वॉरेन बफेट वे बुक समरी | The Worren Buffett way book summary
शेयर मार्केट में लोग जब भी इन्वेस्टिंग की बात करते हैं तो एक ही नाम उभरकर आता है। वह है, दिग्गज अमेरिकी इन्वेस्टर वॉरेन बफेट का नाम। जब हम वॉरेन बफेट की बात करते हैं तो उनके इन्वेस्टिंग सीक्रेट्स को जानने की कोशिश करते हैं।
लेकिन ज्यादातर लोग वही पुरानी घिसीपिटी बातें और उनके कोट्स को दोहराते हैं। जिनका ज्यादातर लोग मतलब भी नहीं समझ पाते हैं। बफेट के इन्वेस्टिंग सीक्रेट्स के ऊपर "द वॉर्रेन बफेट वे" नाम से एक बुक लिखी गयी है।आइए विस्तार से जानते हैं- वॉरेन बफेट वे बुक का सारांश। The Worren Buffett way book summary in Hindi. यह फाइनेंस और investing पर लिखी गयी बेहतरीन बुक है। मेरा सुझाव है इस समरी को पढ़ने के बाद आप इस बुक को सम्पूर्ण रूप से जरूर पढ़ें।
अगर आप वॉरेन बफेट के शेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग के रहस्यों और तरीकों के बारे में सम्पूर्ण जानकारियाँ चाहते हैं तो आपको द वॉरेन बफेट वे बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
The Worren Buffett way बुक के बारे में
बफेट स्टॉक्स कैसे चुनते हैं? उनका विश्लेषण कैसे करते हैं? स्टॉक्स की इन्ट्रिंसिक वैल्यू कैसे निकालते हैं? किस प्राइस पर बफेट स्टॉक्स को खरीदते हैं? यह कोई नहीं समझाता, जबकि ये सभी बातें बफेट लैटर टू बर्कशायर हैथवे में अपने शेयरहोल्डर्स के साथ प्रतिवर्ष शेयर करते हैं।
उन लैटर्स से महत्वपूर्ण लैशन्स को पिक करके Robert G. Hagstrom ने THE WORREN BUFFETT WAY नाम से बुक लिखी है। इस आर्टिकल में इस बुक के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों को शामिल किया गया है। इस आर्टिकल में आपको शेयर मार्केट इन्वेस्टिंग के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। प्रत्येक वर्ष फोर्ब्स मैगजीन दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट जारी करती है।
जिसमें प्रत्येक वर्ष नए-नए लोगों के नाम जुड़ते रहते हैं और पुराने लोगों के नाम बाहर होते रहते हैं। लेकिन पिछले तीस वर्षों से वॉरेन बफेट का नाम कभी इस लिस्ट के टॉप टेन से बाहर नहीं हुआ है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि Stock market बहुत रिस्की है क्योंकि इसमें पैसे डूबने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
लेकिन फिर भी Worren Buffett साहब का नाम सबसे ज्यादा समय से वर्ल्ड के रिचेस्ट लोगों की लिस्ट में है। अभी भी वह दुनिया के छटे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। बॉर्रेन बफेट ने अपनी सारी दौलत शेयर मार्केट investing से ही कमाई है। द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर
Worren Buffett के Investing लेशन
स्टॉक नहीं बिजनेस खरीदें
दुनिया में जितने भी लोग अमीर बनते हैं, वो कोई ना कोई बिजनेस करके ही बनते हैं। नौकरी से कोई अमीर नहीं बनता है। बिजनेस स्टार्ट करके ही अमीर बनते है इसलिए बफेट कहते हैं- "Don't buy a stock buy a business" सैलरी से व्यक्ति सिर्फ अपना खर्चा ही निकाल सकता है।
The Worren Buffett way बुक में बताया गया है, जो लोग अपना बिजनेस स्टार्ट नहीं कर सकते वे क्या करें? वे दूसरों के बिजनेस में पार्टनर बन सकते हैं। इसलिए बफेट कहते हैं, अमीर बनने के लिए आपको ट्रेडिंग माइंडसेट को इन्वेस्टिंग माइंडसेट में बदलना होगा। इसका मुख्य कारण यह है, ट्रेडिंग से आप इतना नहीं कमा सकते जितना investing से कमा सकते हो।
आप रिकॉर्ड चैक करके देख सकते हैं कि कितने लोग ट्रेडिंग से अमीर बनें हैं और कितने लोग ट्रेडिंग से अमीर बनें हैं। बफेट भी इन्वेस्टिंग से अमीर बनें हैं और भारत के वॉर्रेन बफेट Rakesh Jhunjhunwala जी का नाम तो आपने सुना ही होगा। वे भी शेयर मार्केट इन्वेस्टिंग से ही अमीर बनें थे।
शुरुआत में बफेट भी stocks को बहुत जल्दी बेच देते थे। एक बार मीटिंग में उन्होंने कहा भी था कि यह उनकी बहुत बड़ी गलती थी। जब Worren Buffett ने स्टॉक्स को long-trem के लिए होल्ड करना शुरू किया तब उनकी कंपनी Berkshire Hathaway की वैल्यू कम्पाउंडिंग के जरिये तेजी बढ़नी शुरू हुई।
उन्होंने आगे कहा कि वे स्टॉक्स के जरिये बिजनेस में इन्वेस्ट करते हैं। क्या आपने कोई भी बिजनेसमैन देखा है जो अपने स्टॉक्स में ट्रेडिंग करता रहता है। अतः आपको भी किसी स्टॉक को खरीदने से पहले उसके बिजनेस को अच्छी तरह से समझना चाहिए।
Buffett बिजनेस को कैसे समझते हैं?
