Tata power company: टाटा पावर कम्पनी की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में।
टाटा पावर वर्ल्ड फेमस टाटा ग्रुप की कंपनी है, जिसका मुख्यालय मुंबई में है। यह भारत की एक प्रमुख इलैक्ट्रिक यूटिलिटी और इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन कंपनी। यूँ तो शेयर मार्केट में बहुत सी बिजली की कंपनियां लिस्ट हैं लेकिन इस कंपनी में कुछ खास है।
टाटा पावर पावर वैल्यू चैन में काम करने वाली कंपनी है। वैल्यू चैन का अर्थ है, वे कंपनियां जो प्रोडक्शन से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक अपना सभी काम खुद करती हैं उन्हें वैल्यू चैन कंपनी कहा जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं टाटा पावर कम्पनी की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में। Tata Power company full analysis in Hindi.
यदि आप जिंदगी में कुछ बड़ा करना चाहते है लेकिन कुछ बड़ा करने के लिए भी छोटे-छोटे स्टेप उठाने पड़ते हैं। यह जानने के लिए आपको अटॉमिक हेबिट्स बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
Tata Power Company के बारे में
टाटा पावर खुद पावर जेनरेट करता है, रिन्यूएबल एनर्जी से थर्मल पावर जैसे- हाइड्रो, सोलर, विंड और थर्मल पावर आदि स्रोतों से पावर बनाता है। पावर बनाने के साथ-साथ ही कंपनी खुद ही पावर को ट्रांसमिशन भी करती है और डिस्ट्रीब्यूटर भी खुद ही है।
मान लो जैसे टाटा पावर कहीं दूर डैम पर पावर बनाती है और साथ ही उसे शहरों तक पहुंचाने का काम भी खुद ही करती है। इसके साथ ही पावर को घरों तक पहुंचाने का कार्य और उसकी बिलिंग का कार्य भी टाटा पावर कंपनी खुद ही करती है। इसे ही पावर वैल्यू चैन कहते हैं। अडानी पावर
यहां पर पावर वैल्यू चैन के अलावा Tata Power company पावर ट्रेडिंग भी करती है। 31 मार्च 2021 तक टाटा पावर कंपनी की थर्मल पावर प्लांट से, पावर जेनरेशन क्षमता 2808 मेगावाट थी। थर्मल पावर का मतलब नेचुरल गैस,कोयला और तेल आधारित पावर प्लांट होते हैं, उनसे बनने वाली पावर को थर्मल पावर कहा जाता है।
टाटा पावर हाइड्रो और विंड और सोलर से भी पावर जेनरेट करता है इसके साथ ही वेस्ट हीट रिकवरी स्रोतों से भी पावर जेनरेट करता है। इन्हे क्लीन एनर्जी भी कहा जाता है। इन स्रोतों से टाटा पावर कंपनी 12808 मेगावाट के करीब बिजली बनाती है। इरेडा रिन्यूएबल एनर्जी
इसका कर्ज लगातार कम हो रहा है, जबकि कुछ साल पहले तक इस का कर्ज लगातार बढ़ रहा था। जिसकी वजह से बड़े-बड़े निवेशक इसमें निवेश करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं। कंपनी के कर्ज घटने के पीछे कारण है, वर्किंग कैपिटल मैनेजमेंट, कंपनी के मैनेजमेंट ने कर्ज को कम करने के लिए बहुत सारे कदम उठाए हैं। सुजलॉन एनर्जी
कर्ज कम करने के लिए मैनेजमेंट ने कैपिटल मैनेजमेंट का पुनर्गठन भी किया है। जिसकी वजह से कंपनी के कर्ज की लगातार निगरानी की गई। जिससे कंपनी की फाइनेंसियल स्थिति में काफी सुधार हुआ। इसकी वजह से इसके इपीएस में भी सुधार हुआ है। Tata Power company के ईपीएस में जो बढ़ोतरी हुई है, वह उसके शेयर की कीमत में भी बढ़ोतरी कर रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज
इपीएस में यह बढ़ोतरी आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। यह भी इसके share price के बढ़ने का बहुत बड़ा कारण है। जिससे निवेशकों के मन में इसके प्रति शार्ट टर्म में आकर्षण बना हुआ है। टाटा पावर कंपनी अपनी बैलेंस शीट को भी कर्ज मुक्त करने की कोशिश कर रही है। कंपनी अपने नॉनकोर संपत्तियों को बेच रही है। फिलहाल 20-07-2024 को टाटा पावर का शेयर 414.70 रूपये पर ट्रेड कर रहा है।
शार्ट टर्म में भी इसके शेयर के प्राइस में बढ़ोतरी की काफी संभावना है। क्योंकि इसको संपत्तियों के बेचने के कारण, इनसे होने वाला नुकसान बंद हो जाएगा। जिसकी वजह से कंपनी के ईपीएस में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। इसके कारण भी शार्ट टर्म में कंपनी के शेयर प्राइस में बढ़ोतरी हो सकती है। P/E रेश्यो क्या है?
