Life Insurance Corporation Lic के initial public offer (IPO) से पैसे कैसे कमायें?
LIC के IPO को लेकर शेयर मार्केट में काफी समय से चर्चा चल रही है। इस आर्टिकल में बताया गया है कि वर्तमान में इस IPO की क्या स्थिति है तथा एलआईसी का आईपीओ कब तक लॉन्च हो सकता है। एलआईसी के policy holders को इस से क्या फायदा हो सकता है।
तो चलिए जानते हैं कि Life Insurance Corporation LIC के Initial public offer IPO से कैसे पैसे कमाएं? LIC ke se paise kaise kamaye?
भारत सरकार ने विनिवेश (Disinvestment) के द्वारा 2021 में एक लाख पचहत्तर हजार करोड़ रूपए जुटाने का टार्गेट तय कर रखा है। उसी क्रम में सरकार एलआईसी का कुछ हिस्सा पब्लिक को बेच देगी और यह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाएगी।
इसी साल जुलाई के महीने मे कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। जिससे इसके आईपीओ का रास्ता साफ हो गया। IPO यानी Initial public offering का सिंपल सा मतलब यह है कि कंपनी का कुछ हिस्सा शेयर मार्केट में बेचा जाएगा।
कंपनी को Stock Exchange में लिस्ट करने से पहले उसकी वैल्यूएशन निकाली जाती है। जिस कंपनी का आईपीओ लाना है उसकी valuation निकालने के लिए एक कंपनी को नियुक्त किया जाता है। LIC की वैल्यूएशन निकालने के लिए Actuarial firm Milliman Advisor को नियुक्त किया गया है।
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Initial Public Offering (IPO) क्या है और यह कैसे काम करता है?
करीब सोलह इंवस्टमेंट बैंक एलआईसी के आईपीओ को मैनेज करने की जिम्मेदारी लेने की कोशिश कर रहे हैं। जिनके नाम HSBC, Goldman Sachs, BNP Paribas, HDFC, Bank of America, Citigroup आदि हैं। इनमें से कई तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बैंक हैं।
अब यह केंद्र सरकार के ऊपर है कि वह किस बैंक को LIC के आईपीओ को मैनेज करने की जिम्मेदारी देना चाहती है। केंद्र सरकार एलआईसी के आईपीओ के द्वारा अपने विनिवेश के टार्गेट को पूरा करना चाहती है।
पहले भी सरकार ने एयर इंडिया और बीपीसीएल के विनिवेश के द्वारा पैसे जुटाने का टार्गेट रखा था जो पूरा नहीं हो पाया। केन्द सरकार फिर से इनका विनिवेश करने की योजना बना रही है। अगर सरकार एलआईसी का विनिवेश करने में सफल हो जाती है, तो इसका मतलब भारत सरकार एक बड़ा टार्गेट अचीव करने में सफल हो जायेगी।
एलआईसी एक बहुत बड़ी कंपनी है इसलिए एक्सपर्ट का अनुमान है कि सरकार एलआईसी के आईपीओ से एक लाख करोड़ रूपए जुटाने में सफल हो सकती है। अभी इसके आईपीओ की तारीख तो निश्चित नहीं है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसी वित्तीय वर्ष यानी मार्च 2022 तक यह आइपीओ आ सकता है।
LIC के आईपीओ को लाने में बहुत सी दिक्कतें आ रही थीं क्योंकि एलआईसी को एक एक्ट LIC act 1956 के द्वारा लाया गया था। अतः इसके लिए एक अमेंडमेंट की जरूरत थी। अब केन्द्र सरकार ने अमेंडमेंट भी पास कर दिया है।
एलआईसी के अमेंडमेंट में सरकार ने इसकी ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल को बढ़ाकर पच्चीस हजार करोड़ रूपए कर दिया है। कैपिटल मूलभूत चीज होती है क्योंकि किसी भी बिज़नेस को करने के लिए कैपिटल की जरूरत होती है। इसके बिना बिजनेस नहीं किया जा सकता है।
कैपिटल अलग होता है तथा शेयर का प्राइस अलग होता है। जैसे जैसे कंपनी का बिजनेस बढ़ता जाता है, वैसे वैसे उसके शेयर का प्राइस भी बढ़ता जाता है।
