार को option की एक्सपायरी डेट से पहले स्ट्राइक प्राइस पर अंडरलेइंग एसेट बेचने का अधिकार देता है लेकिन दायित्व नहीं देता है। पुट ऑप्शन की खरीद को अंडरलेइंग एसेटप्राइस के भविष्य में गिरने के अनुमान के रूप में समझा जाता है।
Option Trading Exchange in India
भारत में ऑप्शन ट्रेडिंग मुख्य रूप से तीन प्रमुख एक्सचेंजों पर होती है-
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया ( NSE )
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया ( BSE )
- मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया ( MCX )
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE )
NSE भारत का प्रमुख और सबसे बड़ा ऑप्शन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ( NSE ) यह शेयर बाज़ार का स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई में स्थित India के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। एनएसई विभिन्न वित्तीय संस्थानों जैसे बैंकों और बीमा कंपनियों के स्वामित्व वाला स्टॉक एक्सचेंज है। कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए कारोबार किए गए Option Contracts की संख्या के हिसाब से यह दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज है। बाजार पूंजीकरण के हिसाब से यह दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है।
एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50, के स्टॉक इंडेक्स का उपयोग भारत और दुनिया भर में निवेशकों द्वारा भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में बड़े पैमाने पर किया जाता है। निफ्टी 50 इंडेक्स 1996 में एनएसई द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका दूसरा इंडेक्स बैंक निफ्टी है, जिसमे बहुत बड़ी मात्रा में option trading की जाती है। NSE का तीसरा बड़ा इंडेक्स फिननिफ़्टी है, जिसमें भी ऑप्शन ट्रेडिंग की जाती है और बहुत सारे स्टॉक्स हैं। जिनमें ऑप्शन ट्रेडिंग की जाती है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया ( BSE )
बीएसई लिमिटेड, जिसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ( बीएसई ) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक भारतीय स्टॉक एक्सचेंज है जो मुंबई में दलाल स्ट्रीट पर स्थित है। 1875 में कपास व्यापारी प्रेमचंद रॉयचंद द्वारा स्थापित, यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। और दुनिया का दसवां सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज भी है। बाजार पूंजीकरण के हिसाब से बीएसई दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। जिसका बाजार पूंजीकरण जून 2023 तक 3.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब है। इस पर भी option trading होती है। इसके सेंसेक्स इंडेक्स में ऑप्शन ट्रेडिंग की जाती है और बैंकिंग शेयरों का भी इसका एक इंडेक्स है,जिसे बैंकेक्स इंडेक्स कहा जाता है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया ( MCX )
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया ( MCX ) भारत में स्थित एक कमोडिटी एक्सचेंज है। इसकी स्थापना 2003 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसका मुख्यालय वर्तमान समय में मुंबई में स्थित है। यह भारत का सबसे बड़ा कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कमोडिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स का औसत दैनिक कारोबार 26% बढ़कर 32,424 करोड़ रूपये हो गया था।
जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में यह 25,648 करोड़ रूपये था। वित्त वर्ष 2019-20 में एक्सचेंज पर कारोबार किए गए कमोडिटी Options Trading का कुल कारोबार 83.98 लाख करोड़ रूपये हो गया था। एमसीएक्स गोल्ड में Options ट्रेडिंग और अलौह धातुओं, बुलियन, ऊर्जा और कई कृषि वस्तुओं ( मेंथा तेल, इलायची, कच्चे पाम तेल, कपास आदि ) में ऑप्शंस ट्रेडिंग की पेशकश करता है।
Options Trading in India के लिए नियामक संस्था
भारतीय प्रतिभूति और विनमय बोर्ड ( SEBI ) भारत में ऑप्शंस ट्रेडिंग और शेयर मार्केट को नियंत्रित करता है। सेबी निष्पक्ष और पारदर्शी व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश और नियम निर्धारित करता है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रशासनिक डोमेन के तहत भारत में प्रतिभूतियों और कमोडिटी बाजार के लिए नियामक निकाय है। इसकी स्थापना 12 अप्रैल 1988 को एक कार्यकारी निकाय के रूप में की गई थी और 30 जनवरी 1992 को सेबी अधिनियम, 1992 के माध्यम से इसे वैधानिक शक्तियाँ दी गईं।
Options Trading के लिए मार्जिन
ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए, तभी आप ऑप्शन ट्रेडिंग कर पाएंगे। India में ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए मार्जिन की आवश्यकता अलग-अलग होती है। ऑप्शन पोजीशन शुरू करने और बनाए रखने के लिए व्यापारियों को अपने ट्रेडिंग खातों में एक निश्चित मार्जिन राशि बनाए रखने की आवश्यकता होती है। अलग-अलग अंडरलेइंग एसेट और अलग-अलग ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए मार्जिन एक समान नहीं मिलता है। मार्जिन की सुविधा स्टॉक ब्रोकर्स के द्वारा अपने क्लाइंट्स को उपलब्ध कराई जाती है।
Best Brokers for Options Trading in India
सर्वोत्तम ऑप्शन ट्रेडिंग ब्रोकर कम ब्रोकरेज फीस (अधिमानतः फ्लैट शुल्क) लेता है। साथ ही ऑप्शन ट्रेडर्स को सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला ऑप्शन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। सेबी की रिपोर्ट से पता चला कि प्रत्येक 10 में से 9 व्यक्तिगत F&O व्यापारियों को शुद्ध घाटा हुआ। ऑप्शन ट्रेडिंग में जटिलता को देखते हुए। ट्रेडर्स के लिए यह जरूरी है कि वे भारत में विकल्प ट्रेडिंग शुरू करने के लिए समझदारी से सही स्टॉक ब्रोकर चुनें।
सर्वश्रेष्ठ ऑप्शन ब्रोकर कैसे चुनें?