इसकी वजह से भी निवेशक टाटा पावर कंपनी की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। इसके शेयर की कीमत में जो बढ़ोतरी हो रही है। वह इसके चार्ट पर भी साफ दिखाई दे रही है। पिछले एक साल में इस के शेयर की कीमत में 200% से भी ज्यादा की बढ़त हो चुकी है।
कंपनी अपना कर्ज तो कम कर ही रही है, इसके साथ ही कंपनी के पास 6100 करोड़ के करीब नकदी (cash) भी है। इसके साथ ही कंपनी के पास 1800 करोड़ के करीब इन्वेंटरी भी है। सबसे बड़ी बात यह है कि Tata Power company टाटा ग्रुप की कंपनी है। टाटा ग्रुप अपनी कंपनियों में डिफॉल्ट या दिवालिया नहीं होने देता।
मान लो जैसे टाटा पावर कहीं दूर डैम पर पावर बनाती है और साथ ही उसे शहरों तक पहुंचाने का काम भी खुद ही करती है। इसके साथ ही पावर को घरों तक पहुंचाने का कार्य और उसकी बिलिंग का कार्य भी टाटा पावर कंपनी खुद ही करती है। इसे ही पावर वैल्यू चैन कहते हैं। अडानी पावर
यहां पर पावर वैल्यू चैन के अलावा Tata Power company पावर ट्रेडिंग भी करती है। 31 मार्च 2021 तक टाटा पावर कंपनी की थर्मल पावर प्लांट से, पावर जेनरेशन क्षमता 2808 मेगावाट थी। थर्मल पावर का मतलब नेचुरल गैस,कोयला और तेल आधारित पावर प्लांट होते हैं, उनसे बनने वाली पावर को थर्मल पावर कहा जाता है।
टाटा पावर हाइड्रो और विंड और सोलर से भी पावर जेनरेट करता है इसके साथ ही वेस्ट हीट रिकवरी स्रोतों से भी पावर जेनरेट करता है। इन्हे क्लीन एनर्जी भी कहा जाता है। इन स्रोतों से टाटा पावर कंपनी 12808 मेगावाट के करीब बिजली बनाती है। इरेडा रिन्यूएबल एनर्जी
Tata Power हाई वैल्यूएशन शेयर
टाटा पावर कंपनी के हाई वैल्यूएशन कंपनी होने के कारणों को दो निम्नलिखित भागों में बांटा जा सकता है। पहला है, शार्ट-टर्म पॉजिटिव कारण और दूसरा, लॉन्ग-टर्म पॉजिटिव कारण।शॉर्ट-टर्म पॉजिटिव कारण
टाटा पावर कंपनी के शार्ट-टर्म पॉजिटिव कारण निम्नलिखित हैं जिनकी वजह से इसमें बड़े-बड़े इन्वेस्टर निवेश कर रहे हैं।इसका कर्ज लगातार कम हो रहा है, जबकि कुछ साल पहले तक इस का कर्ज लगातार बढ़ रहा था। जिसकी वजह से बड़े-बड़े निवेशक इसमें निवेश करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं। कंपनी के कर्ज घटने के पीछे कारण है, वर्किंग कैपिटल मैनेजमेंट, कंपनी के मैनेजमेंट ने कर्ज को कम करने के लिए बहुत सारे कदम उठाए हैं। सुजलॉन एनर्जी
कर्ज कम करने के लिए मैनेजमेंट ने कैपिटल मैनेजमेंट का पुनर्गठन भी किया है। जिसकी वजह से कंपनी के कर्ज की लगातार निगरानी की गई। जिससे कंपनी की फाइनेंसियल स्थिति में काफी सुधार हुआ। इसकी वजह से इसके इपीएस में भी सुधार हुआ है। Tata Power company के ईपीएस में जो बढ़ोतरी हुई है, वह उसके शेयर की कीमत में भी बढ़ोतरी कर रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज
