द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक हिंदी में | The intelligent investor book

इस आर्टिकल में बेंजामिन ग्राहम द्वारा लिखित किताब "द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर" का सारांश सरल हिंदी भाषा में बताया गया है। इस किताब को बाइबल ऑफ इन्वेस्टिंग भी कहा जाता है। ऐसा कोई बड़ा निवेशक नहीं होगा, जिसने यह किताब ना पढ़ी हो। 

शेयर मार्केट के सबसे बड़े और सफल निवेशक वारेन बफेट अपनी सफलता का श्रेय इस किताब इंटेलिजेंट इन्वेस्टर को देते हैं। आइए जानते हैं- Benjamin Graham The intelligent investor book summery in Hindi. 'बेंजामिन ग्राहम लिखित बुक 'द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर' का सबसे अच्छा सारांश सरल हिंदी में
                                                                
The intelligent investor book summery in hindi


अगर आप भी वॉरेन बफेट की तरह शेयर मार्केट के एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको बेंजामिन ग्राहम द्वारा लिखित द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक को सम्पूर्ण रूप से जरूर पढ़ना चाहिए। 

The intelligent investor book शेयर मार्केट के निवेशकों के जीवन को बदलने वाली किताब रही है। लेकिन ज्यादातर लोगों को यह किताब पढ़ने में बहुत बोरिंग लगती है तथा इसके बहुत सारे शब्दों के अर्थ भी समझने में परेशानी होती है। एक नए व्यक्ति को जिसे शेयर मार्केट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उसे यह किताब समझ में नहीं आती है, इसलिए बोरिंग लगती है।

इस आर्टिकल में The intelligent investor किताब को संक्षेप में और सरल हिंदी भाषा में समझाया गया है। इस किताब को बेंजामिन ने कई चेप्टर में विभाजित करके लिखा है जोकि निम्नलिखित हैं- 

The intelligent investor में निवेश की परिभाषा  

इस किताब के शुरुआत के चैप्टर ने जो बात बेंजामिन ग्राहम ने बताई है। वह है, निवेश की परिभाषा- हम, आप में से ज्यादातर लोग समझते हैं कि कोई भी चीज खरीद लो उसे पाँच, दस साल के लिए रखे रहो। वह इन्वेस्टिंग (निवेश) होता है।

जबकि यह इन्वेस्टिंग बिल्कुल भी नहीं होता है, Banjamin Graham ने कहा है कि निवेश में तीन चीजों का होना बहुत जरूरी है। अगर यह तीन चीजें नहीं है, तो आप निवेश नहीं जुआ खेल रहे हैं। निवेश में सबसे पहली चीज जो होनी चाहिए, वह तो थरो एनालिसिस।

किसी भी कंपनी में यदि आप पैसा निवेश कर रहे हैं तो उसके पीछे कोई कारण होना चाहिए। इसके लिए उस कंपनी का गहन विश्लेषण करना चाहिए। अगर कंपनी का गहन विश्लेषण किए बिना उसमें निवेश कर रहे हैं तो वह निवेश नहीं है। ट्रेडिंग इन द ज़ोन

सेफ्टी ऑफ प्रिंसिपल (Safety of principal)

The intelligent investor बुक में बताया गया है कि आप जो पैसा कंपनी में निवेश कर रहे हैं। वह पैसा सुरक्षित रहना चाहिए, ऐसी बात उस इन्वेस्टिंग प्रोसेस में होनी चाहिए। यह बात लॉन्ग टर्म investment के बारे में कहीं जा रही है। शेयरों का प्राइस तो रोज ऊपर-नीचे होता रहता है। यदि 6 या 8 महीने के टाइम पीरियड को लेकर चले तो जो पैसा निवेश कर रहे हैं, वह सुरक्षित रहना चाहिए। इलियट वेव थ्योरी

एडक्वेट रिटर्न (पर्याप्त रिटर्न)

