सिंपल मूविंग एवरेज (Simple Moving Average (SMA)) से आप क्या समझते हैं?

सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) एक निर्दिष्ट अवधि में स्टॉक के औसत क्लोजिंग प्राइस को संदर्भित करता है। औसत को "मूविंग" कहने का कारण यह है कि स्टॉक की कीमत लगातार बदलती रहती है। इसलिए मूविंग एवरेज भी उसके अनुसार बदलता रहता है। 

आसान शब्दों में कहें तो, एक निश्चित पीरियड में किसी भी शेयर के प्राइस का एवरेज सिंपल मूविंग एवरेज कहलाता है। जिसे शार्ट फॉर्म में SMA भी कहते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं- सिंपल मूविंग एवरेज से आप क्या समझते हैं? Simple Moving Average (SMA) in Hindi. 

सिंपल मूविंग एवरेज  (एसएमए) एक अंकगणितीय चलती औसत है। जिससे शेयरों के एवरेज प्राइस की गणना हाल की कीमतों को जोड़कर और फिर उस आंकड़े को औसत गणना में समय अवधि की संख्या से विभाजित करके की जाती है।

                                                                                      
Simple Moving Average in Hindi


अगर आप टेक्नीकल एनालिसिस में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं। तो आपको रवि पटेल द्वारा लिखित बुक टेक्निकल एनालिसिस और कैंडलस्टिक की पहचान जरूर पढ़नी चाहिए। 

Simple Moving Average (SMA) क्या है?

एक सिंपल मूविंग एवरेज, जिसकी गणना किसी संख्या और समय अवधि में स्टॉक्स के क्लोजिंग प्राइस को जोड़कर और इस प्राइस के टोटल को समय अवधि की संख्या से विभाजित करके की जाती है। Moving Average भी दो प्रकार का होता है, फास्टर मूविंग एवरेज और स्लोवर मूविंग एवरेज। फास्टर मूविंग एवरेज को शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज और स्लोवेर मूविंग एवरेज को लॉन्ग-टर्म मूविंग एवरेज भी कहा जाता है। 

शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज स्टॉक्स के प्राइस में बदलाव के लिए तुरंत प्रतिक्रिया करता है। जबकि लॉन्ग-टर्म मूविंग एवरेज स्टॉक्स के प्राइस में धीमें- धीमे हुई प्रतिकिर्या को दर्शाता है। SMA  निश्चित अवधि में स्टॉक का औसत मूल्य है। एवरेज प्राइस निकालने के लिए प्रत्येक दैनिक मूल्य पर समान भार डाला जाता है। कई ट्रेडर्स शुरुआती तेजी का संकेत देने के लिए शार्ट-टर्म एवरेज प्राइस को लंबी अवधि के एवरेज प्राइस से ऊपर जाने के लिए देखते हैं। 

शार्ट-टर्म (15 दिन) एवरेज प्राइस सपोर्ट लेवल के रूप में कार्य करता है। जब शेयर के प्राइस में गिरावट का अनुभव होता है। तो शेयर का प्राइस शार्ट-टर्म SMA जैसे 5, 10, 15 डे आदि पर सपोर्ट लेता है लॉन्ग-टर्म Simple Moving Average और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह बहुत प्रभावी होता है। 

उदाहरणस्वरूप- पाँच दिन का सिंपल मूविंग एवरेज निकलने के लिए (SMA ) निकलने के लिए शेयर के पाँच दिन के एवरेज क्लोजिंग प्राइस को, पाँच (दिन) से भाग देने पर पाँच दिन का SMA निकल आएगा। जैसे यदि किसी शेयर का एवरेज प्राइस 7 रूपये है। तो उसका पाँच दिन का SMA निकलने के लिए 7 X 5  = 35, 35 ÷ 5 = 07, इस तरह इस उदाहरण में पाँच दिन का SMA 7 हुआ। इस तरह आप चाहे जितने दिन का सिंपल मूविंग एवरेज निकल सकते हैं। ईएमए

