Average True Range Indicator: एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर (ATR) क्या है?
एवरेज ट्रू रेंज एक टेक्निकल इंडिकेटर है, जो स्टॉक मार्केट और स्टॉक्स प्राइस की वोलेटिलिटी को दर्शाता है। चूँकि ATR (Average True Range) एक वोलेटिलिटी इंडिकेटर है। इसलिए यह किसी भी निश्चित समय सीमा के दौरान शेयर के प्राइस में बार-बार होने वाले उतार-चढ़ाव को दर्शाता है।
आप ATR इंडिकेटर को टेक्निकल चार्ट पर दिए गए Indicators के ऑप्शन पर क्लिक करके। उसमें इंडीकेटर्स की दी गयी सूची में ATR पर क्लिक करके चार्ट पर बड़ी आसानी से लगाकर देख सकते हैं। कि सिक्युरिटी के प्राइस का वर्तमान ATR कितना है।
आइए विस्तार से जानते है- एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर (ATR) क्या है? Average True Range Indicator in Hindi. Technical Analysis in Hindi.
यदि आप टेक्निकल एनालिसिस में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको रवि पटेल द्वारा लिखित स्टॉक मार्केट टेक्नोकाल एनालिसिस बुक्स जरूर पढ़ना चाहिए।
एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर क्या है?
ATR एक टेक्निकल एनालिसिस इंडिकेटर है, जिसे मार्केट टेक्नीशियन J. Welles Wilder Jr ने अपनी किताब 'न्यू कांसेप्ट इन टेक्निकल ट्रेडिंग सिस्टम' में प्रकाशित किया था। जिसमें बताया कि ATR प्राइस की वोलेटिलिटी को मापने वाला टेक्निकल इंडिकेटर है। जो किसी भी निश्चित अवधि के लिए शेयर के प्राइस एक्शन की स्ट्रेंथ को बताता है। उसकी वोलेटिलिटी को मापकर सिक्युरिटी के प्राइस की रेंज बताता है।
किसी भी शेयर के प्राइस का ATR निकलने के लिए उसके वर्तमान प्राइस को वर्तमान लो प्राइस से घटाया जाता है। इसी तरह अब्सोल्युट वैल्यू निकलने के लिए वर्तमान हाई प्राइस को पिछले लो प्राइस से घटाया किया जाता है।
ATR मूविंग एवरेज के समान होता है, सामान्यतः 14 दिन के प्राइस का True Range निकला जाता है। ट्रेडर्स शार्ट टर्म पीरियड का ATR निकलने के लिए 14 दिन से कम समय का ATR भी निकल सकते हैं। हालाँकि लॉन्ग टर्म सिग्नल ज्यादा सटीक होते हैं।
एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर (ATR) का उपयोग करके एक कम्प्लीट ट्रेडिंग सिस्टम बनाया जा सकता है। इसका उपयोग करके ट्रेड में कम्प्लीट एंट्री तथा एग्जिट स्ट्रेटजी तैयार की जा सकती है। प्रोफेशनल ट्रेडर्स इस वोलेटाइल इंडिकेटर का यूज दशकों से प्रॉफिट कमाने के लिए कर रहे हैं। आपको भी पता करना चाहिए कि ATR इंडिकेटर का यूज अपने ट्रेडिंग रिजल्ट को सुधारने के लिए कैसे करें?
एवरेज ट्रू रेंज के मुख्य बिंदु
- एवरेज ट्रू रेंज एक फाइनेंशियल मार्केट वोलेटिलिटी इंडिकेटर है जो मार्केट, स्टॉक्स और कमोडिटी के प्राइस में उतार-चढ़ाव को बताता है।
- यह आमतौर पर 14 दिन के सिंपल मूविंग एवरेज प्राइस से प्राप्त होता है।
- ATR को शुरू में कमोडिटी मार्केट में उपयोग के लिए बनाया गया था। लेकिन बाद में इसे सभी तरह की सक्युरिटी पर अप्लाई किया जाने लगा।
- एवरेज ट्रू रेंज के द्वारा ट्रेडर्स किसी भी सिक्युरिटी के प्राइस में किसी भी निश्चित अवधि में होने वाले उतार-चढाव का पता लगाते हैं। बेयरिश एंगल्फिंग पैटर्न
एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर कैसे काम करता है?
जैसे-जैसे शेयर प्राइस में वोलेटिलिटी बढ़ती है तो ATR की रेंज भी फैलती जाती है। इसकी प्रत्येक कैंडल और बड़ी होती जाती है। ATR में वृद्धि के साथ सिक्युरीति के प्राइस में उलटफेर, ट्रेंड रिवर्सल का संकेत होता है।
ATR शेयर के प्राइस की दिशा का संकेतक नहीं है, प्राइस किसी भी दिशा में घूम कर सकते हैं। इसलिए एक फैलता हुआ ATR बाइंग और सेलिंग प्रेशर को दर्शाता है। यानि जब शेयर के प्राइस में तेज बढ़त या गिरावट होती है, तब ATR फैल जाता है। हाई ATR आमतौर पर मार्केट में तेज गिरावट/बढ़त (एडवांस/डिक्लाइन) का संकेत देता है।
इसी तरह लो ATR यह दर्शाता है कि प्राइस एक छोटी रेंज में फंसे हुए हैं। जब शेयर के प्राइस कंसोलिडेट और साइडवे होते हैं तब ATR लो होता है। जब लम्बे समय तक ATR लो रहता है तो इसका मतलब जल्दी ही मार्केट में रिवर्सल आ सकता है।
एटीआर ट्रेड में एंट्री और एग्जिट ट्रिगर के लिए सही इंडिकेटर है क्योंकि यह वोलेटिलिटी का सटीक संकेत देता है। जब ATR स्थिर हो जाता है, तब शेयर प्राइस कंसोलिडेट होगा या प्राइस किसी भी दिशा में बहुत तेजी से मूव करेगें। प्राइस में ऐसे असामान्य मूवमेंट को पकड़ने के लिए आप 1.5 x ATR जैसे कई एटीआर का प्रयोग कर सकते हैं।
एवरेज ट्रू रेंज इंडिकेटर के साथ ट्रेडिंग कैसे करें?
ट्रेडर्स के सामने सबसे बड़ी समस्या होती है कि प्राइस वोलेटिलिटी से प्रॉफिट कैसे कमाएं? ATR तो यह भी सिग्नल नहीं देता कि ब्रेकआउट किस दिशा में हो सकता है। क्या ATR को क्लोजिंग प्राइस से जोड़ा जा सकता है। जब भी अगले दिन शेयर प्राइस एटीआर से ऊपर ट्रेड करने लगते हैं तो का बाइंग की जा सकती है।
इस सवाल का जवाब है, ATR में ट्रेडिंग सिग्नल अपेक्षाकृत कम मिलते हैं। लेकिन इसमें ज्यादातर ट्रू ब्रेकआउट सिग्नल मिलते हैं। सिग्नल के पीछे लॉजिक यह होता है। कि जब भीं Stock price करंट ATR से ऊपर बंद होता है। इसका मतलब वोलेटिलिटी में बदलाव आया है।
इस स्थिति में मार्केट में लॉन्ग पोजीशन बनानी चाहिए। क्योंकि अब शेयर के प्राइस अपवर्ड मूवमेंट करेंगे। किन्तु स्टॉपलॉस लगाना नहीं भूलना चाहिए।
एटीआर से ट्रेड से एग्जिट सिग्नल पता करें?
ट्रेडर्स ट्रेड से एग्जिट के सिग्नल जेनरेट करने के लिए सिक्युरिटी के क्लोजिंग प्राइस को। करंट ATR की वैल्यू से घटाकर ट्रेड से एग्जिट प्लान बना सकते हैं। इस नियम पर भी यही तर्क लागु होता है। कि जब शेयर के वर्तमान क्लोजिंग प्राइस ATR से ऊपर बंद होता है। तब इसका मतलब मार्केट ट्रेंड में चेंज हुआ है।
अब लॉन्ग पोजीशन को बंद कर देना ही सुरक्षित दांव है। क्योंकि अब सिक्युरिटी प्राइस एक रेंज में फंस सकते हैं या प्राइस विपरीत दिशा में भी रिवर्स हो सकते हैं। ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न ट्रेड से एग्जिट करने यानि पोजीशन को बंद करने के लिए ट्रेडर्स ATR मैथड का यूज करते है। ट्रेड उन्होंने चाहे कैसे भी लिया हो?
