ट्रायंगल चार्ट पैटर्न की फुल जानकारी Tringle Chart Patterns
आमतौर पर स्टॉक ट्रेडर्स चार्ट पैटर्न्स का उपयोग करते हैं। चार्ट पैटर्न्स के द्वारा ट्रेडर्स शेयरों के प्राइस की ट्रेडिंग रेंज जानने के लिए करते हैं। जब एक शेयर के प्राइस की ट्रेडिंग रेंज एक अपट्रेंड या डाउनट्रेंड के बाद सिकुड़ जाती है।
यानीं कि ट्रायंगल समय के साथ टाइट और टाइट होता जाता है। जो bears और bulls के बीच बेटल को बताता है। ट्राएंगल चार्ट पैटर्न्स शेयरों के प्राइस किस दिशा में घूमेंगे। इसका साफ-साफ संकेत देते हैं। आइये जानते हैं ट्राईएंगल चार्ट पैटर्न की फुल जानकारी। Triangle Chart Pattern Analysis in Hindi.
यदि आप चार्ट पैटर्न के एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको गाइड टू ट्रेडिंग चार्ट पैटर्न्स बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
Triangle Chart Patterns क्या है?
ट्राईएंगल पैटर्न तब बनता है, जब स्टॉक्स की ट्रेंडिंग रेंज (Uptrend या Downtrend) बनने के बाद बादसिकुड़ जाती है। तब यह कॉन्टीनुअशन और रिवर्सल से पहले, कंसोलिडेशन, accumulation, या डिस्ट्रीब्यूशन का संकेत देती है। इस पैटर्न के द्वारा आप यह पता लगा सकते हैं कि स्टॉक्स में वर्तमान ट्रेंड ही आगे भी जारी रहेगा या Trend reversal होगा।
हालांकि ट्राईएंगल पैटर्न्स के कप्लीट होने के बाद, प्राइस ज्यादातर पिछले ट्रेंड को ही कंटिन्यू करेगें ऐसा ही माना जाता है। ट्रेडर्स को इन चार्ट पैटर्न्स का उपयोग तब करना चाहिए। जब चार्ट पर ब्रेकआउट दिखाई दे। जब Share के प्राइस कम से कम पांच बार सपोर्ट और रेजिस्टेंस को छू लेते हैं। तब माना जाता है कि चार्ट पर ट्रायंगल पैटर्न्स बन रहा है।
ट्राईएंगल पैटर्न्स निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं-
- Ascending Triangle Chart Pattern
- Descending Triangle Chart Pattern
- Symmetrical Triangle Chart Pattern
1. असेंडिंग ट्रायंगल चार्ट पैटर्न
Ascending triangle char tpattern निम्न प्रकार का होता है।
इसे हिंदी में आरोही ट्रायंगल कहते हैं। यह पैटर्न तब बनता है, तब शेयर के प्राइस हायर लो और एक समान हाई बनाते हैं। Ascending Triangle सामान्यतः अपट्रेंड के दौरान आता बनता है। यह एक कन्टीनुअशन पैटर्न हैं। इस दौरान एक निश्चित प्राइस पर खरीदार ज्यादा जोर नही लगा पाते। लेकिन वे प्राइस को ऊपर की और धकेलते रहते हैं। स्टॉप-लॉस हंटिंग
यदि यह पैटर्न डाउनट्रेंड में बदल जाता है तो यह एक शक्तिशाली रिवर्सल सिग्नल होता है। ऊपर दिए गए चार्ट को देखने पर आप पाएंगे कि buyers अपनी ताकत खो रहे हैं इसलिए शेयर के प्राइस हायर लो बना रहे हैं। लेकिन वे फिर से रेजिस्टेंस लेवल पर प्रेशर देते हैं और यदि वे रेजिस्टेंस को तोड़ने में सफल हो जाते हैं। तो ब्रेकआउट हो जायेगा।
कभी-कभी रेजिस्टेंस लेवल बहुत स्ट्रांग होता है इसलिए प्राइस दूसरी तरफ भी घूम सकते हैं। अतः दूसरी साइड के लिए भी तैयार रहना चाहिए। आपको इस ट्रेड में एंट्री आर्डर, रेजिस्टेंस लेवल के ऊपर लगाना चाहिए तथा दूसरा आर्डर हायर लो के स्लोप के ऊपर करना चाहिए।