Simple Moving Average के मुख्य बिंदु 

सिंपल मूविंग एवरेज के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-
  • यह शेयर के पिछले कुछ दिन के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है। 
  • ये 5, 10, 15, 20, 30, 50, 100, 200 दिन का मूविंग एवरेज प्राइस हो सकता है। 5, 10, 15, 20 और 30 दिन के मूविंग एवरेज को शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज कहा जाता है। और 50, 100 और 200 दिन के मूविंग एवरेज को लॉन्ग-टर्म मूविंग एवरेज कहा जाता है। 
  • पाँच दिन का एवरेज प्राइस (SMA) निकलने के लिए शेयर के पिछले पाँच दिन के क्लोजिंग प्राइस को जोड़कर उसे पाँच से भाग दे देते हैं। 
  • इससे आप शेयर के प्राइस की डायरेक्शन यानि ट्रेंड जान सकते हैं। कि शेयर का प्राइस अपट्रेंड में है या डाउनट्रेंड में है। अथवा शेयर का प्राइस एक रेंज में फंसा हुआ है। 
  • SMA के साथ मुख्य समस्या यह है कि शेयर के प्राइस के छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव को नहीं बताता है। अतः यह फाल्स सिग्नल दे सकता है। 
  • मूविंग एवरेज दो प्रकार का होता है पहला- Simple Moving Average (SMA) और दूसरा- Exponential moving average (EMA). 

SMA VS EMA दोनों में कौन बेहतर है? 

जल्दी आने वाले प्राइस एक्शन को बताने में SMA बेहतर है। एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज से भी आप ट्रेंड को जल्दी पकड़ सकते हैं। इससे आपके हायर प्रॉफिट प्राप्त करने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। क्योंकि आप अपने ट्रेड पर ट्रेन्ड के साथ ज्यादा राइड कर सकते हैं। 

किन्तु इससे आप फेकआउट में भी फंस सकते हैं क्योंकि SMA प्राइस के साथ जल्दी प्रतिक्रिया देता है। जिससे आप समझ सकते हैं कि ट्रेंड आ रहा है किन्तु यह केवल प्राइस में स्पाइक हो सकता है और प्राइस वापस अपने पुराने दायरे में जा सकते हैं। 

EMA यह SMA का बिलकुल उल्टा होता है क्योंकि यह प्राइस एक्शन के साथ धीरे-धीरे प्रतिक्रिया करता है। इसलिए लॉन्ग-टर्म SMA का उपयोग करना सुरक्षित रहता है। SMA लॉन्ग-टर्म में अच्छा काम करता है। यह आपको लॉन्ग-टर्म ट्रेंड को सही बता सकता है। सिंपल मूविंग एवरेज आपको फेकआउट से बचा सकता है। टेक्निकल एनालिसिस

बहुत से ट्रेडर्स  दोनों साइड की स्टोरी को समझने के लिए अलग-अलग Moving Average को देखते हैं। वे लॉन्ग-टर्म SMA का उपयोग ओवरऑल ट्रेंड जानने के लिए करते हैं, और EMA का प्रयोग शेयर को सही प्राइस पर खरीदने और बेचने के लिए करते हैं। 

Simple Moving Average का प्रयोग कैसे करें? 

जब शेयर के प्राइस एक्शन का रुख SMA के ऊपर की तरफ होता है। इसका मतलब शेयर का प्राइस अपट्रेंड में है। यदि शेयर का प्राइस सिंपल मूविंग एवरेज के नीचे ट्रेड कर रहा होता है। तो इसका मतलब शेयर डाउनट्रेंड में है। 

कभी-कभी किसी न्यूज की वजह से शेयर का प्राइस ऊपर की तरफ आ जाता है। तब बहुत से ट्रेडर्स सोचते हैं कि अब इस शेयर को लेने का सही समय है। लेकिन जैसे ही न्यूज पुरानी हो जाती है, शेयर का प्राइस वापस नीचे आ जाता है। जिसकी वजह से ट्रेडर्स को भी नुकसान हो जाता है। इसलिए ट्रेडिंग पोजीशन बनाते समय कन्फर्मेशन कर लेना चाहिए। इलियट वेव थ्योरी