इपीएस में यह बढ़ोतरी आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। यह भी इसके share price के बढ़ने का बहुत बड़ा कारण है। जिससे निवेशकों के मन में इसके प्रति शार्ट टर्म में आकर्षण बना हुआ है। टाटा पावर कंपनी अपनी बैलेंस शीट को भी कर्ज मुक्त करने की कोशिश कर रही है। कंपनी अपने नॉनकोर संपत्तियों को बेच रही है। फिलहाल 20-07-2024 को टाटा पावर का शेयर 414.70 रूपये पर ट्रेड कर रहा है।
शार्ट टर्म में भी इसके शेयर के प्राइस में बढ़ोतरी की काफी संभावना है। क्योंकि इसको संपत्तियों के बेचने के कारण, इनसे होने वाला नुकसान बंद हो जाएगा। जिसकी वजह से कंपनी के ईपीएस में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। इसके कारण भी शार्ट टर्म में कंपनी के शेयर प्राइस में बढ़ोतरी हो सकती है। P/E रेश्यो क्या है?
इसकी वजह से भी निवेशक टाटा पावर कंपनी की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। इसके शेयर की कीमत में जो बढ़ोतरी हो रही है। वह इसके चार्ट पर भी साफ दिखाई दे रही है। पिछले एक साल में इस के शेयर की कीमत में 200% से भी ज्यादा की बढ़त हो चुकी है।
कंपनी अपना कर्ज तो कम कर ही रही है, इसके साथ ही कंपनी के पास 6100 करोड़ के करीब नकदी (cash) भी है। इसके साथ ही कंपनी के पास 1800 करोड़ के करीब इन्वेंटरी भी है। सबसे बड़ी बात यह है कि Tata Power company टाटा ग्रुप की कंपनी है। टाटा ग्रुप अपनी कंपनियों में डिफॉल्ट या दिवालिया नहीं होने देता।
टाटा ग्रुप का अपना एक मोरल है, वह अपनी कंपनियों के साथ ही अपने इन्वेस्टर्स का भी ध्यान रखते हैं। Tata Power company की वर्तमान परफॉर्मेंस की बात की जाए, तो कंपनी अभी अच्छा नहीं कर रही है। लेकिन कंपनी ग्रोथ अच्छी कर रही है। शेयर बाजार से पैसे कमाने के दस तरीके
इनके बारे में 1990 से ही रिसर्च हो रही थी, लेकिन जितना 2021 से इनका कमर्शियल उत्पादन हो रहा है। उतना पिछले 30 सालों में नहीं था। यानी आम लोगों के लिए इलेक्ट्रॉनिक और स्मार्ट उपकरण अब उपलब्ध है। एआई और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल आप अमेजॉन और नेटफ्लिक्स पर देख रहे हैं। फांग शेयर
साथ ही 5G टेक्नोलॉजी के अविष्कार से भी ये चीजें बहुत उन्नत हो गई हैं। सामान्यतः जब बड़े-बड़े आविष्कार होने के कारण जो नई कंपनियां बनती है। तब बड़े-बड़े इन्वेस्टर अपने पैसे को पुरानी कंपनियों में से निकालकर, नए जमाने की कंपनियों में निवेश कर देते हैं। यह सही भी है क्योंकि पुरानी टेक्नोलॉजी नई टेक्नोलॉजी के सामने प्रसांगिक हो जाती है।