आपके द्वारा invest किए गए पैसे पर, आपको पर्याप्त रिटर्न भी मिलना चाहिए। पर्याप्त रिटर्न क्या होता है? पर्याप्त रिटर्न का एक थंबरूल होता है, आपको फिक्स ऐसेट से जो रिटर्न मिलता है। Investment में उससे कम से कम 5% ज्यादा रिटर्न मिलना चाहिए। जैसे कि यदि आपको एफडी से 7% रिटर्न मिल रहा है, तो 7% में और 5% जोड़ने पर 12% हो जाता है। यानी कि यदि आप इक्विटी में पैसा निवेश कर रहे हैं तो आपको कम से कम 12 प्रतिशत रिटर्न तो मिलना ही चाहिए।  

यदि आपके द्वारा शेयर बाजार में किए गए invest में अगर ये तीनों चीजें हैं। तो उसे इन्वेस्टिंग बोल सकते हैं। यदि यह तीनों चीजें नहीं है, तो उसे स्पैक्यूलेशन या गैंबलिंग बोला जाता है। यदि आप सिर्फ तुक्का मार रहे हैं कि इस कंपनी के शेयर में मैंने पैसा इन्वेस्ट कर दिया और मेरा शेयर चल जाएगा। कभी भी तुक्के वाला काम नहीं करना चाहिए तथा Share market में निवेश करते समय उपयुक्त तीन चीजें आपके निवेश पर लागू होंगी चाहिए। तभी शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहिए।

Mister Market 

The intelligent investor बुक का दूसरा चैप्टर है, mister market इसमें बेंजामिन ग्राहम का कहना है कि शेयर मार्केट आपको रोज जो भाव (शेयरों की कीमत) पेश करता है। आज यह शेयर 100 रूपये में ले लो, कल बोलेगा 110 रूपये में ले लो। फिर कभी बोलेगा कि 50 रूपये में ले लो, इस बात को उन्होंने 'मिस्टर मार्केट' वाली टर्मिलॉजी से बताया है।

Benjamin Graham कहते हैं कि मार्केट आपको रोज कंपनियों के शेयर अलग-अलग प्राइस पर पेश करता है। साथ ही वह यह भी कहते हैं कि ज्यादातर समय मिस्टर मार्केट सही होता है। यानी कि शेयरों के प्राइस, मार्केट 60/70% समय एकदम सही बताता है। 

कुछ दिन के लिए मिस्टर मार्केट इमोशनल प्रॉब्लम में पड़ जाता है। इस इमोशनल प्रॉब्लम के कारण वह आपको कभी बहुत सस्ते प्राइस पर शेयर ऑफर करता है और कभी बहुत महंगे प्राइस पर ऑफर करता है। यहीं पर आपको सही निर्णय लेना है, अगर यहां पर आपने गलती की तो आप को खराब रिजल्ट मिलेंगे। सेंसेक्स और निफ्टी 

Benjamin Graham कहते हैं कि जब मार्केट बहुत ज्यादा गिर (pessimistic) रहा हो। तब आपको शेयर खरीदने चाहिए और जब मिस्टर मार्केट बहुत ज्यादा चढ़ (optimistic) रहा हो। तब आपको शेयर नहीं खरीदने चाहिए। उस समय आपको अपने शेयर बेचकर प्रॉफिट बुक करना चाहिए। यह  जानकारी Benjamin Graham ने मिस्टर मार्केट के कांसेप्ट में The intelligent investor book में एक्सप्लेन की है।

मार्जिन ऑफ सेफ्टी (margin of safety)

सबसे महत्वपूर्ण बात जो लेखक ने इस किताब में बताई है। वह है, मार्जिन आफ सेफ्टी। जिसे सीख़कर निवेशकों की जिंदगी ही बदल गई। इन्वेस्टिंग को एक प्रोफेशनल रूप इस मार्जिन आफ सेफ्टी ने ही दिया है। आप में से कुछ लोग अपने विश्लेषण में कुछ ना कुछ गलती कर सकते हैं।

