Protective Put Strategy: ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान से बचाने वाली प्रोटेक्टिव पुट स्ट्रेटेजी
ऑप्शन ट्रेडिंग एक बहुत ही प्रॉफिटेबल लेकिन रिस्की फाइनेंशियल टूल है। जो ट्रेडर्स को कम पैसों में ज्यादा प्रॉफिट कमाने के मौके देता है। लेकिन इसके साथ ही बड़े नुकसान की संभावना भी रहती है। पुट प्रोटेक्टिव स्ट्रेटेजी आपको इस नुकसान से बचा सकती है। यह स्ट्रेटेजी लॉन्ग-पोजीशन में संभावित नुकसान से आपको बचा सकती है। अगर आपने कोई स्टॉक खरीदा है और आप मार्केट में गिरावट की चिंता कर रहे हैं, तो यह हैजिंग स्ट्रेटेजी आपकी ढाल बन सकती है। जानते हैं-ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान से बचाने वाली प्रोटेक्टिव पुट स्ट्रेटेजी What is Protective Put Strategy in Hindi.
अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग के एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको जेब्रा लर्न द्वारा लिखित ऑप्शन ट्रेडिंग के मास्टरमाइंड बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
प्रोटेक्टिव पुट स्ट्रेटेजी क्या है?
Protective Put एक ऐसा ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी है, जिसमें निवेशक किसी स्टॉक को खरीदता है और साथ ही उस स्टॉक पर एक Put Option भी खरीदता है। इसका उद्देश्य संभावित नुकसान को सीमित करना और प्रॉफिट को बनाये रखना होता है।
पुट अपने आप में एक बेयरिश स्ट्रेटेजी है, जिसमें ट्रेडर्स का मानना होता है कि शेयर के प्राइस भविष्य में गिर जायेंगे। हालाँकि एक प्रोटेक्टिव पुट का उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है। तब इन्वेस्टर्स ने लॉन्ग पोजीशन बनाई होती है। तब संभावित नुकसान से बचने के लिए यह हैजिंग पोजीशन बनाई जाती है।
मान लीजिए आपने 1000 रूपये प्रति शेयर के हिसाब से रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर खरीदे। अब आपको डर है कि स्टॉक गिर सकता है, इसलिए आप 950 रूपये की स्ट्राइक प्राइस वाला Put Option खरीद लेते हैं। अगर स्टॉक 800 रूपये पर गिर जाता है, तो आप Put Option का प्रयोग करके इसे 950 रूपये पर बेच सकते हैं।
इस तरह आप अपने नुकसान सीमित कर सकते हैं। Protective Put को आप कमोडिटी, स्टॉक, क्रिप्टोकोर्रेंसी की ट्रेडिंग में उपयोग कर सकते हैं। प्रोटेक्टिव पुट खरीदार के लिए असीमित प्रॉफिट की संभावनाएं पैदा करती है क्योंकि खरीदार अंडरलाइंग एसेट का मालिक होता है। प्रोटेक्टिव पुट अंडरलाइंग एसेट की सम्पूर्ण पोजीशन कवर करता है इसलिए इसे मैरिड पुट भी कहा जाता है।
प्रोटेक्टिव पुट कैसे काम करता है
जब किसी शेयर को खरीदा जाता है यानि उसमे लॉन्ग पोजीशन बनाई जाती है। प्रोटेक्टिव पुट स्ट्रेटेजी बनाने के लिए उसी स्टॉक पर एक Put Option खरीदा जाता है। यदि स्टॉक की कीमत गिरती है, तो Put Option सुरक्षा प्रदान करता है।
