Growth VS Value Stock Investing: ग्रोथ इन्वेस्टिंग और वैल्यू इन्वेस्टिंग में कौन सी स्ट्रेटेजी बेहतर है?

वैल्यू इन्वेस्टिंग में मजबूत फंडामेंटल वाले और कम प्राइस पर ट्रेड करने वाले शेयरों में इन्वेस्ट किया जाता है। जबकि ग्रोथ इन्वेस्टिंग में तेजी से प्राइस वृद्धि की संभावना वाली कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्टमेंट किया जाता है। 

ग्रोथ और वैल्यू इन्वेस्टिंग दोनों शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने की अलग-अलग रणनीतियाँ होती हैं। जो अलग-अलग स्टॉक के प्रकारों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं- ग्रोथ इन्वेस्टिंग और वैल्यू इन्वेस्टिंग में कौन सी स्ट्रेटेजी बेहतर है? Growth Stock Investing VS Value Stock Investing in Hindi. 

Growth VS Value Investing
ग्रोथ इन्वेस्टिंग और वैल्यू इन्वेस्टिंग में कौन सी स्ट्रेटेजी बेहतर है?

अगर आप शेयर मार्केट में वैल्यू इन्वेस्टिंग या ग्रोथ इन्वेस्टिंग के एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको वॉरेन बफे के गुरु बैंजामिन ग्राहम द्वारा लिखित द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक जरूर पढ़नी चाहिए। 

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते समय इन्वेस्टर्स के सामने दो प्रमुख रणनीतियाँ होती हैं - Growth Stock (वृद्धि शेयर) और Value Stock (मूल्य शेयर) में निवेश। यह दोनों प्रकार के निवेश अपनी विशेषताओं, जोखिमों और लाभों के आधार पर अलग-अलग होते हैं। 

इस आर्टिकल में हम ग्रोथ और वैल्यू इन्वेस्टिंग दोनों निवेश रणनीतियों का तुलनात्मक अध्ययन करेंगे। साथ ही यह समझने की कोशिश करेंगे कि किस इन्वेस्टर के लिए कौन सा ऑप्शन बेहतर हो सकता है। 

ग्रोथ स्टॉक 

Growth stocks का आशय उन कंपनियों के शेयरों से है। जिनकी बिक्री और प्रॉफिट उसी सेक्टर की अन्य कंपनियों की तुला में तेज गति से बढ़ रहे होते हैं। यहाँ ग्रोथ का मतलब कंपनी की अर्निग और प्रॉफिट ग्रोथ से होता है। 

एक उदाहरण के द्वारा इसे समझ सकते हैं। माना किसी एक सेक्टर की ज्यादातर कंपनियों का प्रॉफिट 12% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। जबकि उसी सेक्टर की XYZ कंपनी का प्रॉफिट 20% की दर से बढ़ रहा है। तो XYZ कंपनी के स्टॉक को ग्रोथ स्टॉक समझा जा सकता है। ग्रोथ शेयरों की इनकम और प्रॉफिट साल दर साल बहुत तेजी से बढ़ते हैं। 

जब ग्रोथ कंपनियां नए प्रोडक्ट मार्केट में लॉन्च करती हैं तो ग्राहक उनके प्रोडक्ट के लिए एक्स्ट्रा प्राइस खर्च करने के लिए तैयार रहते हैं। जिससे इनके शेयरों की डिमांड हाई रहती है। 

ग्रोथ शेयरों की विशेषताएं
  1. तेजी से बढ़ती कंपनियां: ये कंपनियां अपने उद्योग में तेजी से विकसित होती हैं।
  2. डिविडेंड नहीं देतीं: अधिकतर Growth Stocks कंपनियां डिविडेंड (Dividend) का भुगतान नहीं करतीं। बल्कि उस राशि को पुनः कंपनी में रीइन्वेस्ट करके उसके विस्तार में लगाती हैं।
  3. हाई P/E रेश्यो: इन कंपनियों का Price-to-Earnings (P/E) रेश्यो बहुत हाई होता है क्योंकि इन्वेस्टर्स इनके भविष्य के विकास को ध्यान में रखकर अधिक भुगतान करने के लिए तैयार रहते हैं।
  4. हाई रिस्क होता है: यदि कंपनी की अपेक्षित ग्रोथ रेट पूरी नहीं होती, तो उनके शेयर प्राइस में भारी गिरावट आ सकती है। 
  5. बुक वैल्यू से ज्यादा प्राइस: ग्रोथ शेयरों का प्राइस उनकी बुक वैल्यू से बहुत ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन्वेस्टर्स growth stocks के लिए ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार रहते हैं।   
अडानी पावर, जोमाटो, ट्रैंट और जिओ फाइनेंशियल सर्विस आदि कुछ ग्रोथ शेयरों के उदाहरण हैं। इन वैल्यू स्टॉक्स को केवल उदाहरण के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। ये हमारी तरफ से कोई इंवेस्टिंग की सलाह नहीं है।

