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| अधिकांश अनुभवी स्टॉक मार्केट ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स मार्केट में पोजीशन बनाते समय 1:3 का रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो का टार्गेट रखते हैं। |
Risk-Reward Ratio क्या है?
रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो उस संभावित इनाम को दर्शाता है जो एक ट्रेडर और इन्वेस्टर अपने ट्रैड या इन्वेस्ट पर जोखिम वाले प्रत्येक रूपये के लिए कमा सकता है। कई निवेशक किसी निवेश के अपेक्षित रिटर्न की तुलना इन रिटर्न अर्जित करने के लिए किए जाने वाले जोखिम की मात्रा से करने के लिए risk-reward ratio का उपयोग करते हैं।
कम रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो हमेशा बेहतर होता है क्योंकि यह समतुल्य संभावित लाभ के लिए कम जोखिम का संकेत देता है। इस उदाहरण पर विचार करें, 1:6 वाले रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो वाला ट्रेड बताता है। कि एक ट्रेडर 6 रूपये कमाने के लिए एक (1) रुपये का जोखिम लेने के लिए तैयार है।
वैकल्पिक रूप से, 1:3 का रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो यह संकेत देता है। कि एक Stock Market Trader तीन रूपये कमाने के लिए अपने इन्वेस्टमेंट पर एक रूपये का जोखिम ले रहा है। रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो का उपयोग ट्रेडर्स ट्रेडिंग प्लान करने के लिए करते हैं कि कौन सा ट्रेड लेना है। Risk-Reward Ratio की गणना उस राशि को विभाजित करके की जाती है, जिसे ट्रेडर खो सकता है।
यदि किसी ट्रेड में शेयर का प्राइस ट्रेड की विपरीत दिशा (जोखिम की दिशा में) में चलने लगता है। तो ट्रेडर को सही रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो की वजह से कम नुकसान होने की उम्मीद रहती है। रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो की वजह से कम नुकसान पर पोजीशन बंद होने पर (इनाम) बनाया है। यानि स्टॉप-लॉस हिट होने पर ज्यादा नुकसान से बचाव भी एक तरह से प्रॉफिट ही है क्योंकि स्टॉप-लॉस हिट होने की वजह से आपको कम नुकसान होता है।
जिसकी वजह से आपके पास दूसरी पोजीशन बनांने के लिए पैसा बच जाता है। Risk-Reward Ratio का उपयोग शेयर मार्केट ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स द्वारा अपनी पूँजी और हानि के जोखिम को मैनेज करने के लिए किया जाता है। रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो का उपयोग Stock Trading से अपेक्षित रिटर्न और जोखिम का आँकलन करने के लिए किया जाता है।
सामान्यतौर पर शेयर ट्रेडिंग में जितना अधिक रिस्क होगा, अपेक्षित रिटर्न भी उतना ही अधिक हो सकता है। एक उचित रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो 1:3 से अधिक कुछ भी हो सकता है। 1:3 से कम का रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो सही नहीं रहता है क्योंकि इसमें रिस्क ज्यादा और रिवॉर्ड कम रहता है।
Risk-Reward Ratio कैसे कैलकुलेट करें?
रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो निकलने के लिए आपको अपने संभावित नेट प्रॉफिट (reward) को अपने संभावित जोखिम (Risk) से डिवाइड करना चाहिए। ऊपर दिए गए XYZ कंपनी के शेयर के उदाहरण का उपयोग करते हुए। यदि आपका शेयर 165 रूपये तक चला जाता है तो आप अपने 100 शेयरों में से प्रत्येक के लिए 15 रूपये कमायेंगे और आपको कुल 1500 रूपये का प्रॉफिट होगा।
आपने XYZ कंपनी के 100 शेयर खरीदने के लिए कुल 15,000 हजार रूपये का भुगतान किया था। इसलिए आपको 15000 को 1500 से डिवाइड करना चाहिए जिससे आपको 0.10 प्राप्त होगा। इस ट्रेड में आपका Risk-Reward Ratio 1:3 हुआ जोकि एक सही ट्रेडिंग रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो है।
अनुभवी ट्रेडर्स इसे करीब इतना ही रखते हैं। यदि आप अपने ट्रेडिंग प्लान में इससे कम रिस्क यानि एक से कम रिस्क और रिवॉर्ड ज्यादा। यानि तीन से ज्यादा रिवॉर्ड रेश्यो रखते हैं तो आपका स्टॉप-लॉस जल्दी ट्रिगर होगा और आप विपशॉ का शिकार भी हो सकते हैं।
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Risk-Reward Ratio का उपयोग कैसे करें?
- शेयर मार्केट ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के लिए रिसर्च करके शेयरों का चयन करना चाहिए।
- शेयर के करंट मार्केट प्राइस के आधार पर रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो केलकुलेट करके अपसाइड और डाउनसाइड टर्गेट सेट करने चाहिए।
- यदि आप सही रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो हाँसिल नहीं कर पाते हैं तो आपको उस ट्रेडिंग प्लान को छोड़ देना चाहिए। और दूसरा अलग ट्रेडिंग प्लान बनाना चाहिए।
- एक बार जब आप अपने ट्रेडिंग प्लान में Risk-Reward Ratio को शामिल कर लेते हैं तो आप देखेंगे कि अच्छे ट्रेडिंग आईडिया और इन्वेस्टमेंट प्लान ढूढ़ना कितना मुश्किल है।
- शेयर मार्केट के पेशेवर ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स कभी-कभी प्रति दिन सैकड़ों चार्ट खंगालते हैं और ऐसे शेयर के चार्ट की तलाश करते हैं। जिसमें रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो उनके अनुपात के अनुकूल हो।
- आपको मेहनत करने से बचना नहीं चाहिए आप ट्रेड प्लान करने में जितनी अधिक मेहनत करेंगे। आपकी सफलता की दर उतनी ही ज्यादा होगी।

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