हो सकता है कि आपका एनालिसिस सही हो, किन्तु शेयर मार्केट की स्थितियां ही बदल जाए। जिसके कारण आपको नुकसान हो सकता है। कई कारण हो सकते हैं, आप जो उम्मीद कर रहे हैं। वैसा ही शेयर मार्केट में हो यह जरूरी नहीं है। Option trading के लिए सर्वश्रेष्ठ बुक

आप पहले से ही सेफ्टी लेकर चलें, जैसे कि किसी कंपनी को 1000 लोगों को ले जाने की क्षमता का जहाज बनाना है। तो क्या वह कंपनी सिर्फ 1000 लोगों को ले जाने की क्षमता वाला ही जहाज बनाएगी? यदि कभी उस जहाज में 1000 से ज्यादा लोग सवार हो गए तो वह जहाज पानी में डूब सकता है।

इसलिए कंपनी रिस्क नहीं लेगी और वह एक हजार से ज्यादा जैसे 1200/1300 लोगों को ले जाने की क्षमता का जहाज बनाएगी। जिससे जहाज में चढ़ने वाले लोगों की जान को कोई खतरा ना हो। The intelligent investor बुक में Benjamin Graham भी यही कहते हैं कि यह सुरक्षा आपको शेयर मार्केट में निवेश के दौरान भी मिलनी चाहिए। निफ्टी फिफ्टी

निवेश में सेफ्टी तब मिलेगी, जब आप किसी कंपनी का शेयर उसके फेयरप्राइस से नीचे खरीदेंगे। यदि किसी कंपनी का प्राइस 100 रूपये है। तो आप उसे 70/80 रूपये पर ही खरीदें और कोशिश करो कि इससे भी नीचे 50 रूपये पर ही उस share को खरीदने की कोशिश करें।

कभी भी उस शेयर को 100 रूपये  के प्राइस पर नहीं खरीदना चाहिए। फेयर प्राइस से कम पर शेयर खरीदने का फायदा यह है कि यदि आपने शेयर के विश्लेषण में कोई गलती की है, तो वह डिस्काउंट हो जाएगी। यदि कंपनी का बिजनेस भी थोड़ा बहुत खराब है तो फेयर प्राइस से कम पर शेयर को खरीदने के कारण आपको नुकसान होने की आशंका कम रहेगी।

यदि संपूर्ण बिजनेस का वातावरण भी खराब हो जाए। तब भी आपको शेयर को फेयर प्राइस से कम पर खरीदने के कारण सेफ्टी मिल जाएगी। इसलिए शेयर खरीदते वक्त मार्जिन आफ सेफ्टी का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

इन्वेस्टर्स के प्रकार

The intelligent investor बुक में बेंजामिन ग्राहम ने तीन प्रकार (Defensive, Enterprising, hybrid Investors) के इन्वेस्टर्स बताए हैं। जो निम्नलिखित हैं-

डिफेंसिव इन्वेस्टर्स (Defensive Investors)

डिफेंसिव इन्वेस्टर वह होता है, जिसे नुकसान से डर लगता है। जो रिसर्च नहीं करना चाहता, शेयर मार्केट को ज्यादा समय नहीं देना चाहता और ज्यादा रिस्क भी नहीं लेना चाहता है। ऐसे इन्वेस्टर को Benjamin Graham डिफेंसिव इन्वेस्टर कहते हैं। स्टॉक मार्केट की बेस्ट बुक

एंटरप्राइजिंग इन्वेस्टर्स (Enterprising Investors)

दूसरे तरह के इन्वेस्टर होते हैं एंटरप्राइजिंग इन्वेस्टर्स, ये इन्वेस्टर रिस्क लेना चाहते हैं। मेहनत करना चाहते हैं और रिसर्च के लिए समय भी देना चाहते हैं। इन्हें खुद पर काफी भरोसा होता है, बेंजामिन ग्राहम के अनुसार लंबे समय में एंटरप्राइजिंग इन्वेस्टर ज्यादा पैसा कमाते हैं। इन्हे डिफेंसिव इन्वेस्टर के मुकाबले बहुत ज्यादा अच्छा रिटर्न मिलता है। 


