शेयर मार्केट से पैसा कमाने के लिए सिर्फ़ वही काफ़ी नहीं है जो स्क्रीन पर दिखाई देता है। आइसबर्ग ऑर्डर यह सिखाता है कि बड़े खिलाड़ी हमेशा अपनी चाल छिपाकर चलते हैं। अगर आप रिटेल इन्वेस्टर हैं तो आपको ये समझना होगा कि मार्केट में असली खेल छिपा हुआ होता है। Iceberg Orders को समझकर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किस स्टॉक में बड़ा मूव आने वाला है। आइए जानते हैं- आइसबर्ग ऑर्डर, बड़े इन्वेस्टर्स की गुप्त चाल, जिसे जानना जरूरी है! Iceberg order kya hai?
अगर आप शेयर मार्केट एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो आपको वैभव खरे द्वारा लिखित शून्य से सीखें शेयर बाजार बुक जरूर पढ़नी चाहिए।
आइसबर्ग ऑर्डर क्या है? (Iceberg Order Explained in Hindi)
जब आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं तो स्क्रीन पर जितना दिखता है। असलियत उतनी ही नहीं होती क्योंकि कई बार बड़े इन्वेस्टर्स और संस्थागत ट्रेडर्स (Institutional Investors) अपने असली ऑर्डर को छिपाकर रखते हैं। ताकि मार्केट पर अचानक असर न पड़े। यही छिपा हुआ जादू आइसबर्ग ऑर्डर (Iceberg Order) कहलाता है। जिस तरह बर्फ़ का पहाड़ (Iceberg) पानी के ऊपर सिर्फ़ 10% दिखता है और 90% हिस्सा समुद्र के अंदर छिपा रहता है। ठीक उसी तरह Iceberg Order में भी छोटे हिस्से मार्केट में दिखाई देते हैं, जबकि बड़ा हिस्सा छिपा रहता है।
आइसबर्ग (Iceberg) का मतलब होता है "हिमशैल" - बर्फ़ का वो पहाड़ जिसका सिर्फ 10% हिस्सा पानी के ऊपर दिखाई देता है और बाकी 90% विशाल हिस्सा पानी के नीचे छिपा होता है। आइसबर्ग ऑर्डर शेयर buy & sell करने का एक ऐसा तरीका है। जिससे एक बहुत बड़े खरीद या बिक्री के ऑर्डर को छोटे-छोटे कई टुकड़ों में बाँट दिया जाता है। इसमें से सिर्फ एक छोटा टुकड़ा (ऑर्डर का एक हिस्सा) ही मार्केट पार्टिसिपेंट्स को दिखाई देता है।
जैसे ही वो छोटा टुकड़ा पूरा होता है, दूसरा छोटा टुकड़ा अपने आप उसकी जगह ले लेता है। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है, जब तक कि पूरा बड़ा ऑर्डर कम्पलीट न हो जाए। इससे दूसरे ट्रेडर्स को यह कभी पता नहीं चल पाता कि शेयर में पर्दे के पीछे कोई बहुत बड़ी खरीदारी या बिकवाली कर रहा है। उन्हें बस एक सामान्य छोटा-मोटा ऑर्डर ही नज़र आता है।
ये भी जानें-
शेयर मार्केट में FPO, फॉलो-ऑन-पब्लिक-ऑफर क्या है?
शेयर मार्केट में शेयर कितने प्रकार होते हैं?
इसे एक उदाहरण से समझते हैं: मान लीजिए एक म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी 'प्राज इंडस्ट्री' के 1,00,000 (एक लाख) शेयर खरीदना चाहती है। अगर वह सामान्य तरीके से सीधे 1 लाख शेयर खरीदने का ऑर्डर डाल देगी, तो ऑर्डर बुक (जहाँ खरीद-बिक्री के ऑर्डर दिखते हैं) में भूचाल आ जाएगा। शेयर बेचने वाले अपनी कीमतें बढ़ा देंगे और दूसरे खरीदार भी मैदान में कूद पड़ेंगे। जिससे शेयर के प्राइस बहुत तेज़ी से बढ़ जायंगें। म्यूच्यूअल फंड को शेयर बहुत महंगे मिलेंगे।
Iceberg order का तरीका: म्यूच्यूअल फण्ड एक आइसबर्ग ऑर्डर प्लेस करेगा। जिसमें भी वह शेयर खरीदने का ऑर्डर तो 1,00,000 (एक लाख) शेयर का ही लगाएगा। लेकिन प्रकट मात्रा (Disclosed Quantity or Leg) सिर्फ 2,000 शेयर ही करेगा। अब मार्केट में सभी को सिर्फ 2,000 शेयर खरीदने का एक छोटा सा ऑर्डर दिखेगा।
जैसे ही ये 2,000 शेयर का ऑर्डर पूरा हो जायेगा। तुरंत 2,000 शेयरों का एक और ऑर्डर अपने आप लग जाएगा। यह तब तक चलता रहेगा जब तक 1,00,000 शेयर पूरे नहीं खरीद लिए जाते। है न कमाल की बात? पूरा काम हो गया और शेयर मार्केट में किसी को भनक तक नहीं लगी!
