India के सबसे ज्यादा Dividend देने वाले स्टॉक्स कौन से हैं?

डिविडेंड कंपनी की इनकम का वह हिस्सा होता है। जो उसके शेयरशार्कों को उनके हिस्से के प्रॉफिट के रूप में दिया जाता है। डिविडेंड का भुगतान कंपनी द्वारा आमतौर पर तिमाही आधार पर किया जाता है। डिविडेंड राशि का निर्धारण कंपनी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के द्वारा उसकी हालिया इनकम के आधार पर लिया जाता है। 

डिविडेंड का भुगतान नकद या बोनस शेयरों के रूप में दिया जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं। भारत के सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स कौन से हैं? High dividend paying stocks in India in Hindi.  

                                                                                         
High dividend paying stocks in India in Hindi.


शेयर मार्केट में सफल कैसे हों? बुक पढ़ने के बाद आप समझ जाएँगे कि क्यों कुछ लोग हमेशा शेयर बाजार से पैसे बनाते हैं और कुछ लोग हमेशा शेयरों में पैसे गँवाते हैं? यदि आप इस पुस्तक को कदम-दर-कदम पढ़ेंगे और इसमें दिए सुझावों का पालन करेंगे तो आप शेयर बाजार में कभी नुकसान नहीं उठाएँगे। 

Dividend के बारे में 

डिविडेंड के प्रतिशत को Dividend Yield के नाम से जाना जाता है। शेयर मार्केट में लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट करते समय में डिविडेंड को एक महत्वपूर्ण फेक्टर माना जाता है क्योंकि longterm इन्वेस्टर्स इसे इनकम के रूप में देखते हैं। नए investors भी इसकी वजह से शेयर मार्केट में लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग के लिए प्रेरित होते हैं। 

वैसे ज्यादातर लोगों का सपना शार्ट-टर्म ट्रेडिंग से पैसे कमाना होता है। लेकिन जो लोग Share market से वेल्थ क्रिएट करना चाहते हैं। उनके लिए अच्छी डिविडेंड यील्ड वाले stocks में इन्वेस्ट करना हमेशा फायदे का सौदा रहता है। उन्हें शेयर के प्राइस में बढ़ोतरी के साथ-साथ डिविडेंड से भी रेग्युलर इनकम होती रहती है। 

वैसे भी किसी शेयर में लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग के दौरान समय के साथ-साथ जोखिम भी कम हो जाता है। साथ ही अगर आपने लगातर डिविडेंड देने वाली कंपनी के स्टॉक में investment किया है। तो उससे मिलने वाले डिविडेंड से आपको लगातार इनकम होती रहेगी।  

High Dividend paying Stocks में इन्वेस्ट क्यों करना चाहिए? 

हाई डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना निम्नलिखित कारणों से सही होता है- 
  1. लगातार इनकम होना: High dividend paying स्टॉक्स से इन्वेस्टर्स को एक स्थिर आमदनी का स्रोत मिल जाता है। जिससे अपने निवेश पर अतिरिक्त इनकम चाहने वाले लोगों को बहुत अच्छा ऑप्शन मिल जाता है। अंडरवैल्यूड स्टॉक्स
  2. पोर्टफोलियो में स्थिरता: Dividend-paying शेयर नॉन-डिविडेंड देने वाले शेयरों की तुलना में कम volatile होते हैं। और निरंतर इनकम प्रदान करते हैं। यह शेयर मार्केट में गिरावट से बचने और पोर्टफोलियो के समग्र प्रदर्शन को स्थिर करने में मदद कर सकता है। 
  3. ग्रोथ की संभावना: ज्यादातर हाई डिविडेंड देने वाली कंपनियाँ मजबूत फंडामेंटल वाली होती हैं। समय के साथ जिनके शेयर प्राइस के बढ़ने की काफी संभावनाएँ होती हैं। जिससे डिविडेंड के साथ-साथ share price बढ़ने का फायदा भी इन्वेस्टर्स को मिलता है। 
  4. टेक्स लाभ: कुछ क्षेत्रों में डिविडेंड से होने वाली इनकम पर ब्याज से होने वाली इनकम से कम टेक्स लगाया जाता है। जिससे इन्वेस्टर्स को टेक्स एडवांटेज होता है। 
  5. कंपनी की फाइनेंसियल हेल्थ का संकेत: जिन कंपनियां ही अर्निग्स और कैश फ्लो स्टेबल होते हैं। वही compnies ही अपने Shareholders को लगातार डिविडेंड दे पाती हैं। अतः इससे कंपनियों की अच्छी फाइनेंसियल स्थिती होने का भी संकेत मिलता है। यानि dividend-paying स्टॉक्स में निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है। 90% ट्रेडर्स नुकसान करते हैं?
  6. मुद्रास्फीति से बचाव: Dividend में मुद्रास्फीति के साथ तालमेल बनाये रखने की क्षमता होती है। जिससे investors का बढ़ती कीमतों से बचाव हो सकता है। हालाँकि डिविडेंड, कंपनियां हमेशा मंहगाई के हिसाब से नहीं देती हैं। लेकिन इनसे होने वाली इनकम बॉन्ड से होने वाली इनकम से ज्यादा होती है। 
  7. ऐतिहासिक प्रदर्शन: Dividend-paying स्टॉक्स में लॉन्ग-टर्म में ऐतिहासिक रूप से नॉन-डिविडेंड पेइंग स्टॉक्स से ज्यादा अच्छे रिटर्न दिए हैं। यदि आप डिविडेंड को स्टॉक में रीइन्वेस्ट कर देते हैं तो लॉन्ग-टर्म में बहुत अच्छा वेल्थ क्रिएशन भी हो जाता है। 

