Moving Average Trading Strategy की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में।
आज से करीब 100 साल पहले दो लोग, जिनका नाम जॉन मैगी और रॉबर्ट एडवर्ड था। दोनों Moving Average (MA) पर रिसर्च कर रहे थे। वे दोनों टेक्निकल एनालिसिस के पायनियर के साथ ही लेखक भी थे। जब उन्होंने मूविंग एवरेज को चार्ट पर डाला तो उन्हें लगा कि जैसे उन्हें खजाने की चाबी मिल गई है ।
उन्हें लगा कि अब उनके ऊपर पैसा बरसेगा। जब शेयर का प्राइस एवरेज प्राइस से ऊपर जाएगा वे शेयर खरीद लेंगे और जब प्राइस एवरेज से नीचे जाएगा तो शेयर बेच देंगे। इस तरह वह बहुत अमीर बन जाएंगे। आइए विस्तार से जानते हैं- Moving Average की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में। Moving Average Trading Strategy in Hindi.
अगर आप शेयर मार्केट टेक्निकल एनालिसिस सीखना चाहते हैं तो आप सुनील गुर्जर द्वारा लिखित मेक मनी विथ प्राइस एक्शन ट्रेडिंग बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
Moving Average क्या है?
मूविंग एवरेज एक स्टॉक इंडिकेटर है जो टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग किया जाता है। यह एक ऐसा टेक्निकल इंडिकेटर है। जिसका उपयोग इन्वेस्टर और ट्रेडर स्टॉक्स के Trend की डायरेक्शन का पता लगाने के लिए करते हैं।
इसके द्वारा stocks के एवरेज प्राइस का डाटा लगातार अपडेट होता रहता है। बढ़ता हुआ एवरेज प्राइस (मूविंग एवरेज) स्टॉक के अपट्रेंड को दर्शाता है और घटता हुआ एवरेज प्राइस स्टॉक के डाउनट्रेड को दर्शाता है। डोव थ्योरी
Moving Average सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला इंडिकेटर है। स्टॉक प्राइस के उतार-चढ़ाव के बीच यह इनको सुचारु रूप में दिखता है। जिससे मार्केट ट्रेंड का सही-सही पता चलता है। इसके द्वारा आप शेयर price मोमेंटम सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस का पता लगा सकते हैं। शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज (SMA) के द्वारा स्टॉक में मूमेंटम का पता लगा सकते हैं।
जब शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज (15 day), लॉन्ग-टर्म मूविंग एवरेज (50 day) से ज्यादा होता है। शेयर में Upword trend होता है। जब शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज, लॉन्ग टर्म मूविंग एवरेज से कम होता है। तब शेयर Down Trend में होता है।
MA का उपयोग करके आप यह जान सकते हैं कि आपको ट्रेड में कब enter करना है और कब exit करना है। इसके द्वारा आप डायनेमिक सपोर्ट और रेजिस्टेंस को जान सकते हैं। ट्रेडिंग पोजीशन बनाने में Moving Average का आप अलग-अलग तरीके से यूज़ कर सकते हैं।
जैसे शार्ट-टर्म ट्रेडिंग के लिए और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए। मूविंग एवरेज को यूज़ आसान है लेकिन कितने दिन के मूविंग एवरेज का यूज़ करना है या आप पर निर्भर करता है आपको उतने ही दिन के MA का यूज़ करना चाहिए जो आप पर फिट बैठता हो। मॉर्निंग स्टार
Moving Average को कैसे कैलकुलेट करें?