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इसे डिवाइड कर दिया गया है, ढाई हजार करोड़ शेयरों में और प्रत्येक शेयर का प्राइस दस रुपए रखा है। अगर आप ढाई हजार करोड़ को दस से मल्टीप्लाई करेंगे, तो पच्चीस हजार करोड़ आ जायेगा।
ये जो ढाई हजार करोड़ Stocks हैं, ये भारत सरकार के हैं क्योंकि कंपनी में सौ प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की है। प्रत्येक शेयर की कीमत (Face value) दस रुपए है। अब आप कल्पना करके देखिए जब इसे Stock market में उतारा जाएगा, तो मान लेते हैं इसके एक शेयर का प्राइस सौ रुपए रखा गया।
इस तरह सरकार को एक शेयर पर नब्बे रूपए का फायदा हुआ। यदि भारत सरकार ने पच्चीस सौ करोड़ शेयरों में से पांच सौ करोड़ शेयरों को बेच दिया। तो इस तरह सरकार को 5000 x 90= 45000 करोड़ का फायदा हो जाएगा। यह मैने केवल एक अनुमान बताया है।
असली आंकड़े इससे अलग होगे।
LIC policy holders को क्या फायदा होने वाला है। जब एलआईसी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होगी, तब इसके पॉलिसी होल्डर्स को बड़ा फायदा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके आईपीओ में इसके पॉलिसी होल्डर्स के लिए दस प्रतिशत हिस्सा सुरक्षित रखा जाएगा।
आजकल शेयर बाजार में बूमरन चल रहा है। लोग आईपीओ में बहुत सारा पैसा लगाने के लिए तैयार है। मेरे कहने का मतलब है कि कोई कंपनी आईपीओ में हजार शेयर बेचना चाहती है तो लोग दस हजार शेयर खरीदने को तैयार हैं। यानी शेयरों की डिमांड बहुत ज्यादा है।
किसी भी कंपनी के IPO में जब जारी होने वाले शेयरों की संख्या से ज्यादा, शेयरों की डिमांड होती है तब सभी को शेयर नहीं मिल पाते। तब निवेशकों को शेयर अलॉट करने के लिए लकी ड्रा निकाला जाता है ।
यदि आप LIC के पॉलिसी होल्डर् हैं, तो दस प्रतिशत रिजर्व हिस्से में से आपको शेयर अलॉट हो सकते हैं। इससे आपको शेयर अलॉट होने की उम्मीद बढ़ जाएगी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एलआईसी के आईपीओ में बंपर मुनाफा होगा।
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LIC के IPO में पैसा लगाने वालों का पैसा डबल भी हो सकता है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि कंपनी को अपने पॉलिसी होल्डर्स के लिए दस प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा रिजर्व रखना चाहिए। लेकिन कंपनी ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि SEBI का यह रूल है कि आईपीओ लाने वाली कंपनी चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट अपने लोगों के लिए दस प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा रिजर्व नहीं कर सकती।
सरकार ने LIC के लिए जो अमेंडमेंट किया है उसमे उसने भी नॉर्मल आईपीओ की तरह ही दस प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया है। एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स को दस प्रतिशत का एक और फायदा मिलेगा । मान लो रिटेल इन्वेस्टर्स को शेयर सौ रुपए की दर से अलॉट होते हैं, तो पॉलिसी होल्डर्स को दस प्रतिशत कम नब्बे रूपए की दर से शेयर अलॉट होगे।
इस तरह एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स को शेयर अलॉट होने के चांस भी ज्यादा हैं और डिस्काउंट भी मिलेगा। इस तरह LIC के initial public offering से इसके पॉलिसी होल्डर्स को दो गुने से अधिक फायदा हो सकता है।