बड़े-बड़े इन्वेस्टर नई और भविष्य में उपयोगी कंपनियों में इन्वेस्ट करते हैं। अभी हमें भारतीय Share market में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। जहां पर इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल और पावर कंपनियां नए जमाने की कंपनी बनने की तरफ अग्रसर हैं। इसीलिए उनमे बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स पैसा लगा रहे हैं। टॉप सोलर कंपनियाँ
जिसकी वजह से ये कंपनियां हाई वैल्यूएशन कंपनियां बन गई है। ये कंपनियां आने वाले समय के बिजनेस मॉडल पर काम कर रही हैं। भविष्य में किसी देश के शहर कितने प्रदूषित या प्रदूषण मुक्त होंगे। यह इन्हीं कंपनियों की सफलता पर निर्भर करेगा। इन्हीं पॉजिटिव कारणों की वजह से इन कंपनियों का रेवेन्यू बहुत ज्यादा बढ़ रहा है और इन्वेस्टर्स भी इनकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
इस तरह आप खुद यह समझ सकते हैं कि यदि Tata power company का शेयर, भविष्य में मल्टीबैगर शेयर बन सकता है या नहीं? यदि यह शेयर मल्टीबैंगर है तो उसमें इसके लॉन्ग-टर्म पॉजिटिव रीज़न का बहुत बड़ा हाथ होगा। इसके लिए टाटा पावर कंपनी को नेक्स्ट जेनरेशन कंपनी में कन्वर्ट होना होगा। फंडामेंटल एनालिसिस
टाटा पावर 2021 के अंत तक करीब 2000 स्टेशन लगाना चाहती है, अगले 5 साल में कंपनी का 10,000 चार्जिंग स्टेशन सेटअप करने का टारगेट है। इससे कंपनी को जल्दी शुरुआत करने का फायदा तो मिल ही रहा है। साथ ही कंपनी आक्रामक विस्तार भी कर पा रही है। हर्षद मेहता
इस तरह कंपनी नेक्स्ट जेनरेशन कंपनी बन रही है। Tata Power company का दूसरा नेक्स्ट जेनरेशन बिजनेस है रूफटॉप और सोलर पंप का, इसमें टाटा पावर मार्केट लीडर है। भारतीय मार्केट सोलर एनर्जी लिए तैयार था लेकिन लागत, इसमें सबसे बड़ा बैरियर था। अब सोलर एनर्जी दिन पर दिन सस्ती होती जा रही है।
यदि लॉन्ग टर्म के हिसाब से देखें तो सोलर पावर में खर्चा कम और फायदा ज्यादा है। कृषि में तो सोलर पावर का काफी उपयोग हो रहा है। आने वाले समय में शहरों में भी इसकी डिमांड बढ़ने की काफी संभावना है। इन सभी कारणों की वजह से Tata Power company का सोलर पावर बिजनेस भी नेक्स्ट जेनरेशन बिजनेस है। स्टॉक एनालिसिस
इसमें आप मिनट, घंटे, दिन, साप्ताहिक और मासिक आधार पर देख सकते हैं कि आपका कौन सा इलेक्ट्रिक उपकरण कितनी बिजली कंज्यूम कर रहा है। वारेन बुफेट पोर्टफोलियो आप टोटल कितनी पावर यूज कर रहे हैं, यह सारा डाटा टाटा पावर के स्मार्ट मीटर से पता लग जाता है। इस तरह लोग अपना इलेक्ट्रिसिटी यूज़ को अच्छे से मैनेज कर सकते हैं।
टाटा पावर के स्मार्ट मीटर, मासिक बिजली बिल को भी ऑटोमेटिक रुप से अपडेट कर देते है। जिससे मेनुअल मीटर रीडिंग के बिना ही लोगों को आपने बिजली का बिल भी मिल जाता है। वन क्लिक पर पेमेंट भी जाता है। इसलिए यह भी टाटा पावर का नेक्स्ट जेनरेशन बिजनेस यूनिट है। IPO से पैसे कैसे कमायें?