शेयर का प्राइस जिस तरफ भी घूमे आपको उसी तरफ एन्जॉय करना चाहिए। एक बात और स्टॉप-लॉस जरूर लगाना चाहिए तथा दूसरे आर्डर को रद्द कर देना चाहिए।
डेसेंडिंग ट्रायंगल चार्ट पैटर्न
डेसेंडिंग ट्राएंगल पैटर्न तब बनता है। जब स्टॉक्स lower high बनाते हैं और सभी lower level का प्राइस एक समान होता है। यह पैटर्न सामान्यतः डाउनट्रेंड के दौरान बनता है। यदि ये डेसेंडिंग पैटर्न अपट्रेंड के दौरान बने तो सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि यह एक शक्तिशाली सिग्नल हो सकता है। वैसे यह भी एक कॉन्टिनुएशन पैटर्न है।
Descending triangle pattern बनने के दौरान स्टॉक्स मंदड़ियों के कब्जे में रहते हैं और बॉटम लाइन पर सपोर्ट लेते हैं। यह असेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न का ठीक उल्टा पैटर्न है। कभी-कभी सपोर्ट लाइन बहुत ही स्ट्रांग होती है इसलिए प्राइस सपोर्ट लाइन पर बाउंस कर जाते हैं। तब शेयर में स्ट्रांग up move आता है।
डेसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न के दौरान ट्रेड कैसे करें? आपको सपोर्ट लाइन पर शेयर को खरीदना चाहिए और टार्गेट पैटर्न के हाईएस्ट पॉइंट के प्राइस के बराबर रखना चाहिए। आपको स्टॉप-लॉस जरूर लगाना चाहिए और स्टॉप-लॉस सपोर्ट लेवल के नीचे रखना चाहिए। आर्थिक मंदी
सयंमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न
यह पैटर्न तब बनता है जब stocks लोअर हाई और हायर लो बनाते हैं। साथ ही शेयर का प्राइस दिशाहीन होता है। यानि कि प्राइस एक रेंज में रहते हैं। इस दौरान तेजड़िये और मंदड़िये दोनों ही अनिर्णय की स्थिती में होते हैं। इनमें से कोई भी प्राइस पर कंट्रोल स्थापित नहीं कर पाता है। Symmetrical Triangle Pattern यदि अपट्रेंड में बनता है तो एक ट्रायंगल के बाद अपट्रेंड फिर से आ जाता है। ऑप्शन डेल्टा
यदि यह पैटर्न डाउनट्रेंड के दौरान बनता है तो पैटर्न बनने के बाद फिर से डाउनट्रेंड आ जाता है। यह शेयर के प्राइस कंसोलिडेट होने का एक प्रकार है। यह भी एक कोटिनुएशन पैटर्न है किन्तु इससे रिवर्सल होने के भी चांस बहुत ज्यादा रहते हैं। इसके दोनों तरफ की स्लोप एक समान होती हैं। जिसका मतलब होता है कि ब्रेकआउट पास ही है। इंस्ट्रिन्सिक वैल्यू
सयंमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न से आपको यह पता नहीं चलता कि ब्रेकआउट किस दिशा में हो सकता है। परन्तु ये निश्चित होता है कि ब्रेकआउट जरूर होगा। यह पैटर्न Symmetrical Triangle Pattern स्टॉक में कंसोलिडेशन को दर्शाता है और असेंडिंग ट्रायंगल एक्युमुलेशन को तथा डिसेंडिंग ट्रायंगल डिस्ट्रीब्यूशन को दर्शाता है।
लेकिन Symmetrical Triangle में बुलिश और बेयरिश दोनों तरह के ट्रेडर्स शामिल रहते हैं और प्राइस को अपनी-अपनी तरफ तब तक खींचते हैं जब तक उनमें से किसी एक दिशा में ब्रेकआउट नहीं हो जाता है। ज्यादातर ब्रेकआउट शेयर के पिछले ट्रेंड की तरफ ही होता है।
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