ये भी पढ़ें-
भारतीय शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करें?
भारत में शेयर मार्केट कैसे काम करता है?
Iceberg order काम कैसे करता है?
आइसबर्ग ऑर्डर की कार्यप्रणाली को समझना बहुत आसान है। यह पूरी तरह से स्वचालित (Automated) होती है। इसे स्टॉक एक्सचेंज के सिस्टम द्वारा मैनेज की जाती है।
ऑर्डर प्लेसमेंट (Order Placement): इन्वेस्टर्स अपने ब्रोकर के टर्मिनल पर जाकर एक आइसबर्ग ऑर्डर चुनता है। उसे दो चीजें डालनी होती हैं-
- कुल मात्रा (Total Quantity): जितने शेयर उसे वास्तव में खरीदने या बेचने हैं। जैसे, 50,000 शेयर या 1,00,000 शेयर आदि।
- प्रकट मात्रा/लेग (Disclosed Quantity/Leg): वो छोटा हिस्सा जो वह एक बार में बाज़ार को दिखाना चाहता है। जैसे 1,000 शेयर या 2,000 शेयर आदि।
ऑर्डर का निष्पादन (Order Execution): जब Share market में उस प्राइस पर शेयर को बेचने वाले उपलब्ध होते हैं तो यह पहला 1,000 शेयरों का 'लेग' धीरे-धीरे पूरा होने लगता है।
अगले लेग की स्वचालित प्लेसमेंट (Automatic Placement of Next Leg): जैसे ही पहला लेग (1,000 शेयर) पूरी तरह से निष्पादित (Execute) हो जाता है। एक्सचेंज का सिस्टम तुरंत छिपे हुए 49,000 शेयरों में से अगले 1,000 शेयरों का ऑर्डर अपने आप ऑर्डर बुक में लगा देता है।
प्रक्रिया का दोहराव (Repetition of Process): यह प्रक्रिया (स्टेप 3 और 4) बार-बार दोहराई जाती है। हर बार 1,000 शेयर का ऑर्डर पूरा होता है और अगला 1,000 का ऑर्डर लग जाता है। जब तक कि पूरे 50,000 शेयरों का लक्ष्य हासिल नहीं हो जाता।
ये भी जानें-
शेयर मार्केट में बिड-आस्क स्प्रेड क्या है?
शेयर मार्केट क्रैश की पहचान कैसे करें?
बड़े खिलाड़ी Iceberg order का उपयोग क्यों करते हैं?
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आखिर इन बड़े इन्वेस्टर्स को अपनी पहचान और ऑर्डर का साइज़ छिपाने की ज़रूरत ही क्या है? इसके पीछे गहरी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी और निम्नलिखित मनोविज्ञान काम करता है-
1. इम्पैक्ट कॉस्ट (Impact Cost) को कम करने के लिए
यह सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण कारण है। जब आप Share market में कोई बड़ी खरीद या बिक्री करते हैं। तो आपकी उस गतिविधि के कारण शेयर के प्राइस पर जो प्रभाव पड़ता है, उसे 'इम्पैक्ट कॉस्ट' कहते हैं। सोचिए, आप एक शांत तालाब में एक छोटा सा कंकड़ फेंकते हैं। छोटी सी लहर उठेगी। अब आप उसी तालाब में एक बड़ा सा पत्थर फेंकते हैं तो बहुत बड़ी लहरें उठेंगी!