The Worren Buffett way बुक ने बताया गया है। बफेट किसी भी बिजनेस को निम्नलिखित चार विशेषताओं या गुणों के आधार पर परखते हैं-
- बिजनेस की क्वालिटी
- मैनेजमेंट की क्वालिटी
- फाइनेंसियल क्वालिटी
- वैल्युएशन (रीजनेबल प्राइस)
यदि आप जानकारी करोगे कि दुनिया के जितने भी बड़े लोग हैं। जैसे कि एलोन मास्क, जैफ बेंजोस, मुकेश अंबानी आदि ये कभी भी एक साथ कई बिजनेस शुरू नहीं करते है। एक बिजनेस को स्थापित करने के बाद ही दूसरे बिजनेस में हाथ डालते हैं। तभी आज ये इतने बड़े और सफल बिजनेस मैन हैं। रिच डैड पुअर डैड
अनिल अंबानी के असफल होने का सबसे बड़ा कारण भी एक साथ कई बिजनेस शुरू करना ही है। Worren Buffett पहले किसी एक बिजनेस को चुनते हैं। उसे अच्छी तरह समझते हैं, उसके बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करते हैं। अगर वह उन्हें पसंद आता है, तब वह उसे खरीदने के बारे में सोचते हैं।
Buffett Company कैसे चुनते हैं?
The Borren Buffett Way बुक में बताया गया है। अगर बफेट को investment के लिए बेस्ट कंपनी चुननी है। तो वे कंपनी की निम्नलिखित चीजों के बारे में जानकारी करनी एकत्र करते हैं-
बिजनेस क्वालिटी
बफेट उस कंपनी के स्टॉक में इन्वेस्ट नहीं करते हैं। जिसके बिजनेस को वह समझ नहीं पाते हैं। फिर चाहते वह स्टॉक कितना भी प्रसिद्ध हो, वह कंपनी कितनी ही बड़ी और प्रॉफिटेबल हो। वह स्टॉक सस्ता भी मिल रहा हो। अगर वह कंपनी के प्रोडक्ट, सर्विसेज को समझते हैं, तभी उसमें इन्वेस्ट करते हैं।
Buffett यह भी देखते हैं कि कंपनी के पास अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी के ऊपर एडवांटेज (MOAT) भी होना चाहिए। जिससे भविष्य में उसके प्रतिस्पर्धी कंपनी के प्रोडक्ट की बिक्री को प्रभावित ना कर सकें। जिससे भविष्य में कंपनी के प्रॉफिट में कमी ना आ सके। लॉन्गटर्म में कंपनी के प्रॉफिट को बनाये रखने के लिए यह बहुत जरूरी है।
इसमें Worren Buffett कोई समझौता नहीं करते हैं। भले ही उन्हें investment के लिए कई वर्षों तक कोई अच्छी कंपनी नहीं मिले। बफेट की शेयर मार्केट इन्वेस्टिंग के दो नियम बहुत प्रसिद्ध हैं -
- #1 Don't Lose Money
- #2 Don't Forget Rule #1
जिसकी वजह से सन 2000 में .कॉम बबल से उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ा था। जो लोग सन 2000 में टेक compnies में इन्वेस्ट कर रहे थे। उन्हें नहीं पता था कि टेक कंपनियां कैसे काम करती हैं और इनके प्रॉफिट कैसे आने वाले हैं? अडानी पावर
इसी तरह अगर आपको भी किसी कंपनी के बिजनेस से होने वाली कमाई के बारे में कोई अनुमान नहीं है। तो आपको भी उसके stocks में इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए। आप अपने जीवन में उपयोग होने वाले सामानों से भी कंपनियों के बारे में जानकारी कर सकते हैं।
जैसे कोलगेट, लक्स साबुन, पैराशूट ऑइल आदि चीजों की कंपनियों के बारे में रिसर्च कर सकते हैं। Worren Buffett के पोर्टफोलियो में भी साधरण जीवन में काम आने वाले प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों के stocks ही हैं। जैसे अमेरिकन एक्सप्रेस, कोका कोला, एपल आदि। वे इनके बिजनेस को समझते हैं और इनके प्रोडक्ट यूज भी करते हैं।
कंपनी मैनेजमेंट क्वालिटी
