What is the 90% rule in stock market: स्टॉक मार्केट में "90% नियम" आमतौर पर ट्रेडिंग के उस कड़वे सच को दर्शाता है। जिसे 90/90/90 Rule भी कहा जाता है, जिसका मतलब है कि 90% नए ट्रेडर्स शेयर मार्केट में 90 दिनों में अपना 90% पैसा गंवा देते हैं। आइए जानते हैं- शेयर मार्केट का काला सच, क्या आप भी 90% फेल होने वाले ट्रेडर्स में शामिल हैं? What is the 90% rule in stock market in Hindi.
क्या आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हैं? बाजार की चमक-दमक देखकर लगता है कि रातोंरात अमीर बन जाएंगे, लेकिन अचानक घाटा हो जाए तो दिल टूट जाता है। मैंने खुद 20 साल पहले स्टॉक मार्केट में कदम रखा था। पहली बार जब मेरी पोर्टफोलियो 20% नीचे चली गई, तो लगा सब खत्म! लेकिन तब मुझे "90% नियम" के बारे में पता चला। यह नियम स्टॉक ट्रेडिंग की कड़वी सच्चाई बताता है। स्टॉक मार्केट में 90% ट्रेडर्स 90 दिनों में 90% पूंजी खो देते हैं।
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यह कोई जादुई फॉर्मूला नहीं, बल्कि एक कठोर चेतावनी है जो शेयर मार्केट की वास्तविकता उजागर करती है। अगर आप भी Share market में नए हैं या पुराने investor हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए है। इस आर्टिकल में आप सरल हिंदी में 90% नियम की गहराई समझेंगे। साथ ही इसके पीछे के कारण जानेंगे, और बचाव के आसान तरीके भी सीखेंगे।
स्टॉक मार्केट में 90% नियम (90% rule in stock market)
शेयर बाजार में कदम रखने वाले हर नए निवेशक का सपना होता है कि वह रातों-रात अपनी पूंजी को दोगुना कर ले, लेकिन मार्केट की हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। ट्रेडिंग की दुनिया में एक बहुत ही मशहूर और डरावना शब्द है— 90 Rule (90/90/90 का नियम)।
सबसे पहले तो सवाल, स्टॉक मार्केट में 90% का नियम क्या है? आसान भाषा में कहें तो यह कहता है कि शेयर मार्केट में लगभग 90% रिटेल ट्रेडर्स (छोटे निवेशक) 90 दिनों के अंदर अपनी 90% पूंजी गंवा देते हैं। यह आंकड़ा SEBI (सेबी) की रिपोर्ट्स और Zerodha, Upstox, Groww जैसे स्टॉक ब्रोकर्स के डेटा से आता है। उदाहरण के लिए, 2023 की SEBI रिपोर्ट में बताया गया कि 89% इंट्राडे ट्रेडर्स ने 1 साल में घाटा झेला।
सुनने में यह आंकड़ा कड़वा जरूर लग सकता है, लेकिन यह उन गलतियों का आईना है जो अधिकांश New stock market traders बिना सोचे-समझे करते हैं। आखिर क्यों शेयर मार्केट में पैसा बनाना इतना मुश्किल है? और कैसे आप खुद को इस '90%' की भीड़ से अलग कर उन सफल 10% लोगों में शामिल हो सकते हैं
यह नियम कोई नया नहीं है। वॉरेन बफेट जैसे निवेश गुरु बैंजामिन ग्राहम ने भी कहा है, "स्टॉक मार्केट जुआघर जैसा है, जहां ज्यादातर लोग हारते हैं।" लेकिन क्यों होता है ऐसा? ट्रेडिंग साइकोलॉजी और रिस्क मैनेजमेंट की कमी मुख्य वजहें हैं। अगर आप NSE या BSE पर ट्रेडिंग करते हैं, तो यह नियम आपको हमेशा याद रखें। यह शेयर मार्केट बेसिक्स का हिस्सा है, जो हर बिगिनर इन्वेस्टर को पता होना चाहिए।