हाइब्रिड इन्वेस्टर्स (Hybrid Investors)

The Intelligent Investor बुक में भी बताये गए हैं जो कि हाइब्रिड इन्वेस्टर वे होते हैं। जो डिफेंसिव भी होते हैं और एंटरप्राइजिंग भी होते हैं। यह उस तरह के लोग होते हैं जो market के बारे में रिसर्च नहीं करते हैं। उनको ज्यादा जानकारी भी नहीं होती कि किस तरह से शेयर मार्केट में निवेश करना चाह्ते हैं। हाइब्रिड इन्वेस्टर शेयर मार्केट एक्सपर्ट की सलाह पर भी पैसे खर्च नहीं करना चाहते हैं।

ऐसे लोग टीवी में देखकर या सोशल मीडिया पर कोई जानकारी मिलने पर या किसी दोस्तों की सलाह पर भी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं। ऐसे लोगों को औसत से कम रिटर्न मिलता है या वह हमेशा नुकसान में ही रहते हैं। The Intelligent Investor बुक के लेखक बेंजामिन ग्राहम  कहते हैं कि आपको हाइब्रिड इन्वेस्टर तो बिल्कुल भी नहीं बनना चाहिए। मल्टीबैगर पैनी स्टॉक्स

वह कहते हैं कि आपको शेयरों को निवेश के लिए चुनने से पहले, उन पर रिसर्च करनी चाहिए। तब किस शेयर में इन्वेस्ट करना है, उसका निर्णय लेना चाहिए। अन्यथा आपको डिफेंसिव इन्वेस्टर की रणनीति का उपयोग करना चाहिए। आपको कभी भी हाइब्रिड शेयर मार्केट में निवेश नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस तरह शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करके आप एफडी के बराबर भी रिटर्न नहीं कमा पाएंगे। 

एंटरप्राइजिंग और डिफेंसिव इन्वेस्टर में अंतर

डिफेंसिव इन्वेस्टर ऑटो पायलट टाइप के होते हैं, वह ऐसा पोर्टफोलियो बनाते हैं। जिसमें ऐसे शेयर हो,  जिनके बारे में ज्यादा सोच विचार करने की जरूरत ना पड़े और लगातार निरीक्षण की भी जरूरत ना पड़े, इस तरह की कंपनियों में वे इन्वेस्ट करना चाहते हैं। ग्रे मार्केट प्रीमियम

जबकि एंटरप्राइजिंग इन्वेस्टर मेहनत कर सकता है इसलिए वह ऐसा पोर्टफोलियो पसंद नहीं करता ज्यादा है।एंटरप्राइजिंग इन्वेस्टर मेहनत करके सर्च करता है इसलिए उसे डिसीजन लेने में कोई प्रॉब्लम नहीं होती है। डिफेंसिव इन्वेस्टर इमोशनल होता है इसलिए वह फीयर एंड ग्रीड आदि से प्रभावित होता है।

एंटरप्राइजिंग इन्वेस्टर फियर एंड ग्रीड से प्रभावित नहीं होता है। वह इंटेलेक्चुअल होता है क्योंकि वह नॉलेज पर भरोसा रखता है। वह इंटेलिजेंस पर भरोसा रखता है, उसमें सब्र होता है। डिफेंसिव इन्वेस्टर को एवरेज रिटर्न ही मिलते हैं। लेकिन इंटरप्राइजेज इन इन्वेस्टर को एवरेज से ज्यादा अच्छे रिटर्न मिलते हैं।

अधिकतम रिटर्न पाने की Strategies

The Intelligent Investor बुक में बेंजामिन ग्राहम ने पांच रणनीतियाँ ( बतायी हैं, जिन्हें आप अपने नेचर के अनुसार उपयोग करके शेयर मार्केट से अच्छे रिटर्न कमा सकते हैं। ये रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं।

