भोले-भाले लोग Pump and Dump Scheme में कैसे फँसते हैं?
एक बहुत ही पॉपुलर स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट संजीव भसीन जो बड़े-बड़े बिजनेस चैनल्स पर स्टॉक्स को खरीदने और बेचने की सलाह देते हैं। साथ ही स्टॉक मार्केट सेंटिंमेंट पर भी अपनी राय रखते हैं। उन पर शेयर मार्केट में पंप एंड डंप स्कीम और मार्केट मैनीपुलेशन के आरोप लग रहे हैं। अतः इनके खिलाफ SEBI की जाँच चल रही है। आइए विस्तार से जानते हैं-पंप एंड डंप स्कीम और स्टॉक मार्केट मैनीपुलेशन क्या है? Pump and Dump Scheme and stocks manipulation kya hai?
Sanjeev Bhasin पर आरोप हैं कि वे एक निजी कंपनी को stocks खरीदने के निर्देश देते थे और उन्हीं स्टॉक्स को विभिन्न चैनल्स पर रिटेल ट्रेडर्स को खरीदने के लिए सलाह भी देते थे। जब इन स्टॉक्स के प्राइस काफी बढ़ जाए थे, तब यह कंपनी इन स्टॉक्स को बेच देती थी। Stock market में इस तरह के फ्रॉड को पंप एंड डंप और स्टॉक मार्केट मैनीपुलेशन के नाम से जाना जाता है।
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Pump and Dump Secheme क्या है?
पंप एंड डंप" स्कीम के दो भाग होते हैं। पहले भाग में, फ्रॉड करने वाले लोगों द्वारा कंपनी के बारे में पॉजिटिव यानि अच्छे लेकिन झूठे भ्रामक बयानों के साथ स्टॉक की प्राइस बढ़ाने की कोशिश करते हैं। एक बार स्टॉक की कीमत बढ़ जाने के बाद, धोखेबाज दूसरे भाग में चले जाते हैं। जहाँ वे स्टॉक की अपनी होल्डिंग्स को बेचकर, शेयर को बाज़ार में डंप करके प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैं।
ये स्कीम अक्सर टीवी चैनल्स और यूट्यूब चैनल्स तथा इंटरनेट पर होती हैं। जहाँ रिटेल ट्रेडर्स द्वारा स्टॉक जल्दी से खरीदने के लिए प्रेरित करने वाले संदेश देखना आम बात है। अक्सर, फ्रॉड करने वाले लोग कंपनी की "अंदरूनी" जानकारी होने का दावा करते हैं। जो उस स्टॉक के लिए पॉजिटिव होती है।
धोखेबाज एक्सपर्ट जिस स्टॉक को Pump and Dump करना चाहते हैं। उसे रिटेल ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स को शेयर खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं। शेयर का प्राइस बढ़ने पर पहले से कम प्राइस पर खरीदे हुए अपने स्टॉक बेचकर प्रॉफिट कमाते हैं। जिससे share का प्राइस गिर जाता है और आम निवेशक अपना पैसा खो देते हैं। Front running की तरह या भी शेयर मार्केट ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के साथ धोखाधड़ी है।
पंप और डंप स्कीम सिक्युरिटीज धोखाधड़ी का एक रूप है। जिसने दशकों से शेयर बाजारों को परेशान किया है। इसमें भ्रामक या गलत जानकारी के माध्यम से किसी शेयर की कीमत को कृत्रिम रूप से बढ़ाया जाता है। उसके बाद धोखा देने वाले लोग अधिक प्राइस पर अपने शेयरों को profit में बेचकर अवैध तरीके से लाभ कमाते हैं। जिससे इस धोखाधड़ी से अनजान निवेशकों को भारी नुकसान होता है।
Pump and Dump Scheme का एक लंबा इतिहास है, जो स्टॉक ट्रेडिंग के शुरुआती दिनों से है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की भारतीय विनिमय बोर्ड अधिनियम 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल 1992 को स्थापना ऐसे ही घोटालों को रकने के लिए हुई है।
इसकी स्थापना से पहले बहुत से बेईमान स्टॉक ब्रोकर कम जानकारी वाले रिटेल इन्वेस्टर्स को बेकार शेयरों का प्रचार करके बेच देते थे। 1990 के दशक में इंटरनेट के आगमन से पंप और डंप स्कीम का एक नया युग आया। जिसमें स्कैमर्स बहुत बड़ी संख्या में Share market ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स तक पहुँचने के लिए सोशल मीडिया, ईमेल, मैसेज आदि का उपयोग करने लगे। आज, सोशल मीडिया और इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप इन धोखाधड़ी गतिविधियों के लिए नए युद्धक्षेत्र बन गए हैं।
Pump and Dump Scheme को कैसे अंजाम दिया जाता है?
