Jio BlackRock: जियो फाइनेंशियल और ब्लैकरॉक म्युचुअल फंड की पूरी जानकारी।

By: Manju Chaudhary Update Jul 01, 2025

जियो फाइनेंशियल सर्विसेज भारत की एक वित्तीय सेवाएं देने वाली भारतीय (NBFC ) कंपनी है। यह पहले रिलायंस इंडस्ट्री की सब्सिडियरी कंपनी थी। लेकिन अगस्त 2023 में इसे अलग से स्टॉक मार्केट में लिस्ट करा लिया गया है। जानते हैं- जियो फाइनेंशियल और ब्लैकरॉक म्युचुअल फंड की पूरी जानकारी। Jio Finance Services Share Price in Hindi. 
                                                                                   
Jio Financial Service

यदि आप सही मायने में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना सीखना चाहते हैं। तो आपको वारेन बफे के गुरु बैंजामिन ग्राहम द्वारा लिखित बुक द इंटेलीजेंट इन्वेस्टर एक बार जरूर पढ़नी चाहिए।

जियो फाइनेंशियल और ब्लैकरॉक के बारे में 

पिछले चार महीनों में जियो फाइनेंशियल सर्विसेज में 67% से अधिक की वृद्धि हुई है। Jio Financial Services लोन, बीमा, डिजीटल पेमेंट, डिजिटल ब्रोकिंग और एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में काम करना चाहती है इसलिए इसने दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक के साथ जॉइंट वेंचर भी बनाया है।

जुलाई, सोमवार को जियो फाइनेंशियल सर्विसेज़ लिमिटेड के शेयर की कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी हुई। 5 दिनों में शेयर में लगभग 9% की बढ़ोतरी हुई। शेयर के प्राइस में यह उछाल मुख्य रूप से जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड द्वारा शार्ट-टर्म इनकम इन्वेस्टर्स के लिए तीन नई ओपन-एंडेड डेट स्कीम लॉन्च करने के बाद इन्वेस्टर्स के पॉजिटिव सेंटीमेंट के कारण हुआ है। 

ये नई योजनाएं शार्ट-टर्म इनकम के अवसरों की तलाश करने वाले इन्वेस्टर्स के लिए डिज़ाइन की गई हैं। जो वित्तीय क्षेत्र में जियो की उपस्थिति को और मज़बूत करेंगी और इसके शेयर में निवेशकों का विश्वास बढ़ाएँगी। प्रत्येक योजना के लिए कम से कम 500 रुपये का निवेश जरूरी है। यह 30 जून से 2 जुलाई तक सदस्यता के लिए खुली है।

जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड द्वारा तीन योजनाएं शुरू करने के बाद जियो फाइनेंस शेयर की कीमत NSE: JIOFIN: 1 जुलाई को सुबह 11:17 बजे तक, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड 331.15 रुपये पर कारोबार कर रहा था, जो दिन के लिए 4.40 रुपये या 1.35% की सकारात्मक बढ़त को दर्शाता है। पिछले एक साल में शेयर ने मजबूत प्रदर्शन किया है, जो 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 363.00 रुपये पर पहुंच गया, जबकि इस अवधि के दौरान इसका सबसे निचला बिंदु 198.65 रुपये था।

जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड की तीन योजनाएं

इसके सूचना दस्तावेज के अनुसार, यह योजना 91 दिनों के भीतर परिपक्व होने वाले मनी मार्केट और डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करेगी। यह एक छोटा सा निकास शुल्क लेता है जो पहले दिन 0.0070% से शुरू होता है और सात दिनों के बाद शून्य हो जाता है। यह उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है जो उच्च शुल्क का सामना किए बिना अपने पैसे तक आसान पहुंच चाहते हैं। शार्ट-टर्म इन्वेस्टर्स पर इसका ध्यान रूढ़िवादी निवेशकों के लिए भी उपयुक्त है।

इसी तरह, जियो ब्लैकरॉक मनी मार्केट फंड एक साल की परिपक्वता तक के मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करता है। इसमें भी न्यूनतम निवेश राशि 500 ​​रुपये है और इसमें कोई एग्जिट फीस नहीं लगता है। यह योजना उन निवेशकों के लिए बनाई गई है जो कम जोखिम के साथ थोड़े लंबे समय के लिए अपने पैसे को सुरक्षित जगह पर रखना चाहते हैं। एग्जिट फीस नही होने के कारण यह सतर्क निवेशकों के लिए और भी आकर्षक हो जाता है।

रिलायंस की Jio Financial service और Blackrock के बीच संयुक्त उद्यम जियो ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड की ये नई योजनाएं ऐसे समय में आई हैं। जब भारत में ज़्यादातर लोग डेट म्यूचुअल फंड में दिलचस्पी ले रहे हैं। ये फंड ज़्यादा अनुमानित रिटर्न देते हैं और स्टॉक की तुलना में ज़्यादा सुरक्षित भी होते हैं। 

