Intraday Trading Mistakes: इंट्राडे ट्रेडिंग में 10 बड़ी गलतियां जो आपके पैसे डुबा सकती हैं!

Intraday trading common mistakes: इंट्राडे ट्रेडिंग सुनने में जितनी एक्ससाइटिंग लगती है, असल में उतनी ही चुनौतीपूर्ण भी है। हर दिन हजारों लोग मार्केट में पैसा कमाने के इरादे से आते हैं। लेकिन बहुत कम लोग consistent profit कमा पाते हैं क्योंकि ज़्यादातर ट्रेडर्स कुछ कॉमन मिस्टेक्स को बार-बार दोहराते हैं जो धीरे-धीरे उनके कैपिटल को खत्म कर देती हैं। आइए जानते हैं- इंट्राडे ट्रेडिंग में 10 बड़ी गलतियां जो आपके पैसे डुबा सकती हैं। Intraday trading common mistakes in Hindi.                             

Intraday trading common mistakes
ट्रेडिंग शुरू करने से पहले अपना Trading Journal तैयार करें और उसमें सभी डिसीजन नोट करें।

अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग के एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको इंद्रजीत शांताराम द्वारा लिखित द आर्ट ऑफ इंट्राडे ट्रेडिंग बुक जरूर पढ़नी चाहिए। 

Intraday trading क्या होती है?

जब आप किसी कंपनी के शेयर्स को सुबह खरीदते हैं और उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले (आमतौर पर 3:15 PM तक) बेच देते हैं तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं। यहाँ आपका मकसद कंपनी में निवेश करना नहीं बल्कि दिनभर में शेयर की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से छोटा-छोटा प्रॉफिट कमाना होता है।

Intraday Trading यानी वो ट्रेडिंग जिसमें आप एक ही दिन में शेयर खरीदते और बेचते हैं। यह short-term profit के लिए की जाती है और इसमें Speed + Timing दोनों ही बहुत मायने रखते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग में आप long-term investment नहीं करते बल्कि ट्रेड से उसी दिन Entry और Exit दोनों करते हैं। लेकिन अगर आपकी strategy, psychology या risk control सही नहीं है तो ये तेज़ गेम आपको मिनटों में घाटे में पहुंचा सकता है।

Intraday trading की टॉप 10 जानलेवा मिस्टेक्स 

"सुबह 9:15... मार्केट खुलते ही स्क्रीन पर हरी-लाल कैंडल्स की दौड़ शुरू हो जाती है। दिल में एक उम्मीद, आँखों में एक सपना कि आज बड़ा प्रॉफिट कमाना है! लेकिन शाम 3:30 होते-होते, वही सपना एक बुरे ख्वाब में बदल जाता है। हरे निशान की जगह अकाउंट में लाल निशान दिखाई देता है और हाथ लगती है सिर्फ निराशा।"

क्या यह कहानी आपको अपनी लग रही है? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। भारत में लाखों लोग हर दिन इंट्राडे ट्रेडिंग में उतरते हैं लेकिन उनमें से 90% से ज्यादा लोग अपना पैसा गँवा देते हैं। इसका कारण Stock market की मुश्किल चालें नहीं बल्कि कुछ ऐसी सामान्य गलतियाँ हैं, जिन्हें वे बार-बार दोहराते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग, यानी एक ही दिन में शेयर buy & sell करना, जल्दी पैसा कमाने का एक आकर्षक तरीका लग सकता है। यह एक हाई-स्पीड रेस की तरह है, जहाँ सही ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी आपको विजेता बना सकती है। लेकिन एक छोटी सी चूक भी आपको रेस से बाहर कर सकती है। 

ये भी जानें- 

Intraday trading में ट्रेडर्स द्वारा की जाने वाली टॉप 10 mistakes निम्नलिखित हैं-

1. बिना ट्रेडिंग प्लान के मैदान में उतरना

कल्पना कीजिए, आप एक घने जंगल में बिना नक्शे, बिना कम्पास के निकल पड़ते हैं। क्या होगा? अगर आप भटक जाएँगे। इंट्राडे ट्रेडिंग भी एक ऐसा ही जंगल है। जहाँ बिना ट्रेडिंग प्लान के ट्रेडिंग करना, जुआ खेलने के बराबर है।