सैकड़ों ब्रोकरों में से, ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा ब्रोकर कौन सा है? यह पता लगाना काफी मुश्किल है। सर्वोत्तम ऑप्शन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का चयन कैसे करें? या किसी भी ऑप्शन ट्रेडिंग ब्रोकर को चुनने से पहले आपको किन कारकों पर ध्यान देना चाहिए? आजकल
वैसे India में ज्यादातर ऑप्शन ब्रोकर 20 रूपये प्रति ट्रेड चार्ज करते हैं। यानि 20 रूपये ऑप्शन खरीदने लेने के लिए और 20 रूपये फिर उसे बेचने के लिए, इसके अलावा सरकार की तरफ से लगाया जाने वाला STT अलग से लगता है। इस तरह एक ट्रेड को पूरा करने में करीब 50 रूपये ब्रोकरेज लगता है। ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर चुनने से पहले आपको कुछ निम्नलिखित पॉइंट्स का ध्यान रखना चाहिए। जिससे आप अपने लिए ऑप्शन ब्रोकर का चुनाव कर सकें-
- ब्रोकरेज फीस: इसमें कोई संदेह नहीं है, कि अधिकांश ऑप्शन ट्रेडर्स के लिए ब्रोकरेज सबसे बड़ी चिंता होती है। ब्रोकरेज से प्रॉफिट भी प्रभावित होता है। अधिकांश ऑप्शन ट्रेडर्स एक फ्लैट ब्रोकरेज शुल्क पर ऑप्शन ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं। उदाहरण के लिए 20 रुपये प्रति निष्पादित ऑर्डर। क्योंकि इसमें लॉट की संख्या की परवाह किए बिना ब्रोकरेज शुल्क निश्चित रहता है।
- Options trading प्लेटफॉर्म: ऑप्शन ट्रेडर्स, ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय बहुत सारी सुविधाएँ चाहते हैं। जैसे मल्टीपल ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज, कस्टमाइज़्ड स्ट्रेटेजी बिल्डर, रियल टाइम कंप्लीट ऑप्शन चैन, ऑप्शन ट्रेडिंग के नए-नए आईडिया फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस स्केनर आदि और भी बहुत सारी सुविधाएँ। आप को भी ऑप्शन ब्रोकर का चुनाव करते समय इन्हीं चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
- मोबाइल ऐप: आप हर समय डेस्कटॉप की स्क्रीन के सामने नहीं बैठे रह सकते हैं। अतः आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए मोबाइल ऐप की सुविधा देने वाले option broker को ज्यादा महत्व देना चाहिए। आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की फीस और डीमैट अकाउंट के रखरखाव की फीस के साथ ऑप्शन ट्रेडिंग सेगमेंट पर विभिन्न ब्रोकरों द्वारा लिए जाने वाले ब्रोकरेज फीस की तुलना और समीक्षा करके अपने लिए सही ऑप्शन ट्रेडिंग ब्रोकर का चुनाव करना चाहिए।
- डीमैट अकाउंट के लिए दस्तावेज: डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूर पड़ेगी। India में Options Trading में शुरू करने के लिए आपको को एक सेबी में पंजीकृत स्टॉकब्रोकर के साथ एक ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके अतिरिक्त, उन्हें पहचान प्रमाण, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पता प्रमाण और बैंक विवरण जैसे आवश्यक दस्तावेज प्रदान करके अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
यहाँ कुछ ऑप्शन ब्रोकर की लिस्ट दी गयी है, जिनके बारे में आप और अधिक जानकारी प्राप्त करके अपने लिए सही Options Broker का चुनाव कर सकते हैं-
- Groww
- Zerodha
- Upstox
- Motilal Oswal
- Angel One
- 5paisa
भारत में सबसे अधिक सक्रिय रूप से ट्रेड किए जाने वाले इंडेक्स ऑप्शन निफ्टी 50 और सेंसेक्स इंडेक्स पर आधारित हैं। जिनमें आप ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं। इनके नाम निम्नलिखित हैं-
