गामा ब्लास्ट ऑप्शन ट्रेडिंग से होगी रुपयों की बारिश? Gamma Blast options trading |

ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट का डेल्टा समय के साथ बढ़ या घट सकता है। यहीं पर Gamma greek काम आता है, यह बताता है कि अंडरलाइंग एसेट के प्राइस की प्रत्येक इकाई परिवर्तन के लिए ऑप्शन का डेल्टा कितना बदलता है। हाई गामा का मतलब है कि ऑप्शन का डेल्टा तीव्र गति से बदल रहा है। 

चूँकि गामा डेल्टा के मूवमेंट को मापता है और डेल्टा अंडरलाइंग स्टॉक के ऑप्शन की सेंसिविटी को मापता है। अतः गामा ऑप्शन के प्राइस में संभावित परिवर्तन का अनुमान लगाने में मदद कर सकता है। हाई गामा स्टॉक प्राइस के 1.00 रूपये ऊपर या नीचे जाने पर ऑप्शन प्राइस में होने वाले परिवर्तन को तुरंत इंगित करता है। आइए विस्तार से जानते हैं- गामा ब्लास्ट ऑप्शन ट्रेडिंग से होगी रुपयों की बारिश? Gamma Blast options trading strategy in Hindi. 

                                                                                  
Gamma Blast Options Trading


अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग के एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको जितेंद्र गाला और अंकित गाला द्वारा लिखित ऑप्शन स्ट्रेटेजी की पहचान बुक जरूर पढ़नी चाहिए। 

Gamma Blast के बारे में 

ये तो आपने सुना ही होगा कि एक्सपायरी के दिन गामा ब्लास्ट के कारण दो (2 ) रूपये का प्रीमियम 200 रूपये पर पहुंच गया। गामा ब्लास्ट के कारण  डेल्टा में बहुत तेजी से बदलाव होता है। जिसके कारण ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट का प्रीमियम बहुत तेजी से बढ़ता है। 

पहले, सप्ताह में केवल दो दिन निफ्टी और बैंक निफ़्टी की वीकली एक्सपायरी होती थी। अब रोज किसी ना किसी index की expiry होती है। जैसे सेंसेक्स, बैंकेक्स, निफ़्टी, बैंक निफ्टी और फिन निफ्टी आदि। रोज किसी न किसी इंडेक्स की वीकली एक्सपायरी होती रहती है। यानि सप्ताह के पांचों दिन एक्सपायरी होती है। Gamma blast बस एक्सपायरी के ही दिन, वो भी दोपह 2:PM के बाद होता है। 

अगर आप ऑप्शंस में ट्रेडिंग करते हैं तो आपने Options Greeks के बारे में जरूर सुना होगा। जिन्हें गामा, थीटा,रो और वेगा के नामों से जाना जाता है। Options Greeks के बारे में संक्षिप्त जानकारी निम्नलिखित है- 
  1. Gamma: यह Underlying asset के प्राइस में परिवर्तन होने के कारण उसके डेल्टा में जो परिवर्तन होता है। उसे गामा द्वारा मापा जाता है। हाई गामा का अर्थ है कि अंडरलाइंग एसेट के प्राइस में होने वाले छोटे-छोटे परिवर्तनों के कारण भी उसके डेल्टा में बहुत बड़े बदलाव हो सकता हैं। 
  2. Delta: यह मापता है कि अंडरलाइंग एसेट के प्राइस में एक रूपये का बदलाव होने पर उसके प्रीमियम में कितनी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। Gamma Blast: जब अंडरलाइंग एसेट के प्राइस में महत्वपूर्ण परिवर्तन होता है। तब हाई गामा, डेल्टा में अचानक बड़े बदलाव ला सकता है। जिससे अपनी ट्रेडिंग पोजीशन को बार-बार एडजस्ट करने की जरूर पड़ सकती है। विशेषरूप से डेल्टा न्यूट्रल- स्ट्रेटेजीज में।

Gamma Blast क्या होता है?

