गैप ट्रेडिंग चार्ट पैटर्न ( Trading Chart Patterns ) क्या है?

एक गैप को खाली स्थान या इंटरवल के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। टेक्निकल एनालिसिस प्राइस चार्ट पर गैप उस एरिया का प्रतिनिधित्व करता है। जहाँ पर ट्रेडिंग नहीं होती है या बहुत कम होती है। जापानी कैंडलस्टिक चार्ट पर विंडो की व्याख्या गैप के रूप में की जाती है। एक गैप तब होता है, जब किसी शेयर का मार्केट प्राइस किसी अन्य प्राइस लेवल हाई या लो पर जम्प कर जाता है। जहाँ बहुत कम या कोई ट्रेडिंग नहीं होती है, उसे ही गैप चार्ट पैटर्न कहा जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं- गैप ट्रेडिंग चार्ट पैटर्न ( Trading Chart Patterns ) क्या है? Gap Trading Chart Pattern in Hindi. 

                                                                           
Gap trading


अगर आप ट्रेडिंग चार्ट पैटर्न्स में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग चार्ट पैटर्न बुक जरूर पढ़ना चाहिए। 

Gap Chart Pattern क्या है? 

वोलेटाइल शेयर मार्केट में traders शेयर के प्राइस में बड़े उछाल या गिरावट से प्रॉफिट कमा सकते हैं। यदि उन्हें कमाई के अवसरों में बदला जा सके। Gap शेयर के प्राइस चार्ट पर एक एरिया होता है, जहाँ से stock का प्राइस तेजी से ऊपर या नीचे जाता है। इस बीच में बहुत कम या बिल्कुल भी ट्रेडिंग नहीं होती है। इसलिए शेयर के चार्ट पर सामान्य प्राइस पैटर्न पर गैप दिखता है। 

शेयर मार्केट ट्रेडर्स इससे प्रॉफिट कमाने के लिए इस Gap का विश्लेषण कर सकते हैं। गैप चार्ट पर एक रिक्त स्थान होते हैं, जो जब बनते हैं। तब शेयर के प्राइस में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं। गैप के बीच में बहुत कम या बिलकुल भी ट्रेडिंग नहीं होती है। 

गैप किसी भी stock के प्राइस में अचानक तब बनता है। जब उसके बारे में कोई बहुत अच्छी या बुरी खबर आती है। Gap को breakway gaps, exhaustion gaps, common gaps, continuation gaps के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। 

Gap Trading बनने के कारण 

किसी भी शेयर के प्राइस में गैप तब बनता है, जब शेयर के फंडामेंटल या टेक्नीकल्स में कोई बड़ा परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी की कमाई उम्मीद से बहुत अधिक बढ़ जाती है। तो अगले दिन कंपनी का स्टॉक Gap Up ओपन हो सकता है। इसका मतलब यह है कि शेयर का प्राइस एक दिन पहले बंद प्राइस की तुलना में अधिक खुला, जिससे Share के प्राइस में एक Gap बन गया। ओएनजीसी शेयर प्राइस

इसी तरह अगर किसी कंपनी की कमाई में बहुत ज्यादा कमी हो जाती है या कंपनी अपने लोन की क़िस्त चुकाने में नाकाम रहती है। तो अगले दिन उस कंपनी का शेयर Gap Down ओपन हो सकता है। इसका मतलब यह है कि शेयर का प्राइस एक दिन पहले बंद प्राइस की तुलना में कम खुला, जिससे Share के प्राइस में एक Gap बन गया। 

एल्गोरिथम ट्रेडिंग यानि अल्गो ट्रेडिंग  Gap Price एक्शन का एक अपेक्षाकृत नया स्रोत है। उदाहरण के लिए, यदि किसी Stock का पूर्व हाई लेवल टूट गया है। तो एल्गो ट्रेडिंग, ऑटोमेटिकली एक बड़े खरीद सौदे ऑर्डर का ऑर्डर दे सकता है। एल्गोरिथम ऑर्डर का आकार इतना बड़ा हो सकता है कि यह शेयर प्राइस में गैप को ट्रिगर कर सकता है। क्योंकि जब किसी शेयर का प्राइस रेजिस्टेंस लेवल को तोड़ता है। तब अन्य Trend ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स शेयर में खरीदारी की पोजीशन बनाते हैं। कैंडलस्टिक रिवर्सल पैटर्न