ग्रोथ शेयरों में इन्वेस्टमेन्ट करने के फायदे
  •  ग्रोथ stocks में इन्वेस्ट करके आप लॉन्गटर्म और शार्ट टर्म दोनों तरह से प्रॉफिट कमा सकते हैं।
  • ग्रोथ स्टॉक्स को लम्बे समय तक होल्ड करने से इनमें मल्टीबैगर रिटर्न मिल सकता है।
  • तेजी से विकसित हो रही कंपनियों में निवेश करने से पूंजी का तेजी से बढ़ना संभव होता है। 

वैल्यू स्टॉक 

Value stock उन कंपनियों को कहा जाता है। जिनका स्टॉक अपनी असली कीमत से कम प्राइस पर मार्केट में ट्रेड कर रहा होता है। वैल्यू स्टॉक्स का P/B ratio अपने पीयर्स की तुलना में कम प्राइस पर ट्रेड कर रहा होता है। 

Value Investing को दिग्गज इन्वेस्टर वॉरेन बफे के गुरु बैंजामिन ग्राहम के ईजाद किया था। इसे वॉरेन बफे ने अपनी इन्वेस्टिंग में अपनाया। जिसकी वजह से वे दुनिया के सबसे धनवान लोगों में से एक बनें। वैल्यू इन्वेस्टिंग डिस्कॉउंटिंग पर अच्छे शेयर खरीदने की तरह है। 

इसमें मजबूत फंडामेंटल वाले उन शेयरों को चुना जाता है जो अपनी बुक वैल्यू से कम पर ट्रेड कर रहे होते हैं। इसे आप बार्गेन हंटिंग की तरह समझ सकते हैं। वैल्यू इन्वेस्टिंग के द्वारा आप शेयर मार्केट में वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं। लेकिन यह भी जरूरी नहीं है कि सस्ते प्राइस पर ट्रेड कर रहे सभी शेयर वैल्यू स्टॉक ही हों। शेयर के फंडामेंटल मजबूत होना बहुत जरूरी है।  

इसे आप ऐसे समझ सकते हैं, किसी सेक्टर में कभी-कभी बुरी खबर या खराब मार्केट सेंटीमेंट के चलते किसी शेयर के प्राइस में गिरावट आती है। किन्तु यह मजबूत फंडामेंटल वाला शेयर है, इसी तरह से शेयर को वैल्यू स्टॉक कहा जाता है। 

ज्यादातर वैल्यू स्टॉक का प्राइस कम समय में ना तो ज्यादा गिरता है और ना ही ज्यादा चढ़ता है। उसका प्राइस धीरे-धीरे किन्तु लगातार लम्बे समय तक अपट्रेंड में रहता है। 

Value Stock की निम्नलिखित विशेषताएं
  1. जब भी कभी इन शेयरों के प्राइस में गिरावट होती है फिर भी इनके फंडामेंटल मजबूत रहते हैं। 
  2. इस शेयरों का P/E ratio अपने पीयर्स की तुलना में कम रहता है। इससे यह पता चलता है कि शेयर अपने पीयर्स शेयर की तुलना में सस्ता मिल रहा है। 
  3. ये स्टॉक अपनी इन्ट्रिंसिक वैल्यू से डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे होते हैं। 
  4. वैल्यू शेयरों में डिविडेंड यील्ड हाई होता है क्योकि इन कंपनियों को पता होता है कि इनकी ग्रोथ के मौके सीमित हैं। अतः वे अपने इन्वेस्टर्स को कंपनी के प्रॉफिट को डिविडेंड के रूप में देती रहती हैं। 
HDFC Bank, NTPC, SBI, Axis Bank, ICICI Bank आदि कुछ वैल्यू शेयरों के उदाहरण हैं। यदि आप इन शेयरों की इनके पीयर्स शेयरों से तुलना करेंगे तो पाएंगे कि ये शेयर तुलात्मक रूप से कम P/E रेश्यो पर ट्रेड कर रहे हैं। साथ ही अपनी बुक वैल्यू से कम पर मार्केट में ट्रेड कर रहे हैं। इनकी डिविडेंड यील्ड रेश्यो भी तुलनात्मक रूप से हाई है। 

लेकिन यह रहे, किसी ग्रोथ और  को पहचानने के लिए आपको सभी रेश्यो का तुलनात्मक रूप से अध्ययन करना चाहिए। क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि सभी वैल्यू स्टॉक्स में डिविडेंड यील्ड हाई हो हो। ऐसे अन्य चीजें भी हो सकती हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। 

वैल्यू स्टॉक और ग्रोथ स्टॉक में कौन से बेहतर हैं? 