टाटा पावर अपने पावर डिस्ट्रीब्यूशन में एआई का भी यूज कर रहा है। यहां पर वह एआई ऑटोमेशन की मदद से real-time इलेक्ट्रिसिटी ऑपरेशन मैनेज करेगा। इस काम के लिए टाटा पावर ने Value Wave company के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। यह कंपनी पावर सेक्टर में एआई आधारित एप्लीकेशन बनाने वाली सबसे पहली कंपनी है।
आखिर में Tata Power company में सबसे बड़ा बदलाव जो हो रहा है वह रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में है। इसके द्वारा कंपनी जो कोयला, ऑयल तथा नेचुरल गैस से बिजली बनाती है, उसे वह अपने आने वाले समय में रिन्यूएबल एनर्जी से बनायेगी। इसके लिए कंपनी ने बहुत बड़े-बड़े वादे भी किए हैं, जिसमें कंपनी ने कहा है कि वह 2025 तक अपनी कुल पावर का 60% क्लीन एनर्जी यानी रिन्यूएबल एनर्जी से बनाएगी। पेटीएम
टाटा पावर 2050 तक कार्बन न्यूट्रल कंपनी बनना चाहती है। इसके लिए यह कंपनी बहुत सारे कदम भी उठा रही है। टाटा पावर का क्लीन एनर्जी की दिशा में सबसे बड़ा कदम यह है कि वह अपनी थर्मल पावर प्लांट में कोई भी नया निवेश नहीं करेगी। यानी कि जब यह प्लांट पुराने होकर बंद हो जाएंगे तो टाटा पावर कंपनी इनको दोबारा सही करके नहीं चलाएगी।
Tata Power company कोल इंडिया कंपनी से सबसे ज्यादा कोयला खरीदती है। अगले कुछ सालों में कोयले का बिजनेस खत्म भी हो सकता है। अभी रिन्यूएबल एनर्जी का सबसे बड़ा फायदा टाटा पावर के निवेशकों को मिलेगा क्योंकि अभी टाटा पावर का ईएसजी रेटिंग थर्मल पावर बनाने के कारण बहुत ही खराब है।
जब टाटा पावर थर्मल पावर बनाना कम करेगी, तब इसकी ESG रेटिंग बढ़ जाएगी। ESG रेटिंग के ऊपर ही कंपनियों में billion-dollar निवेश किए जाते हैं। क्योंकि बड़े-बड़े निवेशक हाई ईएसजी रेटिंग वाली कंपनियों का पोर्टफोलियो बनाते हैं। जहां पर वह ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं, जो क्लीन एनर्जी का काम कर रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल में काम कर रही हैं या ऐसी कंपनियां जो भविष्य की टेक्नोलॉजी में काम कर रही हैं। बिना वातावरण को नुकसान पहुंचाए (IPO) क्या है
इसका सीधा सा मतलब यह है कि यदि टाटा पावर कंपनी का ईएसजी बढ़ेगा। तो Tata Power company में निवेश भी बढ़ेगा जिसकी वजह से कंपनी की वैल्यूएशन बढ़ेगी। बहुत सारे निवेशकों का यह भी मानना मानना है। कि यदि 10 साल के उद्देश्य से इसमें निवेश किया जाए, तो इसका शेयर मल्टीबैगर साबित हो सकता है।
अभी भी यह शेयर अंडरवैल्यू है ऐसा इसलिए है क्योंकि अभी टाटा पावर जहां पर है तथा अगले 10 या 15 साल में कंपनी जहां पर होगी। उस हिसाब से टाटा पावर अभी एक अंडरवैल्यू कंपनी है। रूस के शेयर मार्केट