सावरेन गारंटी एक बात और है कि एलआईसी के आईपीओ में आपका पैसा डुबेगा नहीं क्योंकि यह सरकारी कंपनी है। इसमें सावरेन गारंटी मिलेगी, इसके Stock Exchange पर लिस्ट होने के बाद भी।
आपकी पॉलिसी का पैसा स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद भी सुरक्षित रहेगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एलआईसी का आईपीओ बहुत बड़ा होगा। इसलिए यह दो भागों में आयेगा।
यानी कि यदि सरकार इसमें दस प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है, तो वह IPO के पहले भाग में पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकती है। दूसरे भाग में बाकी की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकती है। आईपीओ के दूसरे भाग को आईपीओ नहीं, Follow on Offer कहा जाता है।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि Life Insurance Corporation (LIC) के आईपीओ को लेकर इतना उत्साह क्यों है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह भारतीय शेयर मार्केट का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होने वाला है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जिन्हें भी इस आईपीओ में शेयर अलॉट होगे, उन्हें बड़ा मुनाफा हो सकता है। इससे इंश्योरेंस सेक्टर को काफी मजबूती मिल सकती है और इसके शेयरों की रीरेटग हो सकती है।
अभी हमारे देश में जनसंख्या के हिसाब इंश्योरेंस सेक्टर इतना विस्तृत नहीं है क्योंकि हमारे देश में इंश्योरेंस सेक्टर में निवेश बहुत कम है। हमारे देश में बहुत कम, करीब दो या तीन प्रतिशत लोग ही इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं।
इसमें भी करीब छियासाठ प्रतिशत लोग एलआईसी से इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं। इसके IPO के बाद प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां एलआईसी से इंश्योरेंस का बड़ा हिस्सा कैप्चर करने की कोशिश करेंगी। उम्मीद है, अब आप जान गए होंगे कि एलआईसी के आईपीओ का क्या स्टेट्स चल रहा है।
Life Insurance Corporation
Life Insurance Corporation भारत सरकार की कंपनी है। यह भारत की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी है। केन्द्र सरकार चाहती है कि LIC को शेयर मार्केट में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट करवा दिया जाय। अभी एलआईसी सौ प्रतिशत सरकार की कंपनी है।भारत सरकार ने विनिवेश (Disinvestment) के द्वारा 2021 में एक लाख पचहत्तर हजार करोड़ रूपए जुटाने का टार्गेट तय कर रखा है। उसी क्रम में सरकार एलआईसी का कुछ हिस्सा पब्लिक को बेच देगी और यह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाएगी।
इसी साल जुलाई के महीने मे कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। जिससे इसके आईपीओ का रास्ता साफ हो गया। IPO यानी Initial public offering का सिंपल सा मतलब यह है कि कंपनी का कुछ हिस्सा शेयर मार्केट में बेचा जाएगा।
कंपनी को Stock Exchange में लिस्ट करने से पहले उसकी वैल्यूएशन निकाली जाती है। जिस कंपनी का आईपीओ लाना है उसकी valuation निकालने के लिए एक कंपनी को नियुक्त किया जाता है। LIC की वैल्यूएशन निकालने के लिए Actuarial firm Milliman Advisor को नियुक्त किया गया है।
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Initial Public Offering (IPO) क्या है और यह कैसे काम करता है?