Gap Trading के प्रकार 

Trading Gap Chart Pattern को निम्नलिखित चार भागों में बंटा गया है-
  1. Breakway Gaps: ब्रेकवे गैप्स प्राइस चार्ट पैटर्न के अंत में होते हैं और ये नए ट्रेंड की शुरुआत का संकेत देते हैं। 
  2. Exhaustion Gaps: यानि थकावट गैप्स यह Stock के प्राइस चार्ट पर मौजूदा पैटर्न के अंत में बनता है। इसका मतलब शेयर का price न्यू हाई या न्यू लो तक अंतिम बार पहुंचने का प्रयास करेगा। 
  3. Common Gaps: कॉमन गैप्स को प्राइस पैटर्न में नहीं रखा जा सकता है। वे बस उस एरिया का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां शेयर के प्राइस में गैप बना है। 
  4. Continuation Gaps: इसे रनवे पैटर्न के रूप में भी जाना जाता है। यह Price Chart Pattern के बीच में होता है। और बायर तथा सेलर की भीड़ का संकेत देता है। जो शेयर के प्राइस ट्रेंड की भविष्य की दिशा को समझते हैं। 

Gap Trading भरेगा या नहीं भरेगा 

जब कोई कहता है कि शेयर का गैप भर गया है। इसका मतलब होता है कि Share का प्राइस वापस घूमकर गैप से पहले के लेवल पर आ गया है। गैप का भरना मार्केट में काफी सामान्य बात है और इसके निम्नलिखित कारण होते हैं। 
  • अतार्किक उत्साह: Stock price में प्रारंभिक उछाल अत्यधिक आशावादी या निराशावादी हो सकता है। जिसके कारण प्राइस में करेक्शन होता है और प्राइस वापस गैप से पहले के लेवल पर आ जाते हैं। 
  • टेक्निकल रेजिस्टेंस: जब शेयर का प्राइस तेजी से ऊपर या नीचे की ओर जाता है। तब वह कोई सपोर्ट या रेजिस्टेंस नहीं छोड़ता है। 
  • प्राइस पैटर्न: Price pattern का उपयोग Gaps को वर्गीकृत करने के लिए किया जा सकता है। यह आपको बता सकता है कि गैप भरा जाएगा या नहीं। थकावट ( Exhaustion Gaps ) के गैप्स की आमतौर पर भरने की सबसे अधिक संभावना होती है क्योंकि वे प्राइस ट्रेन्ड के अंत का संकेत देते हैं। जबकि कंटीन्यूएशन और ब्रेकअवे गैप के भरने की काफी कम संभावना होती है। क्योंकि उनका उपयोग वर्तमान ट्रेन्ड की दिशा की पुष्टि करने के लिए किया जाता है।  
जब गैप उसी ट्रेडिंग डे को भर जाता है, जिस दिन वे होते हैं, तो इसे फ़ेडिंग कहा जाता है। उदाहरण के लिए, मान लें कि किसी कंपनी के तिमाही रिजल्ट के लिए प्रति शेयर शानदार इनकम की घोषणा होती है। इसकी वजह से इसके stock का प्राइस अगले दिन गैप अप ओपन होता है। मतलब यह अपने पिछले बंद की तुलना में काफी अधिक ऊपर खुलता है। 

अब मान लीजिए, जैसे-जैसे दिन बढ़ता है, लोगों को एहसास होता है कि कंपनी के नकदी प्रवाह विवरण में कुछ कमजोरियां है। इसलिए ट्रेडर्स उस शेयर को बेचना शुरू कर देते हैं। अतः ट्रेडिंग सेशन के आखिर में स्टॉक का प्राइस पिछले क्लोजिंग प्राइस के करीब पहुंच जाता है जिससे गैप भर जाता है। कई इंट्राडे ट्रेडर्स  इस ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का उपयोग कंपनियों के रिजल्ट के सीजन के दौरान खूब करते हैं। या जब किसी कंपनी में कोई न्यूज आने वाली होती है तब करते हैं। क्योंकि तब अतार्किक उत्साह हाई लेवल पर होता है। 

Gap trading कैसे करें? 