Tata Power Stock लॉन्ग-टर्म पॉजिटिव
टाटा पावर कंपनी में कुछ निम्नलिखित अच्छे कारण हैं, जिनके द्वारा आप यह समझ सकते हैं। क्या लॉन्गटन में कंपनी का शेयर मल्टीबैगर बन सकता है? सबसे पहले आपको यह समझना पड़ेगा कि पिछले करीब 90 सालों में उतने परिवर्तन नहीं हुए हैं। जितने पिछले कुछ सालों में परिवर्तन हुए हैं जैसे- एआई (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस) मशीन लर्निंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल, रिन्यूएबल एनर्जी आदि।इनके बारे में 1990 से ही रिसर्च हो रही थी, लेकिन जितना 2021 से इनका कमर्शियल उत्पादन हो रहा है। उतना पिछले 30 सालों में नहीं था। यानी आम लोगों के लिए इलेक्ट्रॉनिक और स्मार्ट उपकरण अब उपलब्ध है। एआई और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल आप अमेजॉन और नेटफ्लिक्स पर देख रहे हैं। फांग शेयर
साथ ही 5G टेक्नोलॉजी के अविष्कार से भी ये चीजें बहुत उन्नत हो गई हैं। सामान्यतः जब बड़े-बड़े आविष्कार होने के कारण जो नई कंपनियां बनती है। तब बड़े-बड़े इन्वेस्टर अपने पैसे को पुरानी कंपनियों में से निकालकर, नए जमाने की कंपनियों में निवेश कर देते हैं। यह सही भी है क्योंकि पुरानी टेक्नोलॉजी नई टेक्नोलॉजी के सामने प्रसांगिक हो जाती है।
बड़े-बड़े इन्वेस्टर नई और भविष्य में उपयोगी कंपनियों में इन्वेस्ट करते हैं। अभी हमें भारतीय Share market में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। जहां पर इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल और पावर कंपनियां नए जमाने की कंपनी बनने की तरफ अग्रसर हैं। इसीलिए उनमे बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स पैसा लगा रहे हैं। टॉप सोलर कंपनियाँ
जिसकी वजह से ये कंपनियां हाई वैल्यूएशन कंपनियां बन गई है। ये कंपनियां आने वाले समय के बिजनेस मॉडल पर काम कर रही हैं। भविष्य में किसी देश के शहर कितने प्रदूषित या प्रदूषण मुक्त होंगे। यह इन्हीं कंपनियों की सफलता पर निर्भर करेगा। इन्हीं पॉजिटिव कारणों की वजह से इन कंपनियों का रेवेन्यू बहुत ज्यादा बढ़ रहा है और इन्वेस्टर्स भी इनकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
इस तरह आप खुद यह समझ सकते हैं कि यदि Tata power company का शेयर, भविष्य में मल्टीबैगर शेयर बन सकता है या नहीं? यदि यह शेयर मल्टीबैंगर है तो उसमें इसके लॉन्ग-टर्म पॉजिटिव रीज़न का बहुत बड़ा हाथ होगा। इसके लिए टाटा पावर कंपनी को नेक्स्ट जेनरेशन कंपनी में कन्वर्ट होना होगा। फंडामेंटल एनालिसिस