किसी भी अपट्रेंड में शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज, लॉन्ग-टर्म मूविंग एवरेज से ऊपर यानि  ज्यादा होना चाहिए। उदाहरणस्वरूप यदि किसी शेयर के 10 दिन का सिंपल मूविंग एवरेज, उसके 30 दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर है तो वह शेयर अपट्रेंड में माना जायेगा। इसी प्रकार डाउनट्रेंड के समय शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज, लॉन्ग-टर्म मूविंग एवरेज से ऊपर होना चाहिए। 

Simple Moving Average क्रॉसओवर ट्रेडिंग  

सिंपल मूविंग एवरेज क्रॉसओवर सिस्टम आपको ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बनाने में मदद कर सकता है। क्योंकि इसकी मदद से आप ट्रेड के संभावित एंट्री और एग्जिट पॉइंट ढूंढ सकते हैं। शेयरों के प्राइस गतिशील होते हैं और प्राइस लगातार घटते-बढ़ते रहते हैं। मार्केट ट्रेन्ड भी गतिशील रहते हैं। समय के साथ, शेयरों के प्राइस और ट्रेंड (रुझान ) बदलते रहते हैं। कभी-कभी अन्य समय की तुलना में प्राइस और ट्रेंड तेजी से बदलते हैं। 

एक क्रॉसओवर तब आता है, जब फास्टर मूविंग एवरेज (शॉर्ट-टर्म), स्लोवर मूविंग एवरेज (लॉन्ग-टर्म) को ऊपर की तरफ क्रॉस करता है। तब मूविंग एवरेज क्रॉसओवर आता है। जब लॉन्ग-टर्म SMA यानि 200 दिन का SMA अपट्रेंड में होता है तो इसका मतलब है कि मार्केट काफी मजबूत स्थिति में है। एमएसीडी

सामान्यतः एक buy सिग्नल तब जैनरेट होता है, जब छोटी अवधि 50 दिन का मूविंग एवरेज, लम्बी अवधि के 200 दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर हो जाता है। इसके विपरीत एक sell सिग्नल तब जैनरेट होता है, जब 50 दिन का SMA, 200 दिन के SMA के नीचे आ जाता है। एक बात का ध्यान रखें कि 50 दिन और 200 दिन के मूविंग क्रॉसओवर के अनुसार बनाई गयी। ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी लॉन्ग-टर्म ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग स्ट्रैटजीज होती हैं। 

सबसे तेज पहला क्रॉसओवर एक चेतावनी के रूप में आता है कि ट्रेंड रिवर्सल आ सकता है। हालाँकि यहाँ पर buy sell का आर्डर प्लेस नहीं किया गया है। सबसे तेज SMA (10 दिन) का और सबसे धीमा क्रॉसओवर (50) का होता है। जिस पर buy sell के सिग्नल जैनरेट किये जाते हैं। एक साथ buying करने के बजाय प्रत्येक क्रॉसओवर पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में buying करनी चाहिए। हैड एंड शोल्डर पैटर्न

क्रॉसओवर के मीटिंग पॉइंट को शेयर में बाइंग (एंट्री) और सेलिंग (एग्जिट) के लिए प्रयोग करना चाहिए। SMA क्रॉसओवर वोलेटाइल मार्केट या स्टॉक्स में अच्छा कार्य करता है। जब स्टॉक एक रेंज में रहता है। तब उतना अच्छा कार्य नहीं करता है।

उम्मीद है,आपको यह सिंपल मूविंग एवरेज से आप क्या समझते हैं? आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह Simple Moving Average (SMA) in Hindi. आर्टिकल पसंद आये तो इसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस साइट को जरूर सब्स्क्राइब करें। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट करके जरूर बतायें। आप मुझे फेसबुक पर भी फॉलो कर सकते हैं। 


कोई टिप्पणी नहीं

Jason Morrow के थीम चित्र. Blogger द्वारा संचालित.