स्कैमर्स बड़े ही शातिर होते हैं इसलिए वे पंप एंड डंप स्कीम को निम्नलिखित तरीके से बड़े ही सिस्टेमेटिक ढंग से अंजाम देते हैं-
- टार्गेट स्टॉक का चुनाव: स्कैमर्स अक्सर penny stocks को टार्गेट करते हैं। पैनी स्टॉक्स बहुत वोलेटाइल होते हैं और इनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम भी बहुत कम रहता है। जिससे इनमें हेरफेर करना आसान हो जाता है।
- Accumulation Phase: घोटालेबाज चुपचाप टार्गेटेड stock को पर्याप्त संख्या में खरीद लेते हैं जिससे वे बड़ा मुनाफा कमा सकें। स्टॉक के प्राइस को समय से पहले बढ़ाने से बचने के लिए यह ध्यान आकर्षित किए बिनायानि चुपचाप किया जाता है। Stocks को धीरे-धीरे एक्युमुलेट किया जाता है।
- Pump Phase: पंप करने के चरण में घोटालेबाज चुनें हुए स्टॉक के बारे मे फर्जी और झूठी लेकिन पॉजिटिव जानकारी प्रसारित करते हैं। यह जानकारी विभिन्न माध्यमों से प्रसारित की जाती है। जैसे सोशल मीडिया एक्स (ट्विटर), फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, वाट्सएप आदि। इसके अलावा ईमेल, न्यूजलैटर, यूट्यूब चैनल्स ऑनलाइन फोरम्स आदि के द्वारा टार्गेट किये स्टॉक के बारे में अच्छी-अच्छी लेकिन झूठी खबरें फैलाई जाती हैं।
- Stock price में तेजी से वृद्धि: जैसे ही रिटेल इन्वेस्टर्स प्रचार के आधार पर उस स्टॉक को खरीदना शुरू करते हैं। उस स्टॉक का प्राइस बहुत तेजी से बढ़ना शुरू कर देता है। (कभी भी स्मार्ट इन्वेस्टर्स प्रचार के आधार पर किसी स्टॉक में अपना पैसा इन्वेस्ट नहीं करता है) जिससे और अधिक रिटेल इन्वेस्टर्स इसकी तरफ आकर्षित होने लगते हैं। जिससे उस स्टॉक के बारे में एक हाइप बनता है और उसका प्राइस बहुत तेजी से बढ़ने लगता है।
- Dump Phase: एक बार जब Share का price घोटालेबाजों के वांक्षित लेवल तक पहुँच जाता है। तब घोटालेबाज अपने stocks को प्रॉफिट में बेचने लगते हैं। इस Dump की वजह से शेयर के प्राइस में तेज गिरावट होती है। क्योंकि उस शेयर में sell orders की बाढ़ सी आ जाती है। इसीलिए इसे Pump and Dump Scheme कहा जाता है।
- Stock price collapse: डंप के बाद जब स्टॉक के प्राइस गिरने लगते हैं। तब स्टॉक प्राइस के बढ़ने की उम्मीद में होल्ड करने वाले और हाई प्राइस पर खरीदने वाले retail investors को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस तरह घोटालेबाज अपने स्टॉक्स को पीक (हाई प्राइस) पर बेचकर अवैध तरीके से भारी मुनाफा कमाते हैं।
Pump & Dump Scheme वाले stock को कैसे पहचाने?