मैंने खुद देखा है, मेरे एक दोस्त ने 1 लाख रुपये से इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू की। 2 महीने में ही उसके 80 हजार रूपये उड़ गए! क्यों? क्योंकि फियर एंड ग्रीड (डर और लालच) ने उसपर कंट्रोल कर लिया। 90% नियम यही सिखाता है, Stock market में सफलता 10% स्किल और 90% डिसिप्लिन पर टिकी है।
90% Rule जिसकी वजह से नए ट्रेडर्स Stock market में बर्बाद होते हैं
- बिना किसी योजना के ट्रेडिंग: Trading Without a Plan ज्यादातर नए निवेशक बाजार में 'जुए' की तरह प्रवेश करते हैं। उनके पास न तो कोई स्ट्रैटेजी होती है और न ही एग्जिट प्लान। वे केवल टिप्स या दूसरों को देखकर शेयर खरीदते हैं, जो अंततः नुकसान का कारण बनता है।
- भावनाओं पर नियंत्रण न होना: Lack of Emotional Control ट्रेडिंग 20% तकनीक और 80% मनोविज्ञान (Psychology) है। जब बाजार गिरता है, तो लोग 'डर' (Fear) की वजह से घाटे में शेयर बेच देते हैं, और जब बाजार चढ़ता है, तो 'लालच' (Greed) के चक्कर में ऊंचे दाम पर शेयर खरीद लेते हैं।
- रिस्क मैनेजमेंट की कमी: Poor Risk Management एक सफल और असफल ट्रेडर के बीच सबसे बड़ा अंतर रिस्क मैनेजमेंट का है। नए ट्रेडर्स अपनी पूरी पूंजी एक ही ट्रेड में लगा देते हैं या 'स्टॉप लॉस' (Stop Loss) का उपयोग नहीं करते। याद रखें, यदि आपकी पूंजी सुरक्षित नहीं है, तो आप शेयर मार्केट में टिक नहीं पाएंगे।
- ओवर-ट्रेडिंग: Over-trading नुकसान होने पर उसे उसी दिन रिकवर करने की कोशिश करना या छोटे-छोटे मुनाफे के लिए बार-बार ट्रेड लेना 'ओवर-ट्रेडिंग' कहलाता है। इसमें ट्रेडर मुनाफे से ज्यादा ब्रोकरेज और टैक्स भर देता है और अंत में उसकी पूंजी खत्म हो जाती है।
- सीखने के बजाय कमाने पर ध्यान: Earning vs. Learning लोग ट्रेडिंग को एक 'Quick Money Scheme' समझते हैं। वे चार्ट पैटर्न, टेक्निकल या फंडामेंटल टेक्निकल को सीखने में समय नहीं लगाना चाहते। बिना सीखे ट्रेड करना समुद्र में बिना कंपास के नाव चलाने जैसा है।
- लीवरेज का गलत इस्तेमाल: फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में 10x लीवरेज। छोटा घाटा भी बड़ा बना देता है।
- मार्केट टाइमिंग गलती: बुल मार्केट में एंटर, बेयर मार्केट में होल्ड। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट बेहतर।
- ब्रोकरेज और टैक्स: हाई ब्रोकरेज खाते हैं पूंजी। लो कॉस्ट ब्रोकर चुनें जैसे Groww या Zerodha।
- सोशल मीडिया का प्रभाव: Telegram चैनल्स के टिप्स पर भरोसा। अपनी रिसर्च करें।
- कैपिटल की कमी: 10-20 हजार से शुरू करना। मिनिमम कैपिटल 1 लाख रखें।