किसी भी शेयर में बड़ी खरीदारी पर उसकी प्राइस तेज़ी से ऊपर भागेगा। जिससे आपको औसत खरीद कीमत (Average Buy Price) बहुत महंगी पड़ेगी। इसी तरह किसी भी शेयर में बड़ी बिकवाली पर कीमत तेज़ी से नीचे गिरेगी। जिससे आपको औसत बिक्री कीमत (Average Sell Price) बहुत कम मिलेगी।
आइसबर्ग ऑर्डर छोटे-छोटे कंकड़ फेंकने जैसा है। यह मार्केट में हलचल पैदा किए बिना धीरे-धीरे आपका काम कर देता है। जिससे आपकी इम्पैक्ट कॉस्ट लगभग जीरो हो जाती है और आपको बेहतर प्राइस मिलता है।
2. पैनिक (Panic) या FOMO से बचने के लिए
शेयर मार्केट सिर्फ नंबरों का नहीं, बल्कि सेंटीमेंट का भी खेल है। अगर अचानक ऑर्डर बुक में लाखों शेयर खरीदने का एक ऑर्डर दिखे। तो रिटेल इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स में FOMO (Fear Of Missing Out) पैदा हो सकता है। उन्हें लगेगा कि कोई बड़ी खबर है और वे भी आँख बंद करके खरीदना शुरू कर देंगे। जिससे शेयर के प्राइस आसमान छू सकते हैं, यानी बहुत अधिक बढ़ सकते हैं।
इसके विपरीत, अगर लाखों शेयर बेचने का ऑर्डर दिखे, तो बाज़ार में पैनिक (Panic) फैल सकता है। लोगों को लगेगा कि कंपनी में कुछ गड़बड़ है और वे भी घबराकर अपने शेयर बेचने लगेंगे। जिससे शेयर की कीमत बुरी तरह गिर जाएगी। Iceberg order इस तरह की भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को रोकता है और मार्केट में स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।
3. स्ट्रेटेजी को गुप्त रखने के लिए
शेयर मार्केट एक शतरंज की बिसात की तरह है। हर बड़ा खिलाड़ी अपनी चालें छिपाकर रखना चाहता है। अगर किसी को पता चल जाए कि कोई बड़ा म्यूच्यूअल फंड किसी विशेष सेक्टर के शेयर खरीद रहा है, तो दूसरे लोग उसकी इन्वेस्टिंग स्ट्रेटेजी को कॉपी कर सकते हैं या उसके खिलाफ काम कर सकते हैं।
अपनी पोजीशन को छिपाकर, संस्थागत निवेशक अपनी रिसर्च और स्ट्रेटेजी का पूरा फायदा उठा पाते हैं। आइसबर्ग ऑर्डर उनके लिए एक अदृश्य होने वाले चोगे की तरह काम करता है।
Iceberg order के फायदे और नुकसान
- जैसा कि हमने ऊपर चर्चा की, यह इम्पैक्ट कॉस्ट को कम करता है।
- बड़े ऑर्डर्स को स्लिपेज (Slippage) से बचाता है, जिससे बेहतर औसत प्राइस पर सौदा होता है।
- इससे बड़े इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी और पोजीशन का आकार छिपा रहता है।
- यह मार्केट में अचानक बड़ी उथल-पुथल होने से रोकता है।
- यह ऑर्डर टुकड़ों में पूरा होता है इसलिए इसे पूरा होने में समय लग सकता है। एक सामान्य मार्केट ऑर्डर तुरंत पूरा हो जाता है लेकिन आइसबर्ग ऑर्डर को पूरा होने में घंटों या पूरा सेशन भी लग सकता हैं।
- इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका पूरा ऑर्डर भरा जाएगा। हो सकता है कि आपके कुछ 'लेग्स' पूरे होने के बाद शेयर प्राइस बहुत ज़्यादा बदल जाए और आपके बाकी के ऑर्डर उस प्राइस पर कभी भरे ही न जाएं।
- Icebergorder सभी के लिए नहीं हैं, रिटेल इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स के लिए इनका कोई महत्व नहीं है। क्योंकि उनके ऑर्डर का आकार वैसे भी बाज़ार को प्रभावित नहीं करता। अतः उनके लिए इसका उपयोग ज़्यादा मायने नहीं रखता।
A: इसका जवाब है: हाँ, बिलकुल! पहले यह सुविधा केवल बड़े संस्थागत इन्वेस्टर्स के लिए ही उपलब्ध थी। लेकिन टेक्नोलॉजी और नए डिस्काउंट ब्रोकर्स के आने से अब यह रिटेल ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स की पहुँच में भी है। भारत में NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) दोनों ही आइसबर्ग ऑर्डर्स को सपोर्ट करते हैं।
Zerodha, Upstox, Angel One, Groww जैसे कई लोकप्रिय स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को यह सुविधा प्रदान करते हैं। Zerodha में, आप ऑर्डर देते समय 'Iceberg' विकल्प को चुन सकते हैं और 'legs' की संख्या बता सकते हैं। यानी आप अपने ऑर्डर को कितने टुकड़ों में बाँटना चाहते हैं।
Q2: क्या आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए?