वे सरकारी बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड, ट्रेजरी बिल और जमा प्रमाणपत्र जैसी चीज़ों में निवेश करते हैं। चूँकि शेयर बाज़ार अप्रत्याशित हो सकता है, इसलिए कई निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में डेट फंड को प्राथमिकता देते हैं। साथ ही, कम न्यूनतम निवेश के साथ, ये फंड सभी के लिए सुलभ होते हैं, शुरुआती से लेकर अनुभवी निवेशकों तक के लिए। 

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने फाइनेंशियल बिजनेस को अलग किया है। जिसे उसने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज नाम दिया है। 20 जुलाई को इसकी प्री-लिस्टिंग में इसका प्राइस 261.85 रूपये निकलकर आया था। जोकि ब्रोकरेज कंपनियों के अनुमान से ज्यादा था। 21 अगस्त 2023 को BSE पर इसकी लिस्टिंग 265 रूपये पर हुई थी। जबकि NSE पर यह 262 रूपये पर लिस्ट हुआ था। 

लेकिन उस समय इसका शेयर इस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स और पैसिव फंड्स की बिकवाली के कारण यह शेयर तीन दिनों तक लगातार लोअर सर्किट में फंसा रहा। फ़िलहाल (01-07-2025) Jio financial Services का शेयर 330 रूपये के करीब ट्रेड कर रहा है।  

रिलायंस इंडस्ट्री ने अपने शेयरहोल्डर्स से वादा किया था। 20 जुलाई को इसके सभी शेयरहोल्डर्स को 1:1 के अनुपात में जियो फाइनेंशियल का शेयर मिलेगा। यानि, यदि किसी के पास रिकॉर्ड डेट को रिलायंस इंडस्ट्री के 100 शेयर थे। तो उसे 100 शेयर Jio Financial Services ( JFS ) के भी मिलेंगे। उस समय रिलायंस इंडस्ट्री के शेयर प्राइस में उछाल, इस बात का संकेत था कि लोग JFS के शेयर अग्रिम रूप से लेना चाहते थे।  

Jio financial services पहले रिलायंस इंडस्ट्री के फाइनेंस विभाग का हिस्सा थी। तब इसका नाम रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंटस लिमिटेड हुआ करता था। बाद में इसे बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज कर दिया गया था। रिलायंस की वार्षिक एकीकृत रिपोर्ट 2022-23 की प्रेस रिलीज में मुकेश अंबानी जी ने कहा कि जियो फाइनेंशियल का लक्ष्य सरल किफायती और इनोवेटिव डिजिटल-फर्स्ट सॉल्यूशन प्रदान करना है। 

आज का भारत बहुत तेज गति से डिजिटल फाइनेंस को अपना रहा है। आगे उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति जनधन खातों, डिजीटल पेमेंट और स्मार्ट फोन के उपयोग और कम लागत वाले डेटा के माध्यम से देश के कौने-कौने तक पहुंच चुकी है। इसमें जियो फाइनेंशियल भी अपना अहम योगदान देगी।

Jio Financial services ( JFS ) निम्नलिखित काम करती है- 

यह कंपनी जमा स्वीकार नहीं करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है। कंपनी अपने बुनियादी ढांचे, फिजिकल और डिजिटल पहुंच के साथ समाज के सभी वर्गों के लोगों तक पहुंच रखती है। और उनके विश्वास को बनाये रखने के लिए व्यापक समाधान प्रदान करती है।

जियो फाइनेंशियल सर्विस एक वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी है। जिसके अंतर्गत अलग-अलग कारोबार करने वाली 6 कंपनियाँ आती हैं। यानि जियो फाइनेंशियल की 6 निम्नलिखित सब्सिडियरी कंपनियां हैं- अडानी इंटरप्राइजेज
  1. रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट एंड होल्डिंग्स ( RIILHL ) 
  2. रिलायंस पेमेंट सोल्यूशंस  
  3. जियो पेमेंट बैंक 
  4. रिलायंस रिटेल इंश्योरेंस बैंकिंग 
  5. रिलायंस रिटेल फाइनेंस 
  6. जियो इन्फॉर्मेशन एग्रीगेटर सर्विसेज  
कंपनी द्वारा पहले  दिए गए बयान में कहा गया कि Jio Financial Services कंपनी का उद्देश्य व्यापारियों और ग्राहकों को लोन देने के लिए नकद संपत्ति का निर्माण करना है। JFS के द्वारा अगले तीन वर्ष में अन्य वित्तीय सेवाओं जैसे कि डिजिटल ब्रोकिंग, एसेट मैनेजमेंट, इंश्योरेंस, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जायेगा। टाटा पावर