अगरआपने ATM का कॉल लिया हुआ है, जिसका Delta 0.5 होता है। तो इस पोजीशन में यदि आपको स्पॉट में 100 पॉइंट मिलते हैं तो प्रीमियम में आपको 50-60 पॉइंट मिल सकते हैं। यही डेल्टा होता है, डेल्टा गामा की वजह से डिसाइड होता है। गामा 12 बजे तक न्यूट्रल होता है। अगर एक्सपायरी के दिन मार्केट थोड़ा भी मूव करता है तो सैकेंड हाफ में Gamma blast कर जाता है। 

गामा ब्लास्ट दिनभर नहीं चलता है, आपको बस एक दो मिंनट का स्पाइक दिखता है। उसके बाद फिर से प्राइस यानि प्रीमियम डिप हो जाते हैं। आप इसे सैकेंड में भी पकड़ सकते हैं। expiry के दिन अगर मार्केट किसी भी दिशा में थोड़ा भी स्पाइक दे देता है तो गामा ब्लास्ट हो जाता है। गामा ब्लास्ट ऑप्शन सेलर के लिए बहुत खतरनाक होता है। आप इसे option buyer का दोस्त बोल सकते हैं।

इसमें आपको एक बात का ध्यान रखना होता है, जिसकी (Nifty or BankNifty) एक्सपायरी है। यदि उसमें सैकेंड हाफ में कोई मूव आ रहा है तो उसे आपको सेकेंड्स में पकड़ना पड़ेगा। आप डायरेक्शन के हिसाब से ट्रेड प्लान भी कर सकते हैं। आपने देखा होगा कि एक्सपायरी को लोग अचानक आने वाले स्पाइक के लिए ATM का CE & PE खरीदकर रख लेते हैं। 

बहुत से लोग OTM के 0.20 के हिसाब से CE & PE लेकर रख लेते हैं। अगर उसमें आपकी पोजीशन आपके विरुद्ध भी जाती है तो उसमें आपका जाता भी क्या है? अगर आपकी डायरेक्शन में स्पाइक आया तो अच्छा खाशा प्रॉफिट होता है। Gamma blast अक्सर तब होता है, जब मार्केट सुबह से साइडवेज रहता है। 

उस दिन बहुत ज्यादा चांस होते हैं कि मार्केट एक नैरो रेंज में चला जाय। उसके बाद अगर मार्केट किसी भी एक डायरेक्शन में निकल जाता है। इसी को गामा ब्लास्ट कहते हैं इस तरह आप अच्छा profit कमा सकते हैं। ओपन इंट्रेस्ट

Gamma Blast ट्रेडिंग के बारे में ध्यान देने योग्य बातें  

गामा ब्लास्ट की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं- 
  • यह इंडेक्स के ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट्स की एक्सपायरी के दिन होता है। इंडेक्स जैसे निफ्टी, बैंक निफ्टी, फिननिफ्टी, मिडकैप, सेंसेक्स और बैंकेक्स आदि। 
  • अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग से दूर रहना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा जोखिम होता है। 
  • ये जरूरी नहीं है कि प्रत्येक एक्सपायरी के दिन आपको गामा ब्लास्ट देखने को मिल जाय। कभी-कभी किसी एक्सपायरी को ही आपको गामा ब्लास्ट देखने को मिल सकता हैं। 
  • आपको इसे बहुत कम पैसों के साथ ट्राई करना चाहिए। जितना आप 200 250 रूपये के प्रीमियम वाले ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट में स्टॉप लॉस लगाते हैं। या आप डमी अकाउंट में भी इसे ट्राई कर सकते हैं। 
  • आप चार्ट पर भी इसे देख सकते हैं, आपको मनी मैनेजमेंट के साथ gamma blast strategy को अपनाना चाहिए। 

