Insider trading से लोग स्टॉक मार्केट से अंधाधुंध पैसे कैसे कमाते हैं?

स्टॉक मार्केट में लिस्ट किसी भी कंपनी के शेयरों को गुप्त जानकारी (अप्रकाशित) के आधार पर खरीदना या बेचना इनसाइडर ट्रेडिंग कहलाता है। भारतीय शेयर मार्केट में इनसाइडर ट्रेडिंग एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। भारतीय share market को सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा रेग्युलेट किया जाता है। जो इसकी रोकथाम करता है।  

आइए विस्तार से जानते हैं- इनसाइडर ट्रेडिंग से (स्टॉक मार्केट का काला सच) स्मार्ट लोग अंधाधुंध पैसे कैसे  कमाते हैं? Insider Trading Dark Side of Stock Market in Hindi. 

                                                                                        
Insider Trading Stock market Dark side


यदि आप शेयर मार्केट में सफल होना चाहते हैं तो आपको सोमा वल्लिअप्पान द्वारा लिखित शेयर बाजार सीक्रेट्स बुक जरूर पढ़नी चाहिए। 

Insider trading क्या है?

स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट किसी भी कंपनी के बारे में ऐसी जानकारी जो सार्वजनिक ना हो। जैसे विलय, अधिग्रहण और तिमाही नतीजे आदि से संबंधित कोई महत्वपूर्ण जानकारी लीक करके stocks स्टॉक खरीदना या बेचना इनसाइडर ट्रेडिंग कहलाता है। 

आसान शब्दों में- यदि किसी कंपनी के बारे में अच्छी न्यूज आने वाली है तो न्यूज आने से पहले जिनके पास insider infomation होती है। वह उस कंपनी के share खरीद लेता है और जब न्यूज मार्केट में आ जाती है। तब शेयर बेचकर प्रॉफिट कमाने को इनसाइडर ट्रेडिंग कहते हैं। 

इसी तरह अगर किसी कंपनी के बारे में बुरी खबर आने वाली होती है तो जिस व्यक्ति के पास इसकी इनसाइडर इन्फॉर्मेशन होती है। अगर उसके पास उस कंपनी के शेयर हैं तो वह न्यूज आने से पहले उन्हें बेचकर नुकसान होने से खुद को बचा लेता है। अगर इनसाइडर के पास शेयर भी नहीं  हैं। तो वह शार्ट सेल करके प्रॉफिट कमाता है, यही Insider trading होती है। 

इनसाइडर ट्रेडिंग तब होती है, जब किसी कंपनी की अप्रकाशित जानकारी का उपयोग। उस कंपनी में निवेशित हित वाले किसी व्यक्ति द्वारा ट्रेडिंग निर्णय लेने के लिए किया जाता है। इनसाइडर ट्रेडिंग में शामिल होना गैरकानूनी है। जब तक आप SEBI द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं। तब तक आपके द्वारा कंपनी के शेयरों की trading करना कानूनी रूप से सही है। 

Financial markets के अंदरूनी लोगों द्वारा इक्विटी और बांड्स ट्रेडिंग की जाती है। जिन लोगों की किसी विशेष सिक्युरिटी के जारीकर्ता तक पहुंच होती है। उन्हें कंपनी की गोपनीय जानकारी होती है, इससे पहले कि ऐसी जानकारी आम जनता को जारी की जाए। इससे जुड़े अंदरूनी लोगों को प्राइस में उतार-चढ़ाव से पहले शेयर खरीदने या बेचने से प्रॉफिट मिलता है, यही insider trading होती है। 

