Large cap stocks: लार्ज कैप स्टॉक्स वे कंपनियाँ होती हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) बहुत बड़ा होता है। आमतौर पर 20,000 करोड़ रूपये से अधिक की ये कंपनियाँ न सिर्फ शेयर बाजार का भरोसेमंद हिस्सा होती हैं। बल्कि आर्थिक उतार-चढ़ाव के दौरान भी इनका प्रदर्शन स्थिर रहता है। आइए जानते हैं- भारत के टॉप लार्ज कैप स्टॉक्स, मार्केट के असली बादशाह! Large cap stocks in India - Hindi.
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| भारत के टॉप लार्ज कैप स्टॉक्स बाजार में स्थिरता और भरोसा देने वाले इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं। यदि आप सुरक्षित और लॉन्ग टर्म ग्रोथ चाहते हैं तो लार्ज कैप कंपनियां आपके लिए सबसे उपयुक्त हैं। |
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क्या आप भी शेयर मार्केट की तेज़-मंद चाल देखकर कभी-कभी घबरा जाते हैं? कभी सेंसेक्स हज़ारों पॉइंट ऊपर, तो कभी अचानक नीचे। ऐसे में, एक नए या समझदार निवेशक के मन में यह सवाल आना लाज़मी है- "पैसा लगाऊँ तो कहाँ लगाऊँ, जहाँ थोड़ी शांति मिले?
इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं, भारतीय शेयर मार्केट के 'पहाड़ों' की। जी हाँ, वो विशाल और मज़बूत कम्पनियाँ, जिन्हें मार्केट के छोटे-मोटे झटके (volatility) हिला नहीं पाते। हम बात कर रहे हैं "लार्ज कैप स्टॉक्स" की।
लार्ज कैप स्टॉक्स क्या हैं? (What Exactly Are Large-Cap Stocks?)
शेयर मार्केट की भाषा में, "कैप" का मतलब होता है "मार्केट कैपिटलाइज़ेशन" (Market Capitalization) यानी बाज़ार पूँजीकरण। सरल शब्दों में, किसी कंपनी का मार्केट कैप = (उसके एक शेयर की कीमत) x (बाज़ार में मौजूद उसके कुल शेयरों की संख्या)।
यह उस कंपनी की कुल कीमत होती है। अब, भारतीय सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के नियमों के अनुसार, मार्केट कैप के आधार पर भारत की टॉप 100 कंपनियों को "लार्ज कैप" कहा जाता है। इन्हें आप Stock market का 'हेवीवेट' या 'हाथी' समझ सकते हैं। ये वो कंपनियाँ हैं जो अपने-अपने सेक्टर में लीडर हैं।
आप और हम हर दिन इनके प्रोडक्ट्स या सर्विसेज़ का इस्तेमाल करते हैं। जैसे आप जिस बैंक में खाता रखते हैं (HDFC, SBI), जो साबुन इस्तेमाल करते हैं (HUL), जिस कंपनी का सिम कार्ड यूज़ करते हैं (Reliance Jio), या जिस सॉफ्टवेयर पर आपका ऑफिस काम करता है (TCS, Infosys) - ये सब लार्ज कैप शेयरों का ही हिस्सा हैं।
इन्हीं कंपनियों को "ब्लू चिप स्टॉक्स" (Blue-chip Stocks) भी कहा जाता है। यह नाम पोकर गेम से आया है, जहाँ नीले रंग के चिप्स की वैल्यू सबसे ज्यादा होती है।
Large cap stocks में इन्वेस्टमेंट के फायदे
लार्ज कैप कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्टमेंट करने के निम्नलिखित फायदे हैं-