टाटा पावर का कायापलट
टाटा पावर अपने बिजनेस मॉडल ट्रांसफॉरमेशन पर काम कर रही है। जो कि इसके ट्रेडिशनल बिजनेस मॉडल से बहुत अलग है। यह कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगा रही है क्योंकि आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का है। इलेक्ट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर में टाटा पावर सबसे बड़ा खिलाड़ी है क्योंकि यह 8000 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन सेटअप कर चुका है।टाटा पावर 2021 के अंत तक करीब 2000 स्टेशन लगाना चाहती है, अगले 5 साल में कंपनी का 10,000 चार्जिंग स्टेशन सेटअप करने का टारगेट है। इससे कंपनी को जल्दी शुरुआत करने का फायदा तो मिल ही रहा है। साथ ही कंपनी आक्रामक विस्तार भी कर पा रही है। हर्षद मेहता
इस तरह कंपनी नेक्स्ट जेनरेशन कंपनी बन रही है। Tata Power company का दूसरा नेक्स्ट जेनरेशन बिजनेस है रूफटॉप और सोलर पंप का, इसमें टाटा पावर मार्केट लीडर है। भारतीय मार्केट सोलर एनर्जी लिए तैयार था लेकिन लागत, इसमें सबसे बड़ा बैरियर था। अब सोलर एनर्जी दिन पर दिन सस्ती होती जा रही है।
यदि लॉन्ग टर्म के हिसाब से देखें तो सोलर पावर में खर्चा कम और फायदा ज्यादा है। कृषि में तो सोलर पावर का काफी उपयोग हो रहा है। आने वाले समय में शहरों में भी इसकी डिमांड बढ़ने की काफी संभावना है। इन सभी कारणों की वजह से Tata Power company का सोलर पावर बिजनेस भी नेक्स्ट जेनरेशन बिजनेस है। स्टॉक एनालिसिस
माइक्रोग्रिड होम ऑटोमेशन और स्मार्ट मीटर
टाटा पावर कंपनी का एक बिजनेस यूनिट माइक्रोग्रिड होम ऑटोमेशन और स्मार्ट मीटर का भी है। आजकल स्मार्ट मीटर का चलन बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहा है। क्योंकि इसमें आप रियल टाइम में देख सकते हैं कि आपके इलेक्ट्रिक उपकरण कितनी बिजली कंज्यूम कर रहे हैं।इसमें आप मिनट, घंटे, दिन, साप्ताहिक और मासिक आधार पर देख सकते हैं कि आपका कौन सा इलेक्ट्रिक उपकरण कितनी बिजली कंज्यूम कर रहा है। वारेन बुफेट पोर्टफोलियो आप टोटल कितनी पावर यूज कर रहे हैं, यह सारा डाटा टाटा पावर के स्मार्ट मीटर से पता लग जाता है। इस तरह लोग अपना इलेक्ट्रिसिटी यूज़ को अच्छे से मैनेज कर सकते हैं।
टाटा पावर के स्मार्ट मीटर, मासिक बिजली बिल को भी ऑटोमेटिक रुप से अपडेट कर देते है। जिससे मेनुअल मीटर रीडिंग के बिना ही लोगों को आपने बिजली का बिल भी मिल जाता है। वन क्लिक पर पेमेंट भी जाता है। इसलिए यह भी टाटा पावर का नेक्स्ट जेनरेशन बिजनेस यूनिट है। IPO से पैसे कैसे कमायें?
