राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न क्या है? Rising Wedge Chart Pattern |
राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न एक रिवर्सल पैटर्न् हैं। ये पैटर्न् आपको यह बताता हैं कि वर्तमान trend ख़त्म होने वाला है। दूसरा ट्रेंड स्टार्ट होगा। वेज पैटर्न् तब बनता है, जब किसी भी ट्रेंड का टॉप या बॉटम बन जाता है। यानि ट्रेंड कम्प्लीट हो जाता है। इस टाइप के फार्मेशन में ट्रेडिंग एक्टिविटी बहुत ही सीमित दायरे में होती है।
राइजिंग वेज पैटर्न एक ट्रायंगल की तरह होते हैं और इनकी ऊपर तथा नीचे की लाइन एक slop की तरह होती है। आइए जानते हैं- राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न क्या है? Rising Wedge Chart Patterns in Hindi
अगर आप टेक्निकल एनालिसिस में एक्सपर्ट बन जाते हैं तो आप शेयर मार्केट से अथाह धन कमा सकते हैं। टेक्निकल एनालिसिस में एक्सपर्ट बनने के लिए आप टेक्निकल एनालिसिस और कैंडलस्टिक की पहचान बुक जरूर पढ़नी चाहिए। अगर आपको बुक पसंद नहीं आती है तो आप इसकी 30 दिन की रिटर्न पॉलिसी का भी लाभ उठा सकते हैं।
Rising Wedge Chart Pattern क्या है?
राइजिंग वेज पैटर्न चार्ट पर बढ़ते हुए कील की तरह दिखाई देता है इसलिए इसे राइजिंग वेज पैटर्न कहते हैं। यह पैटर्न तेजी के समय आने वाला Bearish reversal pattern है। जिसका मतलब है कि मार्केट में जो अब तक तेजी का ट्रेंड चल रहा था। वह समाप्त हो गया है और अब डाउनट्रेंड की शुरुआत होने वाली है। BTST ट्रेंडिंग स्ट्रेटेजी
राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न किसी भी ट्रेंड का एक छोटा सा हिस्सा होते हैं। Rising Wedges Chart Pattern दो प्रकार के होते हैं-
- Rising Wedge pattern
- Falling Wedge pattern
Rising Wedge Chart Pattern कैसे बनता है?
जब मार्केट में लंबी तेजी का ट्रेंड चल रहा होता है, तब प्राइस अपट्रेंड में रेसिस्टेंट लेकर नीचे की ओर आ जाता है। और नीचे सपोर्ट लेकर इसका गिरना रुक जाता है। इस प्रकार पहला रेजिस्टेंस और पहला सपोर्ट बनता है।
इसके बाद प्राइस फिर से ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है तथा प्राइस पहले रेजिस्टेंस से भी ऊपर निकल जाता है। वहां पर दूसरा रेजिस्टेंस लेकर प्राइस नीचे आ जाता है, और नीचे रुक कर दूसरा सपोर्ट बनाता है। मॉर्निंग स्टार चार्ट पैटर्न
यह दूसरा सपोर्ट पहले की तुलना में हायर होता है। इसके बाद प्राइस फिर से ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है और आगे भी इसी तरह अन्य support & resistance बना सकता है। इस तरह चार्ट पर दो सपोर्ट और दो रेजिस्टेंस बन जाते हैं।
राइजिंग वेज पैटर्न की पहचान करने के लिए आपको दोनों रेसिस्टेंट को छूते हुए एक ट्रेंड लाइन खींचनी चाहिए। इस ट्रेंड लाइन को रेसिस्टेंट लाइन कहते हैं। इसके बाद दोनों सपोर्ट लाइन को छूते हुए दूसरी ट्रेंड लाइन खींचनी चाहिए। इसे सपोर्ट लाइन कहते हैं। इनवर्टेड हैमर पैटर्न
Rising Wedge Chart Pattern में कम से कम दो सपोर्ट और दो रेजिस्टेंस होना आवश्यक है। इससे ज्यादा हो तो पैटर्न बहुत अच्छा माना जाता है। इस चार्ट पैटर्न में सपोर्ट लाइन का slope ऊपर की तरफ रेजिस्टेंस दर्शाने वाली लाइन की तुलना में अधिक होता है। जिससे कि यह एक बिंदु पर एक दूसरे को क्रॉसओवर कर सकें। तभी इसे राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न माना जाएगा।
इस पैटर्न में ऐसा नहीं होना चाहिए कि दोनों Trendline एक दूसरे के समानांतर चलती रहे। एक दूसरे को क्रॉस ओवर ना कर सके। यह गलत होगा और इसे राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न नहीं माना जाएगा। दूसरी ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रत्येक सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल पिछले सपोर्ट और रेजिस्टेंस की तुलना में हायर हाई होना चाहिए।