इसे एक उदाहरण से समझें- एक ट्रेडर, रमेश, सुबह 9:15 पर अपना लैपटॉप खोलता है। वह देखता है कि अडानी पावर का स्टॉक तेजी से ऊपर जा रहा है। FOMO (Fear of Missing Out) के चलते वह तुरंत बड़ी मात्रा में उसे खरीद लेता है लेकिन खरीदने के कुछ ही मिनटों बाद यह स्टॉक नीचे गिरने लगता है। अब रमेश घबरा जाता है, उसे नहीं पता कि उसे कहाँ निकलना है (स्टॉप लॉस क्या है?), और उसे किस प्राइस पर प्रॉफिट बुक करना है (टारगेट क्या है?)। दिन के अंत तक, वह एक बड़े नुकसान के साथ अपनी पोजीशन काटता है। 

रमेश ने यह क्यों एक गलती है?: बिना ट्रेडिंग प्लान के, आपके सारे निर्णय भावनाओं (डर और लालच) पर आधारित होते हैं, तर्क पर नहीं। आपको पता ही नहीं होता कि कौन सा स्टॉक खरीदना है और किस प्राइस पर खरीदना है। यानी Entry Point क्या होना चाहिए। 

नुकसान होने पर कहाँ निकलना है यानी Stop-Loss किस पॉइंट पर लगाना चाहिए? प्रॉफिट किस प्राइस पर बुक करना चाहिए, Target टार्गेट ट्रेड लेने से पहले ही सेट कर लेना चाहिए। कितना पैसा एक ट्रेड में लगाना है, यानि पोजीशन Position Sizing करना आना चाहिए। अनुभवी ट्रेडर्स अपने कुल पूँजी का 2% से ज्यादा एक ट्रेड में नहीं लगाते हैं। 

इसका समाधान क्या है?: ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, आपके पास इन सवालों के लिखित जवाब होने चाहिए। आपका ट्रेडिंग प्लान आपका नक्शा है। यह आपको अनुशासित रहने में मदद करता है और भावनात्मक निर्णयों से बचाता है।

2. स्टॉप-लॉस को नज़रअंदाज़ करना 

Stop-loss इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे महत्वपूर्ण हथियार है। यह आपकी "सेफ्टी बेल्ट" है। यह एक पहले से तय किया गया प्राइस लेवल होता है। जहाँ पहुँचने पर आपका ट्रेड अपने आप कट जाता है, ताकि आपका नुकसान सीमित रहे। बहुत से नए ट्रेडर्स यह सोचकर स्टॉप-लॉस नहीं लगाते कि, "थोड़ा और नीचे जाकर यह वापस ऊपर आ जाएगा।" यह "उम्मीद" पर आधारित ट्रेडिंग है, जो इंट्राडे में सबसे घातक है।

यह क्यों एक गलती है? शेयर बाजार किसी के लिए नहीं रुकता। एक छोटा सा नुकसान, स्टॉप-लॉस न लगाने के कारण, देखते ही देखते आपके ट्रेडिंग कैपिटल का एक बड़ा हिस्सा साफ कर सकता है। यह एक छोटी सी चिंगारी को पूरे घर को जलाने देने जैसा है।

समाधान क्या है? कभी भी, बिना स्टॉप-लॉस के ट्रेड न करें। यह नियम पत्थर की लकीर है। अपना ट्रेड लेने से पहले ही तय कर लें कि आप इस ट्रेड में अधिकतम कितना नुकसान झेल सकते हैं और उसी के अनुसार stop-loss लगाएँ। एक अच्छा रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो (जैसे 1:2, यानी 1 रुपये का जोखिम लेकर 2 रुपये कमाने का लक्ष्य) बनाकर चलें।

3. रिवेंज ट्रेडिंग (Revenge Trading)