- निफ्टी 50
- सेंसेक्स
- निफ्टी बैंक
- बैंकेक्स
- फिन निफ्टी
- निफ्टी आईटी
- निफ्टी मेटल आदि इंडेक्स पर ऑप्शन ट्रेडिंग उपलब्ध हैं।
इंडेक्स ऑप्शन में अंडरलेइंग एसेट भी एक ही इंडेक्स होता है। जैसे निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी भी इंडेक्स ही हैं।किसी विशेष सेक्टर के शेयरों पर अलग-अलग दांव लगाने के बजाय, ऑप्शन ट्रेडर्स कंपनियों के सभी शेयरों यानि इसमें शामिल पूरे सेक्टर में हेजिंग एक्सपोजर हासिल करने के लिए इंडेक्स ऑप्शन का उपयोग कर सकते हैं।
इंडेक्स ऑप्शन के मालिक के पास एक निश्चित भविष्य की प्राइस जिसे स्ट्राइक प्राइस कहा जाता है। उसे (हर महीने के आखिरी गुरुवार) पर एसेट के रूप में इंडेक्स में एक्सपोजर खरीदने या बेचने का अवसर होता है। स्टॉक या सिक्युरिटीज की टोकरी जो Index Option को रेखांकित करती है उसे अंडरलेइंग इंडेक्स के रूप में जाना जाता है। यह या तो कॉल ऑप्शन या पुट ऑप्शन हो सकता है।
बहुत सारे स्टॉक्स में भी Options trading होती है। यदि में यहाँ सभी स्टॉक्स का नाम लिखूगीं तो यह लिस्ट बहुत लम्बी हो जाएगी। अतः मैं यहाँ पर ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध निम्नलिखित कुछ स्टॉक्स के नाम बता रही हूँ-
- अडानी एंटरप्राइजेज
- अपोलो टायर्स
- बजाज ऑटो
- डालमिया भारत
- एचडीएफसी बैंक
- रिलायंस इंडस्ट्री
- आईसीआईसीआई बैंक
- टाटा मोटर्स
- टाइटन
- आईडिया आदि बहुत सारे शेयरों में ऑप्शन ट्रेडिंग होती है।
ऑप्शन स्ट्रेटेजीज Option Strategies
ट्रेडर्स अक्सर ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए बहुत सी ऑप्शन स्ट्रेटेजीज का उपयोग करते हैं। जिनमें सबसे सामान्य कुछ ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज के नाम निम्नलिखित हैं-
- कवर्ड कॉल: अंडरलेइंग एसेट को होल्ड करते हुए कॉल ऑप्शन बेचना कवर्ड कॉल स्ट्रॅटजी कहलाता है।
- सुरक्षात्मक पुट: अंडरलेइंग एसेट के प्राइस में गिरावट से बचाने के लिए पुट ऑप्शन खरीदना सुरक्षात्मक पुट या प्रोटेक्टिव पुट स्ट्रेटेजी कहलाता है।
- स्ट्रैडल: इस स्ट्रेटेजी में एक ही स्ट्राइक प्राइस और एक्सपायरी डेट के साथ एक कॉल ऑप्शन और एक पुट ऑप्शन खरीदा जाता है ।
ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत जटिल होती है इसलिए यह बहुत रिस्की भी होती है। ऑप्शंस के प्राइस में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव हो सकता है। जिससे इसमें हमेशा नुकसान होने की आशंका बनी रहती है। खासकर तब, जब इसे ठीक से मैनेज न किया जाय। अतः ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले इससे जुड़े रिस्क को अच्छे से जान लेना चाहिए। ताकि आप संभावित नुकसान से अपने को बचा सकें।
उम्मीद है,आपको यह भारत में ऑप्शन ट्रेडिंग (Options Trading In India) कैसे होती है? आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह Options Trading In India in Hindi. आर्टिकल पसंद आये। तो इसे सोशल मिडिया पर जरूर शेयर करें। इसी ही ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस साइट को जरूर सब्स्क्राइब करें। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट करके जरूर बतायें? आप मुझे फेसबुक पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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