High Dividend-Paying कैसे चुनें? 

हाई डिविडेंड पेइंग स्टॉक्स चुनने के लिए रिसर्च,एनालिसिस और अन्य कारकों को समझनें की जरूरत होती है। हाई डिविडेंड पेइंग stocks को चुनने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं- मार्केट से कमाएं लाखों?
  1. हाई डिविडेंड पेइंग स्टॉक्स की स्क्रीनिग करें: आपको स्टॉक स्क्रीनिंग टूल या फाइनेंसियल वेबसाइटों के द्वारा high dividend-paying शेयरों को फिल्टर करना चाहिए। आमतौर पर जिन शेयरों की Dividend Yeild औसत से ज्यादा होती है। उन्हें हाई डिविडेंड-पेइंग स्टॉक्स माना जाता है। आपको यह भी चैक करना चाहिए कि शेयर डिविडेंड लगातार दे रहे हों और उनके स्टॉक प्राइस में गिरावट की आशंका भी ना हो।
  2. डिविडेंड में ग्रोथ का भी आंकलन करें: हालाँकि वर्तमान डिविडेंड यील्ड हाई होना बहुत अच्छी बात है। लेकिन आपको भविष्य में डिविडेंड यील्ड में कितनी बढ़तरी हो सकती है इसका भी आंकलन करना चाहिए
  3. Dividend सस्टेंबिल्टी का मूल्यांकन करें: Company के ट्रैक रिकॉर्ड की जाँच करें, क्या वह लगातार डिविडेंड का पेमेंट कर रही है? उसकी अर्निग्स और कैश फ्लो सस्टेनेबल है या नहीं। यानि कंपनी अपने डिविडेंड भुगतान को कायम रख सकती है या नहीं। 
  4. कंपनी की फाइनेंसियल स्थिती की जाँच करें: कंपनी की सम्पूर्ण फाइनेंसियल हेल्थ जानने के लिए उसकी बैलेंशशीट, कैश फ्लो स्टेटमेंट, इनकम स्टेटमेंट और कर्ज आदि की जाँच करनी चाहिए। कम कर्ज, स्टेबल इनकम और रेवेन्यू ग्रोथ वाली कंपनी की तलाश करें। 
  5. इंडस्ट्री और मार्केट ट्रेंड को समझें: कंपनी के बिजनेस को समझें और सम्पूर्ण मार्केट के ट्रेंड को भी जानें। लॉन्ग-टर्म में बिजनेस कितना बढ़ सकता है और इसके साथ कितना रिस्क जुड़ा है। 
  6. कंपनी की पोजीशन का भी मूल्यांकन करें: कंपनी की समान सेक्टर की अन्य companies के साथ तुलना करें। क्या भविष्य में कंपनी अपने प्रोडक्ट के मार्केट शेयर को बचा पायेगी? क्या कंपनी अपनी प्राइस निर्धारण की क्षमता को बनाये रख पायेगी? जिन कंपनियों की ब्रांड वैल्यू बहुत अधिक होती है। जिनके प्रोडक्ट पेटेंट होते हैं। जिनके पास अनूठी टेक्निक होती है, ऐसी कंपनियां भविष्य में भी हाई Dividend Yeild को बनाए रखने में सक्षम होती हैं। 
  7. डायवर्सिफिकेशन: किसी भी निवेश स्ट्रेटेजी की तरह डायवर्सिफिकेशन रिस्क मैनेजमेंट की कुंजी है। जोखिम को फैलाने और longterm रिटर्न को बढ़ाने के लिए अलग-अलग सेक्टर्स और बिजनेस में high dividend-paying स्टॉक का एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने पर विचार करें। 
  8. अलर्ट रहें: अपने हाई डिविडेंड यील्ड स्टॉक्स को लगातार मॉनिटर करते रहें। यदि कंपनी के फंडामेंटल, इंडस्ट्री डायनेमिक और आर्थिक स्थिती में कोई परिवर्तन होता है। जिसका असर डिविडेंट पेमेंट और स्टॉक के प्रदर्शन पर पड़ सकता है तो उसके अनुसार अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करें। 
आप उपर्युक्त चरणों का पालन करके और गहन रिसर्च करके आप dividend-paying stocks की पहचान कर सकते हैं। और आपने investment के उद्देश्यों को पूरा कर सकते हैं। 