जब किसी ट्रेडर को एक बड़ा नुकसान होता है, तो वह अक्सर हताश हो जाता है। उसे लगता है, "बाजार ने मुझसे मेरा पैसा छीना है, मैं इसे अभी वापस लेकर रहूँगा!" इस बदले की भावना में आकर वह बिना किसी विश्लेषण के, बड़े लॉट साइज के साथ उल्टे-सीधे ट्रेड लेने लगता है। इसे रिवेंज ट्रेडिंग कहते हैं।

यह क्यों एक गलती है? रिवेंज ट्रेडिंग में आप दिमाग से नहीं, बल्कि अपने अहंकार (Ego) से ट्रेड कर रहे होते हैं। आप बाजार को गलत साबित करने की कोशिश करते हैं, और इस लड़ाई में हमेशा आपकी ही हार होती है। यह एक नुकसान को और बड़े नुकसान में बदलने का सबसे तेज तरीका है।

समाधान क्या है? अगर आपका स्टॉप-लॉस हिट होता है, तो उसे स्वीकार करें। यह खेल का हिस्सा है। अगर लगातार 2-3 ट्रेड में नुकसान हो जाए, तो अपना ट्रेडिंग टर्मिनल बंद कर दें। उठकर थोड़ा टहलें, पानी पिएँ और दिमाग को शांत करें। उस दिन के लिए ट्रेडिंग बंद कर देना, रिवेंज ट्रेडिंग से होने वाले बड़े नुकसान से कहीं बेहतर है। बाजार कल भी खुलेगा!

4. ओवरट्रेडिंग करना 

ओवरट्रेडिंग का मतलब है बहुत ज्यादा या बहुत बार-बार ट्रेड करना। नए ट्रेडर्स को लगता है कि वे जितने ज्यादा ट्रेड करेंगे, उतना ही ज्यादा पैसा कमाएँगे। लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट होती है।

यह क्यों एक गलती है?

  • ब्रोकरेज और टैक्स: हर ट्रेड पर आपको ब्रोकरेज और अन्य चार्ज देने पड़ते हैं। ज्यादा ट्रेड मतलब ज्यादा खर्चे, जो आपके मुनाफे को खा जाते हैं।
  • खराब निर्णय: जब आप हर मिनट एक नया अवसर तलाशते हैं, तो आप अच्छी क्वालिटी वाले सेटअप का इंतजार नहीं करते। आप जल्दबाजी में खराब निर्णय लेते हैं।
  • मानसिक थकावट: लगातार ट्रेडिंग करने से मानसिक और भावनात्मक थकावट होती है, जिससे गलतियाँ होने की संभावना बढ़ जाती है।

समाधान क्या है? गुणवत्ता (Quality) को मात्रा (Quantity) पर प्राथमिकता दें। दिन में 1 से 3 अच्छे, सोचे-समझे और आपके ट्रेडिंग प्लान के अनुसार ट्रेड करना, 15-20 अंदाजे पर लिए गए ट्रेड से लाख गुना बेहतर है। अपने लिए एक नियम बनाएँ - "मैं दिन में 3 से ज्यादा ट्रेड नहीं करूँगा" या "अगर मुझे 2 स्टॉप-लॉस हिट हो गए तो मैं उस दिन ट्रेडिंग बंद कर दूँगा।"

5. टिप्स और सलाह पर आँख बंद करके भरोसा करना

पांचवी  mistake है, टेलीग्राम चैनल, व्हाट्सएप ग्रुप और टीवी चैनल्स पर "आज यह स्टॉक रॉकेट बनेगा," "100% श्योर कॉल" जैसे मैसेज भरे पड़े रहते हैं। नए ट्रेडर्स आसानी से इन टिप्स के झांसे में आ जाते हैं। वे यह नहीं समझते कि अगर किसी के पास सच में कोई "श्योर शॉट" फार्मूला होता, तो वह उसे बेचता नहीं, बल्कि खुद पैसे कमाता।