टाटा पावर अपने पावर डिस्ट्रीब्यूशन में एआई का भी यूज कर रहा है। यहां पर वह एआई ऑटोमेशन की मदद से real-time इलेक्ट्रिसिटी ऑपरेशन मैनेज करेगा। इस काम के लिए टाटा पावर ने Value Wave company के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। यह कंपनी पावर सेक्टर में एआई आधारित एप्लीकेशन बनाने वाली सबसे पहली कंपनी है।
आखिर में Tata Power company में सबसे बड़ा बदलाव जो हो रहा है वह रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में है। इसके द्वारा कंपनी जो कोयला, ऑयल तथा नेचुरल गैस से बिजली बनाती है, उसे वह अपने आने वाले समय में रिन्यूएबल एनर्जी से बनायेगी। इसके लिए कंपनी ने बहुत बड़े-बड़े वादे भी किए हैं, जिसमें कंपनी ने कहा है कि वह 2025 तक अपनी कुल पावर का 60% क्लीन एनर्जी यानी रिन्यूएबल एनर्जी से बनाएगी। पेटीएम
टाटा पावर 2050 तक कार्बन न्यूट्रल कंपनी बनना चाहती है। इसके लिए यह कंपनी बहुत सारे कदम भी उठा रही है। टाटा पावर का क्लीन एनर्जी की दिशा में सबसे बड़ा कदम यह है कि वह अपनी थर्मल पावर प्लांट में कोई भी नया निवेश नहीं करेगी। यानी कि जब यह प्लांट पुराने होकर बंद हो जाएंगे तो टाटा पावर कंपनी इनको दोबारा सही करके नहीं चलाएगी।
Tata Power company कोल इंडिया कंपनी से सबसे ज्यादा कोयला खरीदती है। अगले कुछ सालों में कोयले का बिजनेस खत्म भी हो सकता है। अभी रिन्यूएबल एनर्जी का सबसे बड़ा फायदा टाटा पावर के निवेशकों को मिलेगा क्योंकि अभी टाटा पावर का ईएसजी रेटिंग थर्मल पावर बनाने के कारण बहुत ही खराब है।
जब टाटा पावर थर्मल पावर बनाना कम करेगी, तब इसकी ESG रेटिंग बढ़ जाएगी। ESG रेटिंग के ऊपर ही कंपनियों में billion-dollar निवेश किए जाते हैं। क्योंकि बड़े-बड़े निवेशक हाई ईएसजी रेटिंग वाली कंपनियों का पोर्टफोलियो बनाते हैं। जहां पर वह ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं, जो क्लीन एनर्जी का काम कर रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल में काम कर रही हैं या ऐसी कंपनियां जो भविष्य की टेक्नोलॉजी में काम कर रही हैं। बिना वातावरण को नुकसान पहुंचाए (IPO) क्या है
इसका सीधा सा मतलब यह है कि यदि टाटा पावर कंपनी का ईएसजी बढ़ेगा। तो Tata Power company में निवेश भी बढ़ेगा जिसकी वजह से कंपनी की वैल्यूएशन बढ़ेगी। बहुत सारे निवेशकों का यह भी मानना मानना है। कि यदि 10 साल के उद्देश्य से इसमें निवेश किया जाए, तो इसका शेयर मल्टीबैगर साबित हो सकता है।
अभी भी यह शेयर अंडरवैल्यू है ऐसा इसलिए है क्योंकि अभी टाटा पावर जहां पर है तथा अगले 10 या 15 साल में कंपनी जहां पर होगी। उस हिसाब से टाटा पावर अभी एक अंडरवैल्यू कंपनी है। रूस के शेयर मार्केट
कुछ विश्लेषकों का यह भी अनुमान है कि आगे चलकर टाटा पावर कंपनी दो भागों में विभाजित हो सकती है। एक में इसका रिन्यूएबल एनर्जी कारोबार तथा दूसरे में इसका थर्मल पावर का कारोबार हो सकता है। इस तरह यदि कंपनी दो भागों में डिवाइड होगी तो जिन निवेशकों के पास अभी कंपनी के शेयर हैं।
उन्हें दो कंपनियों के शेयर मिलेंगे तो इस तरह भी उन्हें काफी फायदा होने की उम्मीद है। अब आप खुद ही अनुमान लगा सकते हैं कि क्या टाटा पावर कंपनी का शेयर अगले 10 या 12 साल में मल्टीबैगर शेयर बन सकता है?
उम्मीद है, आपको टाटा पावर कम्पनी की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपको यह Tata Power company full analysis in Hindi आर्टिकल पसंद आये तो इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर करें। साथ ही इस साइट को भी जरूर सब्स्क्राइब करें। आप मुझे facebook और पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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