जियो फाइनेंस शुरुआत में कंज्यूमर ड्यूरेबल ( रेफ्रिजरेटर्स, एयरकंडीशनर्स, वाशिंग मशीन, टेलीविजन आदि ) के उपभोक्ताओं द्वारा लिए जाने वाले लोन पर फोकस करना चाहती है। क्योंकि इसके रिलायंस रिटेल स्टोर्स पर पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम खरीदने के लिए लोन लेने वाले ग्राहक भी हैं। 

Jio Financial services के डीमर्जर के कारण 

पिछले कई वर्षों से रिलायंस इंडस्ट्री से रिलायंस रिटेल और जियो को अलग करने की खबरें मार्केट में आती रही हैं। परन्तु रिलायंस इंडस्ट्री से जियो फाइनेंशियल को अलग किया। मार्केट के जानकर अधिकांश लोगों के लिए यह बड़ी आश्चर्य की बात थी। रिलायंस इंडस्ट्री द्वारा अपने फाइनेंशियल सर्विस बिजनेस को अलग करने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं- जियोजित फाइनेंशियल
  • सबसे पहली बात तो यह है, कि फाइनेंशियल सर्विस बिजनेस के विकास और विस्तार के लिए। अलग रणनीति और अलग तरह के निवेशकों की जरूरत होती है। कुछ निवेशक रिलायंस में अपने पैसे को रखने के बजाय, किसी बढ़ते हुए बिजनेस में लगाना चाह सकते हैं। 
  • दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि जियो फाइनेंशियल अन्य NBFCs के साथ पर्तिस्पर्धा करेगी। फाइनेंशियल सर्विस कंपनी लोगों को लोन देने के बिजनेस में होती है। बैंकों की तरह NBFCs, लोगों के  सेविंग और करंट अकाउंट खोलकर पैसा एकत्र नहीं कर सकती हैं। अतः इन्हें पहले मार्केट से पैसा उधार लेना होता है और उसके बाद लोगों को पैसा उधार देना होता है। वारेन बफे की बायोग्राफी
  • यदि फाइनेंशियल सर्विस कारोबार रिलायंस इंडस्ट्री के अंतर्गत ही रहता। तो इससे रिलायंस इंडस्ट्री की बेलैंस शीट पर कर्ज अधिक दिखाई देता। जो कंपनी और उसके शेयरहोल्डर्स पसंद नहीं करते और इससे कंपनी के फंडामेंटल भी कमजोर दिखाई पड़ते। क्योंकि अधिक कर्ज वाली कंपनियों को अच्छा नहीं माना जाता है। 
  • एसेट मैनेजमेंट कंपनी, इंश्योरेंस सेलिंग कंपनी और लोन देने वाली कंपनियों को अलग इकाई के रूप में चलाना बहुत अच्छा रहता है। क्योंकि इनके रूल्स और रेग्युलेशंस अलग होते हैं और इनको लागू करने वाली सरकारी संस्थाएं भी अलग होती हैं। अतः फाइनेंशियल कंपनियों को अलग इकाई के रूप में चलाने के लिए लाइसेंस लेना भी आसान हो जाता है। मार्केट सेंटीमेंट

क्या जियो फाइनेंशियल का इतना प्रचार उचित है? 

निवेशकों द्वारा हाल ही में शुरू किए गए व्यवसाय को प्रीमियम मूल्यांकन देने का मुख्य कारण रिलायंस का इतिहास है। हर कोई जानता है कि रिलायंस ने भारत के टेलीकॉम सेक्टर में कैसे अपनी इतनी जबरदस्त पैठ बनायीं है। निवेशकों को रिलायंस से वित्तीय क्षेत्र में भी इसी तरह अपनी पैठ बनाने की उम्मीद है।  

इसकी संभावना से कोई इनकार नहीं कर सकता है। लेकिन निवेशकों को यहां एक महत्वपूर्ण बात समझने की जरूरत है - एनबीएफसी क्षेत्र में रूल्स एंड रेग्युलेशंस बेहद सख्त है। Jio financial Services को ऊपरी स्तर की एनबीएफसी के रूप में टैग किया गया है। कंपनी के लिए बैंक बने बिना बैंक की तरह कार्य करना कठिन है। इसे NBFCs के लिए बनें रूल्स एंड रेग्युलेशंस का सख्ती से पालन करना होगा। इलियट वेव थ्योरी  

Jio Financial Service के शेयर की मांग का एक और कारण यह है कि ज्यादातर निवेशकों का मानना है कि लगभग 25 करोड़ खुदरा ग्राहक और 44 करोड़ दूरसंचार ग्राहक कम समय में इसके कारोबार को मजबूत कर सकते हैं। जेएफएस अभी बहुत शुरुआती चरण में है। अतः अभी यह अनुमान लगाना कठिन होगा कि क्या यह उस स्तर तक पहुंच पाएगा जिसकी निवेशक उम्मीद कर रहे हैं और क्या मूल्यांकन उचित है?

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अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और वित्तीय सलाह नहीं है। निवेशकों को कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले एक योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए। म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं, योजना से संबंधित सभी दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें।

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