गैप ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाने के कई तरीके हैं, कुछ ट्रेडर्स शेयर में तब खरीदारी की पोजीशन बनाते हैं। जब फंडामेंटल और टेक्निकल फेक्टर अगले दिन शेयर के प्राइस के फेवर में प्रभाव डालेंगे। उदाहरणस्वरूप जब किसी कंपनी की पॉजिटिव इनकम रिपोर्ट जारी होती है। तो ट्रेडर्स इस शेयर में खरीदारी की पोजीशन इस उम्मीद में बनाते हैं कि अगले दिन प्राइस Gap Up ओपन होगा। 

ट्रेडर्स प्राइस मूवमेंट की शुरुआत में भी buy or sell की पोजीशन बना सकते हैं। यदि आपको लगता है कि प्राइस ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा तो ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हो या ज्यादा आपको पोजीशन बना लेनी चाहिए। यदि किसी stock का प्राइस कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के बावजूद तेजी से बढ़ रहा है और आगे कोई रेजिस्टेंस भी नहीं है। तो आप भी इस शेयर में खरीदारी की पोजीशन बना सकते हैं। 

एक बार टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा शेयर के हाई और लो पॉइंट्स निर्धारित हो जाने के बाद ट्रेडर्स Gap की विपरीत दिशा में पोजीशन बनाकर गैप को कमजोर कर देते हैं। यदि किसी स्पेक्युलेटिव न्यूज की वजह से कोई स्टॉक Gap Down ओपन होता है। तो ट्रेडर्स उसमे लॉन्ग पोजीशन बनाकर गैप को कम कर सकते हैं। अंत में जब गैप भरने के बाद जब शेयर का प्राइस पुराने सपोर्ट लेवल पर पहुंच जाता है। तो ट्रडर्स उसे दोबारा बेच सकते हैं।

Gap Down ओपन होने का सबसे लेटेस्ट उदाहरण HDFC BANK का 17-01-2024 का है। 16 जनवरी को इस बैंक का क्लोजिंग प्राइस 1671.85 रूपये था। और 17-01-2024 को ओपनिंग प्राइस 1570.oo रूपये था। यह गैप डाउन ओपन का सबसे अच्छा और लेटेस्ट उदाहरण है। 

निम्नलिखित कुछ पॉइंट्स हैं जिन्हें आपको Trading Gaps के दौरान आपको ध्यान में रखना चाहिए-
  1. एक बार जब कोई स्टॉक Gap को भरना शुरू कर देता है, तो यह शायद ही कभी रुकता है। क्योंकि गैप के बीच में तत्काल कोई सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस नहीं होता है।
  2. थकावट गैप या Exhaustion Gaps और कन्टीन्यूएशन गैप्स शेयर के प्राइस के दो अलग-अलग दिशाओं में बढ़ने की भविष्यवाणी करते हैं। आपको इन gaps की सही पहचान करके ही ट्रेडिंग पोजीशन बनानी चाहिए।
  3. रिटेल इन्वेस्टर्स आमतौर पर अतार्किक उत्साह प्रदर्शित करते हैं, जबकि FII और DII एल्गोरिथम सिस्टम से अपने पोर्टफोलियो की मदद के लिए Stock market में पोजीशन बना सकते हैं। इसलिए इस इंडिकेटर का उपयोग करते समय सावधान रहना चाहिए। 
  4. ट्रेडिंग पोजीशन लेने से पहले प्राइस के द्वारा महत्वपूर्ण सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल के टूटने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। ट्रेडिंग वॉल्यूम अवश्य देखना चाहिए. ब्रेकअवे Gap में हाई ट्रेडिंग वॉल्यूम होना चाहिए। जबकि थकावट Gap में ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होना चाहिए। 
Trading Gaps के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs 

Gap क्या है? 

किसी शेयर के प्राइस में गैप तब आता है. जब Stock price तेजी से प्राइस लेवल से ऊपर या नीचे की तरफ बढ़ता या गिरता है। उस पीरियड में बहुत कम ट्रेडिंग होती है या बिल्कुल भी नहीं होती है। 

शेयर के प्राइस में गैप बनने के क्या कारण होते हैं? 

शेयर प्राइस में गैप बनने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन उन्हें ज्यादातर अप्रत्याशित समाचार या सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के परिणामस्वरूप देखा जाता है। इसके और भी कई कारण हो सकते हैं। 

ट्रेडर्स गैप से प्रॉफिट कैसे कमा सकते हैं? 

शेयर के प्राइस में अचानक किसी सुचना के आता है। जिससे प्राइस गैप के पहले की स्थिती बताना मुश्किल है। आप गैप की दिशा में पोजीशन बना सकते हैं। आप गैप के विपरीत दिशा में भी पोजीशन बना सकते हैं क्योंकि शेयर का प्राइस गैप को भरने की एक बार कोशिश जरूर करता है। 
 
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