यदि दो से ज्यादा सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस बनते हैं और ट्रेंडलाइन एक दूसरे को क्रॉसओवर करती है। तो इससे Rising Wedge Chart Pattern की एक्यूरेसी और ताकत बढ़ जाती है। इस पैटर्न के बनने के बाद यदि प्राइस सपोर्ट लाइन को तोड़कर नीचे आने लगे और ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ने लगे तो इसे मजबूत डाउन ट्रेंड की निशानी समझना चाहिए।
दो सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के बीच में कम से कम सात-आठ कैंडल का अंतर होना ही चाहिए। अगर अंतर इससे कम है तो इसे एक सही सपोर्ट और रेजिस्टेंस नहीं माना जा सकता है। इस तरह राइजिंग रेज चार्ट पैटर्न की रचना होती है। चार्ट पेटर्न में टाइम फ्रेम को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है क्योंकि यह प्रत्येक टाइम फ्रेम में बन सकते हैं। साथ ही और अच्छी तरह काम भी कर सकते हैं। बेयरिश हरामी चार्ट पैटर्न
दो support & resistance levels के बीच में अंतर
यदि आप Rising Wedge Chart Pattern को इंट्राडे चार्ट पर देख रहे हैं। तो दो सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के बीच में 7-8 कैंडल का अंतर होना ही चाहिए। शार्ट-टर्म के लिए दो कैंडल के बीच में तीन-चार सप्ताह का अंतर अच्छा माना जाता है। मीडियम टर्म के लिए दो सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच में तीन से चार महीने का अंतर ठीक माना जाता है।
लॉन्ग-टर्म investment के लिए दो सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के बीच में सात-आठ महीने का अंतर अच्छा माना जाता है। लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए दो स्पोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच में सात-आठ महीने का अंतर् अच्छा माना जाता है। यह तीनों नियम Daily Chart के हिसाब से हैं। ट्रायंगल चार्ट पैटर्न
Rising wedge Chart Pattern के हिसाब से शेयरों में बिकवाली कैसे करें?
अगर आपको चार्ट पर राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न बनता हुआ दिखाई दे रहा है तो आपको सबसे पहले दो सपोर्ट लेवल को छूते हुए एक Trendline खींचनी चाहिए। साथ ही दोनों रेजिस्टेंस लेवल को छूते हुए भी एक ट्रेंड लाइन खींचनी है। अब आपको इसमे बिकवाली करने के लिए यह देखना है कि कोई कैंडल सपोर्ट लाइन को नीचे की तरफ तोड़कर बंद तो नहीं हो रही है।
यदि ऐसा है तो आपको उसके बाद वाली कैंडल में बिकवाली यानि Short selling की पोजीशन बनानी चाहिए। जिस कैंडल ने सपोर्ट लाइन को तोड़ा है। उस कैंडल के हाई प्कपॉइंट आपको स्टॉपलॉस लगाना चाहिए। Stop-loss और आपके entry-point के बीच रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो 2% के करीब होना चाहिए।
तभी आपको ट्रेड लेना चाहिए, यदि स्टॉपलॉस 2% के नियम के अनुसार सही नहीं बैठ रहा हो तब आपको यह ट्रेड नहीं लेना चाहिए। ट्रेड लेने के बाद आपको Trailing Stoploss का भी उपयोग करना चाहिए। इस पोजीशन में आपका टारगेट पिछले सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के बीच के अंतर के बराबर होना चाहिए।
उदाहरण जैसे कि प्रथम सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के बीच 10 पॉइंट का अंतर है, तो आपको सपोर्ट लेवल के नीचे दस पॉइंट तक आप का profit target होना चाहिए। जैसे ही Stock price दस पॉइंट नीचे पहुंच जाए। आपको तुरंत प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए। इस तरह आप राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न के साथ Short-selling की पोजीशन बना सकते हैं।
उम्मीद है, आपको यह राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न क्या है? आर्टिकल पसंद आया होगा। आपको यह Rising Wedge Chart Patterns in Hindi आर्टिकल पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताये।
यदि आप कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। शेयर मार्केट के बारे में ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस साइट को जरूर सब्स्क्राइब करें। आप मुझे Facebook पर भी फॉलो कर सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं