At-The-Money Options: एट-द-मनी (ATM) ऑप्शन की फुल जानकारी हिंदी में।

एट-द-मनी ऑप्शन का स्ट्राइक प्राइस अंडरलाइंग स्टॉक के मार्केट प्राइस के बराबर होता है। ATM ऑप्शन का डेल्टा। 0. 50 होता है और यह कॉल ऑप्शन के लिए पॉजिटिव तथा पुट ऑप्शन के लिए नेगेटिव होता है। कॉल और पुट ऑप्शन दोनों एक साथ एट-द -मनी हो सकते हैं। 

उदारहण के लिए अगर बैंकनिफ्टी 50,100 पर ट्रेड कर रहा है तो 50100 का Put & Call एक साथ ATM ऑप्शन होंगे। आइए विस्तार से जानते हैं- एट-द-मनी ऑप्शन की फुल जानकारी हिंदी में। What is At The Money (ATM) Options in Hindi.

                                                                   
What is At The Money Options in Hindi.


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At-the-Money Options के बारे में 

एटीएम ऑप्शन की इन्ट्रिंसिक वैल्यू (आंतरिक मूल्य)  नहीं होती है, लेकिन एक्सपायरी डेट से पहले भी इसका बाह्य या समय मूल्य हो सकता है। जो इसे इन-द-मनी (आईटीएम) या आउट-ऑफ-द-मनी (ओटीएम) ऑप्शन से अलग करता है। ATM एक टर्म है, इसका प्रयोग स्ट्राइक प्राइस के ऐसे ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट का वर्णन करने के लिए किया जाता है। 

जिनका स्ट्राइक प्राइस अंडरलाइंग एसेट के मार्केट प्राइस के समान होता है। इसलिए ये ऑप्शन बहुत अधिक लिक्विड होते हैं और ये बहुत जल्दी प्रॉफिट में आ जाते हैं। ATM वह पॉइंट है, जहाँ से प्राइस के थोड़ा आगे या पीछे जाने पर ऑप्शन की ऑप्शन की इन्ट्रिंसिक वैल्यू बनना शुरू हो जाती है। 

Option trading में, ऑप्शन की 'मनीनेस' का वर्णन करने के तीन तरीके हैं: आउट-ऑफ-द-मनी, एट-द-मनी और इन द मनी। जब किसी ऑप्शन में अंडरलाइंग स्टॉक का प्राइस उसके स्ट्राइक प्राइस के बराबर होता है। तो वह एट-द-मनी होता है। यदि यह अभी तक उस पॉइंट तक नहीं पहुंचा है, तो यह आउट ऑफ द मनी है। यदि यह उससे अधिक हो गया है तो यह इन-द-मनी ऑप्शन है। ये शब्द कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन दोनों पर लागू होते हैं।

मान लीजिए कि कोई ट्रेडर निफ्टी के 25,400 के स्ट्राइक प्राइस का Call option खरीदने का फैसला करता है। जब भी निफ्टी का करंट market price भी 25,400 हो जाता है, तो ऑप्शन आईटीएम  हो जाता है। अगर यह इस पॉइंट से आगे बढ़ता है तो ऑप्शन ITM हो जाएगा।  

अब इसका एक मूल्य है, लेकिन अगर यह गिरता है तो यह आउट-ऑफ द-मनी (OTM) हो जाएगा। जिससे कॉल ऑप्शन धारक नुकसान में होगा। अगर ट्रेडर इस (OTM) सौदे को एक्सपायरी तक होल्ड रखता है तो एक्सपायरी के समय इसका मूल्य जीरो हो जायेगा।

इसी तरह अगर ट्रेडर निफ्टी इंडेक्स के 25,400  के स्ट्राइक प्राइस के साथ Put option खरीदने का फैसला करता है, तो मार्केट प्राइस 25,400 होने पर इसे एट-द-मनी (एटीएम) माना जाएगा। हालांकि, यह केवल तभी ITM होगा जब अंडरलाइंग एसेट का प्राइस इस पॉइंट से आगे गिर जाएगा। लेकिन अगर मार्केट बढ़ता है तो यह आउट-ऑफ-द-मनी हो जायेगा। अगर यह एक्सपायरी तक आउट-ऑफ-दमनी रहता है तो एक्सपायरी के समय उसका मूल्य जीरो हो जायेगा। 

At-The-Money option को समझें 

Out-of-the-Money और At-the-Money ऑप्शन, आईटीएम ऑप्शन में बदलकर प्रॉफिटेबल हो सकते हैं। आईटीएम का मतलब है, जिसकी  ऑप्शन की इन्ट्रिंसिक वैल्यू होती है और ओटीएम का मतलब है कि इसकी इन्ट्रिंसिक वैल्यू नहीं होती है। 

सीधे शब्दों में कहें तो, एटीएम ऑप्शन अगर एक्सपायरी तक होल्ड किए जाते हैं तो लाभ कमाने की स्थिति में नहीं होते हैं। लेकिन फिर भी अगर उनका मूल्य होता है। अगर एक्सपायरी डेट अभी दूर है तो उनके अभी भी आईटीएम में परिवर्तित होने की संभावना रहेगी। अंडरलाइंग एसेट के मार्केट प्राइस में उतार-चढ़ाव होने पर आपको अभी भी प्रॉफिट हो सकता है। 

Call option की इन्ट्रिंसिक वैल्यू का केलकुलेशन उसके अंडरलाइंग एसेट के मार्केट प्राइस से स्ट्राइक प्राइस को घटाकर किया जाता है। जबकि Put option की इन्ट्रिंसिक वैल्यू का केलकुलेशन उसके अंडरलाइंग एसेट के मार्केट प्राइस को स्ट्राइक प्राइस से घटाकर किया जाता है।

एक कॉल ऑप्शन तब तक ITM होता है, जब उसका स्ट्राइक प्राइस, उसके अंडरलाइंग प्राइस से कम होता है। इसके विपरीत पुट ऑप्शन तब ITM होता है, जब उसका स्ट्राइक प्राइस उसके अंडरलाइंग स्टॉक के मार्केट प्राइस से ज्यादा होता है। 

इसी तरह कॉल ऑप्शन तब OTM होता है, जब उसका स्ट्राइक प्राइस मौजूदा अंडरलाइंग स्टॉक के मार्केट प्राइस से ज्यादा होता है। इसके विपरीत पुट ऑप्शन तब OTM होता है। जब उसका स्ट्राइक प्राइस मौजूदा अंडरलाइंग स्टॉक के मार्केट प्राइस से कम होता है। मार्केट की सीक्रेट जानकारी

ATM ऑप्शन और ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी 

एटीएम यानि एट-द-मनी ऑप्शन का प्रयोग अक्सर ट्रेडर्स स्प्रेड, Straddles और अन्य कई प्रकार के कॉम्बिनेशन के साथ ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बनाने के लिए करते हैं। स्ट्रैडल स्ट्रेटेजी में अक्सर Put & Call दोनों को खरीदा या बेचा (Option selling) जाता है। 

इसी तरह Bull Call Spread ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में ATM कॉल ऑप्शन को खरीदा जाता है। उसी एक्सपायरी डेट का ऊँची स्ट्राइक प्राइस का कॉल ऑप्शन बेचा जाता है। यदि अंडरलाइंग एसेट का प्राइस, उसके स्ट्राइक प्राइस से ऊपर चला जाता है तो इस स्ट्रेटेजी में प्रॉफिट होता है। 

एटीएम ऑप्शंस ऑप्शन मार्केट के रिस्क फेक्टर्स के प्रति अति सेंसिटिव होते हैं। इन रिस्क फेक्टर्स को ऑप्शन ग्रीक्स कहा जाता है। ATM ऑप्शन में ±0.50 डेल्टा होता है, लेकिन गामा की मात्रा सबसे अधिक होती है। जिसका अर्थ है कि जैसे-जैसे अंडरलाइंग एसेट का प्राइस मूव् करता है, इसका डेल्टा तेज़ी से ±0.50 से दूर होता जाता है। और एक्सपायरी का समय नज़दीक आने पर डेल्टा बहुत तेज़ी से दूर होता जाता है।