1. स्थिरता और कम जोखिम (Stability and Low Risk): यह लार्ज कैप का सबसे बड़ा सेलिंग पॉइंट है। सोचिए, एक बड़ा, पुराना और मज़बूत पेड़ तूफान में ज़्यादा मज़बूती से खड़ा रहेगा या एक छोटा, नया पौधा? ज़ाहिर है, बड़ा पेड़। लार्ज कैप कंपनियाँ वही बड़ा पेड़ हैं, उनका बिज़नेस मॉडल स्थापित हो चुका है।
उनके पास अरबों की संपत्ति है और वे कई सालों से मार्केट के उतार-चढ़ाव देख चुकी होती हैं। अतः मिड-कैप या स्मॉल-कैप (छोटी कंपनियों) की तुलना में इनमें अस्थिरता (Volatility) कम होती है। जब शेयर मार्केट गिरता है तो इनके stocks अक्सर कम गिरते हैं। जब मार्केट संभलता है, तो ये स्थिरता से रिकवर करते हैं।
2. लगातार डिविडेंड (Consistent Dividends): लार्ज कैप कंपनियाँ अक्सर अच्छा मुनाफा कमाती हैं और उनके पास बिज़नेस में दोबारा लगाने के बाद भी काफी कैश बचता है। इस मुनाफे का एक हिस्सा वे अपने शेयरहोल्डर्स (आप जैसे निवेशक) को बाँटती हैं। जिसे "डिविडेंड" (Dividend) यानी लाभांश कहते हैं।
यह आपकी जेब में आने वाली एक पैसिव इनकम (Passive Income) की तरह है। भले ही शेयर की कीमत ज्यादा न बढ़े, लेकिन आपको साल-दर-साल डिविडेंड मिलता रहता है, जो लॉन्ग टर्म में एक बड़ा फर्क पैदा करता है।
3. जानकारी की पारदर्शिता (Transparency of Information): ये कंपनियाँ हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। बड़े-बड़े एनालिस्ट, न्यूज़ चैनल और रिसर्च फर्म्स इन पर चौबीसों घंटे नज़र रखते हैं। इसका फायदा यह है कि आपको इन कंपनियों के बारे में कोई भी जानकारी (उनके रिजल्ट्स, मैनेजमेंट के फैसले, भविष्य की योजनाएं) बहुत आसानी से और जल्दी मिल जाती है। यहाँ छुपाने के लिए बहुत कम होता है, जिससे धोखाधड़ी का जोखिम कम हो जाता है।
4. सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड और मजबूत मैनेजमेंट (Proven Track Record & Strong Management): ये कंपनियाँ रातोरात बड़ी नहीं बनी हैं। इनके पीछे दशकों की मेहनत, एक मज़बूत बिज़नेस मॉडल और एक अनुभवी मैनेजमेंट टीम होती है। इन्होंने 2008 की मंदी, कोविड-19 जैसे कई संकटों को झेला है और हर बार मज़बूत होकर निकली हैं। जब आप इनमें निवेश करते हैं, तो आप सिर्फ एक स्टॉक नहीं, बल्कि उस मैनेजमेंट के अनुभव और विज़न पर भी दांव लगा रहे होते हैं।
5. लिक्विडिटी (Liquidity): लिक्विडिटी का मतलब है कि आप कितनी आसानी से किसी शेयर को खरीद या बेच सकते हैं। लार्ज कैप स्टॉक्स में रोज़ाना लाखों-करोड़ों शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। इसका मतलब है, जब भी आप अपने शेयर बेचना चाहेंगे, आपको आसानी से खरीदार मिल जाएगा। स्मॉल-कैप में कभी-कभी यह दिक्कत आती है कि आप बेचना चाहते हैं, लेकिन कोई खरीदार ही नहीं होता (जिसे लोअर सर्किट कहते हैं)।
अपने लिए बेस्ट large cap stocks कैसे चुनें?
