Stock Market Sentiment: स्टॉक मार्केट सेंटीमेंट का विश्लेषण कैसे करें?

इस आर्टिकल में स्टॉक मार्केट सेंटीमेंट क्या है और इसका विश्लेषण आप कैसे कर सकते हैं। स्टॉक मार्केट ट्रेंड बुलिश या बियरिश। मार्केट के बारे में प्रत्येक ट्रेडर का अपना-अपना नजरिया होता है, कोई कहता है कि यह बीयर मार्केट है। 

सभी को नुकसान उठाना पड़ेगा, कोई कहता है कि मुझे मार्केट में चमक दिखाई दे रही है। ऐसे लोग Share market पर बुलिश होते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं- स्टॉक मार्केट सेंटीमेंट का विश्लेषण कैसे करें? Stock Market sentiment analysis kaise kare in Hindi?

                                                                                            
Stock Market Sentiment


क्या आपको कभी इस बात पर हैरानी हुई कि कुछ लोग आसानी से अमीर क्यों बन जाते हैं और कुछ लोग जिंदगी भर आर्थिक तंगी में फंसे रहते हैं। अगर आप यह जानना चाहते हैं तो आपको टी. हार्व. एकर द्वारा लिखित बेस्ट सेलिंग बुक सीक्रेट्स ऑफ़ द मिलेनियर माइंड जरूर पढ़नी चाहिए। 

Stock Market Sentiment क्या है?

मार्केट सेंटीमेंट दर्शाता है कि ज्यादातर ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स किसी स्टॉक, सेक्टर या सम्पूर्ण मार्केट के बारे में क्या सोच रहे हैं। यह मार्केट पर समग्र दृष्टिकोण और मनोदशा को बताता है। इसी के साथ नीतिगत निर्णय, प्राकृतिक आपदाएँ, युद्ध, आर्थिक नीतियां, आदि घटनाओं का मार्केट सेंटीमेंट पर प्रभाव पड़ता है। 

जिस तरह प्रत्येक ट्रेडर का stock market को देखने का अपना-अपना नजरिया होता है। जिस ट्रेड पर ट्रेडर को दृढ़ विश्वास होता है कि मेरा ट्रेड सही जाने वाला है। क्योंकि ट्रेंड लाइन के हिसाब से भी ट्रेड सही बनता है फिर भी उनको लॉस हो जाता है। डोव थ्योरी

प्रत्येक स्टॉक ट्रेडर को इस बात का अनिवार्य रूप से पता होना चाहिए कि सभी व्यूज, आइडिया और ऑपिनियंस को मिलाकर ही (सभी मार्केट पार्टिसिपेंट) मार्केट बनता है। जिसे मार्केट सेंटीमेंट ( Stock Market sentiment) कहते हैं। यानी मार्केट के सभी पार्टिसिपेंट्स की मिली-जुली भावनाओं को ही हम मार्केट सेंटीमेंट कहते हैं। 

Stock Market Sentiment के प्रति सही दृष्टिकोण कैसे विकसित करें?

एक ट्रेडर के रूप में आपका यह काम है कि आपको यह पता होना चाहिए कि मार्केट क्या फील कर रहा है? इंडिकेटर्स क्या संकेत दे रहे हैं और ट्रेडर्स इकोनामी पर बियरिश हैं या बुलिश। आप  इसे इस तरह समझ सकते हैं कि इस वक्त मार्केट को क्या सोचना चाहिए? लेकिन क्या आप मार्केट के रिएक्शन के लिए रेस्पॉनसेबिल्टी ले सकते हैं कि अब मार्केट में क्या होने वाला है। फिबोनाची रिट्रेसमेंट

आप केवल शेयर मार्केट के सेंटीमेंट को समझकर ही, ट्रेंड में एकदम सही एंट्री और एग्जिट नहीं ले सकते। लेकिन एक सेंटीमेंट बेस्ड अप्रोच आपको यह निर्णय लेने में मदद कर सकती है। मार्केट का झुकाव (trend) किस तरफ है और किस तरफ नहीं है? आपको मार्केट के सेंटीमेंट का विश्लेषण करते समय टेक्निकल और फंडामेंटल दोनों पहलुओं पर विचार करके निर्णय लेना चाहिए।

सभी बड़े प्लेयर्स का रोल टीम के खिलाड़ियों की तरह अलग-अलग होता है, बड़े प्लेयर्स के व्यवहार को देख-समझकर आप Stock Market sentiment को समझ सकते हैं। आपकी सोच बड़े प्लेयर्स (FII & DII) के समीप होनी चाहिए। 