यह क्यों एक गलती है? यह आपको एक स्वतंत्र और समझदार ट्रेडर बनने से रोकता है। आप दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं। आपको उस ट्रेड के पीछे का लॉजिक नहीं पता होता इसलिए जब ट्रेड आपके खिलाफ जाता है तो आपको यह भी नहीं पता होता कि कब निकलना है।

समाधान क्या है? दूसरों से सीखें, लेकिन अपने निर्णय खुद लें। टेक्निकल एनालिसिस और चार्ट रीडिंग सीखें। अपनी खुद की रणनीति विकसित करें। किसी की टिप पर पैसा लगाने से पहले, खुद उसका विश्लेषण करें कि क्या वह आपके ट्रेडिंग प्लान और रिस्क मैनेजमेंट में फिट बैठता है या नहीं। याद रखें, पैसा आपका है, तो फैसला भी आपका होना चाहिए।

6. गिरते हुए स्टॉक को एवरेज करना (Averaging a Losing Position)

मान लीजिए आपने कोई स्टॉक 100 रुपये में खरीदा और वह 95 रुपये पर आ गया। आपको लगता है, "यह तो सस्ता हो गया, थोड़ा और खरीद लेता हूँ ताकि औसत कीमत कम हो जाए और जब यह वापस ऊपर जाएगा तो ज्यादा फायदा होगा।" यह एक बहुत बड़ी और खतरनाक गलती है।

यह क्यों एक गलती है? आप एक हारते हुए ट्रेड में और ज्यादा पैसा झोंक रहे हैं। आप इस उम्मीद में हैं कि बाजार पलटेगा, जबकि बाजार आपको संकेत दे रहा है कि आपका विश्लेषण गलत था। इंट्राडे में ट्रेंड बहुत तेज होता है, और जो स्टॉक गिर रहा है। वह और भी नीचे जा सकता है, जिससे आपका नुकसान दोगुना या तिगुना हो सकता है।

समाधान क्या है? हारने वालों को कभी एवरेज न करें। अगर आपका ट्रेड गलत साबित हो रहा है तो अपने स्टॉप-लॉस पर निकल जाएँ। एक छोटा नुकसान स्वीकार करना, अपने अकाउंट को बड़े खतरे में डालने से बेहतर है। हाँ, जीतने वाले ट्रेड में आप पिरामिडिंग (और जोड़ना) कर सकते हैं, लेकिन वह एक एडवांस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है।

7. बाजार के ट्रेंड के खिलाफ जाना ("Fighting the Trend")

मार्केट का एक ट्रेंड होता है - अपट्रेंड (ऊपर की ओर), डाउनट्रेंड (नीचे की ओर), या साइडवेज (एक रेंज में)। नए ट्रेडर्स अक्सर ट्रेंड के खिलाफ ट्रेड करने की कोशिश करते हैं। अगर मार्केट लगातार गिर रहा है, तो वे यह सोचकर खरीदने लगते हैं कि "अब इससे ज्यादा और कितना गिरेगा?"

यह क्यों एक गलती है? "Trend is your friend" (ट्रेंड आपका दोस्त है) - यह ट्रेडिंग का एक सुनहरा नियम है। बहती नदी के बहाव के साथ तैरना आसान होता है, लेकिन उसके विपरीत तैरने में बहुत ताकत लगती है और डूबने का खतरा भी होता है। बाजार के ट्रेंड के खिलाफ जाने का मतलब है कि आप बाजार की ताकत से लड़ रहे हैं, जिसमें जीतना लगभग असंभव है।

समाधान क्या है? ट्रेंड को पहचानना सीखें। अगर बाजार का मुख्य ट्रेंड ऊपर की ओर है, तो खरीदने के मौके (Buy on Dips) तलाशें। अगर ट्रेंड नीचे की ओर है, तो बेचने के मौके (Sell on Rise) तलाशें। ट्रेंड के साथ चलने से आपके सफल होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

8. बहुत ज्यादा लिवरेज (Leverage/Margin) का इस्तेमाल करना

ब्रोकर आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए लिवरेज या मार्जिन देते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपके अकाउंट में 10,000 रुपये हैं, तो आप 50,000 रुपये या 1 लाख रुपये तक के शेयर खरीद और बेच सकते हैं। यह एक दोधारी तलवार है। यह आपके मुनाफे को कई गुना बढ़ा सकता है, तो आपके नुकसान को भी कई गुना बढ़ा सकता है।