1. स्ट्रेटजी

पहली रणनीति उन्होंने डिफेंसिव इन्वेस्टर्स के लिए दी है। इस स्ट्रेट्जी में बहुत कम मेहनत की जरूरत होती है। इसमें आपको कोई रिसर्च भी नहीं करनी है और ज्यादा दिमाग की भी नहीं लगाना है। आप को ज्यादा समय देने की भी जरूरत नहीं है। Benjamin Graham कहते हैं कि इस स्ट्रेटजी के अनुसार आपको इंडेक्स फंड में निवेश करना चाहिए।

इंडेक्स फंड बोले तो इंडिया के हिसाब से निफ़्टी बीज (NIFTY BEES) बैंक बीज (BANK BEES) या म्यूचुअल फंड का इंडेक्स फंड ले सकते हैं। इसमें आपको एवरेज रिटर्न मिलेंगे या इंडेक्स जैसा चलेगा वैसे रिटर्न मिलेंगे। इस स्ट्रेटजी में आपको मेहनत बिल्कुल भी नहीं करनी पड़ेगी। बस आपको चुपचाप इंडेक्स फंड में इन्वेस्ट करना है। इंडियन रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन 

2. रणनीति (स्ट्रेटजी)

दूसरे स्ट्रेटजी में आपको थोड़ी मेहनत करनी है यहां पर The Intelligent Investor बुक में लिखा है कि ऐसी कंपनी में निवेश करिए, जिसका रेवेन्यू कम से कम 500 मिलियन डॉलर का हो। इससे कम रेवेन्यू हो तो उस कंपनी में इन्वेस्ट ना करें। कंपनी के पास लायबिलिटीज के मुकाबले दोगुने एसेट्स होने चाहिए।

कंपनी की लॉन्ग टर्म बॉरोइंग (Borrowing) उसके नेट करंट ऐसेट से कम होनी चाहिए। वह कंपनी पिछले 10 साल से लगातार प्रॉफिटेबल होनी चाहिए और वह कंपनी पिछले 10 साल से लगातार डिविडेंड पे कर रही होनी चाहिए। कंपनी के ईपीएस (EPS) में सालाना कम से कम तीन प्रतिशत की ग्रोथ होनी चाहिए।

प्रत्येक 10 साल के पीरियड में कम से कम तीस 30/35% की ग्रोथ दे रही हो। साथ ही कंपनी का पीई (PE) 15 से कम होना चाहिए। कंपनी का प्राइस अपनी बुक वैल्यू से 1.5 टाइम्स नीचे हो तब ही आपको कंपनी में निवेश करना चाहिए। इस स्टडी के अनुसार आपको अपने पोर्टफोलियो में कम से कम 10 और ज्यादा से ज्यादा 30 कंपनियों के शेयर रखने चाहिए। यह स्ट्रेटजी इंडेक्स फंड से थोड़ा बेहतर रिटर्न आपको दे सकती है।

3. रणनीति (स्ट्रेटजी)

The Intelligent Investor बुक में तीसरी स्ट्रेटजी जी एंटरप्राइजिंग इन्वेस्टर के लिए बताई गई है। इस स्ट्रेटजी में रिस्क थोड़ा ज्यादा होता है और रिसर्च वर्क भी ज्यादा होता है। इंटेलीजेंट इन्वेस्टर बुक में बताया गया है कि इन्वेस्ट करने के लिए ऐसी कंपनी चुन्नी चाहिए। जिस कंपनी के वर्तमान एसेट्स उसकी लायबिलिटीज के 1.5 टाइम्स से ज्यादा हो।

उस कंपनी का कर्ज उसके एसेट्स से 1.1 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यानी कंपनी पर अपने वर्तमान संपत्तियों के मुकाबले 110% से ज्यादा कर्ज नहीं होना चाहिए। कंपनी ने पिछले 5 वर्षों से मुनाफे में होनी चाहिए। यानी पिछले 5 साल से लगातार कंपनी प्रॉफिट में हो तथा पिछले 5 साल से लगातार डिविडेंड भी दे  रही हो। 