दोनों तरह के शेयरों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। मार्केट में करेक्शन के दौरान ग्रोथ शेयरों में ज्यादा गिरावट आती है। साथ ही बुल मार्केट में इनके प्राइस बहुत तेजी से बढ़ते भी हैं। 

जबकि वैल्यू शेयर कम वौलाटाइल होते हैं। लेकिन इनके प्राइस धीरे-धीरे बढ़ते हैं। अतः प्रॉफिट कमाने के लिए आपको इन्हें लॉन्ग-टर्म तक होल्ड करना पड़ सकता है। अतः हम इनमे से किसी एक को बेहतर नहीं बता सकते हैं। दोनों ही अपनी-अपनी जगह सही हैं। 

लेकिन ये आपके ऊपर निर्भर करेगा कि आपकी जरूरतों के हिसाब से कौन से शेयर सही रहेंगे। आपको अच्छे रिटर्न प्राप्त करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में दोनों तरह के शेयरों का कॉम्बिनेशन रखना चाहिए। इससे आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड भी कर पाएंगे। 

जो शेयर आज ग्रोथ स्टॉक हैं, आने वाले समय में वे वैल्यू बाय भी हो सकते हैं। इसी तरह जो स्टॉक आज वैल्यू स्टॉक हैं, आने वाले समय में वे ग्रोथ बाय भी हो सकते हैं। 

जैसे की रिलायंस इंडस्ट्री का शेयर जो कि एक ग्रोथ स्टॉक का एक बहुत अच्छा उदाहरण है। इसके प्राइस में अच्छी गिरावट आने के कारण फंड मैनेजर इसे वैल्यू बाय के तौर पर देख रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्री के शेयर प्राइस में अपने हाई प्राइस से करीब 16% की गिरावट आ चुकी है। 

इसी तरह आप भी अपने लिए सही Growth & Value stock का चुनाव कर सकते हैं। आपको अच्छे रिटन प्राप्त करने के लिए शेयरों के ऊपर रिसर्च करनी चाहिए। तभी आप कोयले के ढेर से अपने लिए डायमंड ढूंढ सकते हैं। यानि की खराब शेयरों के ढेर से कुछ चुनिंदा मल्टीबैगर शेयर अपने लिए चुन सकते हैं। इसके लिए आपको कंपनियों को लगातार ट्रैक करना चाहिए। 

Growth & Value stock Investing के बारे में जरूरी बातें 

  1. यदि आप जोखिम लेने के इच्छुक हैं और आप हाई रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं। साथ ही मार्केट वोलैटिलिटी को भी झेल सकते हैं। तो Growth Stock आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं। 
  2. अगर आपको शेयर प्राइस में वोलैटिलिटी पसंद नहीं है और आप रेग्युलर इनकम भी चाहते हैं। तो Value stocks आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं। 
  3. अगर आप डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं तो आप वैल्यू और ग्रोथ स्टॉक दोनों में इन्वेस्ट कर सकते हैं। यह आपको रिस्क मैनेजमेंट करने और अधिकतम रिटर्न प्राप्त करने में सहायक हो सकता है।
अंत में: Growth Stock और Value Stock इन्वेस्टमेंट की अपनी-अपनी खूबियां और कमजोरियां हैं। सही इन्वेस्ट ऑप्शन आपके निवेश लक्ष्यों, रिस्क उठाने की क्षमता और शेयर मार्केट अपर आपकी समझ पर निर्भर करता है।

यदि आप हाई रिस्क उठाने को तैयार हैं और लॉन्गटर्म इन्वेस्टमेंट से अधिक रिटर्न पाना चाहते हैं। तो Growth Stocks आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं। वहीं, यदि आप अपने पोर्टफोलियो में स्टेबिल्टी और नियमित इनकम चाहते हैं, तो Value Stocks निवेश आपके लिए सही हैं।

अंततः, सबसे अच्छा निवेश वही होता है जो आपके वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहने की क्षमता के अनुसार हो।

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