किसी भी शेयर का मूविंग एवरेज निकलने के लिए, शेयर के जितने दिन का मूविंग एवरेज निकलना है। उतने दिन के क्लोजिंग प्राइस को जोड़कर को जोड़कर उतने ही दिन से डिवाइड (भाग) किया जाता है इसमें जो आंसर आता है वही मूविंग एवरेज होता है। इस तरह आप जितने दिन का मूविंग एवरेज निकलना चाहे निकाल सकते हैं।
मूविंग एवरेज मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-
- सिंपल मूविंग एवरेज (Simple Moving Average)
- एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (Exponential Moving Average)
1. Simple Moving Average (SMA)
सिंपल मूविंग एवरेज, मूविंग एवरेज का सबसे साधारण प्रकार है। जितने दिन का SMA निकलना होता है, उतने ही दिन के closing प्राइस को जोड़कर, उतने से ही डिवाइड कर देते हैं। इसे ऐसे समझ सकते हैं- यदि आप किसी शेयर का पांच दिन का SMA निकालना चाहते हैं तो आप उस शेयर के पांच दिन के क्लोजिंग प्राइस को जोड़कर, पांच से डिवाइड कर दीजिये। उस शेयर का पांच दिन का Simple Moving Average (SMA) निकल आएगा। फिबोनाची रिट्रेसमेंट
आप चाहे जितने दिन का SMA निकाल सकते हैं, पांच, दस, पंद्रह, बीस दिन इत्यादि। इसके द्वारा stock price की डायरेक्शन जान सकते हैं कि स्टॉक अपट्रेंड में है या डाउनट्रेंड में, या एक रेंज में फंसा हुआ है। शार्ट-टर्म एवरेज में जल्दी बदलाव दिख जाता है जबकि लॉन्ग-टर्म एवरेज में बदलाव धीरे-धीरे दिखाई देता है। बहुत से ट्रेडर्स जब शार्ट-टर्म Moving Average, लॉन्ग-टर्म प्राइस को ऊपर से क्रॉस करता है। उसे अपट्रेंड की शुरुआत का सिग्नल मानते हैं।
शार्ट-टर्म एवरेज Support &Resistance level पर क्रिया करता है और वहां से पुलबैक करता है। टाइम पीरियड की गिनती के दौरान सपोर्ट लेवल मजबूत और महत्वपूर्ण होते हैं। सिंपल मूविंग एवरेज में प्रॉब्लम यह कि यह छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव को नहीं बताता है। अतः यह आपको फॉल्स सिग्नल दे सकता है।
2. Exponential Moving Average (EMA)
एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज भी Simple Moving Average के ही समान है। किन्तु इसमें नए डाटा का ज्यादा महत्व होता है। यानि कि सबसे लास्ट के दिन के क्लोजिंग प्राइस के सबसे ज्यादा अंक होते हैं। जबकि उससे पहले दिन के क्लोजिंग प्राइस के, लास्ट दिन से थोड़े कम अंक होते हैं।
इसी तरह पिछले दिनों के क्लोजिंग प्राइस के अंक क्रम से कम होते जाते है। उसमें सबसे पहले दिन के क्लोजिंग प्राइस के सबसे कम अंक माने जाते हैं। साथ ही EMA में अचानक आने वाले स्पाइक को भी हटा दिया जाता है।
जितने भी दिन का EMA निकलना होता है, उतने दिनों के Moving average को जोड़कर, उतने ही दिनों से डिवाइड (भाग) कर दिया जाता है। इस तरह आप जितने दिनों का चाहे एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज निकाल सकते हैं। लेकिन आपको इसे मैनुअली निकलने की कोई जरूरत नहीं है। प्रत्येक टेक्निकल एनालिसिस सॉफ्टवेयर पर इसे निकालने का टूल होता है।
12 दिन और 26 दिन का EMA शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज में, सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। यह Moving Average सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) की तुलना में ज्यादा जल्दी रिएक्ट करता है। इसका उपयोग सामान्यतः मूविंग एवरेज कन्वर्जेन्स डिवेर्जेंस (MACD) और द परसेंटेज प्राइस ऑसिलेटर (PPP) के उपयोग के दौरान होता है।
लॉन्ग-टर्म ट्रेंड देखने के लिए सामान्यतः इसके 50 और 200 days के Exponential Moving Average का उपयोग होता है।यदि आप पांच दिन के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज को निकालकर देखें तो आपको पता चल जायेगा कि ट्रेडर्स recently क्या कर रहे हैं, क्या कर सकते हैं? बजाय इसके कि उन्होंने पिछले हफ्ते क्या किया? NIFTY VIX/INDIA VIX
SMA VS EMA दोनों में कौन बेहतर है?