इसे इसलिए चैक करते हैं क्योंकि कंपनी का प्रोडक्ट कितना ही अच्छा क्यों न हो। अगर उसका मैनेजमेंट अपने शेयरहोल्डर्स से कुछ छिपा रहा है। कोई फ्रॉड कर रहा है तो ऐसी कंपनी फ्रॉड में फंस सकती है। इससे आपका पूरा पैसा डूब सकता है। अतः आपको कंपनी के टॉप management का रिकॉर्ड जरूर चैक करना चाहिए।
बफेट भी यही करते हैं, बल्कि वे तो टॉप मैनेजमेंट का थिंकिग प्रोसेस भी चैक करते हैं। क्या वह अपने शेयरहोल्डर्स के साथ कंपनी की सभी इन्फॉर्मेशन शेयर करते हैं? क्या मैनेजमेंट अपनी गलतियों को स्वीकार करता है? जिस कंपनी ने कोई नया प्रोडक्ट लॉन्च किया और वह फेल हो जाता है तो कंपनी खुद की गलती मानेगी या मार्केट पर दोषारोपण करेगी आदि। टाटा पावर
बफेट का मानना है कि अगर मैनेजमेंट अपनी गलती मानता है तो वह उसे ठीक भी करेगा। बफेट का कंपनी मैनेजमेंट को लेकर एक रूल है- "You Can't Make A Good deal With A Bad Person" यानि किसी बुरे व्यक्ति के साथ अच्छी डील नहीं की जा सकती है।
फाइनेंसियल क्वालिटी
The Worren Buffett way बुक में बताया गया है। किसी भी कंपनी की financial qualities जानने के लिए बफेट निम्नलिखित चार चीजें देखते हैं-
- डेट टू इक्विटी रेश्यो: इन्वेस्टमेंट के लिए Buffett कम, डेट टू इक्विटी रेश्यो वाली कंपनी को तरहीज देते हैं। अथवा कंपनी पर डेट (कर्ज) हो ही नहीं, डेट फ्री कंपनी कभी बंद नहीं होती है।
- हाई रिटर्न ऑन इक्विटी: इसका मतलब है, कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स के निवेश पर प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत कमा रही है। जैसे अगर किसी इन्वेस्टर का कंपनी में एक रुपया लगा है तो उस पर कंपनी कितने रूपये (%) कमा रही है। Worren Buffett 20% से ज्यादा ROE वाली कंपनी के stock में इन्वेस्टमेंट को तरजीह देते हैं।
- डिविडेंड यील्ड: Companies को अपना प्रॉफिट डिविडेंड के रूप में अपने शेयरहोल्डर्स के साथ शेयर करना चाहिए। अगर कंपनी ऐसा नहीं कर रही है तो उसके प्रॉफिट से शेयर का प्राइस बढ़ना चाहिए। प्रॉफिट Shareholders का हक होता है, अगर उन्हें डिविडेंड नहीं मिल रहा तो बढ़ा हुआ शेयर प्राइस उनको फायदा पहुंचा सकता है। अगर कंपनी डिविडेंड नहीं देती और उसके शेयर का प्राइस भी नहीं बढ़ता है तो ऐसी में इन्वेस्ट करने का कोई मतलब नहीं है। IRFC
- हाई प्रॉफिट मार्जिन: अच्छे बिजनेस को ढूढ़ने का यह एक बहुत अच्छा फेक्टर है। जिस कंपनी का profit margin कम होता है तो इसका मतलब उस कंपनी के प्रोडक्ट को कड़ी टक्कर मिल रही है।
वैल्युएशन रीजनेबल प्राइस
यह तो आपने भी सुना ही होगा कि अगर आप अच्छी कंपनी को महंगे प्राइस पर खरीद लेते हो तो नुकसान के चांस भी रहते हैं। साथ हो प्रॉफिट भी कम हो मिलता है। बफेट किसी भी कंपनी की रिसर्च करते समय उसकी इन्ट्रिंसिक वैल्यू निकालते हैं। उसकी कंपनी के शेयर के मार्केट प्राइस से तुलना करते हैं।
इससे उन्हें कंपनी की कीमत का अनुमान हो जाता है। अगर कंपनी के शेयर अंडरवैल्यू है तो बफेट ऐसी कंपनी में investment को प्राथमिकता देते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो बफेट मार्केट में गिरावट का इंतजार करते हैं और जब शेयर रीजनेबल प्राइस पर होता है। तभी उसमें इन्वेस्टमेंट करते हैं।
उम्मीद है, आपको यह वॉरेन बफेट वे बुक समरी आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह The Worren Buffett way book summary in Hindi आर्टिकल पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।
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