- इंट्राडे ट्रेडिंग का जाल: इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स फॉलो न करना। SEBI डेटा कहता है, 95% इंट्राडे ट्रेडर्स घाटे में। क्यों? क्योंकि वोलेटिलिटी को हैंडल नहीं कर पाते।
90% Rule से बचने के तरीके, स्टॉक ट्रेडिंग में सफल होने का राज
- मजबूत फाउंडेशन बनाएं: शेयर मार्केट ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग सिखने के लिए कोर्स करें। Zerodh Varsity फ्री है। NSE स्टॉक्स लिस्ट चेक करें। इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग की शुरुआत ब्लूचिप स्टॉक्स जैसे Reliance, HDFC Bank, Adani Port आदि से करें।
- रिस्क मैनेजमेंट अपनाएं: हर ट्रेड पर 1-2% रिस्क ही लें। उदाहरण: 1 लाख कैपिटल पर 1000-2000 रुपये मैक्स लॉस। स्टॉप लॉस हमेशा लगाएं। टेक प्रॉफिट भी सेट करें।
- ट्रेडिंग प्लान फॉलो करें: जैसे ट्रेड में एंट्री प्राइस 100 रूपये, स्टॉप लॉस: 98 रूपये पर (2% रिस्क), टारगेट: ₹106 रूपये पर (6% प्रॉफिट), रिस्क:रिवॉर्ड = 1:3
- टेक्निकल एनालिसिस सीखें: सपोर्ट-रेजिस्टेंस लाइन्स ड्रॉ करें। मूविंग एवरेज (50 DMA, 200 DMA) यूज करें। कैंडलस्टिक पैटर्न जैसे Doji, Hammer, हेड एंड शोल्डर, डाइवर्जेन्स इन ट्रेडिंग आदि पहचाना सीखें।
- फंडामेंटल चेक करें: PE रेशियो, EPS, ROE देखें, ग्रोथ या वैल्यू स्टॉक्स चुनें। क्वार्टरली रिजल्ट्स फॉलो करें
- डाइवर्सिफिकेशन: अपने पोर्टफोलियो को कम से कम 10 स्टॉक्स में बांटें। सेक्टर रोटेशन अपनाएं जैसे IT, Pharma, Banking। म्यूचुअल फंड्स या ETF में 50% पैसा लगाएं।
- ट्रेडिंग जर्नल रखें: अपने प्रत्येक ट्रेड को नोट करें, जैसे क्यों एंटर हुए? क्या गलती हुई? ट्रेडिंग जर्नल ऐप भी यूज कर सकते हैं।
- पेपर ट्रेडिंग से शुरू: रियल मनी से पहले पेपर ट्रेडिंग करें। TradingView पर फ्री में ट्रेडिंग करना सीख सकते हैं।
- इमोशन्स कंट्रोल करें: मेडिटेशन करें। ट्रेडिंग साइकोलॉजी बुक्स पढ़ें जैसे "Trading in the Zone", द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर, रिच डैड पुअर डैड आदि।
- लॉन्ग टर्म सोचें: कंपाउंडिंग का जादू। 15% सालाना रिटर्न पर 10 लाख 20 साल में 1 करोड़। स्टॉक्स में SIP शुरू कर सकते हैं।
- न्यूज और इवेंट्स फॉलो: अर्निंग सीजन, RBI पॉलिसी, बजट न्यूज ट्रैक करें। इकोनॉमिक इंडिकेटर्स जैसे GDP, Inflation देखें।
- ब्रोकर चुनें सही: Zerodha, Upstox, Angel One जैसे जीरो डिलीवरी ब्रोकरेज हाउस के यहाँ अपना डेमेट अकाउंट खोलना चाहिए।
- टैक्स बचाएं: लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (1 साल+) पर 10% टैक्स। STT, GST कैलकुलेट करें।
- कम्युनिटी जॉइन करें: शेयर बाजार फोरम जैसे Stocktwits, Reddit IndiaInvestments आदि लेकिन किसी को भी ब्लाइंडली फॉलो न करें।
- रिव्यू और अपडेट: महीने में कम से कम एक बार अपना लॉन्ग टर्म पोर्टफोलियो रिव्यू करें। मार्केट ट्रेंड्स से अपडेट रहें।

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