यदि स्टॉक की कीमत बढ़ती है, तो इन्वेस्टर को प्रॉफिट मिलता है, लेकिन Put Option की लागत यानि प्रीमियम चुकाना पड़ता है। यदि आपको लगता है कि किसी शेयर का प्राइस लॉन्ग-टर्म में तो ऊपर जायेगा लेकिन शार्ट-टर्म में उसके प्राइस में गिरावट आ सकती है। जैसे कि किसी न्यूज की वजह से प्राइस गिरावट आना आदि। अगर आपने उस शेयर मे भारी इन्वेस्टमेंट कर रखा है और आप जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं तो आप इस दौरान उस शेयर पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं।
प्रोटेक्टिव पुट स्ट्रेटेजी के फायदे और नुकसान
Protective Put Strategy के निम्नलिखित फायदे होते हैं-
- सीमित नुकसान: यह स्ट्रेटेजी आपको एक प्रीमियम देकर स्टॉक के प्राइस गिरने पर उसे न्यूनतम प्राइस पर खरीदने का अधिकार देती है। इस प्रकार आप अपने नुकसान को एक निश्चित सीमा तक कम कर सकते हैं।
- असीमित प्रॉफिट की संभावना: यदि स्टॉक की कीमत ऊपर जाती है। तब Put Option का कोई उपयोग नहीं होगा, लेकिन आपके स्टॉक का प्राइस बढ़ेगा और आप प्रॉफिट में रहेंगे।
- मानसिक शांति: स्टॉक मार्केट वोलैटिलिटी के बावजूद आप निश्चिंत रह सकते हैं कि आपका नुकसान सीमित रहेगा।
- लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का सपोर्ट: Protective Put रणनीति लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए बेहतरीन होती है जो किसी स्टॉक को वर्षों तक होल्ड करना चाहते हैं।
- प्रीमियम का खर्च: हर बार जब आप Put Option खरीदते हैं, तो आपको प्रीमियम देना पड़ता है। यदि स्टॉक गिरता नहीं है, तो यह पैसा फिजूल ही खर्च हो जाता है।
- जटिलता: Beginners ट्रेडर्स के लिए Protective Put समझना और सही तरीके से लागू करना थोड़ा कठिन हो सकता है।
- बार-बार Renew करना: यदि आप एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं, तो आपको समय-समय पर नया Put Option खरीदना होगा। जिससे लागत बढ़ा सकता है और प्रॉफिट कम हो सकता है।
यह न केवल नुकसान को सीमित करता है, बल्कि प्रॉफिट की संभावना को भी खुला रखता है। यदि सही ढंग से और अनुशासित तरीके से उपयोग किया जाए। तो Protective Put एक ऐसी ढाल बन जाती है जो आपके निवेश को सुरक्षित रखने में अत्यंत सहायक हो सकती है।
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प्रोटेक्टिव पुट का उदाहरण दीजिये
प्रोटेक्टिव पुट का उदाहरण मान लीजिए कि एक इन्वेस्टर के पास किसी कंपनी के 100 शेयर हैं। जो वर्तमान में 50 रूपये प्रति शेयर पर ट्रेड हो रहे हैं। इन्वेस्टर मार्केट में गिरावट को लेकर आशंकित चिंतित है। अतः इन्वेस्टर 48 रूपये स्ट्राइक प्राइस के साथ एक प्रोटेक्टिव पुट ऑप्शन खरीद लेता है जो एक महीने में एक्सपायर हो रहा है। इसे वह 2 रूपये प्रति शेयर के प्रीमियम पर खरीदकर अपने नुकसान को सीमित कर लेता है।
प्रोटेक्टिव पुट बुलिश है या बेयरिश है?
प्रोटेक्टिव पुट एक ऑप्शन स्ट्रेटेजी है जो नुकसान को सीमित कर सकती है जबकि आपको संभावित रिटर्न हासिल करने की अनुमति देती है। इसका उपयोग तब किया जा सकता है, जब आप किसी शेयर में लॉन्ग-टर्म संभावनाओं के बारे में आशावादी हों लेकिन निकट भविष्य में उसके प्राइस में संभावित गिरावट के बारे में चिंतित हों
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