Value Investing: वैल्यू इन्वेस्टिंग की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में |

वैल्यू इन्वेस्टिंग एक इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी है, जिसमें ऐसे शेयरों को चुना जाता है। जो अपने आंतरिक या बुक वैल्यू से कम पर ट्रेड कर रहे होते हैं। वैल्यू इन्वेस्टर सक्रिय रूप से उन स्टॉक को खोजते हैं. जिनके बारे में उन्हें लगता है कि शेयर मार्केट उनके प्राइस को कम आंक रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं- वैल्यू इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में। Value Investing strategy in Hindi. 
                                                                                  
Value Investing
वैल्यू इन्वेस्टिंग की सम्पूर्ण जानकारी

अगर आप भी वैल्यू इन्वेस्टिंग के एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको वॉरेन बफेट के गुरु बैंजामिन ग्राहम द्वारा लिखित द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक जरूर पढ़नी चाहिए। 

वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या है? 

Value Investing एक निवेश प्रतिमान है। जिसमें उन स्टॉक्स को खरीदा जाता है, जिन्हें उनके फंडामेंटल एनालिसिस के द्वारा कम प्राइस का पाया जाता है। आधुनिक वैल्यू इन्वेस्टिंग को बेंजामिन ग्राहम और डेविड डोड द्वारा कोलंबिया बिजनेस स्कूल में 1928 में ईजाद किया गया था। 

ग्राहम और डोड द्वारा पहचाने गए शुरुआती वैल्यू इन्वेस्टिंग के अवसरों में सरकारी कंपनियों के शेयर शामिल थे। जो शेयर मार्केट में अपनी बुक वैल्यू या इन्ट्रिंसिक वैल्यू से कम प्राइस पर कारोबार करते थे। साथ ही जिन स्टॉक्स में हाई डिविडेंड यील्ड भी मिलती थी।

वैल्यू इन्वेस्टर्स का मानना ​​है कि मार्केट अच्छी और बुरी खबरों पर अत्यधिक प्रतिक्रिया करता है। जिसके परिणामस्वरूप स्टॉक प्राइस वौलेटाइल रहता है। जो किसी कंपनी के लॉन्ग-टर्म के बुनियादी सिद्धांतों के अनुरूप नहीं होता है। मार्केट वोलैटिलिटी के कारण शेयरों के सस्ते होने पर स्टॉक खरीदकर प्रॉफिट कमाने का अवसर मिलता है। SIP कैलकुलेटर कैसे बनायें

वैल्यू इन्वेस्टिंग एक ऐसी विधि है जिसमें इन्वेस्टर्स कंपनी के फंडामेंटल (Fundamentals) और उसकी लॉन्ग-टर्म  संभावनाओं का विश्लेषण करते हैं। इसका लक्ष्य है उन कंपनियों की पहचान करना है। जिनके शेयर, मार्केट में अस्थायी रूप से कम वैल्यूएशन के कारण सस्ते में ट्रेड कर रहे होते हैं। 

वैल्यू इन्वेस्टिंग की प्रमुख विशेषता यह है कि यह मार्केट के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हुए बिना, लॉन्गटर्म प्रॉफिट की दिशा में केंद्रित रहती है। 

वैल्यू इन्वेस्टिंग के प्रमुख सिद्धांत 

Value Investing के प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं-
  1. इन्ट्रिंसिक वैल्यू का निर्धारण: Intrinsic Value से तात्पर्य है कि किसी स्टॉक का वास्तविक मूल्य क्या है? कंपनी का मूल्यांकन उसकी फाइनेंशियल परफॉर्मेंश, नकदी प्रवाह (Cash Flow), संपत्तियों और दायित्वों (Liabilities) के आधार पर किया जाता है। 
  2. सुरक्षा मार्जिन: Margin of Safety का सिद्धांत कहता है कि शेयर को उसकी इन्ट्रिंसिक वैल्यू से काफी कम पर खरीदना चाहिए। ताकि रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो अच्छा रहे। यह यह इन्वेस्टर्स को संभावित नुकसान से बचाने में मदद करता है। 
  3. लॉन्गटर्म द्रष्टिकोण: वैल्यू इन्वेस्टिंग में धैर्य बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें इन्वेस्टर्स लॉन्ग-टर्म के लिए स्टॉक्स होल्ड करते हैं। ताकि कंपनी की असली क्षमता का लाभ उठा सके।
  4. फंडामेंटल एनालिसिस: Value investing strategy मार्केट की वौलैटिलिटी से प्रभावित नहीं होती। इसमें केवल कंपनी के फंडामेंटल फेक्टर्स जैसे कि अर्निग्स, डिविडेंड यील्ड, और मैनेजमेंट की गुणवत्ता पर ध्यान देती है।
वैल्यू इन्वेस्टिंग के निम्नलिखित फायदे होते हैं- 
  • जोखिम में कमी: कम प्राइस पर स्टॉक खरीदने से इन्वेस्टर्स को नुकसान का जोखिम कम हो जाता है।
  • मल्टीबैगर रिटर्न: सही स्टॉक्स की पहचान कर लंबे समय तक होल्ड करने से इन्वेस्टर्स मल्टीबैगर रिटर्न प्राप्त किया जा सकते हैं। 
  • वैल्यू-बेस्ड अप्रोच: वैल्यू इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी शेयर की लॉन्ग-टर्म रियल वैल्यू पर आधारित होती है। अतः यह स्ट्रेटेजी मार्केट वोलैटिलिटी के कारण होने वाले नुकसान से बचाती है। 

वैल्यू इन्वेस्टिंग कैसे शुरू करें? 