बड़े प्लेयर्स उधर ट्रेडिंग करते हैं जिधर पैसा होता है, लॉन्ग साइड में या शार्ट साइड में। मार्केट सेंटीमेंट को समझने के लिए आपको निम्नलिखित शब्दों (मार्केट टर्म्स) का मतलब समझना बेहद जरूरी है- 
  • कमर्शियल: इनके बड़े बिजनेस होते ,हैं यह कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजह से करेंसी या कमोडिटी फ्यूचर को हेज करते हैं।
  • नॉन कमर्शियल यह स्वतंत्र ट्रेडेड फंड्स तथा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन होते हैं। इनके बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह ट्रेडर स्पेक्युलेटिव गेन (gain) के लिए ट्रेड करते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो आपको इन्हीं ट्रेडर्स को पसंद या फॉलो करना चाहिए।
कुछ समय पहले मैंने एक आर्टिकल लिखा था, जिसमें तीन तरह के स्टॉक एनालिसिस के बारे में बताया था। मार्केट सेंटीमेंट भी उन तीनों में से एक प्रकार है, बाकी जो दो तरह के एनालिसिस होते हैं। उनमें एक होता है, फंडामेंटल एनालिसिस और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस। लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए फंडामेंटल एनालिसिस और शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग के लिए टेक्निकल एनालिसिस आपको अवश्य सीखना चाहिए। 

Stock Market Sentiment एनालिसिस क्यों जरूरी है?

आप चाहे लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट करें या शार्ट-टर्म इंट्राडे ट्रेडिंग करें या स्विंग ट्रेडिंग करें। प्रत्येक स्थिति में आपको मार्केट सेंटीमेंट का विश्लेषण अवश्य करना चाहिए। यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग BTST, STBT, स्विंग ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपको टेक्निकल एनालिसिस भी जरूर करना चाहिए। इसके साथ ही आपको मार्केट सेंटीमेंट का एनालिसिस भी जरूर करना आना चाहिए। 

यदि आप लॉन्ग-टर्म निवेश कर रहे हैं, तब आपको फंडामेंटल एनालिसिस करना जरूर आना चाहिए। तब भी आपको मार्केट सेंटीमेंट का एनालिसिस जरूर करना चाहिए, वरना आपके ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के निर्णय गलत हो सकते हैं। इलियट वेव थ्योरी

Market Sentiment Analysis करने के तरीके 

शेयर मार्केट सेंटीमेंट एनालिसिस करने के वैसे तो अनेक तरीके हो सकते हैं किन्तु यहाँ में आपको ग्यारह महत्वपूर्ण तरीके बता रही हूँ। वैसे तो मार्केट सेंटीमेंट को जानने के सभी तरीके महत्वपूर्ण हैं। फिर भी मैं आपको बताना चाहूंगी कि आप दूसरे और छठे तरीके को बिल्कुल नजर अंदाज ना करें। मार्केट सेंटीमेंट को जानने के निम्नलिखित ग्यारह तरीके हैं- 

1. Delivery Percentage: डिलीवरी पर्सेंटेज से आप पता लगा सकते हैं कि इस शेयर में ट्रेडर्स या स्पैकुलेटर्स ज्यादा है, या इन्वेस्टर्स ज्यादा है। अगर किसी शेयर में डिलीवरी प्रतिशत कम है तो उस स्टॉक में सामान्यतः इंट्राडे या बीटीएसटी ट्रेड करना चाहिए। अगर किसी शेयर में डिलीवरी प्रतिशत ज्यादा है तो उस शेयर में स्विंग ट्रेडिंग या लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। बीएसई सेंसेक्स

डिलीवरी प्रतिशत से आपको पता लग जाएगा कि इस शेयर में इन्वेस्टर्स या स्पैकुलेटर्स दांव लगा रहे हैं। इस तरह आप किसी भी शेयर में क्या सेंटीमेंट है? इसका अनुमान लगा सकते हैं, इस तरह आप समझ सकते हैं कि यदि शेयर में डिलीवरी प्रतिशत से Stock market sentiment का विश्लेषण कर सकते हैं। कम है तो आप उसमें इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं। 