साथ ही कंपनी की अर्निग्स में ग्रोथ होनी चाहिए, ग्रोथ चाहे कम हो परंतु होनी चाहिए। इस कंपनी को उसके फिक्स्ड एसेट्स के 1.2  से कम पर ही लेना चाहिए। सरल शब्दों में कहे तो कंपनी के शेयर उसकी बुक वैल्यू से कम पर ही खरीदना चाहिए। The Intelligent Investor बुक में बताया गया है कि इस स्ट्रेटजी के लिए आपको 20 कंपनियों के शेयरों में निवेश करना चाहिए। Warren Buffett के investing के नियम

4. रणनीति (हाई रिस्क हाई रिटर्न)

इस स्ट्रेटजी को भी एंटरप्राइजिंग इन्वेस्टर्स के लिए बनाया गया है। इसमें Benjamin Graham कहते हैं कि ऐसी कंपनियों के शेयर लीजिए। जो अपनी नेट करंट वैल्यू से नीचे चल रहे हो। यानी कि जितना कंपनी का नेट करंट ऐसेट है, उसके नीचे उसका मार्केट कैप होना चाहिए। ऐसी कंपनियों में आप इन्वेस्ट कर सकते हैं।  

इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि कंपनी पिछले दो साल से नुकसान में ना गई हो। यह एक जोखिम भरी रणनीति है इसलिए  आपको अपना पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड रखना चाहिए। आपको इस स्ट्रेटजी में 30 कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्ट करना चाहिए।

 5. रणनीति ( सिचुएशनल इन्वेस्टिंग)

 इस स्ट्रेटजी में आपको कोई रिसर्च नहीं करनी है। आपको केवल कुछ सूचनाओं पर नजर रखनी है। जैसे किसी छोटी कंपनी को कोई बड़ी कंपनी खरीद रही है। तो ऐसी डील सामान्यतः प्रीमियम प्राइस पर होती हैं। इससे छोटी कंपनियों के शेयर बढ़ते हैं, ऐसी कंपनियों में आप निवेश कर सकते हैं। 

यदि कोई कंपनी किसी कानूनी पचड़े में फंसी हो जो सॉल्व हो सकता हो तो ऐसी कंपनी में आप निवेश कर सकते हैं। यदि कोई कंपनी अपनी वैल्यू अनलॉक कर रही है। यानी अपनी सब्सिडरीज को IPO लाकर Share market में लिस्ट करा रही है। ऐसी कंपनी में भी आप इन्वेस्ट कर सकते हैं। 

इंटेलीजेंट इन्वेस्टर बुक में बताया गया है कि सिचुएशनल इन्वेस्टिंग आपको कम करनी चाहिए। इस तरह के दो या चार कंपनियों के शेयरों में आप इन्वेस्ट कर सकते हैं। situational investing आपको अकेले फॉलो नहीं करनी चाहिए। इसे आपको किसी दूसरी स्ट्रेटजी के साथ उपयोग करना चाहिए। सरल शब्दों में कहने का मतलब यह है कि उपर्युक्त चार स्ट्रेटजी में से किसी एक स्ट्रेटजी के साथ मिलाकर पांचवी स्ट्रेटजी का उपयोग करना चाहिए।

Stock buying को बिज़नेस खरीदने के समान समझे

"द इंटेलीजेंट इन्वेस्टर" बुक में बताया गया है कि आपके शेयर खरीदने का मतलब बिजनेस खरीदने का होना चाहिए। अगर आप investment को बिजनेस पार्टनरशिप की तरह समझेंगे। तो आपको बहुत अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। ग्राहम कहते हैं कि आप इन्वेस्टिंग को एक बिजनेस के तौर पर लीजिए और बहुत ही गंभीरता के साथ शेयरों में इन्वेस्ट कीजिए। वारेन बुफेट पोर्टफोलियो

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