शेयरों में इन्वेस्ट क्यों करना चाहिए? Why invest in stocks?
लोगों द्वारा शेयरों में इन्वेस्ट इनकम जेनरेट करने और उनके प्राइस के बढ़ने पर उससे प्रॉफिट कमानें के उद्देश्य से किया जाता है। विशेषकर पैसिव इनकम जेनरेट करने के उद्देश्य से शेयरों को लॉन्ग-टर्म के लिए होल्ड किया जाता है।
शेयर मार्केट से मिलने वाला रिटर्न भी मुद्रास्फीति दर की तुलना में तेज़ गति से होता है। आइए विस्तार से जानते हैं- शेयरों में इन्वेस्ट क्यों करना चाहिए? Why invest in stocks? in Hindi.
अगर आप शेयरों में इन्वेस्ट करना सीखना चाहते हैं तो आपको बेंजामिन ग्राहम द्वारा लिखित द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
Stocks क्या हैं?
स्टॉक, जिन्हें शेयर या इक्विटी के नाम में भी जाना जाता है। ये कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब आप कोई स्टॉक खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के एक छोटे से हिस्से के मालिक बन जाते हैं।
एक शेयरधारक के रूप में, यदि स्टॉक का प्राइस समय के साथ बढ़ता है, तो आप डिविडेंड और संभावित प्राइस वृद्धि के माध्यम से कंपनी के मुनाफे से लाभ उठा सकते हैं। फिबोनाची रिट्रेसमेंट
Stocks मुख्य रूप से स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदे और बेचे जाते हैं। ये बहुत सारे इन्वेस्टरों के पोर्टफोलियो का आधार होते हैं। स्टॉक मार्केट ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स को धोखाधड़ी से बचाने के लिए सरकार द्वारा सिक्युरिटीज एंड बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) की स्थापना की गयी है।
कंपनियां अपने बिजनेस को संचालित करने के लिए धन जुटाने के लिए शेयर जारी करती हैं। शेयर दो तरह के होते हैं-
- Common Stocks: कॉमन स्टॉक्स कंपनी में इक्विटी के स्वामित्व को दर्शाते हैं।
- Preferred Stocks: प्रिफर्ड स्टॉक भी एक प्रकार की इक्विटी ही हैं लेकिन इनमें स्टॉक और बांड दोनों की विशेषताएं होती हैं। डबल बॉटम
Stocks में invest क्यों करना चाहिए?
शेयरों में इन्वेस्ट करके Wealth create करना, हमेशा से सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक रहा है। आप चाहे शुरुआती हों या अनुभवी निवेशक, शेयर बाजार समय के साथ आपकी पूंजी बढ़ाने के अवसर प्रदान करता है। निम्नलिखित कारणों से शेयरों में इन्वेस्ट करना एक स्मार्ट फाइनेंसियल निर्णय है-
1. हाई रिटर्न की संभावना
लोगों द्वारा stocks में इन्वेस्ट करने का एक मुख्य कारण हाई रिटर्न की संभावना होती है। हमेशा Share market ने लॉन्ग-टर्म में, बॉन्ड, बचत खाते और रियल एस्टेट जैसे अन्य निवेश विकल्पों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
2. डिविडेंड इनकम
बहुत सारे शेयर Dividend के माध्यम से रेग्युलर इनकम प्रदान करते हैं। डिविडेंड company शेयरहोल्डर्स को कंपनी के मुनाफे से वितरित किया जाता है। डिविडेंड देने वाले stocks में invest करके आप एक रेग्युलर रीजनेबल इनकम जेनरेट कर सकते हैं।
डिविडेंड, इनकम-फोकस्ड इन्वेस्टर्स या सेवानिवृत्ति लोगों के लिए रेग्युलर इनकम का एक आकर्षक विकल्प भी बनाता है। इसके अतिरिक्त, डिविडेंड का पुनर्निवेश आपके निवेश पोर्टफोलियो से मल्टीबैगर रिटर्न भी दे सकता है।
3. शेयरों का स्वामित्व और कंट्रोल
जब आप शेयरों में invest करते हैं, तो आप कंपनी के सह-स्वामी बन जाते हैं। इससे आपको company से सम्बन्धित कुछ अधिकार भी मिलते हैं। जैसे कंपनी के निर्णयों पर मतदान करना और shareholders की मीटिंग्स में भाग लेना। इनवर्टेड हैमर
हालाँकि रिटेल इन्वेस्टर्स आम तौर पर कंपनी पर नियंत्रण नहीं रखते हैं। स्टॉक के मालिक होने से आप कंपनी की वृद्धि और सफलता से अधिक जुड़ाव महसूस कर सकते हैं।
4. लिक्विडिटी
शेयर अत्यधिक liquid होते हैं। इसी वजह से स्टॉक बहुत ज्यादा लिक्विड एसेट होते हैं। इसका मतलब है कि आप उन्हें आसानी से खरीद और बेच सकते हैं। अक्सर शेयर मार्केट सेशन के घंटों के दौरान मिनटों या सेकंड के भीतर इन्हें खरीद या बेच सकते हैं। जब आपको अपने पैसे की जरूरत हो तब आप स्टॉक को बेचकर पूँजी जूता सकते यहीं। कॉमन स्टॉक्स एंड अनकॉमन प्रॉफ़िट्स
शेयरों में लिक्विडिटी होना बहुत अच्छा है क्योंकि यह इन्वेस्टर्स को अपने पैसे को जल्दी से एक्सेस करने की सुविधा देता है। रियल एस्टेट जैसे अन्य निवेशों के विपरीत, जहाँ किसी एसेट को बेचने में बहुत अधिक समय लगता है।
5. पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन
Share market इन्वेस्टर्स अपने पोर्टफोलियो को बहुत आसानी से डाइवर्सिफाइड कर सकते हैं। आप अलग-अलग सेक्टर्स की अलग-अलग compnies में इन्वेस्ट करके पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन कर सकते हैं। यहाँ तक की आप दुनिया के अलग-अलग देशों के स्टॉक मार्केट में घर बैठे ऑनलाइन इन्वेस्ट कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए यदि आप बैंकिंग, हेल्थकेयर और आईटी सेक्टर में इन्वेस्ट करते हैं तो आप एक सेक्टर में होने वाले नुकसान की भरपाई दूसरे सेक्टर के के स्टॉक में होने वाले प्रॉफिट से कर सकते हैं।
6. मुद्रा स्फीति से बचाव
समय के साथ, मुद्रास्फीति पैसे की क्रय शक्ति को कम करती है। हालाँकि, स्टॉक ऐतिहासिक रूप से मुद्रास्फीति से ज्यादा रिटर्न देते आये हैं। कंपनियां Inflation से बचाव के लिए अपने प्रोडक्ट के प्राइस बढा कर अपने राजस्व में वृद्धि करती हैं। बीएसई सेंसेक्स
जिससे मुद्रास्फीति के माहौल में कंपनियां स्टॉक के price को बढ़ने दे सकती हैं। इसलिए, शेयरों में इन्वेस्ट करने से आपकी संपत्ति को मुद्रास्फीति से बचाने में मदद मिल सकती है।
7. टेक्स एडवांटेज
India में, एक वर्ष से अधिक समय तक स्टॉक रखने से टेक्स लाभ मिलता है। जिसे लॉन्गटर्म कैपिटल गेन टेक्स कहा जाता है। लॉन्गटर्म कैपिटल गेन टेक्स सामान्य इनकम टेक्स दरों से कम होता है। इसके अतिरिक्त शेयरों में इन्वेस्ट करने वाले सेवानिवृत्ति लोगों के लिए Tex saving स्कीम भी दी जाती हैं। जो आपके सम्पूर्ण टेक्स के बोझ को कम करने में मदद कर सकती हैं।
8. कम्पाउंडिंग ग्रोथ
Compounding Growth यानि चक्रवृद्धि वृद्धि। जब आप अपने रिटर्न को फिर से इन्वेस्ट करते हैं। चाहे वह आपको डिविडेंड या कैपिटल गेन से मिले हों। उसे मार्केट में Reinvest करने से आपके पोर्टफोलियो में कम्पाउंडिंग ग्रोथ होती है।
जब आपकी कमाई अपनी खुद की कमाई उत्पन्न करती है। समय के साथ, यह स्नोबॉल इफेक्ट आपके निवेश पोर्टफोलियो की घातीय वृद्धि को जन्म दे सकता है।
9. पहुँच और सुविधा
ऑनलाइन ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म और ऐप के आगमन के साथ, शेयरों में निवेश करना पहले से कहीं अधिक सुलभ हो गया है। आप आसानी से घर बैठे Demat account खोल सकते हैं। स्टॉक पर रिसर्च कर सकते हैं और अपने घर से आराम से ट्रेड कर सकते हैं।
यह पहुंच निवेशकों को शेयर मार्केट में बहुत छोटी राशि से investing शुरू करने और समय के साथ धीरे-धीरे अपने निवेश को बढ़ाने की अनुमति देती है।
10. लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन
शायद शेयरों में निवेश करने का सबसे सम्मोहक कारण इसका Long-Term Wealth Creation करने की क्षमता ही है। एक डिसिप्लिन इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी, धैर्य और समय के साथ, व्यक्ति अपने पैसे से multibagger return प्राप्त कर सकते हैं। आप जितनी जल्दी निवेश करना शुरू करेंगे, आपके पैसे को बढ़ने और बाजार के उतार-चढ़ाव से लाभ उठाने के लिए उतना ही अधिक समय मिलेगा।
Stocks में Investing के बारे में
शेयरों में इन्वेस्टमेंट फाइनेंसियल इंडीपेंडेंस और लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन के सर्वोत्तम साधनों में से एक है। Stock market शार्ट टर्म में अधिक वोलेटाइल रहता है। जिससे शार्ट टर्म ट्रेडिंग में बहुत अधिक रिस्क होता है। लेकिन जो लोग अपनी पोजीशन को लॉन्ग टर्म तक होल्ड करते हैं। वह लोग शेयरों से बहुत अच्छे रिटर्न प्राप्त करते हैं।
अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड करके आप मार्केट रिस्क को कम कर सकते हैं। बहुत सारे लोग हैं। जिन्होंने मार्केट से अथाह धन कमाया है। दुनिया के दस सबसे अमीर लोगों में शामिल वॉरेन बफेट ने भी अकूत दौलत शेयर मार्केट से ही कमाई है।
भारत में बिग बुल के नाम से प्रसिद्ध निवेशक राकेश झुनझुनवाला के नाम को कौन नहीं जनता है। सभी जानते हैं कि उन्होंने शेयर मार्केट में केवल पाँच हजार रूपये से शुरुआत की थी। उन्होंने भी शेयर मार्केट से अथाह धन कमाया था। इसी के साथ शेयर मार्केट का एक काला सच यह भी है कि यहाँ केवल 10% लोग ही प्रॉफिट कमाते हैं। शेष 90% रिटेल ट्रेडर्स नुकसान करते हैं।
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले हमेशा अपने वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और इन्वेस्टमेंट होराइजन पर विचार करें। वित्तीय सलाहकार से परामर्श करने से आपको एक ऐसी strategy तैयार करने में भी मदद मिल सकती है। जो आपके लिए सबसे अच्छा काम करे।
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