एटीएम ऑप्शन में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग की जाती है। एटीएम ऑप्शन टाइम डिके के प्रति सबसे ज्यादा सेंसिटिव होते हैं। इसे ऑप्शन थीटा के द्वारा दर्शाया जाता है। ऑप्शन प्राइस, मार्केट वोलेटिलिटी में परिवर्तन की दर (वेगा) से बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। ऑप्शन वोलेटिलिटी को अक्सर इम्प्लॉइड वलेटिलिटी के नाम से भी जाना जाता है। 

At-The-Money ऑप्शंस इंट्रेस्ट रेट से भी बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसे रो से मापा जाता है। OTM ऑप्शन की तरह ही एटीएम ऑप्शन की भी केवल एक्सट्रिन्सिक वैल्यू (बाह्य मूल्य) होती है। उदाहरण के लिए मान लेते हैं किसी ट्रेडर ने निफ्टी का 25,400 स्ट्राइक प्राइस वाला ATM कॉल ऑप्शन 120 रूपये के प्रीमियम पर खरीदा है। इस तरह उसकी एक्सट्रिन्सिक वैल्यू 120 रूपये के बराबर हुई। जोकि टाइम डिके और इम्प्लॉइड वोलेटिलिटी से काफी हद तक प्रभावित होता रहेगा। 

ATM ऑप्शन के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

1. अगर ATM ऑप्शन ITM बन जाता है तो क्या होगा? 

अंडरलाइंग एसेट का प्राइस स्ट्राइक प्राइस से जितना ज्यादा ऊपर उठेगा। उतना ही ज्यादा कॉल ऑप्शन की इन्ट्रिंसिक वैल्यू बढ़ेगी और प्रीमियम भी बढ़ेगा। साथ ही जैसे-जैसे एटीएम ऑप्शन आईटीएम की तरफ बढ़ता है उसका डेल्टा भी बढ़ता है। 

2. ITM और OTM ऑप्शन में कौन सा बेहतर हैं? 

आईटीएम ऑप्शन ओटीएम ऑप्शन की तुलना में कम रिस्की होते हैं। ITM ऑप्शन की इन्ट्रिंसिक वैल्यू होती है। जो अंडरलाइंग एसेट के प्राइस के विपरीत दिशा में चलने पर संभावित नुकसान को कम करती है। 

जबकि OTM ऑप्शन की इन्ट्रिंसिक वैल्यू नहीं होने की वजह से उनके जीरो होने की आशंका बनी रहती है। अतः इन-द-मनी ऑप्शन ही बेहतर होते हैं लेकिन इनका प्रीमियम भी ज्यादा होने के कारण ये महंगे होते हैं। जबकि OTM ऑप्शन का प्रीमियम कम होने की वजह से ये सस्ते होते हैं। 

3. ITM, OTM, ATM ऑप्शन क्या हैं? 

यदि अंडरलाइंग एसेट का मार्केट प्राइस उसके स्ट्राइक प्राइस से ज्यादा है तो Call option इन-द-मनी (ITM) होगा। इसी तरह अगर अंडरलाइंग एसेट का मार्केट प्राइस स्ट्राइक प्राइस से कम होगा तो Call option आउट-ऑफ-द-मनी (OTM) ऑप्शन होगा। किन्तु अगर अंडरलाइंग एसेट का मार्केट प्राइस उसके स्ट्राइक प्राइस के बराबर होगा तो Calloption एट-द-मनी (ATM) ऑप्शन होगा। 

पुट ऑप्शन के लिए, यदि अंडरलाइंग एसेट का मार्केट प्राइस उसके स्ट्राइक प्राइस से ज्यादा होगा तो Put option आउट-ऑफ-द मनी (OTM) होगा। इसी तरह अगर अंडरलाइंग एसेट का मार्केट प्राइस उसके स्ट्राइक प्राइस से कम होगा तो वह पुट ऑप्शन इन-द-मनी (ITM) ऑप्शन होगा। किन्तु अगर अंडरलाइंग एसेट का मार्केट प्राइस और उसका स्ट्राइक प्राइस एक समान होंगे तो वह एट-द-मनी (ATM) ऑप्शन होगा। 

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