EMA यदि आप चाहते हैं कि Moving Average जल्दी आने वाले प्राइस एक्शन को बताये तो EMA बेहतर है। एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज से आप ट्रेंड को जल्दी पकड़ सकते हैं। साथ ही इससे आपके हायर प्रॉफिट प्राप्त करने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। क्योंकि आप अपने ट्रेड पर trend के साथ ज्यादा राइड कर सकते हैं।
किन्तु इससे आप फेकआउट में भी फंस सकते हैं क्योंकि SMA प्राइस के साथ जल्दी प्रतिक्रिया देता है। जिससे आप समझ सकते हैं कि ट्रेंड आ रहा है किन्तु यह केवल प्राइस में स्पाइक हो सकता है और प्राइस वापस अपने पुराने दायरे में जा सकते हैं।
EMA यह SMA का बिलकुल उल्टा होता है क्योंकि यह प्राइस एक्शन के साथ धीरे-धीरे प्रतिक्रिया करता है। इसलिए लॉन्गटर्म EMA का उपयोग करना सुरक्षित रहता है। SMA लॉन्ग-टर्म में अच्छा काम करता है। यह आपको लॉन्गटर्म ट्रेंड को सही बता सकता है। एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज आपको फॉल्स ब्रेकआउट से बचा सकता है।
बहुत से ट्रेडर्स अलग-अलग Moving Average को देखते हैं। दोनों साइड की स्टोरी को समझने के लिए वे लॉन्ग-टर्म MA का उपयोग ओवरऑल ट्रेंड जानने के लिए करते हैं। EMA का प्रयोग शेयर को सही प्राइस पर खरीदने और बेचने के लिए करते हैं। कॉमन स्टॉक्स एंड अनकॉमन प्रॉफ़िट्स
Moving Average का प्रयोग
शेयर का एवरेज प्राइस, शेयर के प्राइस के साथ-साथ बदलता रहता है। इसलिए इसे मूविंग एवरेज कहा जाता है। जब शेयर का प्राइस मूविंग एवरेज से ऊपर होता है, तो इसका मतलब शेयर अपट्रेंड में है। यदि शेयर का प्राइस MA से नीचे है तो इसका मतलब शेयर डाउनट्रेंड में है।
कभी-कभी शेयर का प्राइस किसी न्यूज़ की वजह से ऊपर की तरफ जाता है। तब ट्रेडर्स सोचते हैं कि शेयर को खरीदने का सही समय है लेकिन जैसे ही न्यूज़ पुरानी हो जाती है प्राइस वापस नीचे आ जाता है। जिसकी वजह से शेयर ट्रेडर्स को भरी नुकसान हो जाता है। डबल बॉटम
मूविंग एवरेज क्रॉसओवर स्ट्रेटेजी
मूविंग एवरेज क्रॉसओवर जब आता है, तब फास्टर मूविंग एवरेज (short period MA) और स्लोवर मूविंग एवरेज (long term MA) एक दूसरे को क्रॉस करते हैं। स्टॉक्स को तब sell करना चाहिए जब पांच दिन का SMA, दो सौ दिन के SMA को नीचे से क्रॉस करे। इसी तरह स्टॉक्स को तब buy करना चाहिए जब पचास दिन का SMA ऊपर से क्रॉस करे।
MA क्रॉसओवर स्ट्रेटेजी स्टॉक्स को खरीदने और बेचने, दोनों के लिए सबसे पॉपुलर ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है। MA support & resistance को भी हाईलाइट करते हैं। साथ ही इनके द्वारा भविष्य में शेयर प्राइस किधर जाएंगे। ये भी अनुमान लगाया जा सकता है लेकिन वह बिलकुल सही होंगे यह नहीं कहा जा सकता है। इंट्राडे ट्रेडिंग
Moving average पुराने डाटा के आधार पर निकला जाता है। जो एक निश्चित अवधि के मूविंग एवरेज को दर्शाता है। किसी भी अपट्रेंड में फास्टर मूविंग एवरेज, स्लोवेर मूविंग से ऊपर होना चाहिए उदाहरण के लिए दस दिन का MA, तीस दिन के MA से ऊपर होना चाहिए। डाउनट्रेंड के समय स्लोवेर मूविंग एवरेज (Long Term), फास्टर मूविंग एवरेज (Short Term MA) से ऊपर होना चाहिए।
इस आर्टिकल में आपने शेयर के औसत प्राइस Moving Average (MA) को जाना साथ ही Simple moving Average और Exponential moving average के बारे में भी जाना। स्केल्पिंग
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