यह क्यों एक गलती है? नए ट्रेडर्स अक्सर ज्यादा लिवरेज लेकर अपनी क्षमता से बड़ा ट्रेड ले लेते हैं। एक छोटा सा भी प्राइस मूवमेंट उनके खिलाफ जाने पर, उनका पूरा कैपिटल साफ हो सकता है। यह जल्दी अमीर बनने के लालच में उठाया गया एक आत्मघाती कदम है।

समाधान क्या है? शुरुआत में बहुत कम या बिना लिवरेज के ट्रेड करें। पहले छोटे-छोटे मुनाफे कमाना और अपने कैपिटल को बचाना सीखें। जैसे-जैसे आपका अनुभव और आत्मविश्वास बढ़े, आप धीरे-धीरे और समझदारी से लिवरेज का इस्तेमाल कर सकते हैं।

9. सीखने पर ध्यान न देना

कई लोगों को लगता है कि ट्रेडिंग के लिए बस एक लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन काफी है। वे सीखने की प्रक्रिया को पूरी तरह से नज़रअंदाज कर देते हैं। वे टेक्निकल एनालिसिस, कैंडलस्टिक पैटर्न, रिस्क मैनेजमेंट और ट्रेडिंग मनोविज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों को सीखने में समय नहीं लगाते।

यह क्यों एक गलती है? ट्रेडिंग एक प्रोफेशन है, कोई लॉटरी नहीं। जैसे डॉक्टर या इंजीनियर बनने के लिए सालों की पढ़ाई और प्रैक्टिस लगती है, वैसे ही एक सफल ट्रेडर बनने के लिए लगातार सीखने और अभ्यास करने की जरूरत होती है। बिना सीखे ट्रेडिंग करना, बिना ड्राइविंग सीखे हाईवे पर कार चलाने जैसा है - दुर्घटना निश्चित है।

समाधान क्या है? ज्ञान ही आपकी सबसे बड़ी शक्ति है। किताबें पढ़ें, अच्छे ऑनलाइन कोर्स करें, वेबिनार में शामिल हों और विश्वसनीय यूट्यूब चैनलों को फॉलो करें। आप मेसे इस ब्लॉग को पढ़कर भी शेयर मार्केट ट्रेडिंग करना सीख सकते हैं, सबसे महत्वपूर्ण, पेपर ट्रेडिंग करें। असली पैसा लगाने से पहले, एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज का अभ्यास करें। स्टॉक्स के चार्ट्स को पढ़ना सीखें, आपको शेयरों के चार्ट्स को पढ़ना आना चाहिए, यह बहुत जरूरी है। 

10. ट्रेडिंग मनोविज्ञान को न समझना (Ignoring Trading Psychology)

यह शायद सबसे बड़ी और सबसे कम समझी जाने वाली गलती है। ट्रेडिंग 80% मनोविज्ञान और सिर्फ 20% रणनीति है। लालच (Greed), डर (Fear), उम्मीद (Hope), और अहंकार (Ego) - ये चार भावनाएँ आपके सबसे बड़े दुश्मन हैं।

  • लालच आपको जल्दी प्रॉफिट बुक नहीं करने देता।

  • डर आपको एक अच्छा ट्रेड लेने से रोकता है।

  • उम्मीद आपको हारते हुए ट्रेड में बनाए रखती है।

  • अहंकार आपको यह स्वीकार नहीं करने देता कि आप गलत थे।

यह क्यों एक गलती है? आप दुनिया की सबसे अच्छी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी जान सकते हैं, लेकिन अगर आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सकते तो आप शेयर मार्केट में कभी भी लगातार प्रॉफिट नहीं कमा पाएँगे।