Gamma Blast के दौरान ध्यान देने योग्य बातें  

अक्सर कई बार जब भी एक्सपायरी के दिन मार्केट बहुत साइडवेज होता है। फिर भी बहुत कम रूपये वाले ऑप्शंस का प्रीमियम गामा ब्लास्ट के कारण चार या पाँच गुना बढ़ जाता है। आप भी एक्सपायरी के दिन निम्नलिखित सावधानियाँ रखकर और Zero/Hero ऑप्शन स्ट्रेटेजी बनाकर इससे प्रॉफिट कमा सकते हैं- 
  1. रिस्क मैनेजमेंट: ट्रेडर्स को अपनी पोजीशन को ध्यानपूर्वक मॉनिटर करना चाहिए क्योंकि गामा ब्लास्ट ट्रेडर्स के पोर्टफोलियो को बहुत तेजी से जोखिम में डाल सकता है। 
  2. अवसर; गामा ब्लास्ट ट्रेडिंग बहुत रिस्की होने के बावजूद, अगर सही तरीके से रिस्क मैनेजमेंट किया जाये तो अंडरलाइंग एसेट के प्राइस में बहुत तेजी से होने वाले परिवर्तनों की वजह से आप कम पैसों में बहुत अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं। 
  3. डायनेमिक हैजिंग: ऑप्शन ट्रेडर्स अपने रिस्क को मैनेज करने के लिए Dynamic hedging स्ट्रेटेजी का उपयोग कर सकते हैं। 
  4. पोजीशन साइजिंग: ट्रेडिंग पोजीशन को मैनेजेबल रखकर आप अपना रिस्क मैनेज कर सकते हैं।
  5. रिस्क एंड रिवॉर्ड: यदि मार्केट ऑप्शन पोजीशन की दिशा में घूमता है तो गामा ब्लास्ट से कम पैसे लगाकर बहुत अच्छा प्रॉफिट कमाया जा सकता है। इसके विपरीत, यदि delta में तेज परिवर्तनों के कारण मार्केट आपकी पोजीशन के विपरीत दिशा में चलता है। तो आपको बहुत ज्यादा लॉस भी हो सकता है। 
  6. हैजिंग चुनौतियां: High Gamma वाली पोजीशन को हैज और सही तरीके से मैनेज करने के लिए पोजीशन को बार-बार एडजस्ट करना होता है। जिससे ब्रोकरेज बढ़ जाती है। 
  7. वोलैटिलिटी: गामा ब्लास्ट high volatility के साथ होता है। जिससे अंडरलाइंग स्टॉक के प्राइस में बहुत बड़ा बदलाव आने की संभावना होती है। लेकिन किस दिशा में इसका पहले से कोई अनुमान नहीं होता है। 
Gamma blast ऑप्शन ट्रेडिंग का एक कॉन्सेप्ट है, जो गामा में तेज और महत्वपूर्ण बढ़त को दर्शाता है। इससे option position का delta भी प्रभावित होता है। गामा अंडरलाइंग एसेट के प्राइस परिवर्तन के कारण डेल्टा में परिवर्तन की दर को मापता है। डेल्टा, अंडरलाइंग एसेट के प्राइस में होने वाले परिवर्तन के कारण। ऑप्शन प्रीमियम में जो परिवर्तन होता है, उसकी सेंसिविटी को दर्शाता है। 

Gamma Blast से प्रॉफिट कैसे कमाएँ? 

आप निम्नलिखित trading strategy अपनाकर गामा ब्लास्ट से प्रॉफिट कमा सकते हैं-  
डेल्टा हैजिंग: गामा के कारण होने वाले price परिवर्तनों को बेअसर करने के लिए। आप अपने पोर्टफोलियो के डेल्टा को नियमित रूप से समायोजित कर सकते हैं। 
स्प्रेड: आप स्ट्रेंगल, स्ट्रैडल और बटरफ्लाई जैसी Option spread strategy का उपयोगकर गामा ब्लास्ट से कम पैसे इन्वेस्ट करके ढेर सारा प्रॉफिट कमा सकते हैं। 
एक्सपायरी डेट के दिन: ये तो आपको मालूम चल गया होगा की गामा ब्लास्ट Expiry date के दिन ही होता है। एक्सपायरी के दिन आप सतर्कता पूर्वक पोजीशन बनाकर गामा ब्लास्ट से प्रॉफिट भी कमा सकते हैं और इसके कारण होने वाले नुकसान को कम भी कर सकते हैं।  

ऑप्शन ट्रेडर्स को गामा ब्लास्ट को समझना और मैनेज करना बहुत जरूरी है क्योंकि यह एक दोधारी तलवार की तरह है। यह आपको काफी बड़ा नुकसान भी करा सकता है। लेकिन वोलेटाइल मार्केट में और एक्सपायरी के दिन इससे आप अच्छा प्रॉफिट भी कमा सकते हैं। 

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