भारत के सबसे ज्यादा Dividend-paying stocks

1. कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India) 
  • डिविडेंड यील्ड:  4 से 5% 
  • सेक्टर:  कोयला खनन 
  • विशेषताएँ:  यह भारत्त सरकार के स्वामित्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है। यह एक हाई डिविडेंड पेइंग कंपनी है, यह भारत सरकार को बहुत बड़ी राशि में डिविडेंड देती है। यह एक शानदार डिविडेंड पेइंग स्टॉक है। 
2. पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NALCO) 
  • डिविडेंड यील्ड:  3. 30% 
  • सेक्टर:  मैटल और माइनिंग 
  • विशेषताएँ: यह भी भारत सरकार के स्वामित्व वाली एल्युमिनियम कंपनी है। जो एल्युमिनियम का प्रोडक्शन करती है। यह भी भारत सरकार को बहुत बड़ी धनराशि डिविडेंड के रूप में देती है। यह भी एक शानदार dividend-paying कंपनी है। 
3. आईटीसी लिमिटेड (ITC) 
  • डिविडेंड यील्ड:  2.74%
  • सेक्टर:  एफएमसीजी, डायवर्सिफाइड
  • विशेषताएँ:  होटल, तंबाकू पैकेजिंग और FMCG प्रोडक्ट बनाने वाली विशाल डायवर्सिफाइड कंपनी है। लगातार प्रॉफिट बढ़ने की वजह से यह high dividend-paying कंपनी बन गयी है। इसमें उन इन्वेस्टर्स के लिए आदर्श इन्वेस्टमेंट साबित हो सकता है जो लॉन्गटर्म के लिए डिविडेंड से इनकम जेनरेट करना चाहते हैं। 
4. इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (IOC) 
  • डिविडेंड यील्ड:   6 . 88 %
  • सेक्टर:  एनर्जी (तेल, गैस)
  • विशेषताएँ:  यह भारत सरकार के स्वामित्व वाली ऑइल एंड गैस सेक्टर की बड़ी कंपनी है। इस कंपनी का बिजनेस और डिविडेंड इसे हाई डिविडेंड पेइंग कंपनियों की सूची में स्थान दिलाता है। 
5. आरईसी (REC) 
  • डिविडेंड यील्ड:  2. 74%
  • सेक्टर:  फाइनेंसियल सर्विस (पावर सेक्टर)
  • विशेषताएँ: आरईसी लिमिटेड सरकारी स्वामित्व वाली एक महारत्न कंपनी है। जो पावर सेक्टर को बहुत कम ब्याज पर वित्तीय सेवाएं (लोन) प्रदान करती है। अपनी High Dividend Yeild और स्टेबल बिजनेस मॉडल के कारण यह investors के बीच लोकप्रिय कंपनी है। 
डिविडेंड स्टॉक्स इन्वेस्टर्स को नियमित आमदनी के साथ-साथ वेल्थ क्रिएशन का लाभ भी देते हैं। हालांकि, इन्वेस्टर्स को केवल डिविडेंड यील्ड को ही नहीं देखना चाहिए। बल्कि कंपनी की वित्तीय स्थिति, भविष्य की विकास संभावनाओं और व्यापक बाजार की स्थितियों को भी ध्यान में रखना चाहिए। लंबी अवधि के लिए इन स्टॉक्स में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन सही रिसर्च और सलाह के साथ ही यह इनमें इन्वेस्ट करने का निर्णय लेना चाहिए। 

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