ATR का यूज करके एक अन्य लोकप्रिय ट्रेड एग्जिट टेक्निक Chandelier Exit भी है। जिसे चक लेब्यू द्वारा डवलप किया गया है। इसमें ट्रेड से एग्जिट करने के लिए ट्रॉलिंग स्टॉपलॉस का यूज किया जाता है। वैसे शैलेन्डिएर एग्जिट प्लान में स्टॉपलॉस लेवल को ट्रेड लेने के बाद के हाई प्राइस से गुणा करके परिभाषित किया गया है। हालाँकि अनुभवी ट्रेडर्स अपनी जरूरत के हिसाब से सेटिंग बदलकर इसे यूज कर सकते हैं। एमएसीडी इंडिकेटर
एवरेज ट्रू रेंज की विशेषताएँ
एटीआर इंडिकेटर कई मायनों में फिक्स पर्सेंटेज का यूज करने से बेहतर है क्योंकि यह ट्रेड किये जा रहे स्टॉक्स की विशेषताओं के आधार पर बदलता है। यह पहचानते हुए कि वोलेटिलिटी मार्केट कंडीशन और कई अन्य कारणों से हो सकती है।
जैसे-जैसे ट्रेडिंग रेंज बड़ी होती है या सिकुड़ती जाती है। तो स्टॉपलॉस और क्लोजिंग प्राइस अपने आप एडजस्ट होकर अपने आप उचित लेवल पर बने रहते हैं। जिससे ट्रेडर्स का प्रॉफिट भी प्रोटेक्ट होता रहता है। ATR ब्रेकआउट सिस्टम का यूज करके किसी टाइमफ्रेम में ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बनायीं जा सकती है। हैड एंड शोल्डर पैटर्न
ATR ट्रेडिंग स्ट्रेटजी विशेषकर डे-ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छी होती हैं। इसके लिए 15 मिनट टाइमफ्रेम चार्ट बार का यूज किया जाता है। डे-ट्रेडर्स 15 मिनट के क्लोजिंग प्राइस को ATR से जोड़ते और घटाते हैं। जिससे ट्रेड में एंट्री पॉइंट मिलता है। यदि प्राइस वापस पहली क्लोजिंग बार के लेवल पर आता है।
इससे बचने के लिए स्टॉपलॉस रखा जाता है। इंट्राडे में किसी भी टाइमफ्रेम पांच मिनट या दस मिनट का भी यूज किया जा सकता है। साथ ही स्विंग ट्रेडिंग के लिए भी आप ATR का यूज कर सकते हैं। जिसमे आप दस दिन, बीस दिन या अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी के अनुसार चाहें। जितने दिन के एटीआर का यूज कर सकते हैं।
कुछ ट्रेडर्स फिल्टर्ड वेव मेथोलॉजी को अपनाते हैं। मार्केट टर्निग पॉइंट की पहचान करने के लिए ATR का यूज करते हैं। इस दृष्टिकोण के तहत जब प्राइस थ्री ATR से लोएस्ट क्लोजिंग प्राइस के सबसे करीब होता हैं, तो नई अप वेव शुरू होती है। इसी तरह नई डाउन वेव की शुरुआत तब होती है। जब प्राइस थ्री ATR के लोएस्ट से हाई पर बंद होते है। तब अपमूव की शुरुआत होती है। इसकी सहायता से आप स्केल्पिंग ट्रेडिंग ट्रेडिंग भी कर सकते हैं।
Average True Range Indicator एक वर्सेटाइल और टाइमलेस टेक्निकल टूल है। जो क्रिएटिव ट्रेडर्स को प्रॉफिट कमाने की अपॉर्चुनिटी प्रदान करता है। यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए भी उसके इन्वेस्टमेंट की निगरानी कर सकता है। क्योंकि लॉन्ग-टर्म में जब भी कभी वोलेटिलिटी बढ़ती है तो ATR इंडिकेटर अपेक्षाकृत शांत रहता है।
जिससे इन्वेस्टर्स को गिरावट में घबराने और मार्केट के हायर हाई बनाने के दौरान होने वाले उत्साह को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
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