Investment Bank की नियुक्ति
IPO लाने के लिए इन्वेस्टमेंट बैंक को नियुक्त किया जाता है। इन्वेस्टमेंट बैंक आईपीओ लाने वाली कंपनी को Stock market में लिस्ट कराने में मदद करते हैं। Investment bank को आईपीओ से रिलेटिड बहुत सारे काम करते हैं।करीब सोलह इंवस्टमेंट बैंक एलआईसी के आईपीओ को मैनेज करने की जिम्मेदारी लेने की कोशिश कर रहे हैं। जिनके नाम HSBC, Goldman Sachs, BNP Paribas, HDFC, Bank of America, Citigroup आदि हैं। इनमें से कई तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बैंक हैं।
अब यह केंद्र सरकार के ऊपर है कि वह किस बैंक को LIC के आईपीओ को मैनेज करने की जिम्मेदारी देना चाहती है। केंद्र सरकार एलआईसी के आईपीओ के द्वारा अपने विनिवेश के टार्गेट को पूरा करना चाहती है।
पहले भी सरकार ने एयर इंडिया और बीपीसीएल के विनिवेश के द्वारा पैसे जुटाने का टार्गेट रखा था जो पूरा नहीं हो पाया। केन्द सरकार फिर से इनका विनिवेश करने की योजना बना रही है। अगर सरकार एलआईसी का विनिवेश करने में सफल हो जाती है, तो इसका मतलब भारत सरकार एक बड़ा टार्गेट अचीव करने में सफल हो जायेगी।
एलआईसी एक बहुत बड़ी कंपनी है इसलिए एक्सपर्ट का अनुमान है कि सरकार एलआईसी के आईपीओ से एक लाख करोड़ रूपए जुटाने में सफल हो सकती है। अभी इसके आईपीओ की तारीख तो निश्चित नहीं है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसी वित्तीय वर्ष यानी मार्च 2022 तक यह आइपीओ आ सकता है।
LIC के आईपीओ को लाने में बहुत सी दिक्कतें आ रही थीं क्योंकि एलआईसी को एक एक्ट LIC act 1956 के द्वारा लाया गया था। अतः इसके लिए एक अमेंडमेंट की जरूरत थी। अब केन्द्र सरकार ने अमेंडमेंट भी पास कर दिया है।
एलआईसी के अमेंडमेंट में सरकार ने इसकी ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल को बढ़ाकर पच्चीस हजार करोड़ रूपए कर दिया है। कैपिटल मूलभूत चीज होती है क्योंकि किसी भी बिज़नेस को करने के लिए कैपिटल की जरूरत होती है। इसके बिना बिजनेस नहीं किया जा सकता है।
कैपिटल अलग होता है तथा शेयर का प्राइस अलग होता है। जैसे जैसे कंपनी का बिजनेस बढ़ता जाता है, वैसे वैसे उसके शेयर का प्राइस भी बढ़ता जाता है।
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एलआईसी की वैल्यूएशन कितनी है?
Initial public offering (IPO) के समय जो कंपनी की वैल्यूएशन (उसे ही कैपिटल कहा जाता है) लगाई जाती है। वह एक निश्चित रकम होती है, उसे ही बढ़ाकर पच्चीस हजार करोड़ रूपए कर दिया गया है।इसे डिवाइड कर दिया गया है, ढाई हजार करोड़ शेयरों में और प्रत्येक शेयर का प्राइस दस रुपए रखा है। अगर आप ढाई हजार करोड़ को दस से मल्टीप्लाई करेंगे, तो पच्चीस हजार करोड़ आ जायेगा।
ये जो ढाई हजार करोड़ Stocks हैं, ये भारत सरकार के हैं क्योंकि कंपनी में सौ प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की है। प्रत्येक शेयर की कीमत (Face value) दस रुपए है। अब आप कल्पना करके देखिए जब इसे Stock market में उतारा जाएगा, तो मान लेते हैं इसके एक शेयर का प्राइस सौ रुपए रखा गया।
इस तरह सरकार को एक शेयर पर नब्बे रूपए का फायदा हुआ। यदि भारत सरकार ने पच्चीस सौ करोड़ शेयरों में से पांच सौ करोड़ शेयरों को बेच दिया। तो इस तरह सरकार को 5000 x 90= 45000 करोड़ का फायदा हो जाएगा। यह मैने केवल एक अनुमान बताया है।
असली आंकड़े इससे अलग होगे।
Share market में लिस्टिंग