आप निम्नलिखित तरीके से पंप एंड डंप सचमे में शामिल स्टॉक की पहचान कर सकते हैं-
- आसामान्य ट्रेडिंग वॉल्यूम: अगर किसी कम मार्केट केपेटलाइजेशन वाले स्टॉक के trading volume अचानक वृद्धि हो जाती है। विशेषकर जिसमें हमेशा बहुत कम ट्रेडिंग वॉल्यूम रहता हो। आपको ऐसे स्टॉक में इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए। बहुत कम मार्केट केपेटलाइजेशन वाले स्टॉक्स को manipulation करना आसान होता है।
- स्टॉक के प्राइस का तेजी से बढ़ना: किसी स्टॉक के प्राइस में उम्मीद से ज्यादा तेजी भी पंप एंड डंप स्कीम का संकेत हो सकता है।
- सोर्स वेरिफिकेशन: यदि किसी स्टॉक के बारे में कोई न्यूज आ रही है। आप उस न्यूज के आधार पर उस शेयर को खरीदना कहते हैं तो उस शेयर में invest करने से पहले आपको उस न्यूज की क्रेडिबिल्टी को जाँच-परख लेना चाहिए। रेग्युलेटरी अलर्ट: सेबी और अन्य दूसरी रेग्युलेटरी बॉडीज द्वारा समय-समय पर संभावित Pump Dupm Scheme के बारे में चेतावनी और अलर्ट जारी किये जाते हैं। आपको उन पर भी ध्यान देना चाहिए।
Pump Dump scheme में फँसने से कैसे बचें?
आप निम्नलिखित प्रकार की सावधानी रखकर पंप एंड डंप स्कीम में फँसने से बच सकते हैं-
- शेयर इन्वेस्टिंग की शिक्षा: शेयर मार्केट इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग की बेसिक जानकारी प्राप्त करना जरूरी है। साथ ही शेयर मार्केट scam को पहचानना भी जरूर सीखना चाहिए। तभी आप अपने इन्वेस्टमेंट को सुरक्षित रख पाएंगे।
- नियामक संस्था: SEBI जैसी नियामक संस्थाएं नियमित रूप से शेयर मार्केट की निगरानी करती हैं। शेयर मार्केट में फ्रॉड करने वाले लोगों को दंडित भी करती है।
- टेक्नोलॉजी: एडवांस अल्गोरिथम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके असामान्य ट्रेडिंग पैटर्न और Pump and Dump Scheme को समय रहते पहचाना जा सकता है।
- रिपोर्टिंग: शेयर मार्केट में काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को अगर किसी पंप एंड डंप स्कीम वाले stock के बारे पता है। उसकी शिकायत जिम्मेदार अधिकारीयों से करनी चाहिए।
Pump and Dump Scheme के क़ानूनी परिणाम
Stocks को पंप एंड डंप करना गैरकानूनी है। अतः करने वाले लोगों के खिलाफ निम्नलिखित क़ानूनी कार्यवाही हो सकती है-
- जुर्माना: इसमें शामिल व्यक्तियों और संस्थाओं पर भारी मात्रा में जुर्माना लगाया जा सकता है।
- जेल हो सकती है: धोखाधड़ी की गंभीरता और दायरे के आधार पर अपराधियों को जेल की सज़ा हो सकती है।
- सिविल मुकदमे: पंप और डंप स्कीम के पीड़ित अपने नुकसान की भरपाई के लिए सिविल मुकदमे दायर कर सकते हैं।
- शेयर मार्केट में स्थायी प्रतिबंध: धोखाधड़ी करने वालों को शेयर मार्केट में भाग लेने से स्थायी रूप से प्रतिबंधित किया जा सकता है। यानि ऐसे अपराधी भविष्य में कभी भी शेयर मार्केट सम्बन्धी कोई भी कार्य नहीं कर पायंगे।
Pump and Dump Scheme के प्रसिद्ध मामले
भारत में पंप एंड डंप स्कीम के कई मामले हुए हैं। जिनमे से कुछ निम्नलिखित हैं-
- Sanjeev bhasin पंप एंड डंप: फ़िलहाल यह मामला मीडिया में छाया हुआ है। क्योंकि संजीव भसीन एक जाने-माने मार्केट एक्सपर्ट हैं। जो बहुत सारे टीवी चैनल्स पर अपनी राय व्यक्त करते हैं। बहुत सारे लोग उनकी राय पर शेयरों में अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं।
- Harshad mehta स्कैम: यह भारतीय स्टॉक मार्केट का अब तक का सबसे बड़ा स्कैम है। इसके ऊपर एक वेबसीरीज "स्कैम 1992" भी बहन चुकी है जो बहुत बड़ी हिट हुई थी। इसका एक डायलॉग "शेयर मार्केट एक ऐसा कुआँ है जो सबकी प्यास बुझा सकता है" बहुत प्रसिद्ध हुआ था। इस स्कैम में ACC सीमेंट के share को पंप एंड डंप किया गया था। जिससे इंडियन stock market क्रेश को गया था। इस स्कैम की वजह से बहुत लोगों ने आत्महत्या की थी। जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।
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