आप निम्नलिखित सिद्धांतों के आधार पर शेयर मार्केट में वैल्यू इन्वेस्टिंग कर सकते हैं-  
  1. शेयर के बारे में रिसर्च करें: कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट, बैलेंस शीट और कैश फ्लो के विवरण का अध्ययन करें।
  2. प्राइस-टू-अर्निंग्स (P/E) रेशियो: यह बताता है कि स्टॉक का प्राइस उसकी कमाई के अनुपात में है या नहीं।
  3. प्राइस-टू-बुक (P/B) रेशियो: कंपनी की नेटवर्थ के आधार पर स्टॉक के प्राइस का मूल्यांकन करता है।
  4. डिविडेंड यील्ड: यह मेट्रिक उन इन्वेस्टर्स के लिए बढ़िया है जो शेयर मार्केट में निवेश से रेग्युलर इनकम चाहते हैं। जियोजित फाइनेंशियल
  5. हमेशा स्टॉक्स को उनकी वास्तविक कीमत से कम पर खरीदने की कोशिश करें। 
  6. हमेशा शेयरों को लॉन्ग-टर्म के लिए होल्ड करने का दृष्टिकोण अपनाएं। 
  7. निवेश के दौरान धैर्य रबनाए रखें और शेयर के प्राइस में शार्ट-टर्म में होने वाले उतार-चढ़ाव पर ध्यान न दें।
Value Investing के लिए निम्नलिखित टूल्स की जरूरत होती है- 
  • स्टॉक स्क्रीनर्स: Stock Screeners के द्वारा वैल्यू इन्वेस्टर्स सस्ते और अंडरवैल्यूड स्टॉक्स खोज सकते हैं।
  • कंपनी की फाइनेंशियल रिपोर्ट्स: कंपनी की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए आपको उसकी फाइनेंशियल रिपोर्ट जरूर पढ़नी चाहिए। 
  • फंडामेंटल एनालिसिस सॉफ़्टवेयर: यह सॉफ्टवेयर आपकी कंपनी के डेटा का अनलयसिस करने में मदद करता है।
वैल्यू इन्वेस्टिंग को एक उदाहरण के द्वारा इस तरह समझ सकते हैं। वॉरेन बफेट ने कोका-कोला और अमेरिकन एक्सप्रेस जैसी कंपनियों में निवेश कर लंबे समय तक हाई रिटर्न प्राप्त किया। उनका मानना है कि यदि आप एक मजबूत बिजनेस को उचित कीमत पर खरीदते हैं और धैर्य रखते हैं, तो सफलता जरूर मिलती है।

भारत में भी वैल्यू इन्वेस्टिंग ने कई निवेशकों को सफल बनाया है। उदाहरण के लिए, राकेश झुनझुनवाला और रमेश दमानी जैसे निवेशक वैल्यू इन्वेस्टिंग के सिद्धांतों का पालन करते हुए सफलता प्राप्त कर चुके हैं।

अंत में: वैल्यू इन्वेस्टिंग एक ऐसा दृष्टिकोण है जो शेयर मार्केट निवेशकों को लॉन्ग-टर्म प्रॉफिट प्राप्त करने में मदद करता है। यह एक शेयर मार्केट डिसिप्लिन और रिसर्च आधारित investing strategy है। जो मार्केट वोलेटिलिटी से प्रभावित हुए बिना, निवेशकों को उनके वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने में सहायता करती है।

वैल्यू इन्वेस्टिंग का क्या मतलब है? 

वैल्यू इन्वेस्टिंग शेयर मार्केट इन्वेस्टिंग की एक ऐसी स्ट्रैटेजी है। जिसमें अपनी इन्ट्रिंसिक वैल्यू के कम प्राइस पर मार्केट में ट्रेड कर रहे शेयरों में इन्वेस्टमेंट किया जाता है। 1920 के दशक में बेंजामिन ग्राहम द्वारा प्रचलित यह स्ट्रेटेजी इन्वेस्टर्स को उन शेयरों की पहचान करने और उनमें इन्वेस्ट करने के लिए प्रोत्साहित करती है। जो मार्केट में अपने रियल प्राइस कम पर ट्रेड कर रहे हैं। 

क्या वॉरेन बफेट एक वैल्यू इन्वेस्टर हैं? 

वॉरेन बफेट दुनिया के सबसे धनी लोगों में से एक हैं, जिन्होंने एक सफल इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के माध्यम से अपनी संपत्ति अर्जित की है। बफेट वैल्यू इन्वेस्टिंग के बेंजामिन ग्राहम स्कूल का अनुसरण करते हैं जो उन शेयरों की तलाश करता है। जिनका प्राइस उनके आंतरिक मूल्य (Intrinsic value) के आधार पर अनुचित रूप से कम हैं

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