भारतीय शेयर मार्केट में Insider trading 

फाइनेंशियल मार्केट के पूरे इतिहास में इनसाइडर ट्रेडिंग मौजूद रही है। यह भारतीय शेयर बाजारों के शुरुआती वर्षों के दौरान विशेष रूप से प्रचलित थी। इनसाइडर ट्रेडिंग भारत जैसे विकासशील देशों में आमतौर पर होती है। Insider trading में निम्नलिखित प्रकार के लोग शामिल हो सकते हैं-
  1. इसमें कई तरह के मार्केट पार्टिसिपेंट्स जैसे कॉर्पोरेट ऑफिसर्स और नियामक अधिकारी अक्सर शामिल हो सकते है।
  2. Company के अंदर काम करने वाले लोगों के पास अंदरूनी जानकारी तक पहुंच होने कारण वे भी insider trading शामिल हो सकते हैं। ये लोग कंपनी में अपनी स्थिति, रोजगार या जिम्मेदारी के आधार पर जानकारी तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं। 
  3. कंपनी के कंट्रोलिंग शेयर कॉर्पोरेट  एक्सीक्यूटिव्स और ऑफिसर्स, साथ ही शेयर मार्केट प्रोफेशनल भी शामिल हो सकते हैं, जिनको कंपनी के संचालन की अंदरूनी जानकारी होती है। 
  4. अंदरूनी जानकारी तक पहुँच रखने वाले सरकारी अधिकारी भी इस श्रेणी में आते हैं। 
  5. दूसरी श्रेणी में अंदरूनी जानकारी रखने वाले लोगों के दोस्त या रिश्तेदार भी इनसाइडर ट्रेडिंग में शामिल हो सकते हैं। 
सेबी द्वारा भारतीय Share market में रूल्स और रेग्युलेशंस को सख्ती से लागू किया हुआ है। जिसके परिणामस्वरूप insider trading जैसी घटनाओं के प्रभाव को कम करने में मदद मिली है। बल्कि ये कानून शेयर मार्केट में स्थिरता बहाल करने में भी मदद कर रहे हैं। 

Insider trading को समझें 

इनसाइडर ट्रेडिंग में मूल रूप से किसी कंपनी से सम्बन्धित गोपनीय जानकारी के आधार पर उसके शेयरों में डील करना होता है। किसी company की ऐसी जानकारी जो प्रकाशित नहीं है, जिसका आम जनता को पता नहीं है। कॉन्फिडेंशियल और प्राइस सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन जिसका उपयोग व्यक्तिगत प्रॉफिट और नुकसान से बचने के लिए किया जाता है। 

इनसाइडर ट्रेडिंग कंपनी से जुड़े लोगों द्वारा अपने कर्तव्यों का उलंघन है। यह तब होता है, जब किसी कंपनी की गैर-सार्वजनिक जानकारी तक पहुँच रखने वाला कोई व्यक्ति उस कंपनी के stock buy or sell करता है। इनसाइडर ट्रेडिंग तब से आस्तित्व में हे। जब से शेयर मार्केट में कंपनियों के stocks की इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स द्वारा शेयरों की खरीद-फरोख्त शुरू हुई थी। अब इसे रोकना एक कठिन चुनौती बन गया है। 

पूरी दुनिया में Stock markets की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्टॉक्स, बांड्स  डेरिवेटिव्स की विश्वस्तर  होती है। इससे रेग्युलेटर्स की चिंताओं को बढ़ा दिया है। बिजनेसमैन और शेयरहोल्डर्स को होने वाले असामान्य प्रॉफिट की वजह से Insider trading ने जनता और सरकारों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। 

1992 में सेबी की स्थापना सभी मार्केट पार्टिसिपेंट्स को स्वस्थ और समान ट्रेडिंग की सुविधा देने के लिए की गयी थी। जिससे सिक्युरिटी मार्केट को बढ़ावा मिले और उसका सही विकास भी हो सके। इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स के हितों की रक्षा करने के लिए सेबी को बनाया गया था। पंप & डंप स्कीम 

सेबी के पास Insider trading को रोकने की शक्ति है। SEBI इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के रूल्स और रेग्युलेशंस भी बनाती है। India में इनसाइडर ट्रेडिंग का पहला मामला हिंदुस्तान यूनिलीवर के विरुद्ध दर्ज किया गया था। एक मामला रिलायंस पेट्रो नामक कंपनी में रिलायंस के विरुद्ध भी दर्ज किया गया था। 

इनसाइडर ट्रेडिंग एक जटिल मुद्दा है, इसे रोकना लगभग असंभव है। क्योंकि यह बहुत ही बुनियादी मानवीय प्रवृति लालच की वजह से विकसित होता है। जिस व्यक्ति के पास कंपनी की insider information होती है। वह उसे भुनाकर प्रॉफिट कमाना चाहता है या अपने लॉस को कम करना चाहता है। उसके लिए जानकारी के आधार पर निरपेक्ष रहना (ट्रेडिंग से फायदा उठाना) बहुत मुश्किल है। 

इनसाइडर ट्रेडिंग तब होती है, जब किसी company की अप्रकाशित जानकारी का उपयोग, उस कंपनी में निवेशित किसी व्यक्ति द्वारा अपने फायदे के लिए ट्रेडिंग करने के लिए किया जाता है। Bharat में यदि आप SEBI के नियमों का शेयर ट्रेडिंग में पालन नहीं करते हैं, तो वह ट्रेडिंग अवैध है। यदि आप सेबी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए इनसाइडर ट्रेडिंग करते हैं तो वह वैध है। 

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