A: अगर आप 10, 50, या 100 शेयर खरीद रहे हैं तो आपको इसकी कोई ज़रूरत नहीं है। आपका ऑर्डर इतना छोटा है कि वह मार्केट पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा। यह सुविधा मुख्य रूप से उन ट्रेडर्स या इन्वेस्टर्स के लिए उपयोगी है जो बहुत बड़ी मात्रा में (आमतौर पर हज़ारों में) शेयरों की ट्रेडिंग करते हैं। खासकर उन शेयरों में जिनमें लिक्विडिटी (कम खरीद-बिक्री) कम होती है।
Q3: क्या आइसबर्ग ऑर्डर कानूनी है?
A: जी हाँ, यह 100% कानूनी है। यह स्टॉक एक्सचेंज द्वारा प्रदान की गई एक आधिकारिक ऑर्डर प्रकार की सुविधा है।
Q4: आइसबर्ग ऑर्डर और बल्क डील में क्या अंतर है?
A: आइसबर्ग ऑर्डर ट्रेडिंग घंटों के दौरान गुमनाम रूप से स्क्रीन पर किया जाता है। बल्क डील एक ऐसी ट्रेड है जिसमें किसी कंपनी के कुल शेयरों का 0.5% से अधिक का सौदा होता है और इसे ट्रेडिंग के बाद एक्सचेंज को रिपोर्ट किया जाता है। इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाती है। आइसबर्ग का उद्देश्य छिपाया जाता है। जबकि बल्क डील का खुलासा किया जाता है।
Q5: क्या आइसबर्ग ऑर्डर के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क लगता है?
A: ज़्यादातर ब्रोकर इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेते हैं, लेकिन आपको ऑर्डर के हर 'लेग' के निष्पादित होने पर ब्रोकरेज देनी पड़ सकती है। यह आपके ब्रोकर की पॉलिसी पर निर्भर करता है।
Q6: क्या मैं आइसबर्ग ऑर्डर को संशोधित या रद्द कर सकता हूँ?
A: हाँ, आप ऑर्डर के उस हिस्से को संशोधित या रद्द कर सकते हैं जो अभी तक निष्पादित नहीं हुआ है।
निष्कर्ष (Conclusion): आइसबर्ग ऑर्डर Share market का एक परिष्कृत लेकिन बेहद शक्तिशाली उपकरण है। यह बड़े खिलाड़ियों को मार्केट की विशाल लहरों के नीचे चुपचाप नेविगेट करने की अनुमति देता है। जिससे वे बिना किसी को परेशान किए अपनी मंजिल तक पहुँच सकें।
एक रिटेल इन्वेस्टर्स के रूप में, भले ही आप इसका रोज़ाना उपयोग न करें। लेकिन इसे समझना आपके लिए बहुत जरूरी है। यह आपको मार्केट डेप्थ (Market Depth) को बेहतर ढंग से पढ़ने और यह समझने में मदद करता है। क्यों कभी-कभी एक ही प्राइस लेवल पर बार-बार छोटे-छोटे ऑर्डर आते रहते हैं? यह आपको मार्केट के उन अदृश्य खिलाड़ियों की चालों को समझने का एक नज़रिया देता है जो stock price को प्रभावित करते हैं।
तो अगली बार जब आप ऑर्डर बुक देखें और आपको एक ही प्राइस पर रहस्यमय तरीके से बार-बार ऑर्डर पॉप-अप होते दिखें तो मुस्कुराइएगा! क्योंकि अब आप जानते हैं कि शायद आप एक विशाल हिमशैल (Iceberg) के सिर्फ ऊपरी सिरे को देख रहे हैं।
उम्मीद है, आपको यह आइसबर्ग ऑर्डर, बड़े इन्वेस्टर्स की गुप्त चाल, जिसे जानना जरूरी है! आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको यह Iceberg order kya hai? आर्टिकल पसंद आये तो इसे अपने सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। शेयर मार्केट के बारे में ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस साइट को जरूर सब्स्क्राइब करें। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं।
0 टिप्पणियाँ