यह एक बहुत ही बेहतरीन और ज़रूरी सवाल है। लेकिन अपने लिए सबसे अच्छी कंपनी चुनना एक अलग कला है। यह थोड़ा-थोड़ा एक क्रिकेट टीम चुनने जैसा है। सभी खिलाड़ी अच्छे हैं (सभी लार्ज कैप हैं), लेकिन आपको अपनी टीम की ज़रूरत (आपके फाइनेंशियल लक्ष्य) के हिसाब से एक बैट्समैन, एक बॉलर या एक ऑल-राउंडर चुनना होता है।
अगर आपको 'ग्रोथ' चाहिए? (यानी आप चाहते हैं कि आपका पैसा तेज़ी से बढ़े)। तब आप उन कंपनियों को देखें जो आक्रामक रूप से नए बिज़नेस में जा रही हैं, जिनकी बिक्री (Sales) और मुनाफ़ा (Profit) हर साल तेज़ी से बढ़ रहा है। (जैसे - बजाज फाइनेंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज) आदि।
अगर आपको 'स्थिरता' और 'रेगुलर इनकम' चाहिए? (यानी आपको कम जोखिम और लगातार डिविडेंड चाहिए)।तब आप उन "डिफेंसिव" कंपनियों को देखें जिनका बिज़नेस स्थापित है और जो हर साल अच्छा डिविडेंड देती हैं। (जैसे - HUL, ITC, TCS)।
कंपनी के बिज़नेस को समझें: यह सबसे ज़रूरी नियम है। महान निवेशक वॉरेन बफे कहते हैं, "उसी बिज़नेस में निवेश करें जिसे आप समझते हैं।" अगर आपको टेक्नोलॉजी की अच्छी समझ है, तो आप TCS और Infosys का विश्लेषण बेहतर कर पाएँगे। अगर आप बैंकिंग को समझते हैं, तो आप HDFC बैंक और SBI की तुलना बेहतर कर पाएँगे। जिस कंपनी का बिज़नेस मॉडल आपको समझ ही नहीं आता तो उससे दूर रहना ही बेहतर है। चाहे वह कितनी भी "टॉप" कंपनी क्यों न हो।
कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करें: क्या कंपनी का मैनेजमेंट ईमानदार और अनुभवी है? क्या उन पर कोई बड़े फ्रॉड या घोटाले के आरोप हैं? (जैसे, टाटा ग्रुप का नाम "भरोसे" के लिए जाना जाता है)। कंपनी पर कर्ज़ (Debt-to-Equity Ratio) चैक करें।
क्या कंपनी पर बहुत ज़्यादा कर्ज़ है? एक कंपनी जिस पर कर्ज़ कम होता है, वह ज़्यादा स्थिर मानी जाती है (बैंकिंग स्टॉक्स को छोड़कर, क्योंकि उनका बिज़नेस ही लोन देना है)। लगातार मुनाफ़ा (Consistent Profit Growth), क्या कंपनी पिछले 5-10 सालों से लगातार मुनाफ़ा कमा रही है? या उसका मुनाफ़ा बस एक-दो साल ही अच्छा आया है? हम "लगातार" ग्रोथ की तलाश कर रहे हैं।
कॉम्पिटिटिव एडवांटेज (Moat): कंपनी के पास ऐसा क्या खास है जो दूसरी कंपनियाँ नहीं कर सकतीं? जैसे: HUL का गाँव-गाँव तक फैला डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क। जैसे: L&T की बड़े और मुश्किल प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की क्षमता। यह "Moat" (खाई) कंपनी को कॉम्पिटिशन से बचाती है।
भाव-ताव करें (Check the Valuation): एक अच्छी कंपनी में इन्वेस्टमेंट और "एक अच्छे प्राइस पर अच्छी कंपनी में इन्वेस्टमेंट" में फर्क होता है। हो सकता है एक स्टॉक बहुत अच्छा हो लेकिन वह फ़िलहाल इतना महँगा (Overvalued) हो कि उसे खरीदने पर आपको अच्छा रिटर्न न मिले।
प्रसिद्ध अमेरिकी इन्वेस्टर वॉरेन बफेट भी कहते हैं कि "अच्छी कंपनी में निवेश करना महत्वपूर्ण है लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है एक अच्छी कंपनी में अच्छे प्राइस पर इन्वेस्ट करना"। यहाँ अच्छे प्राइस से मतलब सस्ते प्राइस पर इन्वेस्ट करना।
इसके लिए आपको कंपनी का P/E रेश्यो (Price-to-Earnings Ratio) देखना चाहिए। यह बताता है कि आप कंपनी के 1 रुपये के मुनाफे के लिए आप कितने रुपये चुका रहे हैं। इस P/E रेश्यो की तुलना उसी सेक्टर की दूसरी कंपनियों (जैसे HDFC बैंक का P/E, ICICI बैंक के P/E से) और कंपनी के खुद के पिछले 5 साल के P/E से करें। अगर P/E बहुत ज़्यादा है, तो हो सकता है कि स्टॉक फिलहाल महँगा हो।
भविष्य का प्लान क्या है? (What's the Future Growth?): सिर्फ पिछला प्रदर्शन देखकर पैसा न लगाएँ। यह देखें कि कंपनी का भविष्य का प्लान क्या है। क्या वह किसी नए सेक्टर में जा रही है (जैसे रिलायंस का ग्रीन एनर्जी में जाना)? क्या वह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके अपना बिज़नेस सुधार रही है (जैसे SBI का डिजिटल बैंकिंग पर फोकस)? जिस सेक्टर में कंपनी है, क्या उस पूरे सेक्टर का भविष्य अच्छा है?