जब ये शेयर, स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होगे तो इनका प्राइस दस रुपए नहीं होगा। ऐसा भी संभव है कि उस समय LIC के शेयर का प्राइस सौ रुपए, डेढ़ सौ रुपए या इससे भी ज्यादा हो सकता है। यह लिस्टिंग के समय ही पता चलेगा।LIC policy holders को क्या फायदा होने वाला है। जब एलआईसी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होगी, तब इसके पॉलिसी होल्डर्स को बड़ा फायदा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके आईपीओ में इसके पॉलिसी होल्डर्स के लिए दस प्रतिशत हिस्सा सुरक्षित रखा जाएगा।
आजकल शेयर बाजार में बूमरन चल रहा है। लोग आईपीओ में बहुत सारा पैसा लगाने के लिए तैयार है। मेरे कहने का मतलब है कि कोई कंपनी आईपीओ में हजार शेयर बेचना चाहती है तो लोग दस हजार शेयर खरीदने को तैयार हैं। यानी शेयरों की डिमांड बहुत ज्यादा है।
किसी भी कंपनी के IPO में जब जारी होने वाले शेयरों की संख्या से ज्यादा, शेयरों की डिमांड होती है तब सभी को शेयर नहीं मिल पाते। तब निवेशकों को शेयर अलॉट करने के लिए लकी ड्रा निकाला जाता है ।
यदि आप LIC के पॉलिसी होल्डर् हैं, तो दस प्रतिशत रिजर्व हिस्से में से आपको शेयर अलॉट हो सकते हैं। इससे आपको शेयर अलॉट होने की उम्मीद बढ़ जाएगी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एलआईसी के आईपीओ में बंपर मुनाफा होगा।
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LIC के IPO में पैसा लगाने वालों का पैसा डबल भी हो सकता है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि कंपनी को अपने पॉलिसी होल्डर्स के लिए दस प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा रिजर्व रखना चाहिए। लेकिन कंपनी ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि SEBI का यह रूल है कि आईपीओ लाने वाली कंपनी चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट अपने लोगों के लिए दस प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा रिजर्व नहीं कर सकती।
सरकार ने LIC के लिए जो अमेंडमेंट किया है उसमे उसने भी नॉर्मल आईपीओ की तरह ही दस प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया है। एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स को दस प्रतिशत का एक और फायदा मिलेगा । मान लो रिटेल इन्वेस्टर्स को शेयर सौ रुपए की दर से अलॉट होते हैं, तो पॉलिसी होल्डर्स को दस प्रतिशत कम नब्बे रूपए की दर से शेयर अलॉट होगे।
इस तरह एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स को शेयर अलॉट होने के चांस भी ज्यादा हैं और डिस्काउंट भी मिलेगा। इस तरह LIC के initial public offering से इसके पॉलिसी होल्डर्स को दो गुने से अधिक फायदा हो सकता है।
सावरेन गारंटी एक बात और है कि एलआईसी के आईपीओ में आपका पैसा डुबेगा नहीं क्योंकि यह सरकारी कंपनी है। इसमें सावरेन गारंटी मिलेगी, इसके Stock Exchange पर लिस्ट होने के बाद भी।
आपकी पॉलिसी का पैसा स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद भी सुरक्षित रहेगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एलआईसी का आईपीओ बहुत बड़ा होगा। इसलिए यह दो भागों में आयेगा।
यानी कि यदि सरकार इसमें दस प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है, तो वह IPO के पहले भाग में पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकती है। दूसरे भाग में बाकी की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकती है। आईपीओ के दूसरे भाग को आईपीओ नहीं, Follow on Offer कहा जाता है।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि Life Insurance Corporation (LIC) के आईपीओ को लेकर इतना उत्साह क्यों है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह भारतीय शेयर मार्केट का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होने वाला है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जिन्हें भी इस आईपीओ में शेयर अलॉट होगे, उन्हें बड़ा मुनाफा हो सकता है। इससे इंश्योरेंस सेक्टर को काफी मजबूती मिल सकती है और इसके शेयरों की रीरेटग हो सकती है।