2. ओपन इंटरेस्ट में बदलाव (OI): ज्यादातर Invertors & Traders केवल ओपन इंट्रेस्ट के डाटा को चेक करते हैं। ज्यादातर लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते कि कल और आज के डाटा में क्या बदलाव आया है? यही उनकी सबसे बड़ी गलती होती है, जिसके कारण उन्हें अपनी पोजीशन में नुकसान उठाना पड़ता है। 

मेरे हिसाब से ओपन इंटरेस्ट में जो चेंज होता है, वह Stock market sentiment को समझने के लिए सबसे बड़ा सिग्नल होता है। कितनी नई पोजीशन ओपन हुई और कितनी पोजीशन क्लोज हुई। मार्केट सेंटीमेंट को समझने के लिए यह जानना सबसे महत्वपूर्ण होता है। 

3. न्यूज़ स्पैक्यूलेशन: न्यूज़ स्पैक्यूलेशन का शेयरों के प्राइस पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। जैसे कि किसी शेयर पर या किसी पूरे सेक्टर पर मार्केट के सभी पार्टिसिपेंट बहुत bullish है। अगर स्टॉक्स के  बारे में कोई बुरी न्यूज़ आ जाती है। तब उस न्यूज़ की वजह से उस stock या पूरे सेक्टर का सेंटीमेंट बदल सकता है। इसके साथ ही उस शेयर या पूरे सेक्टर का ट्रेंड भी बदल सकता है। स्केल्पिंग ट्रेडिंग

किन्ही भी शेयरों में यदि कोई न्यूज़ है और आप उस न्यूज़ के हिसाब से, उन शेयरों में पोजीशन बनाना चाहते हैं। तब आपको उस न्यूज़ की ऑथेंटिकेशन को जरूर जाना चाहिए। उसके बाद ही उसमे पोजीशन बनानी चाहिए।

4. FII& DII's buying & selling: मार्केट सेंटीमेंट को समझने के लिए आपको यह भी पता लगाना चाहिए कि स्मार्ट मनी किधर जा रहा है। एफआईआई और डीआईआई, मार्केट में इस समय किन शेयरों को खरीद रहे हैं।  इसके साथ ही इस बात पर भी गौर करें कि FII & DII किन शेयरों को बेच रहे हैं?

यह समझने के लिए आपको यह पता करना चाहिए कि म्यूच्यूअल फंड्स किन शेयरों को खरीद रहे हैं और किन्हें बेच रहे हैं। इससे आपको मार्केट सेंटीमेंट को समझने में काफी सहायता मिलेगी।

5. Volatility Index or VIX: वोलेटीलिटी इंडेक्स या विक्स को फीयर इंडेक्स भी कहा जाता है। यह शेयर मार्केट के आने वाले तीस दिनों तक उसकी वोलेटीलिटी कैसी रह सकती है। इसे बताने वाला रियल टाइम इंडेक्स है। बहुत से लोग इसे ज्यादा महत्व नहीं देते हैं किंतु Stock Market sentiment analysis में इसका बहुत महत्व है। 

VIX यह शेयर मार्केट की वोलेटीलिटी को मापने वाला इंडेक्स है। VIX के हाई होने का मतलब है, मार्केट में हाई वोलेटीलिटी, इससे stock market में भय का वातावरण बनता है। VIX के लो होने का मतलब मार्केट में कम वोलेटीलिटी इससे मार्केट में कॉन्फिडेंस कायम रहता है। 

6. मूविंग एवरेज: मूविंग एवरेज (MA) एक स्टॉक इंडिगेटर होते हैं। जो सामान्यतः टेक्निकल एनालिसिस में यूज़ किये जाते हैं। इसमें share के औसत प्राइस डाटा के आकड़ों का कैलकुलेशन करके मूविंग एवरेज को निकला जाता है। मेरे हिसाब से किसी भी शेयर के मूविंग एवरेज को मेनूप्लेट करना असंभव है। 

अतः यह market sentiment analysis करने का सबसे अच्छा तरीका है। आप अपनी ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के समय के हिसाब से मूविंग एवरेज का उपयोग कर सकते हैं। शार्ट-टर्म मूविंग एवरेज (SMA) (5-20 दिन) शार्ट-टर्म ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा रहता है। इसी तरह long-term इन्वेस्टिंग के लिए 100 या इससे ज्यादा दिन का moving Average अच्छा रहता है।

7. सरकारी नीतियां: सरकार की नीतियों का शेयर बाजार और शेयरों के प्राइस पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए आप जिस भी सेक्टर या शेयर में निवेश कर रहे हैं। उसके बारे में जान ले कि सरकार की नीतियों की वजह से उसे क्या लाभ या नुकसान हो सकता है? ईएमए