सबसे ज़रूरी सलाह: "सभी अंडे एक टोकरी में न रखें" भले ही आपको उपर्युक्त स्टेप्स के बाद दुनिया का सबसे अच्छा लार्ज कैप स्टॉक मिल जाए। कभी भी अपना सारा पैसा सिर्फ एक स्टॉक में न लगाएँ। कोशिश करें कि अपने पैसे को 4-5 अलग-अलग सेक्टर के अच्छे लार्ज कैप स्टॉक्स में बाँटकर (diversify) लगाएँ।
अगर यह सब बहुत मुश्किल लगे, अगर आपको लगता है कि यह सब रिसर्च करने का आपके पास समय या अनुभव नहीं है तो इसमें कोई शर्म की बात नहीं है। आप बस एक "लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड" या "Nifty 50 इंडेक्स फंड" चुन सकते हैं।
इसमें एक फंड मैनेजर (एक्सपर्ट) यह सारा काम आपके लिए करता है और आपके पैसे को 30-50 टॉप लार्ज कैप कंपनियों में खुद-ब-खुद बाँट देता है। यह लार्ज कैप स्टॉक्स में निवेश करने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है
भारत के लार्ज कैप शेयर (Top Large-Cap Stocks in India)
यहाँ हम कुछ प्रमुख सेक्टरों के लीडर शेयरों एक नज़र डालेंगे। जरूरी डिस्क्लेमर- यह लिस्ट किसी भी तरह से निवेश की सलाह (Investment Advice) नहीं है। यह केवल शैक्षिक उद्देश्यों (Educational Purposes) के लिए है। किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले कृपया अपना खुद का रिसर्च (Self-Research) करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है।
1. HDFC बैंक (HDFC Bank): यह क्यों खास है: HDFC बैंक को भारतीय बैंकिंग का "गोल्ड स्टैण्डर्ड" माना जाता है। पिछले दो दशकों में इसने लगातार 20% से अधिक की ग्रोथ दिखाई है। अपने बेहतरीन मैनेजमेंट, मज़बूत लोन बुक और कम NPA (फंसे हुए लोन) के लिए जाना जाता है। HDFC Ltd. के साथ इसका विलय होने के बाद, यह दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक बन गया है। एचडीएफसी बैंक स्थिरता और ग्रोथ का बेहतरीन कॉम्बिनेशन है।
2. ICICI बैंक (ICICI Bank): यह क्यों खास है, कुछ साल पहले की मुश्किलों से निकलकर ICICI बैंक ने एक शानदार "कमबैक" किया है। टेक्नोलॉजी और डिजिटल बैंकिंग पर इसका फोकस जबरदस्त है। इसकी रिटेल लोन बुक (आम लोगों को दिया गया लोन) बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। यह HDFC के बाद प्राइवेट सेक्टर का दूसरा सबसे मज़बूत खिलाड़ी है।
3. भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India - SBI): यह क्यों खास है, यह भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, जिसे "सरकार का बैंक" भी कहते हैं। इसकी पहुँच देश के कोने-कोने तक है। पिछले कुछ सालों में SBI ने अपनी कार्यप्रणाली में जबरदस्त सुधार किया है, अपने NPAs को कम किया है और मुनाफे में शानदार बढ़ोतरी दिखाई है। "भरोसा" इस स्टॉक का दूसरा नाम है।
4. बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance): यह क्यों खास है: यह एक NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) है, लेकिन इसकी ग्रोथ किसी रॉकेट से कम नहीं रही है। यह "कंज्यूमर ड्यूरेबल" (जैसे टीवी, फ्रिज, मोबाइल) खरीदने के लिए तुरंत लोन देने में माहिर है। इसका बिज़नेस मॉडल बहुत आक्रामक है और इसने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। हालाँकि, इसमें जोखिम भी बैंकों से थोड़ा ज्यादा है।
5. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS): यह क्यों खास है: टाटा ग्रुप की यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। यह "भरोसे" का प्रतीक है। TCS अपने दमदार मैनेजमेंट, शानदार मुनाफे, और शेयरहोल्डर्स को दिए जाने वाले तगड़े डिविडेंड और बायबैक के लिए जानी जाती है। यह एक "कैश रिच" कंपनी है। जब आपको समझ न आए कि कहाँ निवेश करें, तो कई निवेशक TCS को एक सुरक्षित विकल्प मानते हैं।
6. इंफोसिस (Infosys): यह क्यों खास है: TCS के बाद यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। इंफोसिस को हमेशा से "इनोवेशन" और "कॉर्पोरेट गवर्नेंस" (कंपनी चलाने का सही तरीका) के लिए जाना जाता रहा है। यह डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे नए ज़माने के बिज़नेस में मज़बूती से आगे बढ़ रही है।
7. रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries - RIL): यह क्यों खास है: यह भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। रिलायंस सिर्फ एक ऑयल और गैस कंपनी नहीं है, यह एक "कोंग्लोमरेट" (कई बिज़नेस करने वाली) है। इसका बिज़नेस तेल और पेट्रोकेमिकल से लेकर, रिटेल (Reliance Retail) और टेलीकॉम (Jio) तक फैला हुआ है।
जियो ने भारत का डिजिटल नक्शा बदल दिया और इसका रिटेल बिज़नेस तेज़ी से बढ़ रहा है। साथ ही रिलायंस जिओ ने ब्लैकरॉक कंपनी के साथ मिलकर फाइनेंस के क्षेत्र में भी विस्तार किया है। रिलायंस में निवेश करना मतलब भारत की ग्रोथ स्टोरी के कई हिस्सों में एक साथ निवेश करना है।
8. हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever - HUL): यह क्यों खास है: "घर-घर की कहानी।" लक्स, लाइफबॉय, सर्फ एक्सेल, किसान जैम, ब्रू कॉफ़ी... आप नाम लेते जाइए, हर घर में HUL के प्रोडक्ट मिलेंगे। इसका डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बेजोड़ है। यह एक क्लासिक "डिफेंसिव" स्टॉक है जो मंदी के समय आपके पोर्टफोलियो को बचाता है और लगातार डिविडेंड देता है।
9. आईटीसी लिमिटेड (ITC Ltd.): यह क्यों खास है: ITC एक बहुत ही अनोखी कंपनी है। इसका मुख्य बिज़नेस सिगरेट का है, जो बहुत ज्यादा मुनाफा देता है। लेकिन पिछले कई सालों से ITC इस मुनाफे का इस्तेमाल FMCG (आशीर्वाद आटा, बिंगो चिप्स, सनफीस्ट बिस्कुट), होटल (ITC Hotels), और पेपर बिज़नेस में कर रही है। यह भारत की सबसे ज्यादा डिविडेंड यील्ड (Dividend Yield) देने वाली लार्ज कैप कंपनियों में से एक है।
10. लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro - L&T): यह क्यों खास है: इसे "देश का निर्माता" कहना गलत नहीं होगा। भारत में बड़े-बड़े पुल, हाईवे, एयरपोर्ट, मेट्रो, और यहाँ तक कि डिफेन्स के साजो-सामान बनाने में L&T का हाथ है। जब भी देश में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ता है (जिसे Capex साइकिल कहते हैं), L&T को इसका सीधा फायदा होता है। यह इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन की दुनिया का बेताज बादशाह है।
लार्ज कैप स्टॉक्स में निवेश कैसे करें? (Invest in Large-Cap Stocks?)