समाधान क्या है? अपने इमोशंस को पहचानें और उन्हें मैनेज करना सीखें। ट्रेडिंग जर्नल बनाएँ, जिसमें आप अपने हर ट्रेड के साथ-साथ उस समय की अपनी भावनाओं को भी लिखें। ध्यान (Meditation) और ट्रेडिंग अनुशासन का अभ्यास करें। यह समझें कि नुकसान खेल का हिस्सा है और उसे व्यक्तिगत रूप से न लें।

निष्कर्ष: गलतियों से सीखकर ही मिलती है सफलता

इंट्राडे ट्रेडिंग एक चुनौतीपूर्ण लेकिन पुरस्कृत क्षेत्र है। यह जल्दी अमीर बनने की स्कीम नहीं, बल्कि एक गंभीर बिजनेस है जिसके लिए कौशल, अनुशासन और सही मानसिकता की आवश्यकता होती है। ऊपर बताई गई गलतियाँ लगभग हर ट्रेडर अपने शुरुआती दिनों में करता है। सफल ट्रेडर और असफल ट्रेडर में फर्क सिर्फ इतना है कि सफल ट्रेडर अपनी गलतियों से सीखते हैं, उन्हें दोहराते नहीं, और लगातार खुद में सुधार करते रहते हैं।

अतः अगली बार जब आप ट्रेडिंग करने बैठें, तो इन गलतियों की सूची को अपने सामने रखें। अपने ट्रेडिंग प्लान का पालन करें, स्टॉप-लॉस का सम्मान करें, अपने जोखिम को प्रबंधित करें और अपनी भावनाओं को काबू में रखें। याद रखें, इंट्राडे ट्रेडिंग एक स्प्रिंट नहीं, बल्कि एक मैराथन है। धैर्य और निरंतर सीखने की इच्छा ही आपको इस मैराथन का विजेता बनाएगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कितना पैसा चाहिए? 

उत्तर: आप 5,000-10,000 रुपये जैसी छोटी राशि से भी शुरुआत कर सकते हैं। महत्वपूर्ण यह है कि आप केवल वही पैसा लगाएँ जिसे खोने का आप जोखिम उठा सकते हैं। शुरुआत में सीखने पर ध्यान दें, कमाई पर नहीं।

प्रश्न 2: क्या इंट्राडे ट्रेडिंग से हर दिन पैसा कमाया जा सकता है? 

उत्तर: नहीं, यह एक मिथक है। दुनिया का कोई भी ट्रेडर हर दिन प्रॉफिट नहीं कमा सकता। ट्रेडिंग में अच्छे और बुरे दिन दोनों होते हैं। लक्ष्य यह होना चाहिए कि महीने के अंत में आप कुल मिलाकर मुनाफे में रहें। जिसके लिए रिस्क मैनेजमेंट महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 3: नए ट्रेडर्स के लिए कौन से टेक्निकल इंडिकेटर्स अच्छे हैं? 

उत्तर: शुरुआत के लिए, आप मूविंग एवरेज (Moving Averages), रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), और वॉल्यूम (Volume) जैसे सरल और प्रभावी इंडिकेटर्स पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। बहुत सारे इंडिकेटर्स लगाकर अपने चार्ट को जटिल न बनाएँ।

प्रश्न 4: स्टॉप-लॉस कैसे तय करें? 

उत्तर: स्टॉप-लॉस तय करने के कई तरीके हैं, जैसे कि हाल के सपोर्ट या रेजिस्टेंस लेवल के आधार पर, कैंडल के लो/हाई के आधार पर, या अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार एक निश्चित प्रतिशत (जैसे 1%) पर।

प्रश्न 5: क्या मुझे इंट्राडे ट्रेडिंग को फुल-टाइम करियर बनाना चाहिए? 

उत्तर: इंट्राडे ट्रेडिंग को तुरंत फुल-टाइम करियर बनाने की गलती न करें। पहले अपनी वर्तमान नौकरी के साथ-साथ इसे सीखें और अभ्यास करें। जब आप लगातार 6 महीने से 1 साल तक मुनाफ़ा कमाने लगें और आपके पास पर्याप्त बैकअप कैपिटल हो, तभी इसे फुल-टाइम बनाने पर विचार करें।

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