जैसे कि शुगर सेक्टर में सरकार द्वारा गन्ने पर दी जाने वाली सब्सिडी और शुगर के आयात- निर्यात पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी का बहुत प्रभाव पड़ता है। इसी तरह आप जिस भी शेयर या सेक्टर में निवेश का निर्णय लेना चाह रहे हैं। उसके ऊपर भी सरकार की नीतियों का अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ सकता है। 

8. रिसर्च रिपोर्ट: जब भी आप किसी कंपनी या सेक्टर की रिसर्च रिपोर्ट देखें तो यह सुनिश्चित करें कि वह किसी विदेशी विश्वसनीय रेटिंग एजेंसी ने प्रकाशित की हो। तभी आप उस रिसर्च रिपोर्ट को फॉलो करें। आपको बहुत सारी रिसर्च रिपोर्ट मिल जाएंगे लेकिन आप पहचानना सीख ले कि कौन सी रिपोर्ट आपके काम की है और कौन सी नहीं। आईपीओ अलॉटमेंट चैक वेबसाइट

9. ऑनलाइन फोरम को नजरअंदाज करें: बहुत सारे ऑनलाइन फोरम होते हैं, जहां पर stocks और शेयर मार्केट के बारे में चर्चा होती रहती है। इन फोरम में जो भी लिखा जा रहा है, आपको उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
क्योंकि मार्केट के बड़े खिलाड़ी एफआईआई और डीआईआई इनमें अपनी राय नहीं रखते हैं। इन फोरमों में मेरे और आप जैसे रिटेल निवेशक और ट्रेडर्स अपनी राय लिखते हैं। 

ऐसे लोग अपनी पोजीशन के हिसाब से यहां पर अपनी राय लिखते हैं। अतः इन फोरमों में जो सेंटीमेंट दिखाई देता है। वह उनका सेंटीमेंट होता है ना कि Stock Market sentiment. ऐसी ही बहुत सारे चैनल के कमेंट बॉक्स और वेबसाइट पर भी लोगों के विचार लिखे होते हैं। 

वह भी उनके अपने सेंटीमेंट होते हैं न की मार्केट सेंटीमेंट। अतः आपको इन सेंटीमेंट से प्रभावित होकर market sentiment analysis ना करें और ना ही किसी शेयर में पोजीशन बनानी चाहिए। ट्रेंड रिवर्सल

10. इन्वेस्टर्स का इंट्रेस्ट: किसी भी शेयर की वॉल्यूम को देखकर आप उस शेयर में इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स का रुझान किस तरफ है, यह आसानी से पता लगा सकते हैं। उसी शेयर में निवेश करना चाहिए। जिसका प्राइस अच्छे ट्रेडिंग वॉल्यूम के साथ ऊपर चल रहा हो। 

जिन शेयरों में ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स का इंटरेस्ट नहीं होता है, उनका वॉल्यूम काफी कम होता है और ऐसे शेयरों में मैनिपुलेशन का खतरा होता है। किसी भी शेयर का Stock market sentiment analysis करने के लिए उसके ट्रेडिंग वॉल्यूम को जरूर चेक करना चाहिए।

11. स्टॉक प्राइस: किसी भी शेयर या index का पprice ही आपको बता देगा कि आजकल उसके बारे में कैसा मार्केट सेंटीमेंट है? यदि शेयर या इंडेक्स का प्राइस (जैसे निफ्टी फिफ्टी) नीचे जा रहा है तो उससे आपको पता चल जाएगा कि उसके बारे में मार्केट सेंटीमेंट खराब है। 

इसी तरह यदि किसी भी शेयर या इंडेक्स का प्राइस ऊपर की तरफ जा रहा है, तो आप समझ जाएंगे कि इसका मार्केट सेंटीमेंट अच्छा है। इस तरह शेयरों और इंडेक्स का प्राइस अपने आप बता देता है कि मार्केट सेंटीमेंट कैसा है? इस तरह आप मार्केट सेंटीमेंट का विश्लेषण कर सकते हैं। 

उम्मीद है, आपको यह Stock Market Sentiment क्या है मार्केट सेंटीमेंट का विश्लेषण कैसे करें? आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपको यह Stock Market sentiment analysis kaise kare in Hindi? आर्टिकल पसंद आया हो, तो इसे सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करें। 

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