- यह क्या है: आप एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट (Demat and Trading Account) खोलते हैं (जैसे ज़ेरोधा, ग्रो, अपस्टॉक्स या अपने बैंक के साथ) और ऊपर बताई गई कंपनियों के शेयर सीधे खरीद लेते हैं।
- किसके लिए है: उन लोगों के लिए जिन्हें बाज़ार की थोड़ी समझ है, जो कंपनियों पर खुद रिसर्च कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो को एक्टिव रूप से मैनेज कर सकते हैं।
- फायदा: पूरा कंट्रोल आपके हाथ में होता है।
- नुकसान: आपको खुद चुनना होता है कि कब खरीदें और कब बेचें।
- यह क्या है: यह सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका है। आप एक म्यूच्यूअल फंड को पैसे देते हैं (या तो एकमुश्त या हर महीने SIP के ज़रिये)। उस फंड का एक "फंड मैनेजर" (जो एक एक्सपर्ट होता है) होता है, जो आपके पैसे को भारत के टॉप 30-40 लार्ज कैप स्टॉक्स में बाँटकर लगाता है।
- किसके लिए है: उन लोगों के लिए जिन्हें रिसर्च करने का समय नहीं है या जो जोखिम को और कम करना चाहते हैं।
- फायदा: इससे आपको पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन (विविधता) मिल जाता है। आपका पैसा HDFC, RIL, TCS सबमें थोड़ा-थोड़ा लग जाता है।
- नुकसान: आपको फंड मैनेजर की सर्विसेज़ के लिए एक छोटी सी फीस (एक्सपेंस रेश्यो) देनी पड़ती है।
- यह क्या है: यह म्यूच्यूअल फंड का ही एक प्रकार है, लेकिन यह "पैसिव" होता है।
- मतलब? इसमें कोई फंड मैनेजर एक्टिव रूप से स्टॉक नहीं चुनता। यह फंड सीधे-सीधे एक इंडेक्स (Index) की नक़ल करता है।
- उदाहरण: एक "Nifty 50 इंडेक्स फंड" भारत की टॉप 50 कंपनियों (जो निफ्टी 50 इंडेक्स बनाती हैं) में ठीक उसी अनुपात में पैसा लगा देगा।
- किसके लिए है: उन लोगों के लिए जो बाज़ार जितना रिटर्न चाहते हैं और अपनी लागत (फीस) को बिलकुल कम रखना चाहते हैं।
- फायदा: इनकी फीस (एक्सपेंस रेश्यो) लगभग न के बराबर होती है, क्योंकि यहाँ मैनेजर का कोई दिमागी काम नहीं है।
- नुकसान: यह कभी भी बाज़ार (इंडेक्स) को हरा नहीं पाएगा, यह सिर्फ उसके बराबर रिटर्न देगा।
क्या लार्ज कैप स्टॉक्स में रिस्क नहीं है? (Are There No Risks in Large-Cap Stocks?)
यह एक बहुत जरूरी सवाल है। कई लोग सोचते हैं कि "ब्लू चिप" मतलब "ज़ीरो रिस्क" लेकिन यह सच नहीं है।
शेयर मार्केट से जुडी हर चीज़ में रिस्क होता है। लार्ज कैप में रिस्क कम होता है लेकिन बिल्कुल खत्म नहीं होता।
- मार्केट रिस्क (Market Risk): अगर पूरी अर्थव्यवस्था में मंदी आती है, या कोई बड़ी गड़बड़ (जैसे युद्ध या महामारी) होती है, तो लार्ज कैप स्टॉक्स भी गिरेंगे। हाँ, वे शायद स्मॉल कैप जितना न गिरें लेकिन गिरेंगे जरूर। किन्तु यह भी उतना ही सच है, जब भी मार्केट में रिकवरी आएगी लार्ज कैप stocks में सबसे पहले आएगी।
- धीमी ग्रोथ का जोखिम (Slow Growth Risk): ये "हाथी" हैं, "खरगोश" नहीं। RIL या HDFC बैंक से यह उम्मीद न करें कि वे 1 साल में आपका पैसा 5 गुना कर देंगे। वे स्थिरता से 12-15% सालाना (उदाहरण के तौर पर) की रफ़्तार से बढ़ सकते हैं, लेकिन वे आपको स्मॉल-कैप जैसा जादुई रिटर्न नहीं देंगे।
- कंपनी-विशिष्ट जोखिम (Company-Specific Risk): कभी-कभी एक बड़ी और अच्छी कंपनी भी गलत फैसले ले सकती है या उसके सेक्टर में कोई बड़ी समस्या आ सकती है।
वे आपको रातोंरात अमीर नहीं बनाएँगे, लेकिन वे आपको लॉन्ग टर्म में वेल्थ (Wealth) बनाने में मदद करेंगे। वे आपको रात में शांति की नींद सोने देंगे, यह जानते हुए कि आपका पैसा भारत की सबसे अच्छी और मज़बूत कंपनियों में लगा हुआ है। याद रखिए, शेयर बाजार एक 100 मीटर की रेस नहीं है, यह एक मैराथन है। और मैराथन में, "धीमा और स्थिर" ही रेस जीतता है।
उम्मीद है, आपको यह भारत के टॉप लार्ज कैप स्टॉक्स, मार्केट के असली बादशाह! आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह Large cap stocks in India - Hindi आर्टिकल पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। शेयर मार्केट के बारे में ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारियां प्राप्त करने के लिए इस साइट को जरूर सब्स्क्राइब करें। आप अगला आर्टिकल किस टॉपिक पर पढ़ना चाहते हैं प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं।

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