अभी हमारे देश में जनसंख्या के हिसाब इंश्योरेंस सेक्टर इतना विस्तृत नहीं है क्योंकि हमारे देश में इंश्योरेंस सेक्टर में निवेश बहुत कम है। हमारे देश में बहुत कम, करीब दो या तीन प्रतिशत लोग ही इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं।
इसमें भी करीब छियासाठ प्रतिशत लोग एलआईसी से इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं। इसके IPO के बाद प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां एलआईसी से इंश्योरेंस का बड़ा हिस्सा कैप्चर करने की कोशिश करेंगी। उम्मीद है, अब आप जान गए होंगे कि एलआईसी के आईपीओ का क्या स्टेट्स चल रहा है।
LIC का देश का सबसे बड़ा आईपीओ 4 मई 2022 को खुल रहा है
देश का अब तक का सबसे बड़ा और बहुचर्चित आईपीओ आज यानी 4 मई 2022 बुधवार को खुल रहा है। यह आईपीओ 9 मई को बंद होगा, इस आईपीओ में शेयर के प्राइस का दायरा 902 से 949 के बीच रखा गया है. इस आईपीओ में एलआईसी अपनी 3.5% हिस्सेदारी बेचकर 21000 करोड रुपए जुटाएगी।
LIC के आईपीओ में नॉर्वे और सिंगापुर के वेल्थ फंड का निवेश
आईपीओ में एंकर इन्वेस्टर के रूप में नॉर्वे के सावरेन वेल्थ फंड और सिंगापुर के सरकारी फंड में निवेश किया है। इसमें कुल 123 निवेशकों ने 949 रूपये के प्राइस पर एलआईसी के शेयरो के लिए आवेदन किया है। विदेशी फर्म्स के अतिरिक्त एंकर निवेशक आवंटन का 71% हिस्सा एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट, एचडीएफसी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी, कोटक ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी आदि, इंडिया की 15 म्यूच्यूअल फंड कंपनियों ने खरीदा है।
इस तरह एलआईसी के आईपीओ को एंकर निवेशकों की तरफ से अच्छा रिस्पांस मिला है। इससे ऐसा लगता है कि इस आईपीओ के निवेशकों को काफी अच्छा लिस्टिंग गेम मिल सकता है। इस आईपीओ में 5630 करोड रुपए के शेयर एंकर निवेशकों के लिए आवंटित होने थे। जिसका 100% हिस्सा आवंटित हो चुका है, एलआईसी के आईपीओ में 50% शेयर पात्र संस्थागत निवेशकों के लिए आवंटित किए गए हैं।
LIC IPO के पहले ही दिन दो तिहाई शेयरों के लिए बोलियां आई
सरकारी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी के आईपीओ के पहले ही दिन 67% शेयरों के लिए बोलियां आयीं। बिक्री के लिए उपलब्ध 16.20 लाख शेयरों में से 10. 86 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां आई। आईपीओ के पहले दिन एलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स आगे रहे। पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्व स्टॉक के मुकाबले 1.99 गुना stocks के लिए बोलियां आई। IPO के पहले दिन एलआईसी के कर्मचारियों का हिस्सा 1. 17 गुना सब्सक्राइब हुआ।
एलआईसी के शेयरों की कमजोर लिस्टिंग
एलआईसी के शेयर की 17,5, 2022 को स्टॉक एक्सचेंज पर कमजोर लिस्टिंग हुई है, जिसने इसके निवेशकों को काफी निराश किया है। LIC की कमजोर लिस्टिंग की पहले से ही आशंका थी. यह अपने इश्यू प्राइस से करीब 8% कम, 867 रुपए पर लिस्ट हुआ। एलआईसी के आईपीओ की लिस्टिंग सबकी नजर लगी हुई थी।
यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ था इसलिए इसकी बहुत ज्यादा चर्चा थी। ग्रे मार्केट में एलआईसी के शेयर की डिस्काउंट पर ट्रेडिंग हो रही थी। इसीलिए ग्रे मार्केट में इसके शेयर के प्राइस ट्रेंड को देखते हुए, इसकी कमजोर लिस्टिंग की पहले से ही आशंका थी।
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